Table of Contents

नटनी भूतनी का छाती पर चढ़ना

12:28
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज का जो अनुभव है यह एक दिल्ली निवासी व्यक्ति का है जो। काफी जगह परेशान है और साथ ही उनके जीवन में कई सारे भयानक अनुभव भी घटित हुए हैं। तो चलिए पढ़ते हैं इनके पत्र को और जानते हैं कि क्या है इनके जीवन की समस्या?

पत्र-नमस्कार गुरु जी, गुरु जी मेरा नाम……… है। मैं दिल्ली का निवासी हूं। मैं आशा करता हूं कि आप मेरा नाम गोपनीय रखेंगे। मैं आपका चैनल धर्म रहस्य काफी लंबे समय से सुन रहा हूं और मुझे आपके द्वारा। दी गई समस्त जानकारियां अत्यधिक प्रिय है मैं काफी लंबे समय से आपको समस्त बातें बताना चाहता हूं लेकिन? किसी कारणवश नहीं रख पाया। आज मुझे इस बात का मौका मिला है। मैं आपको अपनी आपबीती के विषय में बता सकूं। आप मेरी इस विषय पर वीडियो जरूर बनाएं। मेरा यह अनुभव सिर्फ और सिर्फ धर्म रहस्य चैनल को समर्पित है। अनुभव में दी गई समस्त जानकारी का मैं स्वयं ही जिम्मेदार हूं। मैं ज्यादा समय व्यर्थ ना करते हुए सीधा अपने उस अनुभव पर आता हूं। गुरु जी यह बात उस समय की है जब हमारा परिवार दिल्ली में किराए पर रहा करता था। हालांकि अब हमने अपना मकान ले लिया है। लेकिन यह बात उस समय की है। जब हम किराए पर रहा करते थे। हम डेढ़ सौ गज के प्लाट में रहते थे। उस प्लाट में दो कमरे एक रसोई पीछे की तरफ बनी हुई थी। हमने कमरा एक रसोई। किराए पर लिया हुआ था। गुरुजी! उस समय मैंने हनुमानजी के 41 व्रत रखे थे। मेरे 21 पूर्ण हो चुके थे लेकिन उस समय 22 व्रत पर मेरे को सुबह अचानक से ही अत्यधिक भूख लग गई। लेकिन मुझे भूख के वशीभूत यह याद ही नहीं रहा कि आज तो मेरा व्रत है और मैंने किचन में जाकर दो परांठे चाय के साथ खा लिए। उसके बाद मुझे याद आया कि आज तो मेरा व्रत था। तभी मुझे हनुमान जी पर अत्यधिक क्रोध आया कि आपने मेरे व्रत तक पूर्ण नहीं होने दिए और मुझे सुबह! अत्यधिक भूख आपने लगवा दी। और मुझे ज्ञात भी नहीं है। और यह बात भी मुझे भुला दी कि आज मेरा व्रत है।

तभी से मैंने हनुमान जी की पूजा और पाठ को बंद कर दिया। गुरु जी जिस प्लॉट में हम लोग रहा करते थे, उस प्लाट में एक कट्टे का पेड़ था। हम गर्मियों में सभी लोग आंगन में खाट बिछा कर सोया करते थे। गुरुजी एक रात मुझे अचानक से शौचालय जाना पड़ा तब रात के 2:00 बज रहे थे। अचानक मुझे कहीं से पायल की छनक की आवाज सुनाई दी। गुरुजी हम जिस गली में रहा करते थे, कहते हैं उस गली में रात्रि के मध्य पहर में एक नटनी विचरण करती थी। मैं? पाजेब की आवाज सुनकर भयभीत हो गया और तुरंत सोच कर अपनी खाट पर सोने के लिए चला गया और अपने मुंह को चादर से ढक लिया। मात्र 3 मिनट बाद मुझे लगा मेरी छाती पर कोई भारी वस्तु है। ना तो मुझे सांस आ रही थी। और मेरे लाख चाहने पर भी मेरे मुंह से आवाज बाहर नहीं आ रही थी।

