बजरंग बाण पाठ का अनुभव
गुरु जी को मेरा कोटि-कोटि प्रणाम आपके धर्म रहस्य चैनल के बहुत सारे वीडियो देखता रहता हूं। आप सभी के मार्गदर्शन भी देते हैं। बिना कोई लालच करके यह बात मुझे बहुत पसंद आई है। इसलिए मेरा अनुभव आपको शेयर करने के लिए मेरे प्रभु के द्वारा आज मैं आपको भेज रहा हूं। जय श्री राम। मेरा नाम संतोष पर वीडियो में ना बोलिए प्लीज और मैं ओड़िसा में रहता हूं। मैं छोटा हनुमान जी का भक्त हूं और मैं बचपन से पूजा पाठ में इतना कुछ खास कर इंटरेस्ट नहीं था। बाहर में बहुत ज्यादा नॉनवेज खाता था। फिर जैसे मेरी उम्र बढ़ती जा रही है। धीरे-धीरे नॉनवेज डे वाइस डे खा रहा था। यह सब तो मेरी बीती हुई बात है। गुरु जी पिछले साल मुझे एक पंडित को मैंने कहा था कि मैं बहुत मुसीबत में फंस गया हूं। करीब 3000000 का कर्जा में फस गया कृपया मेरा।
भाग्य देखकर कुछ निवारण कीजिए। बोलकर कहा था तो उन्होंने मेरी कुंडली में ऐसा कुछ खराब नहीं है सिर्फ तुम्हारा! आठवीं में मंगल है, तुम एक काम करो। बोलकर पंडित जी ने कहा कि तुम अर्गला स्त्रोतम पढ़ना शुरू करो। नवरात्रि से संकल्प लेकर करो बोलकर तो मैंने नियम ब्रह्मचर्य का पालन करके प्रतिदिन सात सात बार पढ़ता था तो उसमें कुछ अनुभव नहीं हुआ पर मैं बहुत गुटखा खाता था। उस नवरात्रि से गुटखा खाना छोड़ दिया था, परंतु कुछ यूट्यूब के वीडियो देखकर विचार करने लगा कि क्यों संकट से बचने के लिए संकट मोचन महाबली हनुमान को ही विवश करूं। क्यों ना क्योंकि मेरी प्रॉब्लम है। वह मुझे इस संकट से मुक्ति दिला सकती है। फिर बोलकर बजरंग बाण पढ़ना शुरू किया परंतु कब से करूं, कैसे करूं बोलकर कुछ सोच रहा था। फिर मैंने हनुमान जी के मंदिर में जाकर उन पंडित जी को मिला। 41 दिन तक सुबह और शाम 21-21 बार बजरंग बाण का पाठ करने के लिए मंदिर में पंडित जी के द्वारा संकल्प लेकर शुरू किया तो वह भी हनुमान जयंती से अप्रैल 14 संक्रांति से आज 25 है। मतलब 11 दिन कंप्लीट हुआ है। 12 दिन चल रहा है। पूजा की विधि में पहले लाल पुष्प धूप, दीप और भोग चंदन कर बजरंगबली को और श्री राम के सामने बैठकर पहले मैं गणेश जी के मंत्र ओम गन गणपतए नमः एक माला कर रहा हूं। और मेरे कुल देवी के मंत्र एक माला जप कर रहा हूं और शिव जी के पंचाक्षरी मंत्र की एक माला जप कर रहा हूं। पांच माला श्री राम जी के ओम राम रामायण नमः का मंत्र जाप कर रहा हूं और एक माला ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय नमः का एक माला जप कर रहा हूं। फिर हनुमान चालीसा एक बार पढ़ता हूं और फिर मैं 21 बार बजरंग बाण का पाठ करता हूं। 21 बार कंप्लीट होने के बाद फिर एक।
माला चालीसा पढ़ता हूं और पांच माला ॐ राम रामाय के बाद एक माला शिवजी के पंचाक्षरी मंत्र को पढ़ता हूं। पहले दो-तीन दिन तक कुछ खास अनुभव नहीं हुए। फिर 4 से 5 दिन के बाद एक सुंदर लड़की की छवि दिखी जैसे वह मुझसे शारीरिक रूप से खुश कर देने जैसे के लिए आई हो। उस समय जय श्री राम बोला, फिर वह दिखाई नहीं दी। अगले तीन रात के समय में सोने के बाद एक लड़की का कुछ ऐसी चीजें दिखाई दी। जिस प्रकार सभी पुरुष अट्रैक्शन में खींच ले उससे भी कहीं ज्यादा अट्रैक्शन लड़कियों के पास थी और वह दिखाई थी। परंतु जब मुझे वैसे सपने आते थे। मैं सिर्फ एक बार जय श्री राम नाम बोलना था और वह सपना फिर से नहीं आता पर आठवें दिन और 9 दिन तक याद नहीं रहता था। गुरु जी मुझे रात के सपने में दोनों लड़कियां एक दूसरे से संबंध या सेक्स करती हुई और स्वप्न में दिखती थी। पर एक्चुअल में कंट्रोल से बाहर आकर उन दोनों लड़कियों के पास जाने लगा। जब मैं करीब करीब पहुंच ही रहा था कि तभी मेरा वीर्य जैसा आरंभ होता है उसी तरह होने लगा। मैं जानता हूं, आप समझ गए होंगे गुरुजी तभी उस वक्त मुझे ऐसा फील हुआ कि मैं कहां जा रहा हूं, नहीं, ऐसे नहीं। फिर मैं दोनों के पास जा नही जा सकता। इसलिए जय श्री राम जय श्री राम बोल दिया और फिर टॉयलेट को चला गया और देखा कि निकला तो नहीं है लेकिन फिर भी ऐसी नकारात्मक शक्तिया मेरे कार्य करने से मुझे रोक रहे हैं।
