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नवरात्री में चुड़ैल का घर आना सच्ची घटना भाग 2

नवरात्री में चुड़ैल का घर आना सच्ची घटना भाग 2

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका
एक बार फिर से स्वागत है आज हम नवरात्रि

में चुड़ैल का घर आना सच्ची घटना के अगले
भाग के विषय में जानकारी प्राप्त करेंगे

तो चलिए पढ़ते हैं इनके ईमेल पत्र को
गुरुजी जैसे कि मैंने बताया था कि अब

दरवाजा खोला तो वहां एक खूबसूरत सफेद रंग
के वस्त्र पहने सजी धजी लड़की खड़ी थी जो

मुस्कुरा रही थी तो मेरे उन पूर्वज दादाजी
को कुछ समझ में नहीं आया उन्होंने कहा अभी

तो मैंने आपको उस जगह देखा था जहां आप उन
लोगों से बचकर भाग रही थी आप यहां तक कैसे

आ गई तो वह अपना सिर झुकाते हुए कहने लगी
मैंने किसी प्रकार अपनी जान बचाई है आपसे

एक मदद चाहिए आप मुझे अपने घर में आज रात
शरण दीजिए क्योंकि अगर आपने ऐसा नहीं किया

तो मेरे साथ बहुत बड़ी समस्या हो सकती है
आप मेरी बात की गंभीरता को समझिए क्योंकि

मैं नहीं चाहती कि अगर मैं यहां से जाऊ तो
फिर मेरे साथ क्या हो जाए इस अबला नारी की

रक्षा करना अब आपकी ही जिम्मेदारी है मैं
आप पे कोई बोझ नहीं बनना चाहती लेकिन जब

तक इस समस्या से बाहर ना निकल जाऊं तब तक
आप मेरी मदद कीजिए मेरे उन दादा जी ने यह

सोचा कि चलो इसकी मदद कर दी जाए अब लेकिन
परिवार वालों को क्या बताऊंगा कि तभी पीछे

से उनकी भाभी वहां पर आ गई उन्होंने कहा
यह लड़की कौन है तब उन्होंने कहा भाभी यह

गांव में ही रहने वाली मेरी एक दोस्त है
लेकिन यह गलती से आज अपना सामान भूल गई और

उसे खोजने के लिए जब वापस आई तो मिला नहीं
रात हो गई अब बिचारी अकेले अंधेरे में

कहां जाएगी क्या आप इसे अपने घर में रखने
की अनुमति देंगी तब भाभी ने उसे गौर से

देखा उसने कहा कि देवर जी यह सिर्फ दोस्ती
है या इससे कुछ ज्यादा और मुस्कुराने लगी

उन्हें लग रहा था शायद इनका कोई प्रेम
संबंध है तब उन्होंने कहा ठीक है बिटिया

को अंदर घर में बुला लो और हां इसे नए
कपड़े पहना देना इसके कपड़े देखो नीचे से

गंदे भी हो गए हैं तब उसने कहा धन्यवाद
आपका मैं आपसे एक बात पूछना चाहती हूं

क्या मैं अंदर आ सकती हूं भाभी ने कहा हां
और फिर उसने मेरे दादाजी से पूछा क्या मैं

आपके घर के अंदर आ सकती हूं उन्होंने कहा
हां फिर उन्होंने तीसरी बार पूछा क्या मैं

आपके घर में अंदर आ सकती हूं तो दोनों
लोगों ने मिलकर बोला हां भाई हां और तब

उसने अपने कदम बढ़ाए घर के अंदर आ गई जैसे
ही घर के अंदर पहुंची तो बड़ा ही

मुस्कुराते हुए कहने लगी भाभी आप कामकाज
की सारी जिम्मेदारी मुझ पर छोड़िए यह सब

मेरा काम है मैं आपकी पूरी तरह मदद करूंगी
आप परेशान मत होइए मैं आपके लिए विशेष रूप

से एक काम करूंगी कि आपको काम ना करना
पड़े आप चिंता मत कीजिए तो उन्होंने कहा

ठीक है कोई बात नहीं आप इस बात के लिए
परेशान मत होएगा और जहां तक बात रही घर

में काम करने की तो मैं अच्छी प्रकार काम
कर सकती हूं और अभी आप लोगों के लिए एक

बढ़िया सी चाय बनाती हूं यह सुनकर परिवार
के सभी लोग उसकी ओर ऐसे देखने लगे कि आखिर

इस तरह घर में इतना ज्यादा घुल मिलने की
वजह क्या है शायद इसका स्वभाव ही चंचल है

तो उसने कहा आप सभी ऐसा सोच रहे होंगे कि
यह कितनी चंचल है अरे हां मुझे सभी लोग

चंचल ही तो कहते हैं आप मेरा नाम चंचल ही
पुकार जाएगा तो सभी लोगों ने अब उसका नाम

चंचल ही रख दिया चंचल वास्तव में ना सिर्फ
खूबसूरत थी बल्कि कार्य में दक्ष थी भाभी

के साथ जब वह किचन में गई तो फटाफट इतना
बढ़िया खाना बनाया कि सारे लोग वहां पे

आश्चर्य चकित हो गए उन्होंने सोचा नहीं था
कि एक बाहर से आई हुई लड़की इतना ना अच्छा

