धर्म रहस्य चैनल के गुरु का भैरवी सहित दिखना
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम एक ऐसा अनुभव लेने जा रहे हैं जिसके माध्यम से हम यह जान पाएंगे कि व्यक्ति विशेष जिसके बारे में हम सोचते हैं। क्या हम उसका अनुभव या उसके बारे में पूरी जानकारी पहले ही प्राप्त कर सकते हैं या उनसे जुड़ कर हम स्वप्न के माध्यम से उन्हें देख सकते हैं। आज के अनुभव में स्वयं मेरे बारे में एक साधक महोदय ने क्या देखा है। उन्होंने अनुभव के रूप में लिख करके भेजा है तो चलिए पढ़ते हैं। इनके पत्र को और जानते हैं कि इस अनुभव के माध्यम से हमें क्या ज्ञान प्राप्त होता है?
ईमेल पत्र-नमस्कार जी सर्वप्रथम मेरा निवेदन है कि मेरा नाम इत्यादि गुप्त रखें क्योंकि मेरा खुद आध्यात्मिक विषयों पर बना हुआ यूट्यूब चैनल है और मेरे चैनल के अधिकांश सब्सक्राइब आपके चैनल के साथ भी जुड़े हुए हैं। इसलिए मेरा स्वयं को गुप्त रखना ही उचित है। मेरा नाम है और मैं कभी कभार आपके डाले हुए वीडियो देख लिया करता हूं, परंतु आज स्तब्ध हूं। इस प्रश्न को लेकर कि आज सुबह ही स्वप्न में मुझे आप अपने शिष्यों के साथ दिखाई दिए हैं। हालांकि ना मुझे आप के विषय में कुछ ज्ञात है और ना ही कुछ जानता हूं। पर आज जैसे ही यह रहस्यमई स्वप्न दिखाई पड़ा तो मुझे लगा कि यह आपको बताना आवश्यक है। यह स्वप्न सुबह के समय ही मैंने देखा है और उसी के साथ मेरी तंद्रा भी टूट गई। सपने में मैंने देखा कि मैं अपने साधक शिष्यों के साथ किसी पर्वत क्षेत्र की यात्रा कर रहा हूं और गांव से होते हुए हम लोग जा रहे हैं। वहां सघन जनसंख्या एवं घर मुझे दिखाई नहीं दिए। घर कुछ कुछ दूरी पर बने हुए थे। मुख्य सड़क से कुछ समय पैदल चले तो किसी एक ऐसे मकान पर पहुंचे जहां पर आप अपने शिष्यों के साथ थे। शायद आपने उन्हें गुरु दीक्षा हेतु बुलवाया था। आपने ऊंचा सा आसन बनवाया था जहां पर आप बैठे हुए थे वहां पर हवन की सामग्रियां चुन्नी व देवी की श्रृंगार, सामग्री इत्यादि न जाने क्या क्या था, आपके चेहरे पर एक चमक थी। चेहरे का रंग ना पूर्ण गौर था ना गेरुवा उसके मध्य में हम कह सकते हैं। मैं वहां जाकर बैठ गया। वहां मैंने स्वयं के भीतर ऊर्जा का प्रवाह देखा जिससे मैं रोमांचित हो उठा। दो लड़कियां आपके साथ खड़ी थी जो शायद आप की शिष्याएँ थी जो पूजन की तैयारियां करवा रही थी। उनमें से एक के केश कमर से नीचे तक लंबे थे। आपने कुछ अलग प्रकार के गुलाबी वस्त्र और कुछ गुलाबी रंग की टोपी जैसी धारण कर रखी थी। आप भव्य प्रतीत हो रहे थे। यह देखकर आपके सभी शिष्य बड़े प्रसन्न हुए। आपके सभी शिष्य सफेद रंग के वस्त्र धारण करके आए थे और कुछ उसमें ऐसे थे जिन्होंने समाज में प्रचलित वस्त्र ही डाले थे। मैंने पीले रंग के वस्त्र डाले हुए थे। मैं यह नहीं