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प्राचीन लुप्त कामाख्या अप्सरा साधना

प्राचीन लुप्त कामाख्या अप्सरा साधना

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम लोग एक ऐसी साधना के बारे में ज्ञान प्राप्त करेंगे जो बहुत ही गोपनीय है। यह साधना है माता कामाख्या की सबसे सुंदर अप्सरा की जो उनकी सेवा में तत्पर रहती है। माता कामाख्या की सेवा में यूं तो हजारों योगनिया और विभिन्न प्रकार की देवी शक्तियां उपस्थित रहती है किंतु। यह बात कम लोग ही जानते हैं कि उनकी सेविका शक्ति एक अप्सरा भी है जिसे उनके ही नाम से कामाख्या अप्सरा जाना जाता है यह एक ऐसी अत्यंत ही सुंदर देवी लोक में रहने वाली अप्सरा है जिसकी साधना करके बहुत ही शक्तिशाली बना जा सकता है इनकी साधना से व्यक्ति गंधर्व के समान सुंदर और स्त्रियां अप्सरा के जैसा सुंदर स्वरूप प्राप्त कर सकती हैं वहीं आकर्षण की। विभिन्न प्रकार की शक्तियां उस व्यक्ति में आने लगती हैं। वह बहुत अधिक तेजस्वी बन जाता है इसके अलावा। जो भी इच्छा अप्सरा से प्रकट की जाती है उसे वह अप्सरा अवश्य ही पूर्ण कर देती है। यह अप्सरा गोपनीय है इसलिए इसका नाम! सभी के लिए वर्णित नहीं किया जाता है और कहते हैं जिस पर इस अप्सरा की मेहरबानी हो जाए। वह स्वयं भी माता कामाख्या का भक्त बन जाता है और माता कामाख्या सदैव उस पर प्रसन्न रहती हैं। क्योंकि इस अप्सरा की साधना में माता कामाख्या का पूजन भी शामिल है।

इस? के विषय में जानने से पहले आपको यह बात जाननी होगी कि? इसका प्रादुर्भाव कैसे हुआ था? जैसे कि हम जानते हैं कि माता सती के बहुत सारे अंग कट करके जब गिरे तो उसमें योनि भाग जिस क्षेत्र में गिरा था उसे हम कामाख्या शक्तिपीठ के नाम से जानते हैं।इसीलिए यहां! माता विराजमान है। और यह स्थान जहां योनि और गर्भ गिरा था एक विशिष्ट स्थान यानी गुवाहाटी से करीब 8 किलोमीटर दूर कामाख्या मंदिर नीलांचल पर्वत पर स्थित है। इसी स्थान पर अगर साधना की जाए तो कई गुना प्रभाव देखने को मिलता है किंतु! अप्सरा की साधना कहीं भी की जा सकती है। नरकासुर जब एक बार देवी पर मोहित हो गया और विवाह की शर्त रखी तब देवी ने उसके साथ छल करके। जिस जगह को वह बनवाना चाहता था, वह बना नहीं पाया। और फिर जिस मुर्गे के कारण नरकासुर!की बलि अधूरी रह गई और भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया। इसके बाद की कथा में ही इस अप्सरा का वर्णन आता है। कहते हैं नरकासुर की मृत्यु के बाद उसका पुत्र भगदत्त  कामरूप का राजा बना।

तब उस दौरान भगदत्त ने देवी की आराधना शुरू की जब वह साधना कर रहा था तब! क्योंकि उसके पिता के पाप के कारण उसकी सत्ता और शक्ति नष्ट हो चुकी थी और वह देवी को प्रसन्न करने के लिए।तप करना चाहता था तब उसी के दरबार में रहने वाले एक तांत्रिक ने उसे देवी के गुप्त स्वरूप के विषय में बताया और कहा, उनकी एक गोपनीय साधना आप अवश्य कीजिए। तब भगदत्त ने देवी माता कामाख्या की उपासना शुरू की। 1 दिन साधना करते वक्त अचानक से ही देवी स्वरूप वहां पर अपनी शक्तियों के साथ अपने मंदिर में आया था तब उनके साथ एक अप्सरा भी आई। और जब देवी के स्वरूप वापस अपने लोक को लौट गए तो वह अप्सरा वही पूजा करती रह गई। और तभी राजा भगदत्त की नजर उस अप्सरा पर पड़ी। वह इतनी अधिक सुंदर थी कि भगदत्त  ने उसे पत्नी बनाने की इच्छा। मन ही मन धारण कर ली। लेकिन वह यह बात जानता था कि पिता नरकासुर की गलती से नरकासुर की मृत्यु हो गई थी और अब अगर वह यह गलती करेगा तो उसे जीवन में कुछ भी हासिल नहीं होगा। इसलिए उसने माता कामाख्या की पूजा को तांत्रिक विधि से करने और उस अप्सरा का नाम पता करने की कोशिश की। वह उस अप्सरा के पास पहुंचे और उससे बात की उसे प्रणाम किया और कहा मैं यहां! देवी मां की भक्ति कर रहा हूं किंतु किसी से प्रेम करना शुरू कर दिया है। उसे प्राप्त करने के लिए मैं क्या करूं तब उस अप्सरा ने उसे वह विधि सिखाई, जिससे वह किसी को भी अपने वश में कर सकता था। किंतु भगदत्त  ने उस अप्सरा को कहा, तुम्हारा नाम क्या है तब उसने कहा, मैं तो अपनी माता की पुत्री हूं। मेरा नाम भी अभी तक रखा नहीं गया है। मुझे आप? कामाख्या अप्सरा कह सकते हो। इस प्रकार भगदत्त  ने वह तंत्र प्रयोग इस अप्सरा पर कर दिया। अप्सरा वशीकृत हो गई।

