नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम जो अनुभव लेने जा रहे हैं, यह एक शादी का का है। उनका जब विवाह नहीं हो रहा था तब उन्होंने एक ऐसी साधना की जिसके माध्यम से उन्होंने न सिर्फ अपने लिए सुयोग्य पति प्राप्त किया बल्कि जीवन में हर प्रकार से सफलता भी उन्हें मिली और जिस। चक्कर में वह फसने वाली थी। उससे भी इस साधना ने उन्हें बचाया। यह साधना उन्होंने मेरे ही इंस्टामोजो अकाउंट से खरीदी थी और इसे हम विश्वाबसु गंधर्व साधना के नाम से जानते हैं तो चलिए पढ़ते हैं इनके पात्र को और जानते हैं इस अनुभव के विषय में।
गुरु जी को कोटि-कोटि प्रणाम गुरु जी मैं यद्यपि आपकी शिष्य नहीं हूं किंतु आप को देख कर बहुत ज्यादा प्रभावित होती रही हूं। कृपया मेरा ईमेल पता और जानकारी पूर्णतः गोपनीय रखे,लगभग 2 वर्ष पहले मैंने आपकी साधना और विधान इत्यादि आपके चैनल पर देखना शुरू किया था। तब से मेरे मन में साधना करने के लिए हमेशा एक उत्सुकता बनी रहती थी। लेकिन जीवन की समस्याओं के चलते अधिकतर कोई भी व्यक्ति साधनाएं नहीं कर पाता है। ऐसा ही कुछ मेरे साथ भी हुआ था। गुरुजी सबसे बड़ी परेशानी आज के युग की है। किसी भी परिवार में अपने कन्या का विवाह करना और यही समस्या मेरे पिता और उनके सारे लोगों से संबंधित जुड़ी हुई एक सबसे बड़ी समस्या के रूप में प्रस्तुत थी । इधर मै 32 वर्ष की होने वाली थी। ऐसे में अगर लड़की घर पर बैठी हो तो तरह-तरह की बातें सुनना ही पड़ता है। तब मैंने विभिन्न प्रकार के जो पूजा-पाठ होते हैं वह सब करके देखें, लेकिन उसमें कहीं पर भी सफलता नहीं मिल रही थी। शायद इसलिए क्योंकि बिना गुरु के यह सब साधनाएं आसुकारी नहीं होती है। फिर आपके चैनल से मुझे यह पता चला कि अगर गंधर्व साधना की जाए। तो न सिर्फ मन के अनुकूल पति और एक पुरुष को मन की अनुकूल पत्नी प्राप्त होती है। इसलिए तब मैंने इस साधना को करने के विषय में सोचा और आपकी कृपा से सब कुछ अच्छा रहा। गुरु जी अब मैं आती हूं अपने जीवन की घटनाओं पर।
गुरु जी मैं तैयारी करती थी। बैंक में एक जॉब प्राप्त करने के लिए उसके अलावा अन्य प्रकार के एग्जाम भी दिया करती थी। लेकिन कहीं पर भी सफलता नहीं मिल रही थी। ऐसे में 1 दिन एग्जाम में मेरे पीछे बैठे हुए एक लड़के ने मेरी थोड़ी बहुत मदद की, एग्जाम हॉल से हम दोनों बाहर निकल कर आए और तब वह लड़का मुझसे बातचीत करने लगा। मैंने उससे बातचीत की और धीरे-धीरे हम दोनों की दोस्ती हो गई। मुझे वह फोन करता था और यह दोस्ती धीरे-धीरे अट्रैक्शन में बदलने लगी। रात रात भर पढ़ाई की बातें करते करते वह अब प्रेम वाली बातें भी करना शुरू कर दिया। मैं भी धीरे-धीरे को उसकी तरफ आकर्षित हो रही थी लेकिन ना तो नौकरी थी और शादी भी नहीं हो पा रही थी। ऐसे में एक दिन उसने मुझे बुलाया और कहा, मैं तुमसे प्यार करता हूं। मैंने कहा, यह तो ठीक बात है। लेकिन जब तक मैं अपने पैरों पर नहीं खड़ी हो जाती। तुम्हारी किसी भी इस तरह की इच्छा को पूरी नहीं कर सकती। मैं एक अच्छे घर से हूं और बिना उनकी मर्जी के मैं कुछ भी नहीं करने वाली। इधर! गुरुजी आपके यूट्यूब चैनल को देखना शुरु किया और तब प्रभावित होकर मैंने। पहली बार इस साधना को करने का मन बनाया। इस लड़के से मेरी दोस्ती तो थी लेकिन मैं इसे दिल से पसंद नहीं करती थी। कोई भी आपको अपने दिल से चाहने लगे। इसका मतलब यह नहीं कि आप भी उसे चाहने लगे। और इस प्रकार हमारी दोस्ती भले ही गहरी होती गई लेकिन इसके मन में अलग ही भावनाएं थी जो मेरे मन में नहीं थी। साधना मैंने इधर विश्वावसु गंधर्व की करना शुरू कर दिया। और इसका प्रभाव देखने को धीरे-धीरे मिलने लगा। एग्जाम के कुछ चरण निकलने भी शुरू हो गए। इधर इस लड़के का कोई भी एग्जाम नहीं निकल रहा था। 1 दिन इसने मुझे अपने कमरे पर बुलाया और कहा कुछ नोट्स तुम्हें दिखाने हैं। मैं उसके कमरे पर बैठी हुई उसका इंतजार करने लगी। वह आया और उसने एकदम से मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया। कहने लगा कि मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं। और उसने मुझे मेरे होठों पर बहुत जोर से चूसना शुरू कर दिया।
