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मदन अप्सरा साधना

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है आज मैं आप लोगों के लेकर आए हूं मदन अप्सरा साधना । तो चलिए मै सबसे आपको इनके मँत्र के विषय में ही बता देता हूं कि इनका मंत्र किस प्रकार से हैं और किस प्रकार से आप इनकी साधना विधि करनी है तो इनकी साधना का मंत्र इस प्रकार से हैं।


मँत्रः ॐ क्लीं श्रीं मदन अप्सराये आगच्छ आगच्छ स्वाहा।। 

पद्म पुराण के अनुसार कामदेव के उरु से इनका भी जन्म हुआ था वेदांत के अंनुसार स्वर्ग की सबसे सुंदर अप्सरा मानी जाती है इसे कामदेव की अप्सरा कहा जाता है और उनके ही स्वभाव वाली है । व्यक्ति मैं सभी प्रकार की स्त्रियों को आकर्षक बनाने की शक्ति आ जाती है  यह अप्सरा नग्न और अत्यंत ही सुंदर गोरी रंग वाली होती हैं । यह बहुत ही सुंदर रूप लेकर आती है और कभी-कभी घोड़े पर भी बैठकर साधक के पास आती है । आपको इसमें सावधानियां भी बरतनी होंगी आप को इसमें काम भाव से बचना चाहिए इसमें आपको अपने  ब्रहमचर्य का पूर्ण रुप से पालन करना होगा नहीं तो सिद्धि साधना के दिन ही खंडित तो जाएगी।
सबसे पहले आप इनके यँत्र  को चौकी पर रखकर स्थापित करें और उसकी पूजा करने के बाद ही साधना को शुरू करें रोज रात्रि के 9:00 बजे के बाद ही आप इनकी साधना शुरू करे । यह साधना पूरी तरह से 41 दिन की है और आपको इसमें डेढ़ घंटे ध्यान भी करना चाहिए साधना के बाद ।

आपको यह साधना एकांत कमरे में करनी होगी जब तक आप के साधना चलेगी तब तक कमरे में किसी का भी प्रवेश वर्जित है और उस कमरे में किसी को भी आने जाने ना दें ।आपको सफेद हकीक की माला से 41 माला रोज जाप करना होगा और जब अप्सरा प्रकट हो तब आप उसे  गुलाब के फूलों की माला पहना दीजिए। और उससे वचन निश्चित रूप से ले ले ईसकी विधि किस प्रकार से हैं-
विधि- सबसे पहले आप पूजा की सारा सामान अपने पास रख लेना अपने दाहिने हाथ में जल लेकर और उसे बाए हाथ से ढक ले और मंत्रोचारण करके अपने शरीर और पूजा की सामग्री पर छिडके। या पुष्प से जल को अपने उपर छिडके स्नान आदि से निवृत  होकर साफ सुथरे  कपड़े पहन करआसन पूरब या उत्तर की ओर मुंह करके बैठ जाएं।

मँत्रः ॐ अपवित्रः पवित्रो वा, सर्वावस्थांगतोऽपि वा।यः स्मरेत्पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तरः शुचिः॥

चिद्रूपिणि महामाये, दिव्यतेजः समन्विते।तिष्ठ देवि शिखामध्ये, तेजोवृद्धिं कुरुष्व मे॥
निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए अब अपनी शिखा या चोटी में गांठ लगाएं

 ॐ चन्दनस्य महत्पुण्य पवित्र पापनाशकम्  आपदा हरते नित्य लक्ष्मीसतिष्ठती सर्वदा।। 
 अपने माथे पर सिंदूर या चंदन का तिलक करे। 

(अपने सीधे आसन के कोने को छूऐ और थोडा सा जल अक्षत सिदुंर लगा दे )

ॐ पृथवी । त्वया धुता लोका देवि तव् विष्णुना धुता त्वम च धारय मा देवि पवित्र कूरु चासनम् ।।

सँकल्प : दाहिने हाथ में जल लेकर मै ……….. अमुक गौत्र मे जन्मा ………. यहा आपके पिता का नाम …………. का पुत्र यहा आपका नाम………  का निवासी ……… आज सभी देवी देवताओं को साक्षी मानकर गुरुदेव और भगवान गणेश की पूजा के बाद सभी को साक्षी मानकर देवी मदन अप्सरा प्रेमीका के रुप में सिद्धि प्राप्त करने के लिए आज संकल्प लेता हूं उनके साथ साक्षात दर्शन की अभिलाषा और उनकी प्रसन्नता के विचार से यह साधना शुरू करने जा रहा हूं ।
देवी मदन अप्सरा मुझसे प्रसन्न होकर मुझे अपनी सिद्धि प्रदान करें और मेरी हर आज्ञा  का पालन करें और मुझे प्रेमसुख धन सब कुछ प्रदान करें ऐसा बोल कर आप अपने हाथ का जल भूमि पर छोड़ दे। ओम गुरु ब्रम्हा गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वरा गुरु साक्षात परम ब्रहमा तस्मै श्री गुरुवे नम ओम श्री गुरु चरण कमलाभ्यो नमः ,गुरु पूजन कर ले और कम से कम गुरु मंत्र का पांच माला जाप करे या फिर जैसा आपके गुरु ने आदेश दिया हो। अप्सराओं का प्रयोग किया जाता है अगर आपकी साधना से अप्सरा ना आए तभी महाविद्या शक्ति का प्रयोग करना चाहिए। अगर आपको यह साधना पसंद आई है तो धन्यवाद।।
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