तब अप्सरा ने साक्षात अपनी शक्तियों के साथ उससे सिद्ध होकर कहा कि यद्यपि तुमने। माता की आराधना की है किंतु तुम्हारा उद्देश्य भटक गया। इसीलिए मैं तुम्हारे साथ जीवन भर तो नहीं रहूंगी किंतु तुम्हें अपनी सिद्धि प्रदान करती हूं। तुम्हारे पिता के समस्त पाप! तुम्हें भागने नहीं पड़ेंगे और अब मैं तुम्हें कामरूप का राजा बना देती हूं, किंतु स्त्रियों के लालसा में मत फसना वरना तुम्हारा वंश लुप्त हो जाएगा और छोटे-छोटे भागों में बांट जाएगा। कहते हैं भगदत्त  के पास विभिन्न प्रकार की सिद्धियां इसी अप्सरा के कारण मौजूद रही थी और इसी अप्सरा की साधना करने से उसके अंदर विभिन्न प्रकार की गोपनीय सिद्धियां जो माता कामाख्या के पीठ में रहने वाले। कुछ तांत्रिकों को ही मालूम है। स्वता ही उसे प्राप्त हो गई थी। इसीलिए इस अप्सरा की साधना करने वाला साधक माता कामाख्या की गुप्त सिद्धियों के विषय में भी जान जाता है। इसके अलावा इस अप्सरा को जब सिद्ध कर इससे कोई भी इच्छा प्रकट की जाती है तो वह बात सीधे माता कामाख्या तक पहुंच जाती है। इसीलिए इसकी साधना से माता कामाख्या भी प्रसन्न हो जाती है। इसी कारण से इसकी साधना हर कोई व्यक्ति करना चाहता है क्योंकि जिस पर माता कामाख्या की कृपा हो जाए। उसका जीवन समस्त सुखों से भर जाता है। उसके जीवन में कोई कमी नहीं रहती।

इस प्रकार इस अप्सरा को सिद्ध करके आप बड़े से बड़ा कार्य कर सकते हैं। यह अप्सरा बहुत अधिक शक्तिशाली है क्योंकि यह देवी मां की सेवा में उन्हीं के लोक में विराजमान रहती है। इसके विषय में बहुत ही कम केवल गुरु शिष्य परंपरा में अथवा कुछ विशिष्ट तांत्रिकों को ही इसका ज्ञान है। इसकी साधना कैसे की जाएगी। इसके संबंध में मैंने पीडीएफ बनाकर इंस्टामोजो पर डाल दिया है। अगर आप लोग इसकी साधना घर पर करना चाहते हैं तो अवश्य ही कर सकते हैं। किंतु जिस भी कमरे में इस अप्सरा की साधना करना चाहे वहाँ साधना काल के दौरान किसी का भी प्रवेश वर्जित रखें। साधना करने के बाद उसी स्थान पर सो जाएं और इस प्रकार पूरे साधना काल में पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करें। इस दौरान झूठ बोलना किसी भी प्रकार से पाप करना बिल्कुल मना है क्योंकि यह सौम्य और सात्विक अप्सरा है। इसीलिए याद रखें आप साधना के दौरान ना कोई पाप करें और ना ही कोई अवांछनीय कार्य करें तभी यह सिद्ध होगी लेकिन यह किसी भी अप्सरा से अधिक शक्तिशाली है। क्योंकि? यह स्वर्ग की अप्सरा नहीं है बल्कि देवी मां की सेवा में रहने वाली अप्सरा है। अगर आप इस साधना को करना चाहते हैं तो मैंने वीडियो के डिस्क्रिप्शन में लिंक दे दिया है। वहां से क्लिक करके आप इंस्टामोजो में जाकर इसे खरीद सकते हैं और इस गोपनीय साधना के द्वारा अपना और सभी का भला कर सकते हैं तो अगर आज का वीडियो आपको पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।

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