भैरव जी का चमत्कार उखाड़ फेका पीर का मज़ार
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल में आप सभी का एक बार फिर से स्वागत है। आज का यह अनुभव एक साधिका ने भेजा है और उन्होंने इसे प्रकाशित करने के लिए कहा है जिसमें उन्होंने कहा है कि उनके विषय में कोई जानकारी न दी जाए जानते हैं इस अनुभव को और पढ़ते हैं इस अनुभव के विषय में।
प्रणाम गुरुजी मेरा नाम शालिनी है। इसके अतिरिक्त मेरी जगह ईमेल और कथा के अतिरिक्त कोई और जानकारी किसी को भी ना बताइएगा। आपसे इसके लिए प्रार्थना करती हूं। गुरु जी मैंने आपकी वीडियो पिछले तीन चार महीने पहले ही देखनी शुरू की है। आप बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। गुरु जी मेरे भी मन में यह बात आई कि मैं आपको इस विषय में बताउ। यह कहानी खुद मेरी ही दादी की है। जानकारी को छुपाए रखिएगा आप से ऐसी प्रार्थना है कृपया मेरी इस। सत्य घटना को वीडियो बनाकर प्रकाशित करें ताकि लोगों को इससे ज्ञान की प्राप्ति हो। साथ ही आप भगवान काल भैरव जी का कोई भजन भी इस वीडियो में जरूर सुनाइएगा, क्योंकि आप आजकल अच्छे-अच्छे भजन सुनाते हैं।
गुरु जी यह घटना! 1964 की है जब मेरी दादी जी बिल्कुल जवान थी वह भगवान काल भैरव की बहुत बड़ी भक्त मानी जाती थी। उस वक्त यद्यपि स्त्रियों को ज्यादा पूजा पाठ करने बाहर नहीं जाने दिया जाता था। लेकिन फिर भी मेरी दादी जी हमारे घर के बाहर ही कुछ दूरी पर एक छोटा सा काल भैरव मंदिर स्थापित किया गया था। उसे पूजा करती थी। वह मंत्र जाप और जो चीजें भी उन्हें आती थी, वह किया करती थी और उनकी पूजा में हमेशा। काली उड़द के बड़े, बना कर रख कर आती थी और आश्चर्य की बात है कि उसे खाने के लिए कोई ना कोई कुत्ता कहीं से आ ही जाता था। इस प्रकार दादी मान लेती थी कि भगवान काल भैरव ने उनके भोग को ग्रहण कर लिया है क्योंकि कुत्ता उनका वाहन है गुरुजी सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था।
हमारे उस समय उस गांव में पास में ही मुस्लिमों की पूरी एक बस्ती थी। उनके यहां कोई पीर बाबा नाम का व्यक्ति झाड़-फूंक किया करता था। उसके पास काफी भीड़ जमा हो जाती थी। कुछ दिनों बाद उसकी मृत्यु हो जाती है और जब वह मरता है तो उसे सिद्ध बाबा बनाकर उसकी मजार बना दी जाती है। उसकी मजार पर मुसलमान बड़ी संख्या में जाते थे। इसी देखा देखी में हमारे हिंदू परिवारों के लोग भी वहां जाने लगे। कुछ की मनोकामना भी पूरी हुई। इसी वजह से उन पर बड़ा विश्वास किया जाने लगा। वहां के कुछ मौलवी और मुसलमान! कि इस प्रकार शैतान की पूजा करना ठीक नहीं है। आप लोग इस काल भैरव मंदिर को यहां से हटा दीजिए। इसकी वजह से बुरी शक्तियां औरतों और मर्दों को पकड़ लेती हैं, जिनका इलाज पीर बाबा करते रहते हैं, इसलिए इस मंदिर को यहां से हटा देना चाहिए।
लेकिन कोई भी अपने धर्म को वहां से क्यों हटाएगा इसलिए किसी ने भी काल भैरव जी की मूर्ति वहां से नहीं हटाई।
एक दिन। किसी के कहने पर एक औरत जो हमारे ही बगल की पड़ोसी औरत थी। मेरी दादी को मजार पर ले गई और कहा, इनसे कुछ भी मांगो पूरा हो जाता है। मैं एक दो बार मांग कर देख चुकी हूं और फिर मेरी दादी ने भी कुछ मांगा। उनकी मनोकामना पूरी हो गई। वह भी काल भैरव, मंदिर और मजार दोनों पर जाती थी। एक दिन वह मंदिर के पास थी कि तभी उनके पैर को चोट लग गई और पैर में खून आ गया। इसके बाद में मजार पर गई तो वहां के मुस्लिम तांत्रिक ने कहा, यह सब कुछ शैतान की पूजा करने से ही हो रहा है। आप लोग मानते ही नहीं है और परिस्थिति के कारण। ऐसी चीजें तो खूनी ही है। अब आपके पैर को केवल पीर बाबा ही ठीक कर सकते हैं। और इसके लिए आपको यहां 40 दिन तक पूजा करनी चाहिए। उनकी बातों में आकर मेरी दादी जी ने वहां पर 40 दिन तक पूजा की एक रात भर सो रही थी। बहुत जोर से बड़बड़ाने लगी। उनकी तबीयत खराब हो गई। घरवालों ने देखा तो पता चला इनके ऊपर कोई ऊपरी साया है। इनकी हालत खराब हो रही है। आसपास के पंडितों को दिखाया और उन्हें कुछ समझ में नहीं आया।
और जब?
