नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज बात करेंगे डेढ़ फुटिया की साधना और अनुभव के बारे में। चलिए पढ़ते हैं उनके पत्र को और जानते हैं एक नए रहस्य के बारे में।
पत्र – प्रणाम गुरु जी, मैं अपना नाम पता इत्यादि नहीं बताना चाहता क्योंकि साधनाओं में लोग पीछे ही पड़ जाते हैं । फिर भी मैं अपने अनुभव को यहां पर साझा करना चाहूंगा ताकि अगर यह साधना कोई करना चाहे तो आप अपने इंस्टामोजो अकाउंट में उसे डालकर सभी लोगों के लिए इसे उपलब्ध करवा सकते हैं। बाकी जानकारी मैंने आपको भेज ही दी है।
सबसे पहले मैं आपको बताना चाहता हूं कि कई लोग ऐसा कहते हैं कि इस आत्मा को सिद्ध करने के लिए घर में भी साधना की जा सकती है। पर यह पूरी तरह से गलत है। अगर आपने ऐसा किया। तो वह होगा जो मेरे साथ घटित हो गया था वही अनुभव मैं आज आपको साझा करना चाहता हूं।
गुरु जी और धर्म रहस्य के सभी दर्शकों को प्रणाम करते हुए अपनी बात यहां पर रखता हूं और सावधान भी करना चाहता हूं कि यह बहुत अधिक शक्तिशाली शक्ति होती है। आपके जीवन को बुरी तरह से प्रभावित कर सकती है।
मैंने इसकी साधना के विषय में एक व्यक्ति से ज्ञान प्राप्त किया और सोचा कि इस की साधना करु। कई चैनल्स पर इसके बारे में विवरण भी था, लेकिन सभी जगह अलग-अलग मंत्र बताए गए। एक अघोरी गुरु से मैंने इसका मंत्र प्राप्त किया और वह मंत्र पूरी तरह सत्य भी है। अब बात थी इसकी साधना शुरू करने की। अघोरी गुरु के अनुसार इसकी साधना के लिए अमावस की रात सबसे अच्छी है। इसीलिए मैंने सोचा कि चलो अमावस से इसकी साधना शुरू करते हैं।
अमावस की रात को काली रात भी कहा जाता है इसलिए इस मंत्र की सिद्धि के लिए अच्छी रात मानी जाती है। मैंने! एक! कमरे में इसकी साधना करने की विषय में सोचा। मेरी जल्दी ही शादी हुई थी इसलिए अपनी पत्नी को मैंने कहा, मेरे कमरे में मत आना मैं जो साधना करने जा रहा हूं, इस साधना में मुझे किसी भी तरह का कोई व्यवधान नहीं चाहिए। मेरी पत्नी इस बात को समझ गई और उसने कहा ठीक है जैसा आप कहें, मैं आपके कमरे में नहीं आऊंगी।
रात को मैंने! बताई गई विधि के अनुसार साधना को शुरू किया। थोड़ी देर बाद अचानक से ही मेरे कानों में किसी के चिल्लाने की आवाज बहुत ही तेजी से आई, आवाज इतनी तेज थी कि मेरे कान के पर्दे से फट गए।
आपको यकीन नहीं होगा कि वह आवाज इतनी भयानक और तेज थी कि मेरे दिल की धड़कनें बढ़ गई थी।
फिर भी मैंने सोचा इस साधना में ऐसे अनुभव तो होते ही हैं। मैंने सोचा आगे साधना को बढ़ाता हूं।
मुझे ऐसा लगा जैसे कोई पीछे से भागता है। कभी कोई दाहिनी तरफ से भाग रहा था , कभी कोई बाई तरफ से भाग रहा। किसी बच्चे के हंसने की आवाज है। चारों तरफ आ रही थी।
मैंने इस प्रकार से वह साधना संपन्न की और इसके जो भयानक अनुभव है, बाद के दिनों में शुरू हो गए।
अब मैं उन अनुभवों को बताता हूं जिसकी वजह से आज मैं यह साधना अनुभव आपको भेज रहा हूं।
कुछ दिनों के बाद।
एक दिन मेरी पत्नी सो रही थी। अचानक से उसे सपने में एक छोटा लड़का दिखाई दिया।
वह लड़का 5 साल से कम उम्र का था।
वह घिसट कर चल रहा था। अब उसने इस तरह से मेरी पत्नी को वशीभूत कर दिया कि मेरी पत्नी उसके बुलावे पर घर से बाहर जाने लगी।
मेरी पत्नी जब घर के बाहर पहुंची तो वह कहने लगा। थोड़ी दूर पर मेरा बिस्तर है। चलो वहां चलो मेरी पत्नी उसके पीछे-पीछे उस स्थान तक गई।
वह देखती है कि वह शमशान में पहुंच गई है। श्मशान में जाने पर उसने कहा, यहां नीचे मेरा बिस्तर लगा हुआ है। तुम मेरा बिस्तर बाहर निकाल दो। उसके इस प्रकार कहने पर मेरी पत्नी तैयार हो गई।
उसने फावड़ा लेकर श्मशान में खोदना शुरू कर दिया।
थोड़ी देर खोदने के बाद अचानक से ही वहां पर कुछ हड्डियां दिखाई दी। वह हड्डियां छोटे बच्चे की थी।
उन्हें देखकर वह कहने लगा। देखो तुमने मुझे पा लिया। मेरा बिस्तर भी देखो उसके नीचे ही है क्योंकि उस से जुड़ा हुआ कंबल अभी भी वहां पर पूरी तरह सुरक्षित अवस्था में दिखाई दे रहा था। यह देखकर मेरी पत्नी डर गई और वहां से भागने की कोशिश करने लगी। तब उस आत्मा ने कहा। मां यहां से भाग कर कहां जाओगी मैं तो अब तुम्हारे ही साथ रहूंगा।
