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बुआ ने करवाया काला जादू और दादी की भटकती आत्मा

क्षमा करे गुरु जी, कल 20 मई को मैंने आपको ईमेल किया था, मैंने बाद में चेक किया तो पता लगा कि मेरा भेजा गया कल वाला ईमेल आप तक ठीक से पहुंचा नहीं था, तो आज 21 मई को दोबारा आपको ईमेल भेज रहा हु, गुरु जी मेरा नाम रोहन है, मैं आपका चैनल पिछले कुछ समय से देख रहा हु, तो मेरे मन में आया कि मैं भी आपको अपने जीवन की सत्य घटना लिख कर भेजू, गुरु जी ये सत्य घटना मैं सिर्फ आपके चैनल को लिख कर भेज रहा हु, गुरु जी मेरी भेजी जा रही सत्य घटना में शायद थोड़ा सा 18+ मैटर हो सकता है लेकिन मैं आपको सब कुछ ज्यों का त्यों लिख कर भेजूंगा कुछ छिपाऊंगा नही क्यूं कि ये जरूरी भी है, जो मैने और मेरी मां ने तकलीफ भोगी है वो दूसरे लोग न भोगे,

गुरु जी पहले मैं आपको अपने परिवार के बारे में थोड़ा सा बता दू, मेरे पिताजी उत्तर प्रदेश से है और मेरी मां नेपाल से, दोनो का प्रेम विवाह हुआ था तब उस समय मेरे पिता की आयु 38 वर्ष थी लेकिन मेरी मां उस समय सिर्फ 18 साल की थी, दोनो की आयु में 20 साल का अंतर था, मेरी पिताजी साधारण मध्य वर्गीय परिवार से संबंधित थे लेकिन मेरी मां गरीब परिवार से संबंधित थी, मेरी मां देखने में बहुत ही अत्याधिक सुंदर है लेकिन मेरे पिता के परिवार के लोग इस शादी से नाराज थे, तो मेरे पिता ने मेरी मां से कोर्ट मैरिज कर ली थी, उनकी शादी के 1 साल बाद मेरा जन्म भी हो गया था, मेरी पिता की शादी के बाद मेरी बड़ी बुआ ने कुछ साल हमारे परिवार से बोल चाल बंद रखी, फिर धीरे धीरे आना जाना शुरू हुआ, मेरी दादी हमारे साथ रहती थी लेकिन मेरी मां से उसकी बिलकुल नहीं बनती थी, जब मैं नौंवी कक्षा में था उस साल दादी का देहांत हो गया, अब हम घर में सिर्फ 3 लोग रह गए थे,
गुरु जी, अब मैं आता हु मुख्य बात पर, गुरु जी मैं पिताजी और मां खुशी खुशी जिंदगी जी रहे थे, जब मैं 16 वर्ष का हुआ उस समय मेरी मां की आयु सिर्फ 35 वर्ष थी, वो दिखने में बहुत ही युवा दिखती थी, जान पहचान वाले मजाक में कहते थे कि तुम दोनो मां बेटा नहीं भाई बहन लगते हो, मेरे पिताजी की आयु उस समय 55 वर्ष थी, घर में सब ठीक ही था, अब शुरू होती है मुख्य समस्या की शुरुआत, गुरु जी जब मैं 16 वर्ष का हुआ तो मेरी तबियत अचानक से खराब रहने लगी और लगातार खराब रहने लगी, जिस का असर मेरी पढ़ाई और सेहत पर होना शुरू हुआ, मेरे पढ़ाई में अंक बहुत ही कम आने लगे, पिताजी जी भी गुस्से में रहने लगे, डाक्टर के इलाज से कोई खास फर्क नहीं पड़ रहा था, टेस्ट नॉर्मल बता रहे थे, घर में बिना वजह पिताजी और मां में भी अक्सर झगड़ा रहने लगा, पिताजी अब बाहर से शराब पी कर घर आने लगे और मेरी मां के चरित्र पर भी शक करने लगे, दोनो में झगड़ा इतना बढ़ गया कि दोनों अलग अलग कमरों में सोने लगे, मेरा कमरा ऊपर था मैं वहा अकेला सोता था, 1 रात मुझे बहुत ही अजीब सपना आया, मैने सपने में देखा कि मेरी मां मुझे ले कर किसी बड़ी अजीब सी सुनसान वीरान जगह पर आ गई, वो ऐसी जगह थी जो मैने पहली कभी नहीं देखी थी, बड़ा अजीब सा जंगल था, फिर मैने देखा कि मेरी मां निर्वस्त्र हो गई और मुझे कहा कि मेरे कपड़ों का ध्यान रखना ये बोल कर मेरी मां जंगल के और अंदर अंधेरे में चली गई और वापिस नही आई, मैं उनके कपड़ों के पास बहुत देर बैठा रहा और फिर रोने लगा जैसे कि अब वो कभी नहीं आएंगी, फिर मेरा सपना टूट गया, मैं बड़ा हैरान हुआ कि ये कैसा सपना था
