नाभि दर्शना अप्सरा साधना अनुभव
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम एक ऐसे अनुभव को लेने जा रहे हैं जो कि एक अप्सरा से संबंधित है और उस अप्सरा का नाम है। नाभि दर्शना अप्सरा यह अप्सरा साधना बहुत ही छोटी मानी जाती है। इसलिए इसे करने के लिए अधिकतर लोग लालायित रहते हैं तो चलिए पढ़ते हैं। साधक महोदय के पत्र को और जानते हैं। क्या अनुभव उनके साथ इस साधना के दौरान घटित हुआ था?
ईमेल पत्र-गुरुदेव प्रणाम गुरुदेव मैं आपको आज मेरे द्वारा किया गया नाभि दर्शना अप्सरा का एक दिवसीय साधना अनुभव भेज रहा हूं। यह अनुभव बड़ा ही विचित्र अनुभव है। मैं इसकी पूरी जिम्मेदारी लेता हूं कि मेरा यह अनुभव किसी और जगह प्रकाशित नहीं होगा। गुरुदेव मेरी उम्र 17 वर्ष है। मेरा नाम सोनू आचार्य है। मैं उड़ीसा के बोलन गिरी से रहने वाला हूं। गुरुदेव यह बात है 26 नवंबर की सुबह की। उस समय मैं यूट्यूब चला रहा था और आपके ही नाभि दर्शना अप्सरा साधना का वीडियो मैंने देखा और मुझको इसे करने की बहुत इच्छा हुई तो मैं मार्केट में जा कर एक गुलाब का इत्र खरीद कर ले आया। बाकी सारा सामान मेरे पास उपलब्ध था और एक बात गुरुदेव मैं बहुत सारे तंत्र शास्त्रों का अध्ययन किया हूं जिसकी वजह से मुझे तंत्र के ऊपर कॉफी नॉलेज है तो गुरुदेव मैंने। इसकी शुरुआत शुक्रवार की रात 6:30 बजे से शुरू कि आपने उस वीडियो में बताया था कि अप्सरा यंत्र के सामने ही जाप करना है, लेकिन मेरे पास अप्सरा यंत्र नहीं था। मैंने पढ़ा था कि अगर किसी शक्ति का यंत्र आपके पास ना हो तो आप अष्टदल पद्म के ऊपर चावल की ढेरी बनाकर उसके ऊपर सुपारी रखकर उस शक्ति का आवाहन कर सकते हैं। तो इस विधि से मैंने उस अप्सरा का आवाहन किया। पहले मैंने संकल्प लिया। उसके बाद गणपति पूजन और जप गुरु पूजन और जप करके अप्सरा पूजन को शुरू किया, अप्सरा पूजन से पहले मैंने उसका आवाहन किया। फिर उसको स्थापित करके बाद में मंत्रों से पूजन किया और भोग भी दिया। सबसे से पहले मैंने जब अप्सरा का अंग पूजन किया और फिर जाप शुरू किया था। गुरुदेव मेरे पास इस स्फटिक माला नहीं थी तो यह भी तंत्र शास्त्र में देखने को मिलता है कि अगर आपके पास किसी भी शक्ति की माला उपलब्ध नहीं हो पाती है तो आप रुद्राक्ष की माला से उसका जाप कर सकते हैं तो मैंने भी ऐसा ही किया। मेरे पास एक रुद्राक्ष का संस्कारित माला पड़ा हुआ था तो मैंने उससे जाप करना शुरू कर दिया। गुरुदेव मैं जो नाभि दर्शना अप्सरा का मंत्र दिया गया है जो कि कुछ इस प्रकार से है। ॐ ह्रीं श्रीं नाभि दर्शना अप्सरा प्रत्यक्षं ह्रीं श्रीं फट स्वाहा l मैंने इस मंत्र का 21 माला जाप किया और नाभि दर्शना अप्सरा को मित्र रूप में प्राप्त करने की इच्छा प्रकट की थी। गुरुदेव मुझको तकरीबन 4 घंटे लगे। इस साधना