साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 216
प्रश्न: भारत देश को या दुनिया को सिर्फ सनातनी बनाने के लिए क्या करना पड़ेगा? या भारत देश को विस्तार करने के लिए क्या करना पड़ेगा?
उत्तर:- देखिए, सबसे पहले तो कोई भी चीज का जो प्रचार और प्रसार होता है, वही उसको फैलाता है। अगर मेरे पास कोई ज्ञान है और मैं आपको नहीं बताता हूं, तो आप तक वह ज्ञान नहीं पहुंचेगा। बिना प्रचार प्रसार के हमारा देश में जो सनातन धर्म की जो स्थिति है वह कमजोर हो जाएगा, यही हुआ हमारे देश के साथ भी जब हम देखते हैं कि ईसाई लोग अपना प्रचार कर रहे थे, बौद्ध लोग अपना प्रचार कर रहे थे, इस्लाम अपना प्रचार कर रहा था, पर उस वक्त हमारा देश कहीं कोई प्रचार नहीं कर रहा था, वह अपने देश की सीमा से बाहर नहीं गया। इसीलिए, इस उद्देश्य को देखते हुए ही हमने मां पराशक्ति धर्म रहस्य सेवा ट्रस्ट जैसी चीजों को बनाने के विषय में सोचा है, ताकि हम ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपनी बात को पहुंचा सकें। और इसीलिए, YouTube के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति तक यह ज्ञान पहुंचाया जाएगा जिसके माध्यम से व्यक्ति अपने आप चिंतन करेगा, सोचेगा और समझेगा, और जब वह कंपैरिजन करेगा अन्य धर्मों से, तो हमें देखने को मिलता है कि सनातन धर्म सबसे ऊपर है। यहां के नियम नियमावली बहुत अच्छी हैं और बहुत उत्तम हैं। इसीलिए, सनातन धर्म सबसे प्रथम स्थान प्राप्त करता है, तो सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण है कि हम सनातन धर्म का प्रचार करें |
प्रश्न २:- ब्रह्माण्ड में कितने आयाम हैं?
उत्तर:- देखिए, आयाम का मूल तत्व वर्गीकरण है। हालांकि, आध्यात्मिक वर्गीकरण चार आयामों के बाद ही शुरू होता है। अगर आप इस चीज को समझे कि हमारे चार आयाम क्या है देखिए लंबाई होती है किसी चीज की लंबाई होती है, चौड़ाई होती है और गहराई होती है तो इस तरह का जो आयाम है इसमें मनुष्य, कीड़े, मकोड़े और अन्य जीव जंतु सब इसी में रहते हैं। चौथा आयाम जो होता है, उसे हम समय कहते हैं, यानी टाइम। जब लंबाई, चौड़ाई, गहराई और समय के अंतर्गत कोई चीज होती है, तो चार आयामों की सृष्टि होती है। हमारे हिंदू सनातन धर्म में 11 आयाम तक बताए गए हैं, और यह चौथे आयाम से ज्यादातर आध्यात्मिक होते चले जाते हैं। इसलिए, इसे समझने के लिए विशेष ज्ञान की आवश्यकता है। बस बताने से इस विषय को समझना आसान नहीं है इसके लिए साधना की गहराई की जरूरत है | बहुत कड़ी तपस्या के बाद ही आप इन आयामों के राजों को खोल सकते हैं और उनको समझ सकते हैं, उसमें उतर भी सकते हैं | यह सिर्फ सुनने में तो आसान है लेकिन चौथे आयाम के बाद जब पांचवा आयाम जैसे ही शुरू होता है तो वह एक अलग ही दुनिया में व्यक्ति का प्रवेश हो जाता है जिसको सिर्फ साधना और तापों बल से ही समझा जा सकता है |
प्रश्न ३ :- एलियन कौन है, क्या है, ये कोन सा प्राणि सब है या ये ब्रह्माण्ड में कहा रहता है?
उत्तर:- देखिए, एलियन शब्द विदेशी लोगों ने दिया है, जैसे कि हमारा पृथ्वी है, हम सब यहां पर रहते हैं। किसी भी ब्रह्मांड, गैलेक्सी या आकाश गंगा में, जहां पर पृथ्वी जैसी स्थिति होगी, वहां के प्राणी हमारी तरह ही हो सकते हैं, थोड़े अलग भी हो सकते हैं। उनका रूप स्वरूप कैसा होगा वो वहां की जो प्रकृति है उस पर निर्भर करेगा । जैसे हमारी जो प्रकृति है उसके अनुसार ही हम लोगों की शरीर में नाक दी गई है ताकि सांस ले सके, मुंह दिया गया ताकि पानी पी सके और एक संरचना दी गई है| इसी तरह हर एक ब्रह्मांड की जो वहां की पृथ्वी है उस पर रहने वाला जो जीव है उसी के अनुसार उसका रूप रंग स्वरूप होता है और यह सब अलग-अलग ब्रह्मांड में या फिर अलग-अलग गैलेक्सी में भी या फिर अलग-अलग सौर मंडलों में भी उपस्थित हो सकते हैं| हम जितना धरती से बाहर निकलेंगे, उतना ही अधिक हमें इन चीजों के बारे में जानने का अवसर मिलेगा।
और विस्तार से जानने के लिए नीचे का youtube विडियो अवश्य देखे –