जय श्री राम फिर मैंने नहा धोकर पूजा विधि क्या मतलब 25 अप्रैल को मतलब 12 दिन मैंने पूजा में बैठा किया और फिर पूरी तरह से उस दिन? बना था। इसका मतलब क्या है, गुरु जी और मेरे पूजा विधि ठीक से चल रहा है या फिर पूजा विधि कैसे करना चाहिए। कृपया करके मुझे मार्गदर्शन कीजिए। गुरु जी मैं जो कर्जे में डूबा हूं, क्या मैं बच सकता हूं। क्या जैसे मेरे 21 दिन हो गए। वैसे ही मेरा दूसरा अनुभव दूंगा। जय श्री राम सभी का आशीर्वाद रहे और। मेरे! राम का आशीर्वाद भी सब पर बना रहे जय श्री राम, एक सवाल पूछना चाहता हूं। सिर्फ ज्ञान के उद्देश्य के लिए क्या हम सब जो भी संकल्प लेते हैं जो साधना करते हैं तो क्या कोई भी इंसान एक साथ दो या फिर तीन साधना कर सकता है क्या ? बुरा मत मानिए का गुरु जी यह मेरा बचपन से ही एक सवाल था। कृपया नाराज ना होकर उत्तर दीजिएगा आपका शिष्य जय श्री राम।
सन्देश- देखिए यहां पर इन्होंने अपने बजरंग बाण पाठ के अनुभव को यहां पर बताया है। इसमें बार-बार इन की कामुकता की परीक्षा ली गई है। इस अनुभव से स्पष्ट होता है लेकिन? इन्होंने जो भी शक्तियां इनके नजदीक आ रही है। विशेष रूप से जिसे हम नकारात्मक चुड़ैल शक्तियां कह सकते हैं, इनके ही परिवार के सदस्यों का रूप लेकर इनका मतिभ्रम करने और मूल रूप से वीर्य नष्ट करने के उद्देश्य से क्योंकि जब भी हम बिना गुरु के कोई मंत्र जाप करते हैं तो ऐसी चीजें आपकी साधना का पूरा फल लेकर भाग सकती हैं। ऐसा ही यहां पर इस मंत्र के दौरान भी हो रहा है। कोई भी मंत्र जाप करें। पहले गुरु से आज्ञा लेने और उनसे मार्गदर्शन ले तो गुरु मंत्र के रूप में उस मंत्र को जब जप किया जाता है तो उसका फल अवश्य ही प्राप्त होता है और कोई शक्ति आपका ऊर्जा वह नष्ट नहीं कर पाती है। अगर आप का वीर्य नष्ट भी हो जाता है तो भी आप के जप का प्रभाव नष्ट नहीं होता है। रहा आपके प्रश्न का उत्तर तो एक साथ दो तीन साधना नहीं की जा सकती है। हां, कृपा प्राप्ति के लिए उस साधना में कुछ चीजों को जोड़ा जा सकता है। जैसे आप ने जोड़ा है।जैसे हनुमान जी के साथ भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र भगवान राम की मंत्र इत्यादि भगवान गणेश के मंत्र यह सहायक रूप में उन सभी देवी देवताओं की उपासना करना कहलाता है। इसमें कल्याण होता है, लेकिन अगर कोई कहे कि मैं एक तरफ बजरंग बाण, एक तरफ माता, काली एक तरफ भैरव जी या फिर कोई योगिनी इत्यादि की पूजा एक ही दिन में करूं तो क्या सफलता मिलेगी तो इसका उत्तर होगा।
बिल्कुल भी नहीं। एक समय में केवल एक मंत्र का असर शरीर के ऊपर रखना चाहिए। जब तक कि व्यक्ति बहुत बड़ा साधक नहीं हो जाता। दो साधना एक साथ नहीं कर सकता, क्योंकि दो उर्जाये एक ही शरीर में विद्यमान और अगर वह एक ही कोटि की है। तब तो कुछ प्रभाव दिखा भी सकती है वरना तो पूरी तरह घालमेल हो जाता है और ऐसा करने वाले साधकों के जीवन में बहुत ज्यादा उथल-पुथल देखने को मिलती है। उन्हें बहुत नुकसान झेलने पड़ते हैं। अगर आप हनुमान जी पर विश्वास रखेंगे तो हर प्रकार से कल्याण करेंगे और कर्जा भी मिटा सकते हैं क्योंकि हनुमान जी से ज्यादा आसुकारी देवता कलयुग में नहीं माने जाते हैं। हनुमानजी हर प्रकार के संकटों को दूर कर देते हैं। राम का नाम लेकर विश्वास सहित अगर आप हनुमान साधना करें तो अवश्य ही लाभ होगा। ऐसा हो ही नहीं सकता कि हनुमान जी आप पर प्रसन्न न हो अपने जाप को खंडित होने से बचाने के लिए आवश्यक से यही बजरंग बाण प्राप्त करना चाहिए ताकि कोई शक्ति आप का जप और तप नष्ट ना कर पाए और अगर इस तरह की कोई बात होती है तो भी आपका जप और तप किसी भी प्रकार से नष्ट ना हो इस बात का आपको ख्याल रखना है।
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