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प्रेत शक्ति और हनुमान भक्ति भाग 4

गुरुजी प्रणाम, गुरुजी प्रेत शक्ति और हनुमान भक्ति का चौथा भाग … पूजा करने के दौरान लड़का बेहोश होने के पश्चात घर के सभी सदस्य हाथ जोड़ कर रोते हुए भगवान हनुमान जी से प्रार्थना करने लगे कि भगवान लडके को होश में लाओ और आपकी पूजा अर्चना करने दो कभी हम लोग हनुमान जी की फोटो से प्रार्थना करते और कभी हम कांगड़ा वाली माता(वजरेश्वरी माता) से प्रार्थना करते(गुरुजी हमारे परिवार में हमारे दादाजी के जमाने से कांगड़े वाली माता की पूजा होती है मेरी मां बताती है कि मेरे दादाजी माता कांगड़ा के भगत थे और वे जो लोग माता कांगड़ा की जात को जाते थे अर्थात दर्शन करने को जाते थे उनके यहां जागरण (रत जगा) बजाने व उनको कांगड़ा स्थित माता के दर्शन कराने का कार्य करते थे) करते लगभग 10 मिनट पश्चात लड़के को होश आया तब कहीं जाकर सब की जान में जान आयी फिर हमने उसके आस पास खड़े होकर उसकी पूजा संपन्न कराई, गुरुजी जिस दिन मेरे दामाद लड़के को बालाजी धाम ले गए थे उसी दिन से घर में मांस, लहसुन, प्याज और सरसों के तेल का प्रयोग खाना बनाने में बंद कर दिया था जो कि आज तक बंद है और मेरे से भी शराब छोड़ने या घर से बाहर पी कर आने और अपने ही कमरे में रहने को घर में बोल दिया था..ख़ासतौर पर शराब पी कर लड़के के पास न आने को बोल दिया था और छोटे लड़के को सख्त मनाही थी कि वो घर में बाहर से मांस खा कर नहीं आए, गुरुजी एक कमरा हमारा दूसरे कमरे से अटैच था अर्थात उसका दरवाजा एक दूसरे कमरे में खुलता था इस कमरे में मैं और मेरी मां, छोटा लड़का और बड़ी लड़की सोने लगे और अंदर वाले कमरे में कमरा खोल कर छोटी पुत्री व पत्नी बड़े पुत्र के साथ सोने लगी, शाम को बड़ी मुश्किल से लड़के की पूजा पूर्ण कराकर मैं भी शराब पीने के पश्चात खाना खा कर सोने लगा मोबाइल में छोटी लड़की ने हनुमानजी का सुंदर काण्ड चला दिया(गुरुजी मोबाइल में सुंदर काण्ड या हनुमानजी का अन्य कोई भजन रोज चलने लगा था जो कि आज भी कोई ना कोई भजन पूरी रात मेरे मोबाइल में या लड़के के मोबाइल में चलता रहता है) गुरुजी रात के करीब 1 बाजा था कि मेरी नींद अचानक खुल गई और मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे हाथ पैर जाम हो गए हों और आवाज भी निकलनी बंद हो गई मैं काफी कोशिश कर रहा था चिल्लाने की किन्तु चिल्ला नहीं पा रहा था काफी कोशिश करने के पश्चात बड़ी मुश्किल से मेरे पास ही दूसरी खाट (बेड) पर सो रही मां की तरफ हाथ बढ़ाने लगा और इसी कोशिश में मेरी चीख निकल गई मेरी आवाज सुनकर सभी उठ कर डर गए पूछने लगे की क्या हुआ मैंने कहा कुछ नहीं सपना देखा था(अगर में सच बताता तो पता नहीं बच्चे सो भी पाते या नहीं इसी लिए मैंने झूठ बोल दिया कि सपना देखा था)गुरुजी ऐसा ही दोबारा एक घंटे बाद हुआ जब में सो गया था इस बार भी वही एहसास हुआ जैसे कोई मेरे दिमाग को अपने कब्जे में करना चाहता है ठीक उसी तरह में फिर चिल्ला उठा इस बार सभी के दिल में खोफ पैदा हो गया और पूरी रात कोई नहीं सो पाया, इसी तरह करीब 20 दिन हो गए, लड़के को बड़ी मुश्किल से खड़े हो कर पूजा करवाते कभी इधर गिरता कभी उधर गिरता कभी पूजा का दीपक अपने आप भुझ जाता, कभी छोटी लड़की सोते हुए डर जाती तो कभी और कोई डर जाता सभी 40 दिन पूरे होने की कामना करते की जल्द से जल्द ये बालाजी के 40 दिन पूरे हो जाए और दोबारा हनुमानजी के दर्शन करने के लिए बालाजी धाम जाए और इसके पश्चात लड़का पूर्ण रूप से ठीक हो जाए, अब लड़के की सेहत धीरे 2 गिरने लगी थी क्योंकि 2 – 2 और 3 – 3 दिन वह बेहोश रहने लगा था खाना पीना सब छूट गया था बड़ी मुश्किल से उसको चाय और खाना देते किन्तु वह थोड़ा खा पी