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लक्ष्मी यक्षिणी साधना और सिद्धि

नमस्कार दोस्तो धर्म रहस्य  चैनल पर आपका एक पर फिर से स्वागत है आज मैं आप लोगों के लेकर आया हूं लक्ष्मी यक्षिणी साधना वैसे तो तांत्रिक ग्रंथों में इनका वर्णन बहुत ही कम मिलता है पर मैंने आप लोगों के लिए इन्हें खोजकर निकाला है यह अत्यंत ही शुभ फल वाली देवी है अगर कोई इनको सिद्ध कर लेता है तो यह उसे धनवान बना देती हैं और अगर इनकी साधना में गलती हो जाए तो आपको दरिद्र बना देंगी इसलिए इनकी साधना मैं विशेष सावधानी रखनी चाहिए ।

अगर आपको इनकी साधना करनी है तो आपको सुबह 4:00 बजे से ही उठकर करनी होगी ब्रह्म महूरत में 4:00 बजे मतलब प्रकाश निकला ना हो और अंधकार बाकी हो । इनकी साधना के लिए आपको पवित्र स्थान की आवश्यकता होती है अगर आप घर में कर रहे हैं तो आपके पास एक पवित्र स्थान होना चाहिए या आपको स्थान को पवित्र और शुद्ध कर लेना चाहिए । जब तक कि आपकी साधना चल रही हो आपके मकान को कोई भी अपवित्र व्यक्ति या कोई भी पर स्त्री छूने ना पाए, नहीं आपके मकान में आने पाएं जब तक कि आपकी साधना चले । आपको धूप दीप चंदन फूल आदि की धूनी अपने कमरे में देनी होगी और उसकी सफाई लिपाई पुताई आपको खुद ही करनी होगी ।

आपको अपने कमरे में फूलों की माला लटका देनी चाहिए खुशबू वाले इत्र छिड़क देना चाहिए और पूरी तरह से कमरे को सजाकर रखना चाहिए ताकि जब देवी आएं तब वह अत्यंत ही प्रसन्न होकर आए । आपको माता लक्ष्मी की तरह ही इनकी साधना करनी चाहिए क्योंकि यह माता लक्ष्मी की ही सेविका यक्षिणी है और आपको सब कुछ दे सकती हैं । इनकी साधना के लिए आपको उत्तर भादपदृ  मे इनकी मूर्ति बनवानी है । अष्टधातु की आप छोटी सी भी मूर्ति बनवा सकते हैं और आपको सुबह गंगाजल से इनको स्नान करना है । केसर और कस्तूरी का इनको तिलक लगाना है आपको कुशा के आसन पर बैठना है और पीले चमकीले कपड़े आपको धारण करने है । मूर्ति के नीचे भी पीला कपड़ा बिछाना है ।

भक्ति भाव से इनकी पूजा आराधना साधना करनी है जल का भक्ति भाव से आपको सेवन करना है और अपने ह्रदय में मूर्ति को धारण करें कल्पना करें कि वह आपके ह्रदय में निवास कर रही हैं ।आपको जाप तुलसी की माला पर 51 माला जाप करना है और भांग के लड्डू बना कर सामने रखने हैं 51 दिन तक आपको यह साधना करनी है । आखिरी दिन आपको यक्षिणी देवी दर्शन देगी इसका जो विवरण  ग्रंथों में मिलता है वह मैं आपको बताता हूं जब यह आने वाली होती हैं तो लगता है कि जैसे राजा महाराजा आ रहे हो ! उससे पहले ही देवता लोग इनकी स्वागत की तैयारी पहले से ही कर देते हैं ।

चारो तरफ शांति स्थापित हो जाती है भय का कोई स्थान नहीं रहता देवी ज्यादातर स्वप्न में ही दर्शन देती है और अत्यंत ही सुंदरता के साथ परिचय देती हैं कहा जाता है कि ये अत्यंत ही सुंदर होती हैं और 16 से 17 साल की कन्या के रूप में दिखाई पड़ती है यह चांदी के रंग की होती है इन्हें मृगनयनी भी कहते हैं अर्थात मृग के समान आंखों वाली और चंपा की डाली के तरह इनके हाथ होते हैं एक वृक्ष है जिसका नाम चंपा है वह अत्यंत ही सुंदर होता है । नाक में सोने का नथ धारण करें हुए आती है और दोनों हाथ में कमल का फूल लिए होती है आप ऐसा समझ लीजिए कि देवी लक्ष्मी ही हैं। यह कहते हैं अगर इनकी कृपा प्राप्त हो जाए तो साधक धन से मालामाल हो जाता है और अगर यह रुष्ट हो जाए तो साधक को भिखारी बना देती हैं ।

यानि कंगाल कर देती इनकी साधना में आलस से नहीं करना चाहिए, पूरी तरह से साफ सफाई से रहना चाहिए पूर्ण रुप से ब्रहमचर्य धारण करते रहना चाहिए और गंदी बातें, गंदी सोच, गंदे विचारों से दूर रहना चाहिए । आप इसे माता लक्ष्मी की ही साधना मानकर इसे करिए तो या अत्यंत ही शीघ्र प्रसन्न होकर आपको सब कुछ प्रदान का देगी। यह आपको धन, सम्मान, वैभव, यश, कीर्ति सब कुछ प्रदान करेगी और कहते हैं जिसके पास धन संपत्ति वैभव आ जाए उसे किस चीज की कमी नही रहती है । अगर आप इनकी सही तरीके से साधना करेंगे तो यहां आपको शक्तियां भी प्रदान करेंगी और अगर आप उच्च कोटि के साधक हे तो यह आपके साथ तीनों रूपों में से कोई एक संबंध भी स्थापित कर लेगी। मैं आपको इनकी साधना का मंत्र बता देता हूं इनका मंत्र इस  प्रकार  से है।

मँत्रः ॐ ऐं ह्री श्रीं कमल धारिणी लक्ष्मी यक्षिणी श्रीं स्वाहा।। 
अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो धन्यवाद।।

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