खाना बना सकती है व भी इतनी जल्दी भाभी
कहने लगी तेरे हाथ में तो जादू है भाभी

कहने लगी अभी कुछ दिन तू और रुक तुझसे मैं
और सेवाएं लूंगी क्योंकि भाभी ही नहीं

परिवार के सारे सदस्य उस पर मोहित हो चुके
थे और सभी ने यह सोचा कि ऐसी लड़की तो घर

में रह जाए और परिवार की सदस्य बन जाए तो
ज्यादा अच्छा हो एक दिन परिवार के सबसे

बुजुर्ग अर्थात मेरे उन पर दादा के भी
पिताजी अचानक से बोल पड़े अरे चंचल क्या

तुम अपने घर नहीं जाओगी इतना सुनना था कि
चंचल जोर-जोर से रोने लगी सभी ने उसे देखा

और उसको रोने से रोकने के लिए वहां पर
पहुंच गए पर फिर भी वह तो रोना बंद ही

नहीं कर रही थी भाभी ने पूछा क्या बात है
तुम इतना परेशान क्यों हो तो वह कहने लगी

कि मैं अपने घर नहीं जाना चाहती वहां मुझे
बहुत मारते पीटते हैं और जब मेरा सामान

खोया तो तो मैं बहुत ज्यादा परेशान हो गई
सोच रही थी घर जाऊंगी तो बहुत मार पड़ेगी

उसने अपनी पीठ भाभी को दिखाई और उनके
सामने कपड़े उतार करर अपने शरीर को दिखाने

लगी जो कि जितना ज्यादा सुंदर था उस पर
कोड़ों के निशान थे ऐसा लगता था जैसे कि

उसे बे रहमी के साथ पीटा गया है यह देखकर
भाभी तो हाय तौबा करने लगी उन्होंने कहा ए

मेरे भगवान ऐसा घोर अन्याय तुम्हारे साथ
यह तो बहुत गलत बात है तब वह कहने लगी

मुझे अब अपने परिवार में वापस नहीं जाना
मेरे पिता की मृत्यु हो चुकी है मां बहुत

ज्यादा दुखियारी है और परिवार में अन्य
लोगों का कब्जा है वह मुझे बहुत मारते

पीटते और काम कराते थे इसीलिए मुझे
कभी-कभी बाहर भी भेजते थे कि घर के सामान

मैं लेकर आऊं उस दिन यही हो गया अब मैं
वापस नहीं जाना चाहती क्या कोई ऐसी तरकीब

नहीं है जिससे मैं इसी घर में रह जाऊं वह
जोर-जोर से रोकर सबके सामने बोलने लगी सभी

उसकी तरफ देखे तब अचानक से भाभी कहने लगी
इसमें कौन सी बड़ी बात है हमारे देवर जी

खाली हैं अगर सच में तुम उन्हें पसंद करो
तो तुम्हारी शादी इन्हीं से करवा देते हैं

तो सभी लोग हंसने लगे वह भी सिर झुका कर
मुस्कुराने लगी भाभी ने कहा चलो कमरे के

अंदर तुमसे कुछ पूछना है और वह उसे लेकर
कमरे के अंदर गई पूछा बिटिया यह बताओ क्या

तुम्हें मेरा देवर पसंद है क्योंकि अगर
तुम्हें इस घर में हमेशा रहना है तो बहू

बनकर ही आना होगा तो वह कहने लगी मैं तो
पहले से ही इन्हें पसंद करती हूं जब से

इन्हें देखा था इनका स्वभाव बहुत अच्छा है
अगर मेरी शादी इनसे होती है तो मैं तो

अपने आप को भाग्यवान समझूंगी भाभी ने कहा
ठीक है लेकिन देवर जी से भी पूछना जरूरी

है इसलिए मैं तुम्हारे कमरे में देवर जी
को भेजती हूं और तब मेरे उन पर दादा को

वहां पर भेजा गया आप सभी को यकीन नहीं
होगा कि मेरे उन पदा दादा जी के साथ में

अब एक विचित्र घटना घटने वाली थी जिसका
अनुमान शायद किसी को भी ना हो और बात यह

थी कि जब वह कमरे के अंदर गए तो उसने जाकर
तेजी से उन्हें गले लगा लिया मेरे उन पर

दादा के लिए यह आश्चर्यजनक था पर वह समझ
गए क्योंकि भाभी उन्हें बता चुकी थी तो वह

कहने लगे आपके बारे में मैं कुछ भी नहीं
जानता आप मेरे घर में रहने आ गई और आज आप