कर बेहोश हो जाता हम लोग सभी तरह के जतन कर रहे थे कभी कांगड़ा वाली माता की मूर्ति लड़के को दिखाते और कभी हनुमानजी की मूर्ति लड़के को दिखाते की तथा अन्य देवी देवताओं की मूर्ति दिखा कर लड़के को सही करने की प्रार्थना करते और कभी सभी उन मूर्तियों के सामने रोने लगते किन्तु किसी भी देवी देवता का दिल नहीं पसीजा शायद इस लिए की हमने कभी इससे पूर्व उनको याद नहीं किया था, किसी ने शायद इसी लिए और ऐसे ही समय के लिए कहा था कि “दुख में सुमिरन सब करे सुख में करे ना कोई, सुख में सुमिरन करे तो दुख काहे को होय” गुरुजी मैं सारे दिन यूटयूब पर सर्च करता रहता कि भूत प्रेत केसे हटाए जाते है किसी ने भजन बताया होता, किसी ने अपने मंत्र को मोबाइल में चलाना तो किसी ने लोबान कि धूनी जलाने तो किसी ने गूगल की सब करता किन्तु सब बेकार था सब लोगों को बेवकूफ बनाकर अपना 2 उल्लू सीधा कर रहे थे मैं उस दिन को कोस रहा था कि क्यों गया था शादी में शामिल होने ना जाता और ना ही ये दिन देखने पड़ते फिर खुद ही अपने दिल को तसल्ली दे लेता की होनी को कौन टाल सकता है, फिर एक दिन मैंने अपने चाचा के लड़के अर्थात अपने भाई को अपनी परेशानी बताई तो उसने पास के ही हाथमाबाद गांव चलने को कहा उसने बताया कि उस गांव में चाचा और भतीजा दोनों भूत प्रेत उतारने का काम करते है इनमें जो भतीजा है वह अच्छा काम करता है मैंने एक दो दिन में चलने को उसको बोल दिया, शनिवार का सुबह का समय था और लड़के को आज तीसरा दिन था बेहोश हुए और बिना कुछ खाए पिए, यहां तक कि इन बुरी आत्माओं ने उसको चाय भी नहीं पीने दी थी मैंने सोचा अगर इसको इसी तरह खाना नहीं मिला तो यह तो मर जाएगा फिर मैंने अपनी पत्नी को जल्दी तैयार होकर शनिदेव मंदिर चलने को कहा और मैं भी जल्दी तेयार होने लगा, शनिदेव मंदिर पहुंच कर बड़ी मुश्किल से लड़के को मंदिर के अंदर ले गया जब लड़का घर से चला था बेहोश था और अब भी उसे होश नहीं आया था मंदिर में पहुंच कर लड़के को एक जगह बैठा कर मैं मंदिर में दीपक जला कर मन ही मन शनिदेव से प्रार्थना करने लगा कि भगवान लड़के को सही कर दो कुछ देर तो लड़का उसी बेहोशी की हालत में बैठा रहा फिर जोर 2 से चिल्ला कर कहने लगा “मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता” बार 2 उसके ऐसा ही कहने और जोर 2 से चिल्लाने से नाराज मंदिर के पुजारी ने थोड़ी सी भभूत दे कर उसे घर ले जा कर वहीं पर प्रार्थना करने को कहा ऐसा होते देख मंदिर में बैठे कुछ श्रद्धालुओं ने पुजारी से कहा कि बच्चे की ज्यादा तबियत खराब है इसी के कारण तो इस बच्चे के मां बाप इसको यहां ले कर आएं हैं और आप इनको वापस जाने के लिए बोल रहे हो उन श्रद्धालुओं की ऐसी बातें सुनकर मंदिर का पुजारी चुप हो गया, कुछ समय मंदिर में रुकने के पश्चात मैंने अपने चाचा के लड़के से फोन पर हाथमाबाद गांव चलने को कहा जहां पर उसने चाचा और भतीजे द्वारा भूत प्रेत उतारने के बारे में बताया था, मैं उसको लेकर पत्नी के साथ अपनी गाड़ी से हात्माबाद गांव पहुंच कर मैंने अपने लड़के को उस मुस्लिम मौलवी के क्लिनिक पर बैठा कर अपना नंबर आने का इंतजार करने लगा करीब 4 घंटे बाद नंबर आने के पश्चात मौलवी का कंपाउंडर आकर लड़के को देखने लगा, लड़का उसको देखते ही जोर 2 से चिल्लाकर कहने लगा मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता इतना कहते ही वह कंपाउंडर अपने पैर की चप्पल निकाल कर उसको दिखाकर बोला “साले चुप बैठ जा नहीं तो तुझ में अभी बाजा बजा दूंगा”, इतना सुनते ही वह आत्मा शांत हो गई फिर मेरे से कंपाउंडर बोला कि यह आप का लड़का है मैंने हां में जवाब देकर पूछा क्या हुआ तो वह बोला यह कितने दिन से नहाया नहीं है तब मैंने उसे बताया कि सुबह ही नहाया है तो वह कहने लगा