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पीर बजरंगी की साधना

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है बहुत सारे दर्शकों की बहुत समय से मांग थी कि पीर के रूप में बजरंगबली की साधना कैसे की जाती है क्योंकि कुछ मुस्लिम भाई हनुमान जी की सिद्धि करना चाहते हैं पीर के रूप में हनुमान जी की सिद्धि होती है यह सत्य बात है उनका एक मंत्र है अगर आप उसकी सिद्धि कर करें तो आपको बजरंगी की सिद्धि मिलती है उसके साथ साथ कोई भी काम संपन्न कराने की शक्ति होती है क्योंकि यह साधना हनुमान जी की ही है पर पीर बजरंगी पीर के रूप में तो इसको पीर बजरंगी की साधना पीर हनुमान की साधना के नाम से जाना जाता है ।

उसी साधना के बारे में मैं आपको बता रहा हूं इस साधना के लिए आपको। अपने गुरु से प्रार्थना करनी है कि कोई भी जो भी आपके गुरु हो उनसे प्रार्थना करे की मैं यह साधना करने जा रहा हूं उसके बाद भगवान रामचंद्र से प्रार्थना करिए कि जो आपके सबसे बड़े पीर है जो आपके सबसे बड़े सेवक हैं मैं उनकी साधना करने जा रहा हूं ।कहीं पर भी खड़े हो जाइए और आंख बंद करके मन ही मन भगवान श्री राम से कहीए  कि मैं यहां पीर बजरंगी की साधना करने जा रहा हूं आप मुझे इसमें सफलता प्रदान करें और भगवान हनुमान को आज्ञा दीजिए कि वह पीर के रूप में  हमसे सिद्ध हो और हमारे जीवन में  पीर  रुप मे  कृपाा बनाए रखें ।

यह हिंदू मुस्लिम पद्धति की साधना है साधु संयासी और पीर फकीरो ने भी इस मंत्र को सिद्ध किया और बड़ी-बड़ी सिद्धियां प्राप्त की हनुमान जी को जो भी कार्य सौंपा जाता था वह निश्चित रूप से सफल जाता था तो यह पीर के रूप में प्रचलित विद्या है और हजारों साल से है तो आज मैं आपको बता रहा हूं कि या साधना कैसे की जाती है ।तो सबसे पहले आपको कैलेंडर निकाल ले या किसी से पूछ ले  कि सूर्यग्रहण या चंद्र ग्रहण कब पड़ रहा है ।

तो चंद्रग्रहण या सूर्य ग्रहण में आपको इस मंत्र की एक किस माला का जाप रोज करना है तो उसको कितना करना है इसमें थोड़ा समय लग जाता है क्योंकि यह एक लंबी साधना होती है लेकिन इसकी सिद्धि बहुत ही ताकतवर है और यह निश्चित रूप से आपको सफल बनाती है निश्चित रूप से यह साधना तांत्रिको लिए फलदाई मानी जाती क्योंकि जो भी काम करवाने के लिए तांत्रिक के पास लोग  आते  हैं तो वो सारे काम हनुमान जी कर देते हैं ।तांत्रिको के पास जो भी व्यक्ति जिस भी काम के लिए आया होता है आपको बस हनुमान जी से कहना होता है और हनुमान जी वह सारे कार्य सिद्ध कर देते  हैं ।

इसके लिए आप कलेंडर में देख लीजिए कि ग्रहण काल कब पड़ रहा है उस दिन से अगले ग्रहण काल तक हो सकता है 15 दिन में पड़ जाए या हो सकता है एक महीने 15 दिन या साल भर में पड़े तो आपको अगले ग्रहण काल तक साधना करनी होगी, ग्रहण  काल में ही आपकी साधना की समाप्ति होनी चाहिए । साधना के बाद भी आप को 108 मंत्र  रोज जाप करनी होगी ताकि आप की साधना की सिद्धि बनी रहे और आपको हर समय हनुमान जी के नियमावली के अनुसार सिद्धि रहे । अगर आप मुस्लिम है तू उनका यंत्र रख लीजिए हिंदू है तो  मूर्ति रख सकते है और उसके आगे बैठकर आप  साधना करेंगे अब आपके पास आसन लाल कंबल का लेना होगा और माला मूंगे की या तो रुद्राक्ष की ले लीजिए आप अपनी तर्जनी ऊगली और  मध्यमा उंगली पर आपको माला फेरनी है इस प्रकार आपको यह जाप करना है समय आपका रात्रि के 9:00 बजे के बाद का स्थान एकांत रखिए जहां कोई आता जाता ना अगर घर पर कर रहे हैं तो कमरा बंद करके रखिए साधना काल उस कमरे में किसी का भी प्रवेश वर्जित रखें ।

अगर आपको लंबे समय तक साधना करनी है तो आप ऐसा कर सकते हैं कि कि बार-बार बाहर जाना संभव नहीं होता तो ऐसी स्थिति में आप अपने घर में ही एक छोटा सा ही कमरा बना लीजिए उसके बाहर एक दरवाजा बना लीजिए आप साधना के समय वहां गए और साधना के बाद वहां ताला मार दीजिए, यह साधारण पूजा की तरह नहीं होती इसमें अन्य  किसी व्यक्ति का प्रवेश कमरे में वर्जित होता है, क्योंकि इसमें तांत्रिक साधना होती हैं इसलिए दूसरे व्यक्ति को प्रवेश वर्जित कर देना चाहिए तो इस तरह से आप साधना शुरू कर सकते हैं, जैसा कि मैंने आपको बताया कि आप एक ग्रहण काल से चाहे चंद्र ग्रहण पड़े या सूर्यग्रहण तब  से ही साधना शुरू करनी है तो मान लिया कि आप कहते हो कि ग्रहण ऐसे समय  समय में पड़े जब दिन हो या रात हो उस समय आप शुरू कर सकते हैं ।