मेरे बगल में सो रहे भाई को जगाने के लिए मैं निरंतर प्रयास कर रहा था, परंतु मेरे द्वारा किए गए सभी प्रयास विफल रहे। मैंने तुरंत हनुमान चालीसा का पूरा पाठ तीन बार किया। परंतु उसके उपरांत भी मेरी छाती पर भारी वस्तु नहीं हटी। तत्पश्चात मुझे याद आया कि मेरी नानी मुझे एक पीर के पास ले जाया करती थी। होली दिवाली पर मैंने तुरंत ही उन पीर साहब से दुआ की और पीर बाबा अब आपके ऊपर यह है कि मुझे सुबह का सूरज दिखे या ना दिखे। आप यकीन कीजिए गुरु जी मैंने तुरंत।

अपनी छाती से उस भारी वस्तु को भगाते हुए एक परछाई के रूप में देखा। उसकी जो वेशभूषा उस नट नटनी के जैसे ही लग रही थी। वेशभूषा से मेरा मतलब है पोशाक! जैसे कि घाघरा चोली।

बिल्कुल वह अनुभव उस दिन ऐसे ही घटित हुआ था। एक अनुभव मेरे जीवन में घटित हुआ गुरुजी और दूसरा अनुभव उसके बाद यह है कि जिस समय में हनुमान जी का व्रत कर रहा था उस समय मेरा प्रेम प्रसंग एक लड़की से चल रहा था। जो हमारे बगल वाले घर में किराए पर रहा करती थी। वह भी अपने परिवार के साथ वह कक्षा आठवीं में पढ़ा करती थी। मगर वह दूसरे विद्यालय में थी और मैं दूसरे वाले में उसी समय गुरु जी मुझे सपने में एक स्त्री दिखाई दी जो मेरे मन मुताबिक स्त्री की शक्ल में थी और उसने मेरे साथ संभोग किया स्वप्न के माध्यम से। सपने के माध्यम से ही मुझे वह सट्टे का नंबर भी दिया करती थी। कुछ समय तो मेरा अच्छा व्यतीत हुआ। तभी एक अचानक घटना घटी हमारे यहां पर शीशम के पेड़ है। उनमें से एक पेड़ पर मुझे किसी कारणवश चढ़ना पड़ा। जब मैं पेड़ पर चढ़ गया। उसी समय मेरा बैलेंस खराब हुआ। मैं सिर के बल गिरने को हुआ तभी मैंने अपना संतुलन बना लिया और मैं गिरने से बच गया। लेकिन जब मैं पेड़ से उतर रहा था तब मुझे ऐसा लगा किसी ने मुझे गोल घुमा कर फेंक दिया है। गुरुजी उस पेड़ से गिरने की वजह से मेरे हाथ की कलाइयां फ्रैक्चर हो गई। मुझे उस समय 3 महीने तक प्लास्टर करना पड़ा था। मुझे हाथ में दर्द हुआ और हाथ की चोट को पता नहीं क्या हुआ लेकिन उस दुर्घटना में उल्टे हाथ की। नस दब गई थी जिसकी वजह से मेरी आंख से लगातार पानी बहता रहता था। डॉक्टरों की इलाज से कोई फायदा नहीं हुआ तब पिताजी मुझे एक मुस्लिम तांत्रिक के पास लेकर गए। उसने मुझसे कुछ मंत्रों का जाप करवाया। ऐसा करने से मेरी आंखो का पानी बहना तो बंद हो गया, परंतु उसने मेरा दोस्त बनकर सपने में आने वाली स्त्री के बारे में जानकारी प्राप्त कर ली। उसके पश्चात फिर वह मुझे कभी दिखाई नहीं दी। गुरु जी आज की डेट में में चारों तरफ से कर्ज में दब गया हूं। गुरुजी जो काम करता हूं। जिस लाइन में हूं वहां मेरी 15 साल पुरानी पार्टियां। कभी मेरे पैसे अभी तक नहीं मारी थी पर आज वही पार्टियां मेरा।