इसके शरीर में से काफी बदबू आ रही है शायद कोई बहुत बड़ी बुरी आत्मा है या कोई जिन्न मैंने उससे कहा कि यह यहां पर ठीक तो हो जाएगा तो वह तसल्ली देकर बोला यहां आकर बुरी से बुरी आत्मा, जिन्न भाग जाते हैं आप यह कुछ सामान बराबर वाली दुकान से ले कर अजाओ, मैं फौरन उसके पर्चे को लेकर उस दुकान पर जाकर 4 नीबू, 4 अंड, 400 ग्राम पीली सरसों और अन्य चीजें लेकर उसको दे दी उसके बाद वह कंपाउंडर अपने मोलवी को बुलाकर ले आया, मौलवी को देखकर लड़का फिर से जोर 2 चिल्लाने लगा कि मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता.इतना कहते ही वह मौलवी अपने कंपाउंडर से बोला जरा मेरा डंडा अंदर जो रखा है उसे ले कर आ इसका इलाज तो बाद में करूंगा पहले इसको डंडे का मज़ा चखा देता हूं इतना सुनते ही लड़के के अंदर बैठी आत्मा एकदम शांत बैठ गई l फिर वह मौलवी उर्दू में कुछ पढ़ता रहा फिर पढ़ते हुए एक एक करके अंडे और निबू बाहर खेत में फेंकता रहा अंत में लड़का बहुत ही जोर 2 से जय श्रीराम, जय श्रीराम कहने लगा इतना सुनते ही उस मौलवी ने लड़के के बाल पकड़ लिए और कहने लगा “साले अब तुझे श्रीराम याद आ रहा है” इतना सुनते ही मैं घबरा गया कहीं ये बालाजी के दूत तो नहीं हैं फिर 2 मिनट बाद लड़के को होश आया और ऐसे देख कर सोचने लगा कि वो कहां है और क्या हुआ है फिर मौलवी ने लड़के का नाम ले कर पूछने लगा अब ठीक है उसने हां में सर हिला कर बोला में ठीक हूं, मैंने भी उससे पूछा अब ठीक है वह तो उसने हां में उत्तर देकर अपने कपड़ों पर गिरी पीली सरसों को हटाने लगा उसको ऐसा करते छोड़ में खुशी 2 मौलवी के कमरे में गया, उनको उनकी फीस आदि देकर और धन्यवाद देकर जब में चलने लगा तो मौलवी साहब कहने लगे कि अब आपका लडका ठीक है अब इसको दोबारा 2 दिन बाद अर्थात सोमवार को सुबह 2 घर पर झाड़ू लगा कर घर के अंदर की निकली धूल को किसी पिन्नी में रख और सवा किलो पीली सरसों ले कर आ जाना, जाते हुए उन्होंने अपना मोबाइल नंबर और उर्दू में लिखी 3 – 3 अलग लिखी पड़चियों को दिखा कर बोले कि ये दो तरह की पर्चियां हैं एक पर्ची को एक गिलास के पानी में डालकर सुबह शाम लडके को पिलाना है और दूसरी पर्ची से सुबह शाम लडके के सर पर मलकर घर के बाहर जला देना इंशा अल्लाह लडका पूरी तरह ठीक हो जाएगा, इसके पश्चात में पत्नी और लड़के को बीच वाली सीट पर बिठा और भाई को अपने बराबर वाली सीट पर बिठा कर वापस घर को चलने लगे जब तक अंधेरा हो चुका था, मैं अपने भाई से बोला कि मोलवी साहब तो बहुत ही अच्छे है इन्होंने तो जरा सी देर में ही लड़के के अन्दर बैठे सारे भूत प्रेत निकाल कर भगा दिए भाई कहने लगा कि में तो पहले ही आप से कह रहा था कि लड़के को मेरे साथ ले कर चलो पर आप ही नहीं माने और बालाजी ले कर चले गए यही सब बातें करते हुए हम लोग मुश्किल से 4 किलोमीटर ही चले होंगे कि लड़का अपने दोनो हाथों से ताली बजा कर हसने लगा मैंने अपनी गाड़ी साइड में लगा कर देखा तो लड़के के अन्दर बैठी वह आत्मा मेरे को देख कर हसने लगी, मैं अपना दोनो हाथों से सर पकड़ कर वहीं सड़क पर बैठ गया.और सोचने लगा कि साला सुबह से कुछ खाया पिया नहीं और ऊपर से ये दोबारा आ कर परेशान करने लगा “अब क्या होगा” तभी मेरा भाई मेरे से बोला भाई दोबारा उस मोलवी के पास चलते हैं और जाकर बताते हैं कि ये तो दोबारा आ गया मैंने उसकी हां में हां मिला कर वापस गाड़ी उस मोलवी की तरफ मोड़ दी, जाकर हमने उसको सारी बात बताई यह सुनकर वह मोलवी बोला कि यह प्रेत पुराना है और धीरे 2 ही जाएगा आप सोमवार को दोबारा लड़के के साथ आओ, गुरुजी अब में आपको क्या बताऊं कि घर वापस आ कर मेरे पर क्या बीत रही थी और केसे 2 ख्याल मन में आ रहे थे.

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