### **ब्लॉग पोस्ट शीर्षक:** *पितृ दोष की मुक्ति – दुर्गा सप्तशती के पाठ से छुटकारा*
**नमस्कार दोस्तों**,
धर्म रहस्य चैनल में आपका फिर से स्वागत है। आज हम एक साधक के अनुभव को साझा करेंगे, जिन्होंने अपनी पहचान गुप्त रखते हुए हमें यह अनुभव ईमेल के माध्यम से भेजा है। इसमें हम जानेंगे कि पितृ दोष क्या होता है, यह कैसे परिवार में समस्याएँ लाता है, और आखिरकार कैसे दुर्गा सप्तशती के पाठ से उनकी मुक्ति हुई।
### **कहानी की शुरुआत**
साधक का कहना है, “नमस्ते गुरुजी, सबसे पहले मैं आपका दिल से धन्यवाद करता हूँ, क्योंकि आप आध्यात्म और तंत्र मंत्र से जुड़ी विभिन्न रहस्यमयी बातें सरलता से बताते हैं। मैंने पिछले तीन वर्षों से आपके वीडियो देखे हैं, और अब मैं आपको अपने जीवन में घटी एक सच्ची घटना बताना चाहता हूँ।”
### **पिताजी की शराब की लत और परिवार पर प्रभाव**
साधक ने बताया कि उनके पिता एक अकाउंटेंट थे, लेकिन शराब की लत ने उनका जीवन तबाह कर दिया था। इस लत ने उनके परिवार को भी गहरे संकट में डाल दिया। शराब के नशे में वह घर में झगड़ा करते, मारपीट तक करते थे। एक बार उन्होंने साधक को उठाकर फेंक दिया, जिससे हल्की चोट भी आई। उनकी शराब की लत के कारण घर में अशांति और क्लेश बढ़ते गए।
### **दुर्घटना और मृत्यु**
लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व एक दिन, उनके पिता ने अत्यधिक शराब पी ली और घर लौटते समय उनका भयानक एक्सीडेंट हो गया। दुर्घटना इतनी गंभीर थी कि उनके चेहरे की पहचान भी मुश्किल हो गई। जहां उनका एक्सीडेंट हुआ, वहाँ से श्मशान घाट दिखाई दे रहा था। इस घटना ने परिवार को भीतर तक हिला दिया।
### **परिवार में बढ़ती समस्याएँ**
पिता की मृत्यु के बाद, परिवार में अजीब घटनाएँ घटने लगीं। बड़ी बहन को एक काला साया दिखने लगा, और वह गंभीर रूप से बीमार पड़ गई। छोटी बहन को भी एक बार छत से गिरने पर गंभीर चोट आई, जब उसने काले साये को देखा। इसके बाद, साधक की माँ के साथ भी एक दुर्घटना हुई, जब उन्होंने भी काले साये को देखा और ध्यान भटकने के कारण स्कूटर से गिर गईं।
### **पितृ दोष का पता चलना**
परिवार को लगातार हो रही इन घटनाओं के बाद, उन्होंने दुर्गा मंदिर के पंडित जी से संपर्क किया। पंडित जी ने नारियल से पूरे घर का चक्कर लगाकर बताया कि घर में पितृ दोष है, और यह किसी पूर्वज या आत्मा के कारण हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह आत्मा परिवार को लगातार कष्ट दे रही है और मुक्ति न मिलने पर किसी अन्य व्यक्ति को भी अपने साथ ले जा सकती है।
### **दुर्गा सप्तशती का पाठ और मुक्ति**
पंडित जी ने परिवार को बताया कि इस पितृ दोष को समाप्त करने के लिए पितृ पक्ष में विशेष पूजा और साधना करनी होगी। परिवार ने इस उपाय को स्वीकार किया और दुर्गा सप्तशती के पाठ, मंत्र जाप और हवन का आयोजन किया गया। नौ दिनों की साधना के बाद, साधक की माँ ने सपने में अपने पति को देखा, जो उनसे माफी मांग रहे थे और कह रहे थे कि वह अब हमेशा के लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुर्गा सप्तशती के पाठ और साधना ने उन्हें मुक्ति दिलाई है।
### **परिवार में शांति की वापसी**
पंडित जी ने परिवार को बताया कि अब पितृ दोष समाप्त हो गया है और आत्मा को मुक्ति मिल गई है। इसके बाद परिवार में धीरे-धीरे सब कुछ सामान्य हो गया। बड़ी बहन की शादी हो गई, छोटी बहन बीटेक करके नौकरी कर रही है, और साधक को भी एक अच्छी नौकरी मिल गई। परिवार में सुख-शांति लौट आई है।
### **सीख और निष्कर्ष**
यह कहानी बताती है कि पितृ दोष कैसे परिवार को प्रभावित कर सकता है और कैसे दुर्गा सप्तशती के पाठ और साधना से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है। आत्माओं को शांति देने के लिए नियमित पूजा और ध्यान महत्वपूर्ण है। साधक ने अंत में कहा, “गुरुजी, हम आपके आभारी हैं और भविष्य में गुरु दीक्षा लेने का विचार कर रहे हैं। आशा है कि मेरा यह अनुभव आपके चैनल के दर्शकों के लिए उपयोगी साबित होगा।”
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**आशा करते हैं कि आपको यह ब्लॉग पोस्ट पसंद आया होगा। अगर आपके परिवार में भी ऐसी कोई समस्या है, तो सही समय पर उचित उपाय करने से बचाव संभव है। जय माँ पराशक्ति!**
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