नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज लेंगे एक विशेष तरह के अनुभव को जो कि मेरे द्वारा दी गई साधना पर आधारित है। अनुभव हमें महक परी साधना अनुभव के नाम से प्राप्त हुआ है और भेजने वाले ने अपना नाम और पता गोपनीय रखने को कहा है क्योंकि इससे उनकी सिद्धि में समस्या आ सकती है तो चलिए पढ़ते हैं इनके पत्र को और जानते हैं महक परी साधना अनुभव के विषय में।
नमस्कार गुरु जी, आज मैं आपको अपने विषय में कुछ बताना चाहता हूं। यह साधना मैंने करने की तब सोची जब आपके कई सारे वीडियो देखते हुए मुझे यह पता लगा कि कोई साधना। विशेष प्रकार की जा सकती है। अगर उसे किया जाए तो अवश्य ही सिद्धि की प्राप्ति होती है। मैंने यही सोचते हुए आपके इंस्टामोजो से महक परी साधना को buy किया। उस साधना को खरीदने के बाद में मैंने उसका पीडीएफ डाउनलोड किया। और उसको पढ़ा मुझे यह साधना अच्छी लगी। 21 दिन में परी के हाजिर होने की बात आपने उसमें बताई है इसलिए मैंने सोचा कि चलो मैं इस साधना को करके देखता हूं। और शुरू कर दी मैंने वह साधना। गुरुजी! इसके लिए मैंने गुरु मंत्र नहीं लिया हुआ था और ना ही पहले कभी कोई साधना की थी, लेकिन आप के वीडियोस को देखकर इतना तो मुझे पता था कि साधना में क्या-क्या आवश्यक होता है। इसीलिए मैंने इस साधना के लिए सबसे पहले तांबे की प्लेट पर आपके द्वारा बताए गए महक परी यंत्र को बनवाया और उसे बनवाने के बाद फिर आप के बताए गए तरीके से इसे करने की सोची। आपने कहा था कि इसके बारे में किसी और को ना बताऊं। इसीलिए मैं यहां पर इस साधना के विषय की पूरी जानकारी छिपा रहा हूं।
लेकिन क्या क्या घटित हुआ यह बताना आवश्यक है? तो गुरु जी मैंने! जैसा आपने बताया था वैसे ही किया और साधना सामग्री की व्यवस्था करके। जाप करना शुरू कर दिया। लगभग 5-6 रात तक मुझे कोई विशेष अनुभव नहीं हुआ। जब 7 वी रात थी। अचानक से मुझे चारों तरफ से खुशबू आना शुरू हो गई। जैसे?तेज सेंट कमरे में छिड़क दिया गया हो, ऐसी सुगंध आती थी। बंद जगह में जैसे खुशबू फैल जाती है उस खुली जगह पर वैसे ही खुशबू फैली हुई थी।जैसे किसी कमरे में बंद कर दिया गया हो। पर यहां पर तो खुली जगह थी। फिर भी मैं इस साधना मे बिल्कुल नहीं घबराया।मेरे रोंगटे अवश्य ही खड़े हो गए थे। मैं जानता था कि यह सब आसान नहीं है। आप के बताए गए? उसी विधि में रक्षा मंत्र का इस्तेमाल मै हमेशा कर लिया करता था। क्योंकि मुझे डर लगता था कहीं कोई? शक्ति मेरा कुछ बिगाड़ ना दे लेकिन मैंने इस साधना को जारी रखा। रोज वह खुशबू आने लगी। वह खुशबू मदहोश कर देती थी। कभी-कभी मैं जॉप करते करते भूल जाता था कि मैं जप भी कर रहा हूं। इसी प्रकार दिन बीते चले गए और कुछ छोटे-मोटे अनुभव रोज होने लगे इसी दौरान! एक लड़की से मेरी दोस्ती हो गई और कुछ ही दिनों में उसने मुझे अपना प्रेमी बना लिया था। एक दिन वह रात को मेरे घर पर आ गई और कही कि आज मैं तुम्हारे लिए खाना बनाऊंगी।
