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दीपावली रतिप्रिया साधना

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज लेंगे। एक अनुभव को साथ ही साथ साधना को भी, क्योंकि दिवाली का अवसर आ रहा है। ऐसे में कुछ तांत्रिक साधनाएं अवश्य ही करनी चाहिए। उन साधना उनको जिनको करने से लाभ ही प्राप्त हो और आसानी से आर्थिक संपन्नता को भी प्राप्त किया जा सके तो चलिए पढ़ते हैं इनके पत्र को और जानते हैं इनके अनुभव के साथ साधना की विधि विधान को।

नमस्कार गुरु जी! मैं एक छोटा मोटा तांत्रिक हूं, अपना परिचय गुप्त रखना चाहूंगा। लेकिन मैं स्वयं के साथ ही घटित अनुभव और इस साधना को दर्शकों के साथ साझा करना चाहता हूं। इसका कारण यह है कि? ज्यादातर आज के युग में लोग सरल साधना एक करना चाहते हैं और उनमें सफलता भी प्राप्त करना चाहते हैं तो मुझे ऐसा लगता है कि धन देने वाली और सुखों को प्रदान करने वाली ऐसी उत्तम दूसरी साधना दीपावली के अवसर पर नहीं हो सकती है। इसकी संपूर्ण विधि मैंने आपको प्रेषित कर दी है। कृपया इसे अपने इंस्टामोजो अकाउंट में डाल कर सभी के लिए उपलब्ध अवश्य करवा दें।

मैं दर्शकों को बताना चाहता हूं कि आज से 3 वर्ष पूर्व मैंने यह साधना की थी। उस दौरान जो अनुभव मेरे साथ घटित हुए, वही मैं आपको आज बताना चाहता हूं। मैं धन की समस्या से थोड़ा ग्रसित था। समस्या थी तो सुझाव मैंने अपने पूजनीय से प्राप्त करने की कोशिश की। उनमें से कई लोगों ने मुझे रतिप्रिया साधना के विषय में बताया। सबका कहना था। इस साधना को करने से लाभ अवश्य प्राप्त होता है। मुझ पर भी कर्जा हो गया था। इस कारण से मैंने इस साधना को करने की सूची। यह साधना केवल 7 दिनों की है और आपको दीपावली की रात को यह समाप्त कर लेनी चाहिए।

ताकि 7 दिन पूर्व से आपकी साधना का फल आपको पूर्ण तरह से प्राप्त हो जाए। छोटी साधना होने के कारण आपको यह अवश्य ही करनी चाहिए। इस साधना के लिए मैंने जो विधि विधान है, वह संपूर्ण आपको प्रेषित भी कर दिया है गुरुदेव! आप इसे सबके लिए उपलब्ध करवा दीजिए।

अब मैं बताता हूं कि मैंने यह साधना की और मुझे कैसे अनुभव हुए और मेरे जीवन में क्या थोड़ा बहुत परिवर्तन आया?

मैंने दरिद्रता के कारण इस साधना को शुरू किया था। तो मैंने दिवाली से ठीक 7 दिन पहले से इस साधना को करने की सोची। सारी चीजें मैंने इकट्ठा कर ली जो इस साधना में आवश्यक होती हैं। परिवार वालों को जब पता लगा कि मैं कोई विशेष साधना करना जा रहा हूं तो सब ने कहा, तांत्रिक साधना को मत करो। लेकिन मैंने उनकी नहीं सुनी।

इस साधना के लिए आपको तैयार होना पड़ता है।

यह आवश्यक है कि कोई भी यक्षिणी साधना चाहे वह सौम्य में हो या उग्र आपको तैयार रहना चाहिए और यह तैयारी कम से कम 1 वर्ष पूर्व ही शुरू हो जाती है। ऐसा कैसे होता है इसके बारे में मैं सहजता से यही कहना चाहूंगा कि कम से कम आपने अपने इष्ट मंत्र या फिर गुरु द्वारा प्रदत गुरु मंत्र को 1 वर्ष तक जाप किया हो तभी आप इस तरह की साधनाएं करें।

वरना आपके लिए यह एक साधारण प्रयोग मात्र रह जाएगा। जब आपके अंदर!

