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साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 14

                               साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 14

  1. सिद्धाश्रम क्या है और यहाँ कैसे जा सकते है?

सिद्धाश्रम का अर्थ है एक ऐसे आयाम में रहना जहा पर व्यक्ति सिद्ध हो चुका हो, हम मंत्रो के द्वारा ४ या पांचवे आयाम को सिद्ध कर लेते  है तो हम ऐसी दुनिया में प्रवेश कर सकते  है जो दुनिया हमारी दुनिया से और उस दुनिया के बीच में  जाने  का एक  एक रास्ता या मार्ग हो तो उस स्थान पर जाने के  लिए  मंत्रो द्वारा एक ऐसे आयामी द्वार का निर्माण हो जाता है जिसकी वजह से हम उस दुनिया में प्रवेश कर सकते है |

जब आपका मंत्र सिद्ध हो जाता है तो आप स्वयं सिद्ध हो जाते है यानि की आप सिद्धो के रहने के स्थान पर प्रवेश कर सकते है |  जब आप सिद्ध हो जाते है मंत्रो के द्वारा तो आपके अंदर इतना सामर्थ्य आ जाता है की पहले आप स्वप्न के माध्यम से उस जगह पर प्रवेश कर सकते है जहा पर सिद्ध आत्माए रहती है और जब आपकी मृत्यु हो जाती है तब  आप अलग अलग लोको में प्रवेश कर सकते है जिसको सिद्धाश्रम कहा जाता है |

  • परमहंस का अर्थ क्या है?

ये एक ऐसी अवस्था होती है जिसको प्राप्त  करने से  उच्च अवस्था में पंहुचा हुआ व्यक्ति माना जाता है|  जो अपनी हस्ती  से ऊपर उठ गया हो और समाधी में पहुंच के वो अपने इष्ट का साक्षात्कार कर  सकता हो और अपने शिष्यों को भी उस शक्ति का साक्षात्कार करवा सकता है । उस व्यक्ति  के  आगे  कोई  बंधन  नहीं  रह जाता  है जीवन मरण के चक्र से वो ऊपर उठ चुका होता है  उस अवस्था को परमहंस कहते है

  • त्रिदेव कौन है ?

परमात्मा के तीन स्वरुप माने  गए है महा विष्णु, महा ब्रम्हा और महा शिव तीनो जो शक्तिया है एक उत्पत्ति करण करती है यानि पैदा करती है, सृष्टि को पैदा कर एक पालन करती है और एक  विनाश करती है । वास्तव  में त्रिदेव उर्जाए है न वो पुरुष है न स्त्री है ये हमने उनका मानवीकरण कर दिया है लेकिन असल  में ये शक्तिया है ऊर्जा है |

  • परमात्मा और माँ दुर्गा में क्या अंतर है?

देखिये दोनों में अभिन्नता है परमात्मा  एक ऐसा  स्वभाव का रूप  स्वरुप  है | जो  निर्गुण  और  निराकार है | उसे किसी  चीज़  से मतलब नहीं है एक तरह  से  शून्य ही  उसे समझिये | उसी  ने अपने  में  से  ही अपनी शक्ति  को प्रकट  किया था यानि  स्वयं  को  जानने  का  एक  माध्यम बनाया था जिस  प्रकार  शिव  में  और  शक्ति(माता पार्वती)  में  कोई  अंतर नहीं होता ठीक उसी प्रकार परमात्मा में और उसकी शक्ति में कोई अंतर नहीं है ।

अन्य प्रश्नो और विस्तृत उत्तरों को जानने के लिए नीचे का विडियो देखे –

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