को कंप्लीट करने में साधना के दौरान मुझको कोई भी अनुभव नहीं हुआ। लेकिन गुरुदेव जब भी मैं ध्यान लगाने की कोशिश करता तो मुझको बार-बार भूत, प्रेत पिशाच आदि दिखने लगते थे। साधना खत्म होने के बाद मैंने विधिवत। विधि से उसे यंत्र को मंत्र के माध्यम से विसर्जित किया। और उसके बाद खाना खाकर सो गया। सोने के बाद गुरुदेव मुझे बड़े ही विचित्र स्वप्न आए। वह स्वप्न कुछ इस प्रकार से है। पहले गुरुदेव मैंने देखा कि मैं जिस माता चंडिका की प्राण प्रतिष्ठित मूर्ति की पूजा करता हूं, उस मूर्ति को मैंने गोद में ले रखा है। और मैं माता को नहला रहा हूं। माता के गले में नर मुंडो की माला है। इसके बाद स्वप्न बदल गया और मैं देख रहा हूं कि एक गणपति! जिनकी सफेद मार्बल की एक मूर्ति है। और उन्हें भी मैं शंख से नहला रहा हूं। उसके बाद फिर सपना बदला और मैंने देखा कि मेरे ऊपर माता की सवारी आई है और मेरे गले में गुड़हल के फूल की माला है और मैं एक पुरुष और महिला को तलवार से मार रहा हूं। फिर मैंने देखा कि बहुत सारे लोग मुझको गाड़ी में बैठाकर बाजा बजाते हुए शिव मंदिर लेकर जा रहे हैं। मेरे हाथ में बड़े-बड़े त्रिशूल है। फिर मैंने देखा कि मैं एक शिव मंदिर के अंदर हूं और मैं जा रहा हूं कि हमारे इधर की क्षेत्र देव की मूर्ति उधर है। वह मुझको देखे जा रही है। फिर थोड़ा और आगे गया तो देखा कि एक पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति है और मूर्ति के नीचे का पादुका भी रखी हुई है। इस प्रकार और आगे देखता हूं कि बड़े-बड़े जगन्नाथ जी की मूर्ति को अपने साथ प्लेन में लेकर कहीं जा रहा हूं। इसके बाद वह सपना टूट गया। गुरुदेव इससे पहले मुझको कभी इतने विचित्र सपने नहीं आए थे। कृपया बताएं कि यह सब क्या था। अगर आप इस अनुभव को पब्लिक करना चाहते हैं तो आप कर सकते हैं। मुझे कोई समस्या नहीं है। गुरुदेव आपसे एक प्रश्न भी है। आज्ञा भी लेना चाहता हूं। प्रश्न यह है कि कि क्या मैं यह योग्य साधक हूं। अप्सरा साधना के लिए और क्या मैं आगे चलकर अप्सरा की सिद्धि कर सकता हूं। इसके लिए गुरुदेव आज्ञा दें। गुरुदेव मुझको गुरु मंत्र साधना में बहुत सारे अनुभव हुए हैं। जैसे सहस्त्रार चक्र में आप के दर्शन होना गुरु मंत्र से दसमहाविद्या सिद्धि का गुप्त विधि प्राप्त होना। स्वप्न में कई सारे शिवलिंग और पराशक्ति के दर्शन होना इस प्रकार। अगर आपकी आज्ञा हो तो मैं सारे अनुभव आपको लिखकर बताना चाहूंगा तो इसके ऊपर आप कृपया रिप्लाई दीजिएगा। गुरुदेव अगर लिखने में कोई भूल हो गई हो तो हमको क्षमा कीजिए। जय श्री चंडिका।
