माता वैष्णो देवी कथा और साधना
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है दर्शकों की मांग पर और नवरात्रि के शुभ अवसर आने के लिए। माता से संबंधित बहुत सारी साधनाओ को साधक महोदय लोग करना चाहते हैं। ऐसे में माता वैष्णो देवी की कोई गोपनीय साधना हो। इसके विषय में बहुत सारे साधकों ने पूछा था तो आज मैं माता वैष्णो देवी के बारे में आप लोगों को बताऊंगा और साथ ही साथ उनकी साधना के विषय में पीडीएफ़ भी उपलब्ध करवाऊंगा और जिसे आप इंस्टामोजो से जाकर खरीद सकते हैं इसका लिंक वीडियो के डिस्क्रिप्शन में आपको मिल जाएगा तो सबसे पहले जानते हैं इस मंदिर के रहस्य और कथा के विषय में। वैष्णो देवी विश्व प्रसिद्ध माता का एक प्राचीन मंदिर है जो कि जम्मू कश्मीर में कटरा नगर के समीप की पहाड़ियों पर स्थित है। इन पहाड़ियों को हम त्रिकुटा पहाड़ी भी कहते हैं। यहीं पर लगभग 5200 फीट की ऊंचाई पर मां का मंदिर है। यह कहा जाता है कि? भारत में वेंकटेश्वर मंदिर के बाद सबसे ज्यादा धार्मिक तीर्थ यात्रा यहां की लोग करते हैं। त्रिकुटा की पहाड़ियों में माता की स्वयंभू तीन प्रकार की पिंडी मूर्तियां स्थापित हैं, जिसमें देवी माता काली दाहिने तरफ, माता सरस्वती, बाई तरफ और माता लक्ष्मी मध्य में विराजित मानी जाती है। इन तीनों को ही सम्मिलित रूप से माता वैष्णो देवी कहा जाता है। इस पवित्र गुफा की लंबाई लगभग 98 फीट है और इस गुफा में एक बड़ा चबूतरा बना हुआ है। इसी चबूतरे पर माता का स्थान है जहां देवी त्रिकुटा अपनी माताओं के साथ विराजमान मानी जाती है। यहीं से पास में भैरव जी की पूजा का स्थल है जहां पर भैरव जी का सिर जाकर गिरा था। वहीं पर भैरवनाथ मंदिर आज स्थित है। कटरा से वैष्णो देवी की अगर आप यात्रा करते हैं। लगभग 13 किलोमीटर की पैदल यात्रा है और भैरव मंदिर लगभग साढे 14 किलोमीटर पड़ता है। इस संबंध में जो कहानी आती है वह इस प्रकार से है। एक भक्त थे देवी मां के, जिन्हें श्रीधर के नाम से जाना जाता है। 700 वर्ष पहले कटरा से कुछ दूरी पर स्थित हंसाली गांव में मां वैष्णो देवी के परम भक्त श्रीधर पंडित रहा करते थे। वह निसंतान और बेहद गरीब थे। लेकिन उनको किसी ने यह कहा कि वह अगर माता की आराधना और भंडारा करें तो उन्हें संतान की भी प्राप्ति होगी और उनके जीवन के सारे कष्ट भी मिट जाएंगे। लेकिन वह इतने अधिक गरीब थे कि उनके लिए यह करना संभव नहीं था। लेकिन उन्हें माता ने स्वप्न में दर्शन देकर कहा कि तुम भंडारा रखो, बाकी प्रबंध में कर दूंगी। श्रीधर स्वप्न को सत्य समझ कर सभी गांव वालों को प्रसाद ग्रहण करने का न्योता देकर आ गए। सभी के घर में जा जाकर उन्हें बताने लगे। लेकिन लोग अब भंडारे के लिए उनकी मदद करने को तैयार नहीं थे। इतने बड़े संख्या में लोगों का वहां आना शुरू हो गया। ऐसे में अब उनके पास खाने और खिलाने के लिए कुछ भी नहीं था। इतने में वह अपनी परेशानियों से ऐसे घिरे कि वह झोपड़ी के बाहर आकर पूजा करने बैठ गए। दोपहर तक मेहमानों का आना भी शुरू हो गया। श्रीधर को पूजा करते देख सभी लोग भी वहीं पर बैठ गए। अब श्रीधर की कुटिया के अंदर लोग जाने लगे और इधर श्रीधर रोते हुए माता से प्रार्थना कर रहे थे कि समाज में उनकी बड़ी भारी बेज्जती हो जाएगी क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में उन्होंने लोगों को बुला लिया है और उनके पास खिलाने के लिए कुछ भी नहीं है। लेकिन लोग उनकी कुटिया के भीतर जाते गए और वहां वह छोटी सी कुटिया एक विशाल नगर के बराबर बड़ी होती चली गई। वहां पर एक छोटी लड़की। सब को भोजन करवाने लगी। इस बात की खबर भैरव नाथ नाम के एक तांत्रिक व्यक्ति को भी लगी जो की तंत्र विद्या में बहुत अधिक निपुण था। सभी को उस कन्या ने भोजन सात्विक ही करवाया, लेकिन वह