तक्षक मुखी नागिन और नागचंद्रेश्वर मंदिर कथा 5वां अंतिम भाग
जल पिशाचनी स्वयं शंभू के सामने प्रकट हो गई और अपने माया जाल में उसे फसा लिया इधर बेचारा शंभू
जल पिशाचनी स्वयं शंभू के सामने प्रकट हो गई और अपने माया जाल में उसे फसा लिया इधर बेचारा शंभू
एक नाग शंभू के मुख में और नाक में घुसने का प्रयास किया शंभू मुंह को बंद करके उस चीज
उसने संभु से कहा कि मेरे साथ क्या-क्या घटित हुआ है, कैसे डाकू ने उन पर हमला किया और पूरे
पिछले भाग में हमने जाना किस प्रकार तक्षकमुखी नागिन अपने पिता अर्थात तक्षक राज के साथ में मंदिर में आई
एक ऐसी नागिन जिसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते है इस नागिन का नाम तक्षकमुखी है और यह
उसने कुछ दूर जाकर के देखा की एक कन्या पीले वस्त्रों में खेल रही है और उसके नजदीक एक सिंह
जब रामदास से रतिप्रिया की मुलाकात हुई तब उसने रामदास को भी गोपनीय तंत्र के माध्यम से उसे हिरण बना
रामदास के पास से रतिप्रिया गायब हो चुकी थी और साथ ही साथ उसका सारा धन भी गायब हो गया
रामदास ने कहा देवी आप बताइए आप कौन हैं आप के संबंध में मैं सारी बातें जानना चाहता हूं आप
रतिप्रिया यक्षिणी और बगलामुखी मठ कथा भाग 1 कई सौ साल पहले मध्य प्रदेश में माता बगलामुखी का जो वर्तमान