जानता कि वह कौन सी देवी थी? जिसे आप की शिष्याएँ तैयार करवा रही थी, उन्हें भी गुलाबी रंग के वस्त्र आप की शिष्याएँ पहनाकर तैयार करवा रही थी। पर हां देवी का चेहरा मुझे नहीं दिखाई दिया। कभी ऐसा प्रतीत होता कि वह देवी बिल्कुल जीवंत है हम मनुष्यों की तरह, पर कभी ऐसा प्रतीत होता कि जैसे 16 से 17 साल की कन्या का श्रृंगार किया जा रहा था। श्रंगार होने के पश्चात आप हवन के लिए बैठते हैं परंतु आपका हवन कुंड भी एक रहस्य था क्योंकि वह छोटे आकार का और गोल था। हवन के दौरान संविधा कम पड़ जाती है। आप एक पहाड़ी भाषा में मेरे साथ बात करते हैं कि उक्त उक्त वृक्षों की शीघ्र संविधा ले आएं। अन्यथा हवन रुक जाएगा। मैं थोड़ा स्तब्ध था क्योंकि यह एक पहाड़ी स्थान था और वह संविधा मुझे कहां प्राप्त होंगी। नहीं जानता था। मैं इसलिए आप मेरी सहायता करने हेतु एक छोटा लड़का जिसकी आयु लगभग 9 से 11 वर्ष के मध्य होगी वह आपके ही स्थान मे आपकी पूजा में सहायता करवा रहा था। गौर वर्ण का पतला सा लड़का था। वह मेरे साथ मेरे आगे आगे चलने लगता है। हम किसी ऊंचे रास्ते पर चले जा रहे थे। आस पास बहुत सारे पेड़ थे। मैं उस लड़के से बार-बार पूछता था कि आप मुझे बताइए कि वह संविधा हमें कहां से प्राप्त होगी, पर वह मेरी बात का जवाब नहीं देता और जो सूखी लकड़ियां पेड़ों के आसपास उठाता चला जा रहा था। रास्ता बहुत ही उबड़ खाबड़ था। मेरी बहुत सांस फूल रही थी। चला तक नहीं जा रहा था, परंतु संविधा परम आवश्यक थी, इसलिए चलने का पूर्ण प्रयास कर रहा था। तभी वही देवी जिसका श्रृंगार आपकी शिष्याएँ करवा रही थी, वहां पर आ जाती है। दूर से ऐसा प्रतीत होता है मानो कोई 17- 18 वर्ष की कन्या हो फिर भी चेहरा नहीं दिखाई दिया ना ही उनके पैर दिखलाई पड़ रहे थे क्योंकि कुछ साड़ी जैसा पहनावा उन्हें आपकी शिष्याओं ने पहनाया था। वह देवी उस लड़के पर बहुत क्रोधित हो जाती हैं और कहती है कि तेरे मन में गलत भाव आ गए हैं। अब यह अनुष्ठान पूर्ण नहीं होगा। यह सुनकर मैं स्तब्ध रह जाता हूं। मैं देवी की साड़ी के भीतर के चरण पकड़ लेता हूं। उनके आगे बार-बार गिर गिर जाता हूं कि आप कृपया किसी की छोटी सी गलती की सजा किसी और को मत दीजिए मैं उनके आगे प्रार्थना करता रहता हूं पर देवी मेरे प्रश्न का कोई जवाब नहीं देती और मेरा प्रश्न और सपने भी टूट जाता है और नींद भी खुल जाती है। फिर मैंने विचार किया कि अभी आप को भेज देता हूं। अन्यथा मैं कहीं भूल ना जाऊं। यह क्या संकेत था, मेरी समझ में कुछ नहीं आया। शायद आप कोई अनुष्ठान कर रहे हैं। उससे संबंधित संकेत है या फिर कुछ और मां जगदंबा ही जाने। जब भी यूट्यूब पर वीडियो डालते हैं तो कृपया इस विषय पर अपना स्पष्टीकरण अवश्य दें, ताकि मैं इस स्वप्न का अर्थ समझ सकुं। शास्त्रों के अनुसार