20000- 25000 जैसा पेमेंट नहीं दे रही है।

और साफ मना कर रही गुरुजी इसी चक्कर में मैं एक लाख के कर्ज में दबा हुआ हूं। कोई नया काम भी लेना चाहता हूं। चाहे वह कितने ही कम रेट पर क्यों ना हो पर मुझे नया काम नहीं मिलता? अगर मैं सट्टा क्षेत्र में कोशिश करता हूं तो साल भर से एक नंबर से ही रह जाता हूं। गुरु जी मार्गदर्शन करें। मुझे बताएं कि मैं इस विपदा से कैसे निजात पाएं। अब तो मुझे सिर्फ आत्महत्या का ही मार्ग नजर आता है क्योंकि अब मेरे पास इतने भी पैसे नहीं रहते कि मैं अपने परिवार का पालन पोषण भी कर सकूं। कृपया मुझे मार्गदर्शन दे मुझे पता है कि वह चीज दोबारा कैसे प्राप्त कर सकूं। धन्यवाद!

संदेश – आपके जीवन की जो यह घटना है इसके हिसाब से कोई भूतनी?

हनुमान चालीसा की सिद्धि की वजह से आप पर आकर्षित हो गई थी। इसी कारण से वह आपके जीवन से जुड़ी और आपको नंबर वगैरह बताने भी लग गई। क्योंकि अधिकतर! जब हम शक्तियों की उपासना करते हैं तो दूसरी तरह की शक्तियां हमारी ऊर्जा प्राप्त करने के लिए हमारे निकट आ जाती हैं।

जिस मुस्लिम तांत्रिक के पास आप गए थे उसने। उस शक्ति को। जानकर शायद अपने नियंत्रण में ले लिया होगा इसी कारण से।

वह आपके जीवन से सदा के लिए गायब हो गई लेकिन अब कहानी दूसरी है। अब आपको जीवन में काम चाहिए। इसके लिए सबसे पहले हो सके तो गुरु मंत्र की दीक्षा ले। उसका अनुष्ठान कीजिए, उसके बाद फिर आप! धन संबंधी कई तांत्रिक और साधनाएं कर सकते हैं जिसमें पहले सरल साधना लीजिए और बाद में पूर्ण तांत्रिक साधना को कीजिए। आप सबसे पहले? श्री मंत्र की साधना। इसके अलावा!

स्वर्णाकर्षण भैरव मंत्र की साधना या फिर माता बगलामुखी की साधना करेंगे तो आपके जीवन में आ रही जो समस्याएं हैं, वह तो हल होंगी। धन प्राप्ति के सारे मार्ग खुल जाएंगे।

इसके साथ में। जब आपकी जिंदगी सही रास्ते पर आ जाए तब कहीं जाकर आप! जब गुरु मंत्र की पूर्ण अनुष्ठान से दीक्षित हो जाए। और आपका पूरा जप भी हो जाए तब जाकर आप कोई तांत्रिक साधना जैसे कि कोई भूतनी साधना या फिर कोई एक यक्षिणी साधना, योगिनी साधना इत्यादि कर सकते हैं और उससे आपको भौतिक सुखों के साथ में आध्यात्मिक वृद्धि धीमी देखने को मिलेगी। लेकिन अभी इन साधना को करना आपके लिए उल्टा नुकसान हो जाएगा। इसलिए पहले गुरु मंत्र से शुरुआत करें। उसके बाद धीरे-धीरे तांत्रिक साधना को करते हुए। आगे बढ़े गुरु मंत्र की साधना के दौरान ही आपके ऊपर कर्जा वगैरह भी समाप्त होने लगेंगे और जैसे ही आप अन्य तांत्रिक साधना करेंगे आपके धन संबंधी सारी समस्याएं हल हो जाएंगे।तो यह था इनके जीवन में घटित हुआ एक नटिनी भूतनी का अनुभव। अगर आपको यह पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। चैनल को आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।

error: Content is protected !!
Scroll to Top