साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 194
प्रश्न १ :- 1. गुरुजी अगर कोई व्यक्ति किसी यक्षिणी को पत्नी रूप में सिद्ध करने के लिए साधना करता है परन्तु वह साधना सफल नहीं होती है और उसके बाद यदि साधना को छोड़ दिया जाए तो क्या नुक्सान होता है? मैंने एक साधना की थी और अब मैं किसी लड़की के करीब जा ही नहीं पाता हूँ, उन लड़कियो को मुझमे इंटरेस्ट नहीं होता है और किसी को इंटरेस्ट होता है तो उसके साथ भी बुरा होने लगे तो मैं इसका क्या मतलब समझू गुरुजी?
उत्तर:- अगर कोई भी लड़की आपसे जुड़ नहीं पा रही है तो इसका अर्थ यह है की आपको उस साधना की अप्रत्यक्ष सिद्धि प्राप्त हो गई है | आपने जो यक्षिणी साधना पत्नी के रूप में किया था, वह आपसे आंशिक रूप से जुड़ गई है तब ही इस तरह का प्रभाव देखने को मिल रहा है | पत्नी का अर्थ ही होता है की आप सामने वाली स्त्री को अधिकार दे रहे है अपने जीवन में सहभागी होने का, पत्नी का पुरुष के वाम भाग पर पूरा अधिकार होता है |
प्रश्न २:- भगवान शिव और विष्णु जी में बड़ा कौन है? क्युकी दोनों पुराणों में दोनों को एक दूसरे से बड़ा बताया गया है?
उत्तर:- एक वीडियो है जिसमें माता शक्ति और भगवान शिव और भगवान विष्णु के संबंध में बताया गया है आप वह वीडियो देखिये आप समझ जाएंगे इसका मूल अर्थ क्या है |
प्रश्न ३ :- अगर कोई व्यक्ति 5 साल की उम्र से ही अखंड ब्रह्मचर्य का पालन करते हुआ हनुमान चालीसा 19 की उम्र तक जाप करें और फिर वह तंत्र साधना करना चाहता है तो क्या अप्सरा और यक्षिणी जैसी शक्तियां प्रत्यक्ष दर्शन दे सकती है?
उत्तर:- बिल्कुल किसी भी प्रकार से अगर व्यक्ति ब्रह्मचर्य का पालन करता है चाहे वह उम्र कोई भी हो तो शक्तियां उसके सामने अवश्य ही प्रत्यक्ष होना चाहती हैं | क्योंकि ब्रह्मचारी में स्वयं इतनी अधिक ऊर्जा होती है की उस ऊर्जा को प्राप्त करने की इच्छा हर अप्सरा, यक्षिणी, योगिनी में होती है | आपने देखा होगा की हम उस प्रत्येक व्यक्ति से जुड़ना चाहते हैं जिसमें बाल और समर्थ होता है चाहे वो कोई मंत्री हो या कोई खिलाड़ी हो | इसी तरह जो भी व्यक्ति ब्रह्मचर्य का पालन करता है उसके अंदर स्वयं ही ब्रह्म शक्ति निवास करने लगती है और ब्रह्म शक्ति के कारण हर प्रकार की शक्तियां खासतौर से जो भी स्त्री शक्तियां हैं वह आकर्षित होती ही है |
अधिक जानकारी के लिए नीचे का youtube विडियो जरुर देखे –