साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 212
१. गुरूजी आपने बताया था की मनुष्य भैरवी तक की शक्तियों के प्रत्यक्ष दर्शन कर सकते हैं उससे ऊपर के देवताओं के दर्शन के लिए प्रयास नहीं करना चाहिए इस ज्ञान को विस्तार में समझाएं |
उत्तर:- मनुष्य साधना के माध्यम से भैरवी तक की स्थिति को तो प्रत्यक्ष देख सकते हैं लेकिन इससे ऊपर की जो शक्तियाँ है उनका प्रत्यक्ष दर्शन करना कठिन है क्युकी एक व्यक्ति को 24 घंटे दिन में मिलते है और वह अगर साधना भी करे तो 60, 70 वर्ष से ज्यादा नहीं कर पाएगा, बुढ़ापे में व्यक्ति साधना नहीं कर पाता है तो इस हिसाब से इतनी ऊर्जा वह नहीं धारण कर सकता है जिससे वह बड़े देवी और देवताओं के प्रत्यक्ष दर्शन कर सके| अगर आप कई जन्मों से उच्च कोटि के देवता की साधना कर रहे हैं तो हो सकता है कुछ क्षण के लिए आपको प्रत्यक्ष दर्शन और वरदान दे कर के चले जाए लेकिन जो निरन्तर प्रत्यक्ष दर्शन वाली सिद्धि की बात है तो वह भैरवी तक ही एक सामान्य साधक के लिए संभव है, उससे ऊपर अगर कोई व्यक्ति प्रयास करेगा तो फिर उसको अगला जन्म लेकर उस कार्य को पूरा करना पड़ता है | आप भूत प्रेत पिशाच से लेकर के भैरवी तक की शक्तियों के प्रत्यक्ष दर्शन करके उनकी प्रत्यक्ष सिद्धि प्राप्त कर सकते हैं, साथ में उनके रह सकते हैं जैसे मनुष्य एक दूसरे मनुष्य के साथ रहता है लेकिन इसके ऊपर की जो साधना और शक्तियां है वह आप उनके दर्शन केवल एक क्षण के लिए कर सकते हैं लेकिन उनके साथ आप रह नहीं सकते है |
२. हम ईश्वर के भक्त बन गए हैं लेकिन जो हमसे आज भी जलन इत्यादि रखते हैं उनके बारे में क्या करे?
उत्तर:- कोई व्यक्ति कैसे कर्म करता है यह उसकी अपनी परिस्थिति और स्वभाव पर निर्भर करता है, जो व्यक्ति बुरा होगा वह बुरा ही कार्य करेगा और जो अच्छा होगा वह अच्छा ही कर्म करेगा | जो बुरा होगा वह नर्क जाने के लिए तैयारी करता है और जो
अच्छा होगा वह स्वर्ग जाने की तैयारी करता है इसलिए कौन क्या कर रहा है इस पर ध्यान ना देते हुए आप अपने उद्देश्य की और बड़े और उन लोगो से प्रभावित ना हो क्योंकि बुरा करने वाले आपको भी अपने जैसा बनाने की कोशिश करते हैं तो क्षमता आपके अंदर होनी चाहिए कि वह आपको अपने जैसा ना बना पाए बल्कि आप उन्हें मजबूर कर दे सही मार्ग पर आने के लिए |
३. क्या रिश्तेदारों से अच्छे संबंध रखना चाहिए? क्या हमें जीवन में मित्र रखना चाहिए? इन दोनों में से कौन अधिक काम आता है?
उत्तर:- देखिए यह सब कुछ परिस्थितियों पर निर्भर करता है | समाज में ईश्वर के तरफ से अलग-अलग परिस्थितियां आती है इसलिए संबंध तो रिश्तेदारों से भी अच्छे होने चाहिए और मित्रों से भी अच्छे होने चाहिए| जीवन में मित्र भी काम आते हैं और रिश्तेदार भी काम आते हैं, मित्र एक ऐसा रिश्ता होता है जो कॉमन होता है यानी कि रिश्तेदार भी स्वयं मित्र हो सकते है लेकिन मित्र रिश्तेदार जल्दी नहीं होता है इसलिए मित्र बड़ी चीज है मित्र का महत्व अधिक माना गया है और सच्ची मित्रता में स्वार्थ नहीं होती लेकिन रिश्तेदारों में आपस में स्वार्थ हो सकता है| जीवन में परिस्थिति कैसी भी आ सकती है इसलिए दोनों से ही अच्छे संबंध बनाकर रखनी चाहिए|
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