भी शुक्ल पक्ष की सृष्टि एवं सप्तमी को देखा गया स्वप्न शीघ्र फल देने वाला होता है। इसलिए इसका महत्व कहीं ना कहीं और अधिक बढ़ जाता है। अब मैं अपने शब्दों को विराम देता हूं नमन। संदेश-तो देखिए यहां पर साधक महोदय! जिन्होंने यूट्यूब पर अपना चैनल भी बनाया हुआ है और इनके साथ इनके कुछ शिष्य भी हैं। उन से ही संबंधित यहां पर यह अनुभव क्योंकि मुझसे जुड़ा हुआ है इसके विषय में। मैं अब यहां पर स्पष्टीकरण दे रहा हूं तो असल में इनके कई साधकों के मन में भैरवी साधना करने का विचार बन रहा है। जिस भैरवी देवी को मैंने सिद्ध किया हुआ है यानी अष्ट चक्र भैरवी यह देवी बहुत ही शक्तिशाली, दुर्लभ और ज्ञान शक्ति से भरी हुई है। यह बात सभी साधक महोदय जानते हैं क्योंकि इनसे संबंधित अनुभव मैं पहले ही अपने यूट्यूब चैनल पर डाल चुका हूं तो इन देवी को सिद्ध करने के लिए बहुत सारे लोगों के मन में भावना भरी हुई है। इनमें से कई लोग? और कई सारे ऐसे लोग भी हैं जो इस साधना को करना चाहते हैं वह देवी जो 17 अट्ठारह वर्ष की कन्या के रूप में दिखाई दे रही है निश्चित रूप से भैरवी देवी ही है। और वह जो लड़का 9 से 11 वर्ष की उम्र का है। भैरव स्वरुप है किंतु उन भैरव स्वरूप के माध्यम से यह स्पष्टीकरण देवी देना चाहती हैं कि जो भी व्यक्ति गलत भावना से इस साधना को करने की कोशिश करेगा, उसे देवी की कृपा नहीं प्राप्त होगी बल्कि उनका क्रोध ही प्राप्त होगा तो मन को पवित्र रखते हुए अगर कोई अष्ट चक्र भैरवी साधना करता है तो निश्चित रूप से देवी की कृपा उसे प्राप्त भी होगी और स्वयं वह देवी को भी प्राप्त कर पाएगा। अष्ट चक्र भैरवी में आठों भैरव की शक्ति मौजूद है। इसलिए यह देवी अत्यंत ही शक्तिशाली है और स्वयं शिव पुत्री है। इसलिए इस देवी को कोई साधारण ना समझे। इन से जुड़े हुए बहुत सारे अनुभव मेरे पास लोग भेजते रहते हैं किंतु इनका अनुभव मैंने इसलिए प्रकाशित किया है क्योंकि ना तो इनसे मेरा कोई अभी तक जुड़ाव था और ना ही कोई संबंध है। जैसा कि मेरे शिष्यों के साथ गुरु मंत्र दीक्षा के माध्यम से अन्य माध्यम से है, किंतु फिर भी अगर यह जुड़ाव यहां स्वप्न मे भैरवी ने इन्हें दिखाया है तो इसका मतलब रहस्य उजागर है और निश्चित रूप से यह और इनके शिष्य ऐसा कुछ करने का मन ही मन प्रयास कर रहे होंगे। इसीलिए देवी ने पहले ही थोड़ा सावधान किया है कि गलत भावना या मन में कोई ऐसा विचार रखकर साधना नहीं करें जिसकी वजह से भविष्य में देवी के क्रोध का भाजन किसी को भी बनना पड़े। बल्कि! देवी की कृपा और उनकी सिद्धि अवश्य ही प्राप्त हो। यही वह दर्शाना चाहती हैं तो यह एक अनुभव! था अगर आपको यह वीडियो पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद। |
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