1 रात जब मैं अकेला ऊपर कमरे में सो रहा था, तो मुझे पूरी तरह नींद नहीं आई थी बस थोड़ी सुस्ती सी थी, तब मुझे अहसास हुआ कि मेरे कमरे में कोई है, फिर मुझे ऐसी आवाज आई कि कोई व्यक्ति सीटी बजा रहा हो, मैने दूसरी तरफ देखा तो पाया कि सफेद धुएं जैसे आकृति मेरे देखते देखते गायब हो गई, मेरी तो जैसे जान निकलने वाली हो गई, दिल दहल गया मेरा, मैं तुरंत भागा नीचे और मम्मी के कमरे में जा कर सो गया, फिर मैने अकेला सोना छोड़ दिया था, मेरी मम्मी को भी ऐसा अहसास होने लगा था कि घर में कुछ है जैसे जब वो बाथरूम में नहाने जाती थी तो कोई उन्हें घूर रहा है, 1 दिन मेरी मम्मी ने पड़ोसन से थोड़ी सी बात कि तो पड़ोसन उन्हें ज्योतिषी के पास ले गई, ज्योतिष ने कहा तुम्हारी ग्रह दशा बुरी चल रही हैं, ये कह कर उसने कोई उपाय बता दिया, मेरे पापा नास्तिक हैं, इसलिए जो उपाय था मैंने और मम्मी ने किया लेकिन उस से फर्क कुछ नही पढ़ा, समस्याएं बढ़ती जा रही थी, इम्तिहान में मैं फेल हो गया था, सेहत भी ठीक नहीं थी, मां पिता जी का झगड़ा ऐसा हुआ कि 1 दिन पिता जी ने मां को थप्पड़ भी मार दिया, मेरा दिल बहुत रोया उस दिन, बहुत उदास रहने लगा था, अब घर घर जैसा नहीं लग रहा था, मैं शाम को घर के पास वाली नदी के किनारे जा कर बैठ जाता था, दोस्तो से मिलना जुलना बिल्कुल छोड़ दिया था
1 दिन किसी के जरिए मुझे और मेरी मम्मी को किसी छोटे मोटे भगत का पता चला, हम दोनो उस से मिले, उस भगत ने मुझसे अकेले में बात की, मैने उसे सपनो के बारे में भी बताया जो मुझे अब अक्सर आने लगे थे, उस भगत ने मुझे बताया कि वो प्रेतनी हैं जो तुम्हारे सपनो में तुम्हारी मम्मी का रूप ले कर आती हैं, फिर उस भगत ने कहा कि मैं करता हु इसका इलाज, गुरु जी समस्या में कोई फर्क नहीं पड़ा, हम उस भगत से 4 बार मिले लेकिन वो समस्या दूर कर न सका, फिर मेरी मम्मी को फेसबुक पर कोई बाबा टाइप आदमी मिल गया, शुरू में तो मम्मी ने उस पर विश्वास किया क्यू कि वो बाबा टाइप आदमी बातें बहुत बड़ी बड़ी करता था, लेकिन उस महाकमीने ने सिर्फ मेरी मम्मी का शोषण ही किया, मैं और मेरी मां उम्मीद छोड़ बैठे थे, जो भी मिलता था सिर्फ और सिर्फ पैसे का लालची या हवस का पुजारी होता था,
लेकिन गुरु जी जब जो होना होता हैं तभी होता है, 1 दिन मेरी 1 दूर की मौसी मेरी मम्मी से मिलने आई, मेरी मम्मी ने उन्हें सारी बातें बताई तो मेरी मौसी ने उन्हें डांटा और कहा ये सब कुछ तूने मुझे पहले क्यू नही बताया, फिर मेरी मौसी बोली कि उन्हें कोई सिद्ध साधिका जानती हैं, गुरु जी मेरे पिताजी नास्तिक हैं, वो इस तरह कि किसी बात पर विश्वास नहीं करते इसलिए मैं मेरी मौसी और मां ने कही घूमने के बहाने उन सिद्ध साधिका से मिलने का कार्यक्रम बनाया, वो सिद्ध साधिका ऐसी जगह रहती थी जहां मैं और मेरी मां पहले कभी नहीं गए थे, वो सिद्ध साधिका किसी गांव से बाहर अकेले रहती थी, वहा उनकी सहायक 3 या 4 महिलाएं और भी थी, वो जगह बहुत ही शांतमयी थी, हमने उन्हें जा कर सारी बात बताई, उन्होंने सारी बात ध्यान से सुनी और कहा कि मुझे 1 बार तुम्हारे घर आना होगा, तब हमने कार्यक्रम बनाया कि जिस दिन पिताजी घर पर नहीं होंगे उस दिन मौसी इन साधिका को ले कर हमारे घर आ जायेंगे, फिर 1 दिन पिताजी दूसरे शहर गए हुए थे, उस दिन दुपहर के वक्त मौसी उन साधिका सहित हमारे घर पहुंच गई, साधिका ने हमारा घर खुद देखा और हमे कहा कि उन्हें 2 घंटे के लिए अकेला छोड़ दिया जाए,