मैंने कहा, इसकी जरूरत नहीं है। तुम्हारे घर वाले! क्या तुम्हें कुछ बोलते नहीं है तुम इतनी रात को मेरे घर में क्यों रुकी हुई हो? उसने कहा मेरा जाने का मन नहीं हो रहा। मैं कुछ बहाना बनाकर अपने घर वालों को बोल दूंगी। मैंने! देखा उसने फोन करके अपने घरवालों को कहा कि मैं आज नहीं आने वाली मैं अपनी सहेली के यहां रुक गई हूं। मैंने उससे कहा, मुझे परेशान मत करो क्योंकि मैं कुछ और काम भी करता हूं। उसने कहा, मैं तुम्हें परेशान नहीं करूंगी। मैं सिर्फ आज तुम्हारे साथ रहना चाहती हूं। उसकी बात मेरे सिर के ऊपर से जा रही थी। क्योंकि मैं यह समझ गया था। अगर मैंने इसे मना किया। तो यह सारी बातें जानने की कोशिश करेगी और फिर मेरी यह! सबसे प्यारी दोस्त मुझसे छूट सकती है। इसलिए मैंने उसे समझाया, मैं रात को साधना करता हूं और इसमें मैं किसी तरह की दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं कर सकता। यह बात तुम अच्छे से जान लो। उसने कहा, मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं दूर से ही सब कुछ देखूंगी और तुम्हें परेशान नहीं करूंगी। उस दिन मैं डरते डरते अपनी साधना को शुरू किया और किसी प्रकार साधना पूरी की। वह लड़की कहीं नहीं गई। अगले दिन सुबह! वह वहां से गायब थी। मैंने पता लगाया तो शायद वह घर से चली गई थी।
लेकिन उसने मुझे कुछ भी नहीं बताया था कि आखिर वो गई क्यों?आखिरकार अगली रात फिर से जब मैं साधना करने बैठा तभी वह दरवाजे पर आकर खड़ी हो गई। मैं इससे पहले की साधना शुरू करता उसे देख कर चौक गया। उससे मैंने कहा, तुम आज फिर आ गई। उसने कहा तुम्हें मैं देखने आती हूं। क्या तुम ठीक हो। मैंने कहा हां मैं ठीक हूं। अब तुम जाओ यहां से, क्योंकि मेरी साधना का समय हो रहा है तब वह कहने लगी। मैं? अभी तुम्हारे लिए खाना बनाती हूं। और सुबह जाते वक्त तुम्हें खाना नहीं बनाना पड़ेगा। मैंने उसे कुछ नहीं कहा। क्योंकि मुझे काम में आसानी चाहिए थी क्योंकि मैं साधना के बाद इतना थक जाता हूं कि सुबह कुछ बनाने का मन नहीं करता था। इस प्रकार से मैंने साधना शुरू कर दी और वह मेरे लिए खाना बना कर के रात भर वही रुकी और सुबह फिर चली गई।इस प्रकार रोज यही होने लगा। मेरे 21 दिन की साधना पूरी हो गई। पर मुझे कोई शक्ति दिखाई नहीं दी। 21 वे दिन जब साधना मैंने पूरी कर ली तब मेरी वह दोस्त मेरे पास आकर बोली, तुमने आखिर इतनी मेहनत क्यों की? तब मैंने उससे कहा कि मुझे यह साधना सिद्ध करनी थी। इसमें एक शक्ति प्राप्त होती है, लेकिन मैं इसके विषय में तुम्हें कुछ नहीं बता सकता। तब उस रात उसने कहा, अब तो तुम्हारी साधना पूरी हो चुकी है।
