यती भैरव रहस्य कथा और साधना 2 अंतिम भाग
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। यति भैरव रहस्य कथा यह दूसरा भाग है अभी तक हम लोगों ने साधक महोदय के पत्र के माध्यम से जाना था कि वह कैसे एक यति के रहस्य का पता लगाने की कोशिश करने वाले थे। आगे क्या हुआ चलिए पढ़ते हैं इनके पत्र को और जानते हैं। ईमेल पत्र-नमस्कार मित्र! पिछले पत्र में मैंने आपको बताया था। उस को आगे बढ़ाते हुए अब मेरे सामने एक चुनौती यह थी कि जिस शक्ति को मैं आकर्षित करने वाला हूं, उसकी साधना के विषय में मुझे पता नहीं था। यह मेरे लिए बिल्कुल नई बात थी इसलिए मैं क्या करूं? तब मैंने एक जगह जहां मैंने एक अच्छी गुफा के अंदर साधना करने की कोशिश की, वहीं ध्यान लगा कर बैठ गया। मैंने ध्यान लगाया अपने गुरु का। तकरीबन 6 घंटे के ध्यान के बाद अचानक से ही मेरे गुरु मुझे नजर आए और उनका इशारा था शक्ति आकर्षण मंत्र। जब हम किसी व्यक्ति विशेष या शक्ति के विषय में जानकारी नहीं रखते हैं तब शक्ति आकर्षण मंत्र के द्वारा उसको आकर्षित कर सकते हैं। यह मेरे लिए आवश्यक था क्योंकि अगर मुझे इस रहस्यमई शक्ति के विषय में ज्ञान प्राप्त करना था। तो मुझे उसे आकर्षित करना ही होगा। अब तक मुझे यह तो महसूस हो ही चुका था कि यह कोई साधारण जीव नहीं है। इसे कुछ ना कुछ अलौकिक शक्तियां अवश्य ही प्राप्त है इसलिए मैंने अब अपने गुरु की आज्ञा प्राप्त कर। शक्ति आकर्षण मंत्र के माध्यम से वही साधना करना शुरू कर दिया। मेरे लिए यह एक नया और रहस्यात्मक प्रयोग था। मुझे नहीं पता कि मैं क्या करने वाला था, लेकिन यह अवश्य ही पता चल चुका था कि अब मैं जो करने वाला हूं, वह कोई साधारण बात नहीं है। मैंने उस मंत्र के माध्यम से उस शक्ति का आवाहन शुरू कर दिया। लगभग साधना का सातवां दिन था। मुझे उस शक्ति को पुकारते हुए काफी दिन हो चुके थे। इसलिए! हफ्ते भर से मैं इस बात के लिए परेशान था कि क्या? यह वास्तव में कोई शक्ति है। अगर कोई शक्ति नहीं होगी तो मेरी साधना व्यर्थ ही हो जाएगी। पूरा हफ्ता बीत चुका है। लेकिन? जहां चाह होती है वहीं राह मिल जाती है। लगभग रात्रि के समय जब मैं मंत्र का जाप कर रहा था तभी उस गुफा के अंदर प्रकाश हो गया। सामने मुझे वह रहस्यमई जीव खड़ा हुआ दिखाई दिया। वह गुस्से से मेरी तरफ देख रहा था। वह मेरी ओर चलकर अपने बड़े बड़े कदमों के साथ आया। उसकी लंबाई लगभग 9 फुट की रही होगी। वह बहुत ही शक्तिशाली दिखाई पड़ता था। उसकी त्वचा के ऊपर। बाल काफी मात्रा में थे ठीक वैसे ही जैसे आपने ध्रुवीय भालू को देखा होगा। उसी तरह उसका शरीर बिल्कुल था, लेकिन वह खड़ा होकर चल रहा था। उसका मुंह बंदर जैसा दिखने में था। अब जब वह मेरे पास आया उसने मेरी टांग पकड़ ली और खींच कर बाहर ले जाने लगा। बस यहीं पर मैं भ्रमित हो