फिर उस रात उन साधिका ने स्नान कर सिर्फ कमर के नीचे 1 सफेद धोती जैसा वस्त्र पहना, कमर से ऊपर वो बिलकुल निर्वस्त्र थी उस समय, वो हमारी तरफ पीठ किए बैठी थी, फिर उन्होंने हमसे बहुत से सवाल किए जिनका जवाब हम उन्हे देते रहे, फिर अंत में उन साधिका ने कहा कि तुम लोगो कि किस्मत अच्छी रही या कोई पुराना पुण्य कर्म सामने आ गया जो तुम लोगो का बहुत अधिक नुकसान नहीं हुआ, तुम लोगो पर बहुत ही गंदा नीच किस्म का कुछ अलग सा काला जादू किया गया था, तुम लोगो के घर में 3 किस्म की नकारात्मक चीज़े थी, हम ये सुन कर डर गए, हमने पूछा किसने किया और क्यू, तब उन साधिका ने बताया कि ये सब तुम्हारी बुआ ने करवाया हैं, ये सुन कर मैं और मेरी मां हैरान रह गए, फिर उन साधिका ने कहा कि जो होना था हो चुका अब घबराओ मत, अब आगे से तुम्हारी बुआ तुम लोगो का कुछ नही बिगाड़ पाएगी, अब भविष्य में अगर तुम्हारा कोई बुरा करेगा तो उसका ही बुरा हो जायेगा, इसके बाद सुबह उन साधिका ने हमारे घर का भी कीलन कर दिया और जाते जाते उन साधिका ने बताया कि तुम्हारी दादी की आत्मा भी तुम्हारे घर में घूम रही थी उसको भी मैंने तुम्हारे घर से विदा कर दिया, फिर मेरी मौसी के साथ वो साधिका चली गई
गुरु जी, उसके बाद हमारे घर का वातावरण पहले जैसा ठीक होना शुरू हो गया, जैसा कि उन साधिका ने बताया था कि अब जो भी तुम्हारा बुरा करेगा उल्टा उसका ही बुरा होगा, मेरी बुआ अपनी घटिया आदत से बाज न आई होगी, उसने फिर से कुछ बुरा करवाने की कोशिश की होगी, फिर इसका खामियाजा उसे ही भुगतना पड़ा, मेरे फूफा की अचानक हृदय गति रुकने से मौत हो गई फिर मेरी बुआ का दामाद अचानक सड़क दुर्घटना में मर गया, उसके बाद पता नही किस बात पर मेरी बुआ के बेटे ने मेरी बुआ को मार पीट कर घर से निकाल दिया, अब मेरी बुआ बीमार हालत में अपनी विधवा बेटी के साथ रह रही है, देर सवेर बुआ को उसकी नीच करनी का फल मिल ही गया, गुरु जी आप अपनी राय भी इस पर जरूर देना वीडियो के जरिए
गुरु जी, अब आप इस सत्य घटना पर जल्दी ही वीडियो बना कर अपने चैनल पर प्रस्तुत करे, वो आप देख ले कि ये घटना 1 ही वीडियो में पूरी आ जाएगी या इसके 2 भाग बनेंगे, कृपया गुरु जी इस घटना को इसी माह मई के अंदर ही प्रकाशित करने की कोशिश करे, गुरू जी मैने बड़ी मेहनत से बहुत समय लगा कर ये ईमेल लिखा है, कृपया आप मुझे मेरा इमेल मिलते ही मुझे छोटा सा मेसेज कर देना, जिस से मैं निश्चिंत हो जाऊंगा कि आप तक मेरा इमेल सही सलामत पहुंच गया क्यू कि कल मेरा पूरा इमेल आप तक सही से पहुंच नही पाया था और गुरू जी मैसेज में ये भी बता देना कि आप कब तक मेरी भेजी हुई सत्य घटना पर वीडियो प्रस्तुत करेंगे,
मेरे ख्याल से वीडियो का शीर्षक ये ही सही रहेगा _बुआ ने करवाया काला जादू और दादी की भटकती आत्मा … नमस्कार गुरुजी
https://youtu.be/OD_o8lzweDw
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