उन्हें पीर की मजार पर ले जाया गया तो फिर वहां पर उनके साथ बहुत मात्रा में झाड़-फूंक इत्यादि किया गया, लेकिन उससे भी वह ठीक नहीं थी और इस प्रकार कई दिनों तक यह चलता रहा। उस वक्त धीरे-धीरे करके गांव की कई औरतें उस पीर बाबा की मजार पर जाने लगी और देखते ही देखते बहुत सारी औरतें दिमागी रूप से बीमार होने लगी। यह सब कुछ बढ़ने लगा था। इधर काल भैरव मंदिर पूरी तरह सुना पड़ा था। वहां कोई भी पूजा करने नहीं जाता था। केवल हमारी दादी ही थी जो वहां जाती थी। वहां पर घास फूस इत्यादि उग गई थी।
धीरे-धीरे मंदिर को छोड़कर सारे के सारे लोग पीर बाबा की मजार पर ही जाने लगे। ऐसे ही काफी दिन बीत गए। मेरी दादी की तबीयत भी धीरे-धीरे बिगड़ती जा रही थी। अब वह अपने पति को भी खुद को छूने नहीं देती थी। यह बात धीरे-धीरे बहुत बढ़ गई और मेरे दादाजी ने कहा, इनको इनके माईके छोड़ आओ। यह औरत यहां रहने के लायक नहीं है। इस प्रकार उन्हें उनकी माईके पहुंचा दिया गया। वहां पर जब इन्हें कई पंडितों को दिखाया गया तो सब ने कहा, इनके ऊपर कोई ऊपरी साया मौजूद है और इसी की वजह से इनका दिमाग पूरी तरह बदल चुका है। वह रात को अचानक से उठ जाती थी और यूं ही रात को बैठकर बड़बड़ाने लगती थी। कभी-कभी वह? चुपके से मांस भी खा लेती थी जबकि हम सभी शाकाहारी ब्राम्हण परिवार से आते हैं। इस प्रकार बहुत दिनों तक ऐसा चलता रहा एक दिन।
दादी के पिताजी!
वहां पर बाहर खड़े थे कि वहां तभी एक तांत्रिक उस जगह से गुजरा वह घर को देख कर रुक गया और मेरे!