साधना रात्रि के 9:00 बजे के बाद बैठकर आपको साधना शुरू करनी है हो सकता है 4:00 बज जाए  या दिन में 12:00 बजे पढ़ जाए पर आपको शुरू ग्रहण काल से ही  करना है  हनुमान जी की साधना में आपको बाए  हाथ में एक लोटा लेना है जलसे भरा हुआ और दाहिने हाथ में उस लोटे के  जल को  गिराना है और संकल्प लेना है कि मैं इस ग्रहण काल से आपकी साधना करने का संकल्प लेता हूं और  एक दिन भी साधना में नागा नहीं करूंगा ।क्योंकि साधनाओं को बीच में नहीं छोड़ा जाता यह आपके संकल्प लेना है और हनुमान जी से कहना है की आप मुझे अपनी सिद्धि प्रदान करें ऐसा कहकर हाथ का जल भूमि  पर छोड़ देना  एक बार अगर आपने संकल्प ले लिया तो आपको साधना पूरी करनी ही है जैसा कि कुछ लोगों का कहना होता है कि माला के  जाप दौरान मे  उनकी माला टूट जाती है  तो इसका मतलब देवता ने आपकी पूजा स्वीकारी ही नहीं करी तो आपको गुरु से आज्ञा लेकर की कुछ ना कुछ गलत हो रहा है भाग्य साथ नहीं दे रहा है ।

फिर से साधना शूरू करनी ही होगी तो माला टूट जाने पर आपको फिर से साधना शुरु करनी चाहिए बीज से ही उसको पूरा करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए  फिर से गुरु से आज्ञा लेकर साधना शुरू कर देनी चाहिए सारी कमियों को दूर करते हुए  तो इस प्रकार इस मंत्र की साधना करेंगे  इसके बाद आप 108 बार मंत्र पढ़कर किसी के काम के लिए  हनुमान जी को कहेंगे तो हनुमान जी निश्चित  रुप से आपका वह कार्य कर देगे  इसमें एक विशेष बात है कि अगर आप इसमें हवन करेंगे तो आपकी शक्ति  बढ़ती जाएंगी वैसे शाबर मंत्र में हवन की आवश्यकता नहीं होती  मगर आप हवन करेंगे तो आपकी शक्तियां बढ़ती जाएंगी तो इस मँत्र प्रकार से साधना करनी है  तो अब मैं आपको इसका मंत्र बता देता हूं कि वह किस प्रकार है
मँत्र:    ॐ हु़ं पीर बजरंगी राम लक्ष्मण के संगी । जहा जहा जाए फतह के डंके बजाए  ।।           दुहाई माता अंजनी कि आन।।।। 

यह है वह मंत्र जिसका आपको जाप करना है हनुमान जी के सारे नियमों का पालन करते हुए करे हनुमान जी की साधना में ब्रहमचर्य बहुत आवश्यकता है क्योंकि हनुमान जी  स्वयं ब्रहमचारी हैं जो हनुमान जी की साधना करना चाहते हैं वह अपने ब्रहमचर्य की शक्ति को प्रबल बनाए । ब्रहमचर्य में आपके मन में बिल्कुल भी गंदे विचार नहीं आनी चाहिए और फोन में भी गंदी चीजें ना देखें,  इन चीजों का ध्यान रखें, तभी हनुमान जी के साधना करिए नहीं तो इन चीजों में  सफलता नहीं मिलती नुकसान हो जाता है इस साधना में क्रोध बहुत आता है इसलिए क्रोध पर नियंत्रण रखें क्योंकि हनुमान जी की साधना में व्यक्ति को गुस्सा आता ही आता है निश्चित रूप से क्योंकि इसमें हनुमंत तत्व अग्नि तत्व आपमे प्रभावशाली होगा तो आपको गुस्सा बहुत आयेगा अगर अग्नि दिमाग में चढ़ेगी तो निश्चित रूप से क्रोध आएगा तो इस तरह के भावों से सदैव बचते रहना चाहिए । हनुमान जी की साधना में यह आवश्यक है क्योंकि मैं बता चुका हूं  भैरव जी, हनुमान जी, काली माता जी प्रत्यक्ष है इनका प्रत्यक्षीकरण कर सकते हैं  सपने में तो करेंगे ही और अगर आपने अपनी साधना को उच्च कोटि तक पहुंचा दिया तो आपको  साक्षात भी उनके दर्शन होंगे  साधना के दौरान किसी का गलत मत सोचिए मानसिक वाचिक कार्मिक तौर पर किसी भी प्रकार से नहीं मन को बिल्कुल शांत रखिए क्योंकि क्रोध के वजह से आप अपने साधना को भी बिगाड़ सकते हैं और सफलता भी नहीं मिलेगी तो इस बात का ध्यान रखकर कि आप साधना  करिए तो मैंने आपको  बता दिया कि साधना कैसे करनी है धन्यवाद।।

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