भैरव उस लड़की को देखकर समझ गए कि यह कोई साधारण लड़की नहीं है। और उन्होंने उससे मांस और मदिरा की बात कही। तब देवी ने कहा कि वह केवल सात्विक भोजन देती हैं। तामसिक भोजन नहीं दे सकती। पूरे लोगों को भंडारा कराने के बाद जब सभी श्रीधर के पास पहुंचे तो श्रीधर! को धन्यवाद कहने लगे, श्रीधर को विश्वास नहीं हुआ। उन्होंने अंदर जाकर देखा तो सभी लोग बड़े चाव से भोजन कर चुके थे। उन सभी ने श्रीधर को धन्यवाद दिया और वह छोटी लड़की उन्हें जाती हुयी दिखी उन्होंने फिर उस लड़की का पीछा किया। वह समझ गए थे कि यह कोई देवी ही है। और उनकी तलाश करते हुए उनके पीछे-पीछे हर जगह उन्हें ढूंढने लगे तब उन्हें माता की गुफा मिली। और वहां पर उन्होंने उनका पूजन शुरू कर दिया। वहीं पर उन्हें माता के दर्शन हुए और तभी से यह यात्रा शुरू हो गई और सभी लोग पूर्ण पिंडियों के दर्शन के लिए वहां सदैव जाते रहे। इधर यह सुंदर कन्या! को देखकर भैरवनाथ इसे प्राप्त करने की इच्छा से। इन्हें पकड़ने के लिए दौड़ने लगा क्योंकि वह यह बात जानता था। यह कोई साधारण कन्या नहीं है। यह दिव्य शक्तियों की स्वामिनी है। अगर इसकी सारी शक्तियां मिल जाए तो और बड़ा तांत्रिक मैं बन सकता हूं। और अगर यह देवी है तो भी मेरा कल्याण अवश्य ही हो जाएगा। यह कन्या वायु रूप में बदलकर त्रिकुटा पर्वत की ओर उड़ चली। भैरवनाथ भी तंत्र शक्ति से उड़ते हुए उसके पीछे भागे। यह माना जाता है कि तब वहां माता की सेवा में माता की रक्षा के लिए पवन पुत्र हनुमान पहुंच गए। हनुमान जी को जब प्यास लगी तब माता ने उनके आग्रह पर धनुष से पहाड़ पर बाण चलाकर जलधारा निकाली और जब हनुमान जी। जल पी रहे थे तब उसके बाद देवी ने वहां अपने केस धोये उस जगह एक गुफा में प्रवेश कर 9 महीने तक तपस्या की जब हनुमान जी वहां बाहर पहरा दे रहे थे। फिर भैरवनाथ वहां आ गए तब भैरवनाथ और हनुमान जी में काफी दिनों तक युद्ध चलता रहा। जिस गुफा में माता ने साधना की थी उसे अर्धकुमारी या गर्भ जून गुफा कहा जाता है। यहां के दर्शन भी साधक अवश्य ही करते हैं। माता की चरण पादुका भी वह स्थान है जहां से माता ने मुड़कर भैरवनाथ को देखा था और उनके चरण चिन्ह बन गए थे। इस प्रकार हनुमान जी और भैरव जी का युद्ध चलता ही रहा। 9 महीने पूरे होने के बाद देवी वैष्णवी स्वरूप त्याग कर महाकाली का रूप लिया और उस गुफा से बाहर आकर भैरवनाथ का वध कर दिया। तब भैरवनाथ को अपनी भूल का पश्चाताप हुआ और उन्होंने मां से क्षमा मांगी। माता वैष्णो चाहती थी कि भैरव उनके पीछे केवल इसीलिए आया था ताकि वह सदैव के लिए मोक्ष प्राप्त कर जाए। तब माता ने उसे क्षमा करते हुए यह वरदान दिया कि मेरे दर्शन तब तक पूरे नहीं माने जाएंगे। जब तक तुम्हारे दर्शन साधक नहीं करेगा और सदैव आज से तुम मेरी सेवा में रहोगे। इस प्रकार माता की सेवा में जहां एक और हनुमान जी हैं वहीं दूसरी ओर भैरव है। इस प्रकार माता वैष्णो देवी की यात्रा कई सौ वर्षों से चली आ रही है और यह इतना सिद्ध स्थान है कि मैंने भी स्वयं यहां की यात्रा की है और यहां के चमत्कार अनुभव किए हैं जिनको मैं कभी आपको वीडियो बना कर प्रस्तुत करूंगा। और यहां पर सच्चे मन से मांगी गई हर प्रार्थना माता पूरी करती हैं। अब माता की साधना के विषय में जो विधान है वह आप इस वीडियो के नीचे डिस्क्रिप्शन बॉक्स में जाकर। वहां से क्लिक करके इंस्टामोजो से खरीद सकते हैं और माता को नवरात्रि के दिनों में साधना करके प्रसन्न कर सकते हैं और 9 दिन की इनकी एक सरल साधना। की जा सकती है।तो यह था माता के संबंध में। और उनकी यात्रा के विषय में एक वर्णन अगर आज का वीडियो आपको पसंद आया है। लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद। |
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