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साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 67

साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 67

१.  गुरूजी, आपने कहाँ थी की आप आयुर्वेद से संबंधित एक नया चैनल बनाएँगे ?

उत्तर :- हाँ, लेकिन इतना समय नहीं मिल पाता है स्वयं की  साधना होती है, घर के कुछ कार्य भी संभालने होते है और वीडियो बनाने के लिए रीसर्च ये सब करना होता है|  इसलिए अधिक समय न मिल पाने के कारण उस चैनल में अधिक कार्य नहीं हो पर रहा है |  जैसे ही मुझे समय मिलने लग जाएगा मै उस चैनल में भी कार्य करना प्रारंभ कर दूंगा |

२. शक्तियों को मन से खेलवाड़ करने से कैसे रोके ?

उत्तर :- ये चीज़ काफी कठिन होती है क्युकी कहा जाता है अगर आपने मन को रोक लिया तो आपने इंद्र को रोक लिया | मन को साक्षात् इन्द्र देवता का प्रतीक माना जाता है और इन्द्र देव को रोकने के लिए आपको अपनी सारी शक्तियों का प्रयोग करने आना चाहिए और आपको अपने मस्तिष्क पर पूर्ण नियंत्रण होना चाहिए | आप अपने मन पर साधनाओ द्वारा, मंत्रों के माध्यम से और विशेष प्राणायाम और योगासन के द्वारा अपने मस्तिष्क और मन पर नियंत्रण प्राप्त कर सकते है | जब आपका मस्तिष्क प्रबल हो जाएगा तो कोई भी शक्ति आपको अपनी माया में या आपके मन से खिलवाड़ नहीं कर पाएगी |

३. गुरूजी आपने बताया था की दुर्गा सप्तशती की पुस्तक है उसमे एक स्त्रोत्र है जिसको अगर माला पर ७ बार पढ़ा जाए तो माला चैतन्य हो जाता है | माला को जागृत और प्राण प्रतिष्ठा करने में क्या अंतर है ?

उत्तर :- अगर आप सही रूप से साधना करना चाहते है तो आवश्यक है की आपकी माला संस्कारित हो, चैतन्य हो |  और आपने पूछा है की माला को जागृत और प्राण प्रतिष्ठा करने में क्या अंतर है ? तो इसमें कोई अंतर नहीं है |  माला को जागृत या प्राण प्रतिष्ठा करना एक ही बात है |  मंत्रो का जाप करने के लिए ये आवश्यक है ही की कोई भी साधना में माला जागृत हो |

अधिक जानकारी के लिए नीचे का विडियो भी देखे –
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