इस तरह की गलत हरकत से मैं अचंभित रह गई। मैंने इसे दूर हटाते हुए अपने से दूर करने की कोशिश की।
लेकिन इसकी शक्तिशाली बाहों के वजह से मैं इसे दूर नहीं कर पा रही थी। पता नहीं मेरे मन में कहां से विश्वा बसु गंधर्व। के प्रति? एकदम से भाव आया और मैंने उनका नाम लेते हुए इसे अपने आप से दूर किया। इतनी ताकत मुझ में आ गई कि यह मुझसे दूर हो गया और कहने लगा। क्या हुआ तुम मुझे दूर क्यों कर रही हो तब मैंने कहा, यह बहुत गलत है। मैं तो तुम्हें अपना अच्छा दोस्त समझती थी। पर तुम तो मुझे इस प्रकार से अपना बनाना चाहते हो? तब उसने कहा। इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं तो तुमसे तब से प्यार करता हूं। उसकी बात सोचने को मैं मजबूर हो गई और मैं घर पहुंची। मन में उसके प्रति प्रेम आ रहा था और रात को सोते वक्त मैंने विश्वाबसु गंधर्व महाराज से प्रार्थना की कि हे देव मैंने आपकी साधना बहुत समय से की है। रोजाना करती रहती हूं और आपके चैनल से इंस्टामोजो से जो साधना मैंने खरीदी थी, वह लगातार मैं करती चली आ रही थी। इस बात की परवाह किए बिना कि मुझे सिद्धि कब मिलेगी। मुझे यह साधना करते हुए 8 महीने बीत गए थे। मैंने जब यह प्रार्थना!
गंधर्व महाराज से की तो रात में सोते वक्त अचानक से मैंने एक सपना देखा। सपने में वही लड़का मेरे पास आया और मुझे फिर से मेरे साथ जबरदस्ती करने लगा। मैंने उसे धक्का फिर से दिया। और वह दूर जाकर गिरा। तब वह राक्षस के जैसे दांत निकालता हुआ मेरी और दौड़ने लगा। तब मैंने देखा। वहां पर एक देवता प्रकट हो गए। उन्होंने उसे पकड़ लिया। और कहां की तू तो? किसी भी प्रकार से इस शुद्ध कन्या के लायक नहीं है। चला जा उसकी जिंदगी से। और फिर उन्होंने उसे उठाकर दूर फेंक दिया। तब वो मेरे पास आए और कहने लगे। किसी से भी दोस्ती यूं ही कर लेती हो। उसके बारे में बिना जाने जाओ। इसके सारे डॉक्यूमेंट चेक करो।
मैंने उसके सारे डॉक्यूमेंट चेक करने के लिए पहले उससे फेसबुक पर दोस्ती की वहां से कुछ आईडी वगैरह मिली। और जब मैंने धीरे-धीरे पता लगाया तो जो मैंने देखा उससे मैं अचंभित रह गई। गुरु जी जिसे मैं एक हिंदू लड़का समझ रही थी। वह तो एक मुसलमान शादीशुदा पुरुष था। और उसकी तो बीवी और बच्चे भी थे। और इतने दिनों से वह मुझे मूर्ख बना रहा था। मैंने तो सोचा ही नहीं था कि ऐसा भी कुछ हो सकता है। मैं यह सब जब पता किया तो मन ही मन गंधर्व राज को प्रणाम किया। आज उनके ही कृपा से उनके दिए संकेत से मैं जान पाई कि यह लड़का मुझे मूर्ख बना रहा था। अगर मैं इसकी जाल में फंस जाती तो पता नहीं मैं उसकी दूसरी पत्नी बन कर रह जाती। अच्छा हुआ मैं इससे बच गई। मैंने उससे दूरी बना ली और धमकी दी कि अगर वह मेरे पीछे रहा तो मैं पुलिस में कंप्लेंट कर दूंगी। जिसके बाद वह हमेशा के लिए मेरी जिंदगी से चला गया, क्योंकि वह मुझे मनोज बोलकर इतने दिनों से उसके साथ। दोस्ती का रिश्ता रखे हुए था। अब बताइए कि लोग अपनी पहचान तक छुपाते हैं। गुरु जी अब अगला चमत्कार इस साधना में तब हुआ जब मुझे साधना करते डेढ़ वर्ष बीत गया था। रात्रि को मैं रोने लगी क्योंकि पिता को और मां को भला बुरा लोग कहने वाले बहुत सारे थे कि इतनी जवान लड़की घर पर बिठा रखी है।