मेरी धर्म पत्नी बनना चाहती हैं अपने बारे
में कुछ बताइए लेकिन पति-पत्नी का रिश्ता

सच्चा होता है इसलिए आपको सच ही बोलना
होगा यह बताइए आप वहां उस दिन किसकी

अंगूठी ढूंढने आई थी जिसको लेकर आप भागी
थी तब वह लड़की एक बार फिर से गंभीर हो गई

जैसे कि उसे सांप सूंघ गया हो वह कहने लगी
आप इन सब बातो को क्यों पूछते हैं मैंने

कहा ना मैं अब आपके परिवार का हिस्सा बनना
चाहती हूं पुरानी बातों को उठाने से क्या

लाभ तब मेरे दादाजी ने कहा नहीं पति और
पत्नी दोनों एक दूसरे की अंदर तक की गहराई

भरी बातों को जानते हैं और इनमें आपस में
कोई भेद भी नहीं होता है इसलिए यह आवश्यक

है कि आप बताइए कि क्या कारण है जिसकी वजह
से आप उस दिन वहां पर दिख खाई पड़ी थी तब

उसने कहा आपको मुझे वचन देना होगा इस बारे
में आप किसी को कुछ नहीं बताएंगे मेरे

दादा जी ने कहा कोई बात नहीं क्योंकि मैं
आपको पहले दिन से पसंद करता हूं आपको

देखकर मुझे आप में पहले ही प्यार पैदा हो
गया था लेकिन यह बात मैं दिल से कभी कह

नहीं पाया इसलिए बस मुझे इतना बता दीजिए
उस दिन आप वहां पर क्यों थी तब उन्होंने

कहा आप ध्यान पूर्वक ने वह अंगूठी जिसे भी
पहनाई जाएगी मैं उसकी प्रेमिका बन जाऊंगी

क्योंकि वह अंगूठी मेरे प्रेमी की थी और
जब उसकी मौत हो गई तब से वह अंगूठी मेरे

पास थी वह कहीं से चुरा कर लाया था और
मैंने वह अंगूठी उस जगह से प्राप्त करने

की इच्छा की क्योंकि अंगूठी के बिना मेरा
कोई अस्तित्व नहीं है तब मेरे दादाजी ने

कहा क्या ऐसा क्यों तो उसने कहा यह बात आप
नहीं समझ पाओगे लेकिन क्या आप मुझसे शादी

करेंगे तो मेरे पर दादा ने कहा ठीक है मैं
तुमसे शादी कर लूंगा और मैं अब कुछ आपसे

पूछूंगा भी नहीं और यह आज की अंगूठी मेरी
उंगली में है क्या आप इसे वापस पहनेगी तो

वह कहने लगी नहीं नहीं यह अंगूठी आपके लिए
ही है वैसे भी अंग्रेज लोग जब एक दूसरे से

विवाह करते हैं तो अंगूठियां ही तो बदलते
हैं इसीलिए यह अंगूठी अब आप की है आप इसे

पहने और ध्यान रखें इसे कभी उतारिए नहीं
मेरे पर दादा ने कहा ठीक है आप चिंता मत

कीजिए आप इस बात के लिए परेशान मत होएगा
मैं आपके साथ तब उसने कहा मेरी बस एक आखरी

शर्त है आप मुझसे विवाह तो करेंगे लेकिन
विवाह में एक भी मंत्र नहीं पढ़ा जाए यह

सुनकर मेरे दादाजी आश्चर्य में आ चुके थे
उन्होंने पूछा इसका क्या कारण तो वह कहने

लगी मुझे गंधर्व विवाह ही करना है और कोई
विवाह मैं नहीं करूं मेरी यह शर्त है अगर

आपको मंजूर है तो ठीक वरना मैं इस घर को
छोड़कर चली जाऊंगी यह बात सुनकर अब और भी

ज्यादा आश्चर्य हो चुका था तो गुरुजी यहां
तक मैंने आपको इस भाग के बारे में बताया

है अगले भाग में मैं आपको इसके आगे के
विषय में बताऊंगी आपका विशेष रूप से

धन्यवाद मेरे इस वीडियो को प्रकाशित करने
के लिए तो यह था आज का इनका अनुभव अगर

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मंगलमय हो जय मां पराशक्ति

नवरात्री में चुड़ैल का घर आना सच्ची घटना भाग 3

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