दादी के पिताजी से कहने लगा। तुम्हारे घर में मुझे कुछ बुरी आत्माओं का साया नजर आता है। अगर तुम बुरा ना मानो तो मैं क्या तुम्हारे घर में अंदर आ सकता हूं और फिर उसे अंदर लाया गया। जब वह तांत्रिक अंदर आया तो मेरी दादी को देख कर कहने लगा। साया मुझे इसी पर दिखाई पड़ रहा है। कई सारी आत्माओं ने कब्जा कर रखा है। इसका शारीरिक और मानसिक शोषण लगातार कर रही है। यह औरत पूरी तरह पागल होकर मर जाएगी। अगर जल्दी ही आपने कुछ नहीं किया। मेरी दादी के पिता जी ने कहा, आप जो कुछ करना चाहे कीजिए। मैंने इसे कई जगह दिखाया है लेकिन कोई भी लाभ नहीं हो रहा है। आप मेरी मदद कीजिए। उस तांत्रिक ने कहा, मैं इस पर कुछ मंत्रों का प्रयोग करके देखता हूं और उन्होंने उन्हें एक गोल घेरे में बिठाया और मंत्रों का उच्चारण कर पानी के छींटे मारने लगा। तब वह जोर-जोर से चिल्ला कर कहने लगी। यहां से भाग जा। तू यहां पर अपनी ताकत दिखा रहा है। अगर तुझ में दम है तो मेरी जगह पर आकर मुझसे लड़।
मेरी दादी ने चिल्लाते हुए कहा कि उसी स्थान पर जहां पीर के रूप में मैं मौजूद हूं। इस प्रकार तांत्रिक समझ गया। उसने कहा, इनके साथ क्या हुआ था तो मेरी दादी के पिताजी ने उन्हें सारी बात बता दी और कहा कि यह काफी दूर एक गांव में मैंने इसकी शादी की थी।
गांव में जब यह रहती थी तो वहां इसकी उसके पति से नहीं बनी। कुछ लोगों का कहना है कि इस का मानसिक संतुलन बिगड़ गया था।
तांत्रिक ने कहा, मुझे लगता है आपको आधी ही बात ही पता है क्योंकि इसके ऊपर तो मुझे कई सारी आत्माओं का असर नजर आता है। इसलिए मैं आपको सावधान करता हूं। अगर आपने जल्दी ही इसका उपाय नहीं किया तो अगले 40 दिन के अंदर ही इनकी मृत्यु हो सकती है। तब मेरी दादी के पिताजी घबराते हुए कहने लगे, आप ही कोई उपाय कीजिए। तांत्रिक ने कहा, ठीक है। मुझे इसके ससुराल लेकर चलिए जहां यह रहती थी, इसे भी साथ चलना होगा और आप भी अपने परिवार के साथ वहां चलिए। तब सारे लोगों ने यह निर्णय लिया कि तांत्रिक की बात सही है और हमें। इसे इसके ही ससुराल तक पहुंचाना चाहिए। वहां रहकर ही इसका इलाज करवाना चाहिए और जमाई को भी ज्यादा दिनों तक इस प्रकार परेशान नहीं करना चाहिए। तब मेरी दादी के पिताजी मेरी दादी को लेकर परिवार सहित पहुंच गए। वहां पहुंच कर उन्होंने तांत्रिक से पूजा करने को कहा तांत्रिक! अभी पूजा कर ही रहा था कि मेरी दादी उठकर भागते हुए। पीर की मजार पर जाकर बैठ गई और उससे चिपकने लगी। सारे लोग यह देख रहे थे तो वहां के मौलवी लोगों ने पकड़कर उन्हें छुड़ाया। तांत्रिक कहने लगा। इसे मुझे सौप दो और फिर वह उन्हें लेकर घर वापस आ गया। घर आ ही रहा था कि मंदिर के पास मेरी दादी जोर जोर से चिल्लाने लगी।
यह बात तांत्रिक समझ गया तो तांत्रिक मंदिर में ही उन्हें लेकर जाने लगा मेरी दादी! बहुत कोशिश की लेकिन तांत्रिक जबरदस्ती उन्हें मंदिर के अंदर ले गया और वह समझ चुका था। इस जगह से इनका कुछ विशेष संबंध है। मंदिर की उसने साफ सफाई कराई तब तक दादी मंदिर में बैठी हुई चुपचाप सारी बातें जैसे सुन रही हो और शांत हो गई थी। उनके हाथों से काल भैरव की पूजा करवाई गई और उसी दिन चमत्कार घटित हो गया। शाम तक मेरी दादी पूरी तरह ठीक हो चुकी थी।
मेरी दादी को सारा होश आया और उन्हें अपनी सारी बात याद आई की 40 दिन की साधना की वजह से ही पीर का पूरा असर उन पर आ गया और प्रेत आत्माओं ने उनका शारीरिक रूप से और मानसिक रूप से शोषण किया था। इसीलिए उनके साथ ऐसा कर कुछ घटित हुआ। उन्होंने पीर की मजार पर जाने के लिए लोगों को मना करना शुरू कर दिया। इससे वहां के बहुत सारे लोग उनके शत्रु बनने लगे।