गया। उसका कारण इसका यह था कि मैंने पहले भी बहुत सारी साधनाएं की हुई है। इसलिए मैं यह बात जानता हूं कि? कोई भी साधना में जो अनुभव हो रहा होता है, वह सत्य नहीं होता है। एक मायाजाल होता है। इसलिए मैंने इस मायाजाल में कोई दखलंदाजी नहीं की क्योंकि मेरे लिए तो वह एक साधारण सी बात थी। मेरा शरीर रगड़ रहा था। वह मुझे एक टांग से खींच कर ले कर जा रहा था। मैं अपना मंत्र जाप करता रहा मेरे पूरे शरीर में रगड़ने की आवाज। मेरे शरीर को घसीटे जाने का पूरा एहसास मुझे हो रहा था। इस प्रकार एक अत्यंत ही। ऊंचे पर्वत वाले स्थान पर पहुंचकर वह बर्फ के अंदर सीधा घुस गया। और बर्फ फिर गिर कर वह स्थान बंद हो गया अंदर! वहां चारों तरफ प्रकाश था। मैंने देखा कि वहां बहुत सारे यति खड़े हैं। वह सारे एक बड़ी विशालकाय भैरव जी की मूर्ति के सामने खड़े होकर नतमस्तक हुए उन्हें कुछ अपनी विशेष भाषा में पुकार रहे थे। उनमें से कुछ खड़े होकर पूजन कर रहे थे और कुछ जंगली जानवरों की तरह वहां पर लाए गए मांस को खा रहे थे। मुझे कुछ समझ में नहीं आया। मुझे उस स्थान पर ले जाकर। उन भैरव जी की मूर्ति के नीचे रखा गया। और तभी एक विशालकाय! तकरीबन 12 फुट की ऊंचाई वाला एक यति वहां पर आया और उस यति ने एक बड़ा पत्थर उठाकर मुझ पर मारने का प्रयास किया ही था कि तभी। वहां पर वह व्यक्ति आ जाता है जिसके विषय में मैंने सोचा ही नहीं था। मेरे साथ जिस व्यक्ति की मुलाकात हुई थी वह नोरबू वहां पर आकर उस विशालकाय जीव को रोक देता है और उसे कुछ कहता है। उनकी भाषा मुझे समझ में नहीं आई। अब नोरबू मुझे उठा कर कहता है। आपने इन गुप्त? यति लोगों का। रहस्य जान लिया है। इनमें से कुछ मानव मती के हैं और कुछ जीव या जंतु की मती के हैं। मैंने पूछा, इसका क्या अर्थ है? तो नोरबू ने बताया कि इनमें से कुछ की बुद्धि मनुष्यों के समान है और कुछ की जानवरों के समान। जब कई वर्षों की साधना के बाद जानवर से इनकी बुद्धि मनुष्य की बन जाती है तो वह यही इन भैरव जी की साधना करके और अधिक शक्तियां प्राप्त कर लेते हैं। और यही? इन हिमालय में गुप्त तपस्वी और दूसरी दुनिया को जाने वाले मार्गो की रक्षा करते हैं। यह शक्ति इनकी साधना से इनको मिलती है। मैंने नोरबू के चेहरे को देखा। उसके चेहरे में एक अजीब सा तेज था। मैं तुरंत ही नोरबू के पैरों को पकड़ लिया। और? तब नोरबू ने कहा, मुझे छोड़ो! मैंने कहा, मैं आपको पहचान गया हूं क्योंकि मेरे सामने कोई भी दैवीय शक्ति अपने प्रकाश स्वरूप को नहीं छुपा सकती है। तब नोरबू अपने वास्तविक भैरव स्वरूप में प्रकट हो गया? उसने कहा आपने जब से साधना शुरू की थी, उसी दिन से मेरी नजर आप पर थी। आपकी साधना और उपासना देखकर मेरा मन हुआ कि आपको इस हिमालय के गुप्त रहस्यों के विषय में बताऊ। तब मैंने आपको इस मायाजाल में अपने