१. क्यों भूत प्रेत अब कम दिखते है ?
उत्तर :- पुराने ज़माने की और इस ज़माने की तुलना करेंगे तो सबसे पहले पूर्व में ग्रामीण परंपरा होती थी | ज़ादातर लोग गाँव में रहा करते थे | उस समय पेड़ पौधों की संख्या अधिक होती थी जादातर पहले ज़माने में लोग पेड़ो के नीचे तपस्या किया करते थे और वो ऊर्जा उन पेड़ो को प्राप्त हो जाया करती थी| और जादातर आत्माओ का वास ऐसे ही पेड़ो पर होता था | अब सवाल ये आता है की उस ज़माने में ये शक्तिया दिख जाया करती थी तो अभी के समय में क्यों नहीं दिखती ?
देखिए हमारे शरीर में पांच और शरीर होते है | जो सबसे नजदीक का शरीर होता है जिसको औरा बोलते है जो हमारे चारो तरफ स्थित होता है | इसको देखा जा सकता है और ये हर जीव में विद्धमान रहता है| और यही शरीर बाद में मृत्यु के बाद सबसे नजदीकी अवस्था में जब तक व्यक्ति, और लोको की यात्रा न कर ले ये शरीर रहता है इसी को हम भूत प्रेत से संबोधित करते है |
हमारे शरीर में २ खण्ड है ज्ञान और कर्म खण्ड जो गर्दन से ऊपर का भाग है वो ज्ञान खण्ड है और उसके नीचे का भाग कर्म खण्ड है| और आज के समय में हम ज्ञान खण्ड का ज़ादा प्रयोग करते है और कर्म खण्ड का बहुत कम प्रयोग करते है उसी तरह से पुराने ज़माने में ज्ञान खण्ड का प्रयोग कम होता था कर्म खण्ड के मुकाबले यानि की लोग उस समय ज़ादा मेहनत किया करते थे अपने शरीर के बल पे और पहले के लोगो को इसलिए ज़ादा बीमारी की समस्या नही रहती थी| जब कर्म खण्ड मजबूत होने लगता है तो औरा भी मजबूत होने लगता है | उस मजबूती होने की वजह से आकाश तत्व का निर्माण करके अपने शरीर को दिखा सकता था वो उन तत्वों को अधिक समय तक धारण कर सकता था | अब क्या हो रहा है धीरे धीरे समय बीतता गया धीरे धीरे जंगल खतम होते गये इन आत्माओ का रहना का स्थान भी खतम होता चला गया अब ऐसी स्थिति में ये केवल उस जगह रहना पसंद करती है जहा बिलकुल एकांत हो, बिलकुल उजाड़ हो |
अब आज के समय में किसी की मृत्यु हो जाए और वो आत्मा अगर चाहे भी तो अपना रूप स्वरुप नहीं दिखा सकती क्युकी उनमे इतनी शक्ति ही नहीं रही की वो उन तत्वों को धारण करके अपना शरीर बना और दिखा सके |
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