मैं रोने लगी और मैंने मन ही मन बिस्वाबसु महाराज से प्रार्थना की। हे देव आप मेरे लिए एक लड़का चुनकर भेजिए। अगर मेरी साधना का फल मुझे देना चाहते हैं। और यह कह कर मैं सो गई और उस दिन जो स्वप्न में मुझे संकेत मिला, वह अद्भुत था गुरुजी! गुरुजी जब मैं सो गई तब मैं देखती हूं। एक बहुत ही सुंदर जगह है जहां एक नदी का किनारा है। वहां पर बहुत सारे पुरुष और स्त्रियां नहा धो रहे हैं जो कि दिव्य लग रहे थे तभी वहां पर आप आते हैं और हंसते हुए मुझे कहते हैं। तुम्हें अपने जीवन साथी को चुनना है। चलो मैं तुम्हें तुम्हारा जीवन साथी दिखाता हूं। फिर आप मुझे एक ऐसे स्थान पर ले गए, जहां से दूर तक बहुत कुछ दिखाई पड़ता था और तभी आकाश में आपने एक चेहरा मुझे दिखाया। वह लड़का देखने में सुंदर और अच्छा लग रहा था। मेरे मन के अनुकूल बहुत ज्यादा सुंदर तो नहीं था लेकिन फिर भी दिखने में वह अच्छा लग रहा था। और अगले दिन मैं जब सो कर उठी तो। पता चला कि बुआ जी ने कुछ लड़कों के फोटो भिजवाए हैं शादी के लिए। तब उन फोटो में से चौथा फोटो उसी लड़के का था जिस चेहरे को कल रात को मैंने सपने में देखा था। मैंने तुरंत मां-बाप से कहा, इसी लड़के से मुझे शादी करनी है। आप देखिएगा सबसे अच्छा लड़का यही है क्योंकि स्वप्न के संकेत से मैं यह बात बिल्कुल समझ चुकी थी कि निश्चित रूप से मेरे लिए विश्वा बसु महाराज ने आप के रुप में आकर जो दिखाया है यही मेरा सच्चा जीवन साथी बनेगा और तब हमने जब पता किया तो वह लड़का उस वक्त तैयारी कर रहा था। लेकिन मैंने कहा, मुझे विश्वास है। आप मुझे इसी लड़के से शादी करवाइए।
मेरी बात को सुनकर और क्योंकि उन्होंने दहेज की मांग नहीं रखी थी। इसलिए हम लोगों ने हां कर दी। मेरी सगाई हो गई। लड़के को जब पहली बार देखा तो मैं काफी खुश थी। उसमे मुझे अपना सच्चा जीवन साथी नजर आता था। लड़का बहुत सीधा था। कभी कभार बात करता था। इधर हम लोगों की शादी की डेट भी आ गई और शादी से 1 दिन पहले जो खुशखबरी उसने मुझे सुनाई तब मैं समझी कि वास्तव में देवता जो भी चुनते हैं, वही आपके लिए सर्वोत्तम होता है। उसका सिलेक्शन बैंक के मैनेजर के पद पर हो चुका था। और सभी यही कह रहे थे कि यह लड़की भाग्यशाली है। इसके जैसे ही कदम हमारे घर पर पड़ने की बात हुई है।
इसकी वजह से इतने दिनों से हमारे लड़के का सिलेक्शन नहीं हो रहा था। अब हो गया है पर मैं बिल्कुल स्पष्ट बता दूं। गुरु जी मैं तो कहीं से भी भाग्यशाली नहीं। सब कृपा बिस्वाबसु महाराज जी की है। उन को बारंबार प्रणाम और निश्चित रूप से आप से जुड़ाव मुझे अपना समझ में आता है। गुरु जी मैं अपने पति सहित आपसे भविष्य में अवश्य गुरु दीक्षा लूंगी। मैं आपसे एक प्रश्न पूछना चाहती हूं। क्या मैं आजीवन विश्वा वसु महाराज की साधना कर सकती हूं?
आपको कोटि-कोटि बारंबार प्रणाम गुरुजी!
सन्देश- देखे यहां पर आपने देखा एक सच्ची भक्ति के माध्यम से विश्वा वसु महाराज! जोकि गंधर्व राज है। उनकी कृपा इस लड़की को प्राप्त हुई और इनके जीवन में सच्चा प्रेम और एक सुरक्षित भविष्य वाला पति प्राप्त हो गया। आपके जीवन में भी अवश्य ही सच्चा प्रेमी, सच्चा पति,सच्ची पत्नी अगर प्राप्त करनी है तो विश्वा बसु महाराज की साधना बहुत फायदेमंद हो सकती है। इस साधना को आप मेरे इंस्टामोजो अकाउंट से प्राप्त कर सकते हैं, जिसका लिंक मैंने इसके नीचे डिस्क्रिप्शन बॉक्स में दे दिया है और कोई भी अगर पूरी जिंदगी भी इनकी साधना करना चाहे तो कर सकता है। इनकी कृपा अवश्य बनी रहेगी यह था आज का वीडियो? अगर आपको यह वीडियो पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।