नियंत्रण में लिया। आपके साथ आप को लगा कि आपका? साधना काल का अनुभव हो रहा है किंतु ऐसा नहीं है। आप सच में यहां तक घसीट कर लाए गए हैं। और आप में पात्रता है क्योंकि आपने किसी भी मंत्र का प्रयोग अपनी रक्षा के लिए नहीं किया। इसी कारण मैं आपसे प्रसन्न हूं। मैं यति भैरव! इन यति शक्तियों पर नियंत्रण रखना मेरा कार्य है। हर 100 यति पर एक यति भैरव रहता है। यह महादेव का आशीर्वाद है। जानवर से मनुष्य की मती प्राप्त करना और कई हजार वर्ष की साधना के बाद उसी यति का भैरव स्वरूप बन जाना। यही! वास्तविकता है। मनुष्य जब से इनके क्षेत्र में हस्तक्षेप करने लगे हैं तब यह उनकी प्राण भी ले लेते हैं। यह पुराने गुप्त ऋषि मुनि और साधकों की रक्षा यहां करते हैं। और हिमालय के ऐसे अजीब और रहस्य छुपा कर रखने की कोशिश करते हैं जिन्हें आज का कलयुग का मानव ना जान सके। इसीलिए यह सारे रक्षक है। तब मैंने उनसे कहा, आपके इस कल्याण और परोपकारी! कार्य के लिए मैं आपका धन्यवाद कहता हूं, आप मुझे स्वयं को सिद्ध करने। और इन यदि शक्तियों को अपने नियंत्रण में लेने की विधि बताइए तब नोरबू ने मुझे अपने उस गोपनीय मंत्र और साधना का ज्ञान दिया जिसे मैं आज आपको समर्पित कर रहा हूं आप इसे! अपने पास रख लीजिए और व्यक्तियों के लिए। उपलब्ध करवा दीजिएगा। यह मैं आप पर छोड़ता हूं। और जो कोई भी व्यक्ति सच्चे हृदय से इन शक्तियों को अपने अधीन कर लेगा, वह अजय हो जाएगा क्योंकि! 100 यति बहुत ही अधिक शक्तिशाली है। दूसरी बात यह है कि यह? पूर्णता आत्मा भी नहीं है। इसीलिए यह शारीरिक रूप से और आशारीरिक रूप से दोनों ही तरीके से रह सकते हैं। जिसके पास 100 अजेय शक्ति के सैनिक हो वह कुछ भी कर सकता है? इनकी सिद्धि के लिए नोरबू जैसे भैरव जी को सिद्ध करना पड़ता है। और उनकी सिद्धि हो जाने पर। 100 शक्तिशाली यति जीव आपकी सेवा में सदैव के लिए समर्पित हो जाते हैं और इनसे आप कोई भी कार्य करवा सकते हैं। लेकिन कुछ इसमें बंधन भी है इसी कारण से मुझे। कुछ गोपनीय बातों की शर्तों के कारण इस शक्ति को छोड़ना पड़ा। तो यह था वह अनुभव जो मैंने आपको बताया है। अब आप इसे प्रकाशित कर अन्य व्यक्तियों को इस रहस्यमई जीव के विषय में बता सकते हैं। आपका धन्यवाद! संदेश-तो देखे यहां पर इन्होंने एक रहस्यमई बात बताई है और इसके माध्यम से इंस्टामोजो पर मैंने यति भैरव की साधना उपलब्ध करवा दी है। अगर आप चाहें तो इस साधना को इंस्टामोजो से पीडीएफ के रूप में खरीद सकते हैं तो यह था आज का इनका यह अनुभव जो कि हमें बहुत ही गोपनीय रहस्य के विषय में बताता है। अगर आज का वीडियो आपको पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद। यती भैरव रहस्य कथा और साधना पीडीएफ़ के लिए यहाँ पे क्लिक करे
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