उन्हें भला बुरा कहने लगे। तब एक रात उन्होंने बड़ी भयंकर पूजा काल भैरव महाराज की की। सुबह तक लगातार मंत्रों का जाप करती रही और उस रात जो चमत्कार घटित हुआ आज भी लोग बताते हैं। कहते हैं रात के वक्त जब वह बहुत जोर जोर से मंत्रों का उच्चारण कर रही थी तब उसी काल भैरव प्रतिमा से एक काले रंग का इंसान निकला। बड़ी तेजी के साथ उस पीर की मजार की ओर बढ़ा। वहां पर बड़ी जोर से रात को चीख पुकार मच गई। लोगों का कहना है उस रात ऐसा लग रहा था जैसे उस मजार और उसके आस पास बहुत सारी आत्माएं चिल्ला रही है। अजीब अजीब तरह की आवाजें निकल रही थी भयंकर आवाजों के बीच वहां रहने वाले और आसपास के लोग वहां पर सफेद रंग की पोशाक में दौड़ते भागते लोगों को देख रहे थे जिनको कोई काला पुरुष अपने डंडे से पीट रहा था।
पर किसी की हिम्मत नहीं हुई कि उस मजार के आसपास भी जा सके। लोगों ने अपनी आंखों से उस रात भर नजारा देखा था। वहां पर बड़ा भयंकर जैसे कोई युद्ध छिड़ जाता है। ऐसी लड़ाई हो रही थी। उस काले साए में सफेद रंग के वस्त्र पहने बहुत सारे उन भूत प्रेतों को बड़ी ही बुरी तरह मारा और पीटा। गया पर आखिरकार एक बड़ी तेज आवाज विस्फ़ोट के साथ आवाज हुईं सिर्फ उस गांव के ही नही आसपास के कई गांवों तक उस आवाज को सुनकर लोग रात में जाग गए थे, ऐसा कहा जाता है।
वह मजार बीच से टूट कर गिर गई थी जैसे कि किसी ने उस में बम रख दिया हो और धमाके के साथ टूट गई हो।
सुबह के वक्त सब लोग जब वहां पर गए तो मजार और उसके आसपास पत्थरों के बहुत सारे टुकड़े पड़े हुए थे। वह स्थान बुरी तरह टूट फूट चुका था। खराब हो चुका था।
मुस्लिम लोगों ने सोचा यहां पर कुछ गलत आवश्यक हुआ है। कई दिनों बाद तक लोगों को वहां पर भयानक आवाज सुनायी देती रही। इसलिए उस मजार पर जाना सब ने छोड़ दिया था। पर धीरे-धीरे करके वह जगह पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो गई। उसके बाद फिर वहां पर कोई नहीं गया। और? मंदिर में भी। किसी ने उसके बाद नही पूजा, वह पूजा केवल मेरी दादी ही करती रही। उसके अलावा कोई भी पूजा नहीं करता था क्योंकि इन सब बातों का दुष्प्रचार ज्यादा होता है। मैं आपसे गुरु जी यह जानना चाहती हूं कि उस रात क्या हुआ था। आपके मुंह से सुनना चाहती हूं और यही सत्य अनुभव में बताना चाहती थी जो कि मेरी ही सगी दादी से जुड़ा हुआ था। गुरु जी को प्रणाम और दर्शकों को भी मेरा नमस्ते।
सन्देश- देखिए यहां पर आपकी दादी जी ने रात्रि के समय काल भैरव की सिद्धि प्राप्त की। उनसे प्रार्थना की कि उनके साथ जो कुछ भी बुरा हुआ है, उसका वह नाश कर दें और फिर स्वयं काल भैरव जी वहां गए। उन्होंने वहां उपस्थित बहुत सारी प्रेत आत्माओं का नाश किया उस मजार को और उस पीर को भी उस मजार से उखाड़ कर बाहर फेंक दिया। उन सब का नाश किया विडंबना यही है ऐसी चीजों होने के बावजूद भी आपका।
मंदिर दोबारा स्थापित नहीं किया जा सका, उसका भव्य निर्माण नहीं किया गया।
मज़ार काल भैरव जी ने क्रोध में आकर तोड़ ही डाली थी।
यही आज की समस्या है। हम विश्वास नहीं कर पाते हैं कि सिद्धि में कितनी शक्ति होती है और उसे क्या-क्या किया जा सकता है?
यह था इनका अनुभव अगर आज का वीडियो आप लोगों को पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आप सभी का दिन मंगलमय हो जय मां पराशक्ति अब सुनिए इस प्यारे से काल भैरव भजन को धन्यवाद।