और इस प्रकार से मेरी पत्नी चौंककर उठ बैठी। मैंने उससे पूछा, क्या हुआ क्या कोई गलत सपना तुमने देख लिया है? उसने कहा, मैंने एक बच्चे को देखा। वह मुझे श्मशान में ले गया और वहां पर अपनी कब्र दिखा कर बोला कि यह मैं हूं और अब मैं तुम्हारे साथ ही रहूंगा।
और उसके बाद सुबह के समय जो हुआ वह किसी अचंभे से कम नहीं था।
जहां पर मेरी पत्नी खाना बनाती है उसी स्थान पर एक काला कंबल पड़ा हुआ था जिस पर कुछ मांस लगा था।
शायद वह किसी कपड़े से ही निकाला गया था।
अब यह पत्नी ने जब देखा तो वह चिल्ला पड़ी। उसने कहा, मैंने जो सपना देखा था वह सच हो गया है।
वह बच्चे का कंबल जो सपने में मैंने देखा था, ठीक वैसा ही कंबल यहां पर पड़ा हुआ है और देखो इस से बदबू भी आ रही है।
मैं जाकर देखा तो वास्तव में उस पर मांस और हड्डी के कुछ टुकड़े लगे थे। यह देखकर अब मेरे भी होश फाख्ता हो गए।
मैं समझ गया यह वही आत्मा है और यह आ चुकी है।
थोड़ी देर बाद मेरी पत्नी अचानक से बेहोश हो गई। मैंने बाहर जाकर एक वृद्ध व्यक्ति को बुलाया। और वह इसलिए बुलाया था क्योंकि वह साधारण रूप से चिकित्सा कर लिया करते हैं। उन्होंने कुछ देर नब्ज देखकर बताया कि मेरी पत्नी पेट से है।
मैं खुश हो गया। लेकिन यह खुशी कुछ ज्यादा दिन तक नहीं चली। मेरी पत्नी को सपने में वह आत्मा बार-बार आकर डरा दिया करती थी और कहती थी कि मैं आऊंगी मैं आऊंगा।और इस प्रकार से वह आत्मा कभी लड़की कभी लड़का बन कर इन्हें डराता रहा।
सबसे बुरा दिन मेरी जिंदगी का गुरुजी तब आया जब मेरी पत्नी!का? अचानक से ही पेट में दर्द शुरू होने की वजह से हॉस्पिटल में एडमिट कराना पड़ा।
और उसके बाद जब उसने बच्चे को जन्म दिया, वह मरा पैदा हुआ। सबसे बुरी बात यह निकली गुरुजी कि मेरे उस बच्चे का मुंह पूरी तरह से खराब था।
इतना खराब हो जैसे कि किसी ने मुंह पूरा तोड़ दिया हो ?
उस दिन से मैं समझा कि यह मैंने जो डेढ़ फुटिया की साधना की थी, उसी की वजह से यह सब कुछ हुआ है। आज इस साधना के कारण!
मेरी पत्नी को ऐसा भुगतना पड़ा है इसलिए मैं कहूंगा कि घर पर यह साधना बिल्कुल भी ना करें।
इसकी पूरी विधि मैंने आपको भेज दी है। कृपया उसे अन्य लोगों के लिए भी उपलब्ध करवा दें। लेकिन मैं एक बात अवश्य ही कहना चाहता हूं। इस साधना की सिद्धि के कारण मेरे बहुत से काम बने। मैंने कई सारे ऐसे चमत्कारिक प्रयोग किए जिनमें मैं पूरी तरह सफल रहा। लेकिन बड़ी गलती यह हुई कि मैंने यह साधना घर पर की थी जिसका परिणाम आखरी समय मुझे अपने बच्चे को गंवाकर भुगतना पड़ा।
डेढ़ फुटिया बच्चे की आत्मा ने मेरी पत्नी का गर्भ पकड़ लिया और उसी के माध्यम से वह पैदा होना चाहता था। पर ऐसा हो नहीं सका क्योंकि कुदरत का कानून तो कुछ और ही होता है।
इसके माध्यम से मैंने वशीकरण के कई कार्य एक व्यक्ति को उसकी दुश्मनी का फल और कई गोपनीय तांत्रिक कार्य किए जो शत-प्रतिशत सफल रहे हैं। बस एक ही गलती हो गई जिसके बारे में मैं आपको बता चुका हूं।
इसकी साधना हो सके तो घर पर ना करें। अगर आप घर पर करते हैं तो फिर उस घर में आपके सिवाय कोई दूसरा और नहीं होना चाहिए। बाकी इसके संबंध में बहुत सारे भ्रम! कई चैनल और वेबसाइट के माध्यम से दिए गए हैं, पर वह सत्य नहीं है जो मैंने खुद अनुभव किया, वही बता रहा हूं। कृपया मेरा ईमेल, नाम इत्यादि उजागर ना करें।
प्रणाम गुरुजी और धर्म रहस्य के सभी दर्शकों को मेरा सादर प्रणाम!
संदेश – यहां पर इन्होंने डेढ़ फुटिया की साधना का अनुभव भेजा है। इसका मैंने पीडीएफ बनाकर अपने इंस्टामोजो अकाउंट में भी डाल दिया है ताकि अगर कोई इसको सिद्ध करने की कोशिश करना चाहता है तो वह सिद्ध कर सके।
यह अनुभव अगर आपको यह पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।
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