क्या मैं आज तुम्हारे पास रहकर? सो सकती हूं मुझे घर जाने का मन नहीं हो रहा। तब मैंने उससे कहा, यह सब ठीक नहीं है। तुम्हारे घर वाले क्या सोचेंगे उसने कहा, मुझे इस बात से फर्क नहीं पड़ता। मैं तो तुम्हें पसंद करती हूं तुम्हारे साथ सोने में क्या हर्ज है? यह कहकर वह मेरे बगल में लेट गई। मेरी साधना पूरी हो चुकी थी और मैं काफी थका हुआ था। मैं उसके साथ सो गया। सुबह जब में उठा तो वह वहां पर नहीं थी। और उस कमरे में वही खुशबू फैली हुई थी। चारों तरफ वही खुशबू जो 7 वे दिन मुझे आ रही थी। मैं कुछ समझ नहीं पाया, फिर मैंने जो देखा। वह आश्चर्य में कर देने वाला था।मैंने जिस स्थान पर यंत्र रखा था वह यंत्र वहां से गायब हो चुका था।और उसके स्थान पर।उस लड़की की फोटो रखी थी। मैंने वह फोटो उठाकर देखी।और बस उसे देखता ही रह गया।मुझे लगा मेरी साधना पूर्ण नहीं हुई है और यह लड़की बहुत बुरी है। इसने मेरे यंत्र को चुरा लिया है। अगली रात में उसका ही इंतजार कर रहा था क्योंकि मेरी साधना पूरी हो चुकी थी। लेकिन वह नहीं आई। मैं कुछ समझ नहीं पाया कि आखिर क्या हुआ है? मैंने आसपास पता किया। तो लोगों ने कहा कि ऐसी कोई लड़की नहीं है।
फिर मुझे वह दिन याद आया जब वह पहली बार। मुझसे मिली थी।मैं उसके घर पर गया। जो देखा! वह सबसे बड़ा आश्चर्य मेरे लिए था।वहां पर? कई सारी झाड़ियां उगी हुई थी। उन झाड़ियों वाली जगह पर मैंने एक मकान देखा था जहां से मैं गुजरा था और उस लड़की से मेरी दोस्ती हुई थी। पर यहां तो कोई मकान ही नहीं था। मैं समझ चुका था, यह महक पर ही थी।जो उस लड़की के रूप में मेरे पास आई थी। और उसने? मेरी परीक्षा ली। मुझे नहीं पता। मैं परीक्षा में पास हुआ या नहीं, लेकिन वह कुछ ऐसा मुझे देकर गई जिसकी वजह से आज मेरे पास कमाने और खाने की पूरी व्यवस्था हो चुकी है। लेकिन सिद्धि के विषय में ना बताने की मेरी चेष्टा है क्योंकि मैं यह जानता हूं। ऐसी बातें बताने से सिद्धियां नष्ट हो जाती हैं। गुरु जी तो यह मेरा एक सच्चा अनुभव था। इस पर लोगों को भले ही विश्वास ना हो पर यह सब कुछ सत्य है। उस साधना के दौरान मेरे साथ घटित हुआ था आज भी! उन्हीं विशेष दिनों में उसकी खुशबू आती है और जब उसकी खुशबू आती है तो मेरा एक विशेष कार्य हो जाता है। किंतु मैं यह नहीं बता सकता कि वह कौन सा कार्य है? आपके द्वारा बताई गई सारी साधनाएं पूरी तरह प्रमाणित है और आप उस पर बहुत अधिक मेहनत करते हैं इसके लिए मैं आपका सभी लोगों के साथ धन्यवाद करता हूं। और आपको प्रणाम करते हुए यह कहता हूं कि आप जैसा गुरु इस वक्त यूट्यूब में दूसरा कोई नहीं है।नमस्कार गुरु जी!
संदेश -तो देखिए यहां पर इन्होंने महक परी के साथ घटित हुए। इनके अनुभव के विषय में बताया है और इस साधना को आप मेरे इंस्टामोजो अकाउंट में देख सकते हैं। वहां से इसको खरीद सकते हैं। अगर कोई करना चाहता है तो कर भी सकता है जिसका लिंक में इस वीडियो के नीचे दे दूंगा तो यह था इनका अनुभव! अगर आपको यह वीडियो और यह अनुभव पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।
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