तत्व ऊर्जा अधिक होती है। तो शक्तियां भी आप की ओर आकर्षित हो ही जाती हैं। अन्यथा शक्तियां साधारण साधक समझकर केवल दूर से आशीर्वाद देकर चली जाती हैं।

मुझे 1 वर्ष गुरु मंत्र लिए हुए हो चुका था, जिसका में लगातार जाप कर रहा था। गुरु की कृपा से मैंने अब साधना करने की सोच ली थी। मैंने अपनी पत्नी को इस कार्य हेतु तैयार कर लिया और मैं यह साधना शुरू कर चुका था।

1 दिन साधना करने के बाद जब रात्रि को मैं सो रहा था तब मुझे स्पष्ट एक सुंदर स्त्री स्वप्न में दिखाई दे। अत्यंत गौरव वर्णी बहुत ही दिखने में खूबसूरत। वह लड़की मुझे एक जंगल में ले गई। और कहने लगी यहां हम लोग। आंख मिचोली खेलेंगे। उसने मेरे आंखों पर पट्टी बांधी! और इधर उधर दौड़ने लगी। मैं उसे पकड़ने के लिए उसके पीछे पीछे जाता। वह कभी मेरे सिर पर हाथ फिरती कभी कमर में। कभी जांघों पर? कभी होठों को छू कर निकल जाती। उसकी अठखेलियां कामुकता से भरी थी। लेकिन मुझे बहुत ही अधिक आनंद प्रदान कर रही थी। इस प्रकार वह खेल रात्रि भर चला सुबह जब में उठा तो बहुत ही। खुशी भरा महसूस कर रहा था। ऐसा लग रहा था। मेरा बचपन वापस लौट आया हूं। अगली रात फिर जब मेरी साधना संपन्न हो गई। तो मुझे अचानक से ही एक राक्षसी! स्वप्न में दिखाई दी जिसने मेरा सिर पकड़ लिया था। वह अत्यंत क्रोध से भरी हुई मेरे सिर पर वार कर रही थी। मैं चिल्लाने लगा और मेरी नींद टूट गई।

क्योंकि मैं जमीन में शयन कर रहा था और मेरी पत्नी! बिस्तर पर लेटी हुई थी तो वह उठ कर बैठ गई और मेरे पास दौड़कर आए। तभी मैंने हाथों से उसे इशारा किया कि कृपया वह मुझे ना छुए। साधना के दौरान या फिर जितने दिन भी आप कोई तांत्रिक साधना करते हैं, उस दौरान किसी स्त्री का आपके शरीर को छूना भी वर्जित होता है। चाहे वह आपकी स्वयं की पत्नी ही क्यों ना हो? यह बात साधना करने वाले अच्छी प्रकार से जानते हैं। साधना के दौरान स्वयं के द्वारा बनाए गए भोजन को ही ग्रहण करना चाहिए और यह भोजन भी केवल 24 घंटे में एक बार लेना चाहिए ताकि आपका पेट भूले नहीं और आपको साधना करने में कोई परेशानी भी नहीं आए। इस प्रकार से दूसरी रात्रि भी व्यतीत हो चुकी थी। तीसरी रात्रि को मुझे कोई साधारण सपने नहीं आया।

कोई विशेष प्रकार के अनुभव भी नहीं हुए। और?

करते हुए अचानक से 6 दिन बीत गए। छोटे-मोटे अनुभवों को मैं यहां पर बताना नहीं चाहता लेकिन? दीपावली की। रात वाला अनुभव मैं आपको अवश्य बताना चाहता हूं।

मैं साधना कर रहा था। अचानक से ही साधना के दौरान मेरी आंख लग गई। ऐसा मुझे महसूस हुआ। सामने मुझे प्रत्यक्ष अत्यंत ही सुंदर एक स्त्री दिखाई दी।

उसे देखकर मेरे मन में ऐसी भावनाएं आई कि मुझे इसे प्राप्त कर लेना चाहिए। किंतु आत्म संयम के कारण मैंने मन में सोचा, मेरे पास तो पत्नी है। स्त्री मेरे मनोभावों को समझ गई और तुरंत आकर। मेरे पास मेरे ऊपर बैठ गई।