संदेश-तो देखिए यहां पर इनको जो अनुभव हुए हैं, उसके संबंध में बात करते हैं। अप्सरा तक पहुंचने से पहले कई सारे भूत प्रेत और अन्य शक्तियों के स्वरूप के विभिन्न प्रकार के दर्शन इन्हें इस साधना के दौरान हो गए क्योंकि एक तो रुद्राक्ष की माला का इस्तेमाल किया गया और साधना भी अगर लंबी चलती तो उस शक्ति तक स्पष्ट रूप से पहुंचती ऐसा हो नहीं पाया। माता की कृपा से उनके लोक और भगवान शिव की पूजा करने वाले विभिन्न लोकों से होकर आत्मा गुजरी जो सपने के माध्यम से दिख रहा है। इसलिए यह सब अनुभव ही है लेकिन अप्सरा तक पहुंचे बिना ही विभिन्न प्रकार के यह अनुभव हो रहे थे। अगर लगातार साधना की जाएगी तो अवश्य ही अप्सरा से संबंधित अनुभव भी होते। लेकिन? रही बात आपकी अप्सरा साधना करने की तो आप अवश्य ही कोई उत्तम अप्सरा की साधना भविष्य में करिएगा जो कम से कम 21 दिन से ऊपर की ही हो। क्योंकि अप्सराये 1 दिन में सिद्ध नहीं होती हैं। भले ही उनकी विधि बताई गई हो। तब भी क्योंकि कोई भी अप्सरा। आपके जीवन में तभी उतरती है जब वह आपका पूरी तरह से चयन कर लेती है। आपकी साधना से आपकी ह्रदय की सोच से। और समय परिस्थिति और काल देखते हुए ही वह आपके जीवन में प्रवेश करती है। इसीलिए जितने दिनों की साधना लिखी होती है, कभी भी उतने दिनों में बहुत ही कम लोगों को सिद्ध हो पाती है। इसी कारण कई साधक साधना भी छोड़ देते हैं। वैसे अगर सत्य बात कही जाए तो कोई भी अप्सरा अगर साधारण साधक है तो 1 वर्ष से पहले सिद्ध उससे नहीं हो पाएगी। मैं यहां पर उसकी प्रत्यक्ष सिद्धि की बात कर रहा हूं। अनुभव तो एक रात की साधना में भी होने लगता है। लेकिन उसको आपके जैसा बनने या आपको उसके जैसा बनने में काफी समय लग जाता है। इसके अलावा जैसे आपको सहस्त्रार चक्र में मेरे दर्शन हुए। दसमहाविद्या गुप्त विधि मिलना बहुत सारे शिवलिंग देखना यह सारे गुरु मंत्र की शक्ति के प्रभाव है और इस कारण से निश्चित रूप से आपके अंदर इतनी सामर्थ्य आ चुकी है कि अप्सरा यक्षिणी योगिनी इत्यादि शक्तियां आप अवश्य ही अपनी साधना के माध्यम से सिद्ध कर सकते हैं और यह बड़ी ही सरलता से हो जाएगा। क्योंकि जो बड़ी शक्तियों की उपासना करता है उसके अंदर इतनी ऊर्जा पहले ही भरी होती है कि वह! साधारण माया में नहीं फंसता है और जो साधना वह करता है उसकी सत्यता और उस शक्ति की क्षमता तभी आपके जीवन में प्रवेश करने की बनती है। जब आप स्वयं अपनी साधना के द्वारा उसको शक्ति प्रदान करते हैं। साधारण अप्सरा तो? उस व्यक्ति के सामने आने में भी डर जाएंगी। कि कहीं याह मुझे गुस्से में भस्म ना कर दे? इसलिए शक्तिशाली अप्सराओं की साधना कीजिए और! उनके अनुभव आपको अवश्य होंगे और बाद में उनकी पूर्ण सिद्धि भी जरूर मिलेगी। जो लोग भी गुरु मंत्र के साधक हैं जैसे कि आप! …..तो यह था इनका अप्सरा संबंधी एक सत्य अनुभव। अगर आपको यह वीडियो पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद। |
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