अपने वस्त्रों को उतारने लगी।

कहते हैं। जिस की भी कमी हो वही कमी पर शक्तियां अपना असर दिखाते हैं।

मैं डर के मारे कांपने लगा।

और मैंने उसे बहन शब्द कहते हुए। अपने से दूर रखने की कोशिश की। मेरे मुंह से बहन का शब्द सुनते ही उसने तुरंत ही वस्त्र धारण कर लिए और सामने खड़ी हो गई। उसने मुझसे पूछा, तुम्हारी क्या इच्छा है? मैंने उनसे कहा, आप मेरी परीक्षा ले रही थी किंतु मेरे पास पत्नी है। कृपया इस प्रकार की मेरी कोई परीक्षा ना लीजिए। मैं दरिद्रता से जल रहा हूं। समस्याओं से घिरा हुआ हूं। मेरी दरिद्रता का नाश कीजिए। आप मेरी बड़ी बहन बन कर मेरा सदैव संरक्षण कीजिए क्योंकि मैंने आपको बहन शब्द से ही पुकारा है। इस पर व सुंदर सी स्त्री मुस्कुरा कर कहने लगी। मेरा नाम रतिप्रिया है।

आज से तुम सदैव अपनी पत्नी से संतुष्ट रहोगे। क्योंकि तुम मेरे जाल में नहीं फंसे। और? मैं रति की देवी हूं इसलिए सदैव तुम्हें। अपनी पत्नी से अत्यंत ही सुखद प्रेम की प्राप्ति होती रहेगी। रही बात धन समस्याओं की उसके लिए मैं तुम्हें एक छोटा सा काम बताती हूं। यह कार्य सदैव करते रहना। उसने मुझे जो कार्य बताया था, गुरुदेव वह मैं यहां पर नहीं कह सकता क्योंकि वचनों की कुछ गंभीरता होती है। लेकिन उसके बताए गए मार्ग का ही असर है जो मेरी आर्थिक स्थिति आज पूरी तरह से बदल चुकी है। और धन की कोई समस्या मेरे पर नहीं है। मैं भी यही कहना चाहूंगा। सभी दर्शकों से की साधना के दौरान अगर शक्तियां को कोई मार्ग बताती हैं तो उसको जनता में कभी भी प्रचलित ना करें। अपनी साधना के इस गोपनीय! महत्व को किसी और को ना बताएं और अपने वचनों पर सदैव कायम रहे आप की जो परीक्षा ली जाती है उस पर भी ध्यान रहे ताकि आपको असफलता ना मिले। रतिप्रिया देवी काम की ही शक्ति है। इसलिए काम से यहां पर बचने की आवश्यकता जरूर है।

मेरी यही प्रार्थना है कि आप सभी लोग गुरुदेव के द्वारा प्रदत्त की गई इस विद्या को प्राप्त कर अपने जीवन को सुखमय बनाएं। एक बार फिर से मैं गुरुदेव श्री सूर्य प्रताप जी का। अपने हृदय से।

उनका बहुत ही अभिनंदन करता हूं क्योंकि वह धर्म का विशेष कार्य कर रहे हैं। मुझे इस साधना में सफलता मिली थी इसलिए इसकी संपूर्ण विधि मैं आपको प्रेषित कर रहा हूं। जैसे आपने अपने इंस्टामोजो अकाउंट में बाकी साधना को डाल रखा है। इसे भी डाल दीजिए ताकि सर्वजन के लिए यह उपलब्ध हो सके। आशा! कि मेरी इस साधना और अनुभव से लोगों को ज्ञान की प्राप्ति होगी। प्रणाम गुरुजी!

संदेश- यहां पर इन्होंने इस साधना के विषय में सारा वर्णन दे दिया है। यह विधि आपको मेरे इंस्टामोजो अकाउंट में मिल जाएगी। वहां से इसको कोई भी बाय कर सकता है और इस साधना को आप कर सकते हैं मात्र 7 दिन की यह साधना करके आप। उसी प्रकार लाभ प्राप्त कर सकते हैं। जैसे माता लक्ष्मी की दीपावली पर होने वाली साधना में लाभ प्राप्त किया जा सकता है। अगर आपके पास समय हो तो 7 दिन की यह साधना अवश्य करके देखें और अपने आप को लाभान्वित करें। जितने लोग भी गुरु मंत्र लिए हैं, वह सारे लोग यह साधना कर सकते हैं। तो अगर आज का वीडियो आपको पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।

इंस्टामोजो अकाउंट से खरीदने का लिंक – https://www.instamojo.com/surajpratap94/97304c91de85151f2b599282636612b1/

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