नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है आज जो अनुभव और संदेश। एक साधक के द्वारा दिया गया है। उन्होंने अपने जीवन में घटित कुछ घटनाओं! को ना बताते हुए भी। अपनी गलतियों से उन्होंने जो कुछ सीखा है और एक साधक के लिए क्या चीजें बहुत अधिक महत्व रखती हैं। अपने इस पत्र के माध्यम से अनुभव के रूप में लिख कर भेजा है। चलिए पढ़ते हैं इनके पत्र को और जानते हैं। क्या है इनके यह शब्द?
पत्र-गुरु जी और सभी सदस्यों को नमस्कार मैं अपने अनुभव तो आप सभी के साथ शेयर नहीं कर सकता हूं, लेकिन कुछ गलती अपनी गलतियों से सीखा जरूर हूं। वह यहां आप सभी के साथ शेयर कर रहा हूं। अपने अनुभव के हिसाब से उदाहरण भी देता जाऊंगा जिससे सभी साधकों को मदद मिल सके। जो कोई भी बिना गुरु मंत्र या फिर कोई उच्च ऊर्जा प्राप्त किए बिना साधना करते हैं वह मेरी तरह ना पछताए। इसलिए मैं आप सभी को कुछ बातें अपने अनुभव से बताता हूं। मैंने! इस चैनल के 85% वीडियो देखे हैं। मैं भी जब गुरु जी गुरु मंत्र के बारे में कहते थे तब यही सोचा करता था। पहले कोई सिद्धि कर लूं। फिर गुरु मंत्र का जाप करूंगा। लेकिन जब खुद गिरते हैं तभी समझ में आता है। आज मैं भी गुरु मंत्र ना करके पछता रहा हूं और आप ना पछताओ। इसलिए मेरे अनुभव के उदाहरण धर्म रहस्य चैनल को ही दे रहा हूं ताकि मेरे तर्क सिद्ध करने की जरूरत ना पड़े। आप को अगर लगता है कि आप जिस की साधना कर रहे हैं चाहे वह अप्सरा हो यक्षिणी हो या फिर कोई और साधना उनको आपके बारे में और आपके इरादे के विषय में सब पता होता है। मैं सभी बातें उदाहरण के साथ समझा लूंगा ताकि बातें सिद्ध हो सके। पहला उदाहरण अपने गुरु श्री सूरज प्रताप जी के पिता जी को जब कर्ण पिशाचिनी सिद्ध हुई थी तब उनके पिता ने यह कहा कि आप माता के रूप में सिद्ध हो जाइए। तब उन्होंने कुछ भी पूछे बिना सीधे गुरुजी! सूरज प्रताप जी की दादी का रूप ले लिया था। आप यह वीडियो देख सकते हो? मैं तारीख बताता हूं। जुलाई 16, 2018 टाइटल था कर्ण पिशाचिनी साधना अनुभव भाग 1 मेरे पिता का प्रत्यक्ष अनुभव। यह बात जान लीजिए कि यह कोई भी स्तर की शक्ति हो तामसिक राजसिक या सात्विक? आपके बारे में इन सबको पता होता ही है इसलिए 100% अपना नेक इरादा ही रखिए। दूसरा कोई भी साधना का पहला चरण विश्वास ही है। अगर आप उन शक्ति पर विश्वास नहीं करते या अगर वह शक्ति आपसे खुश नहीं है तो आप कितना भी कोशिश करें कर्म के बल से सिद्धि अगर मिल भी जाए। फिर भी हाथ में आ कर चली जाएगी क्योंकि मैंने ऊपर आपको समझाया है कि शक्तियां आप से अधिक आपको जानती हैं। आप कुछ ऐसी गलती करोगे या फिर उस शक्ति? के माध्यम से वह कुछ ऐसा करवाएगी तो फिर? उदाहरण के रूप में अगर इस बात को समझो। तो जैसे कि गुरुजी सूरज प्रताप जी के पिताजी और गुरु जी को मारने का षड्यंत्र बनाया था कर्ण पिशाचिनी ने, आपके सामने सबसे बड़ा उदाहरण यही है। यह तो गुरु श्री सूरज प्रताप जी एक नारियल की तरकीब लगाकर अपनी जान बचा लिए थे। यह ऊपर के 2018 वाले वीडियो की सीरीज में आपको देखने में मिल जाएगा। तो सबसे पहले आपको खुद एक उच्च स्तर पर जाना जरूरी होता है। आप जिस रिश्ते में उस शक्ति से जुड़ते हो वह रिश्ता सबसे बड़ी चीज होती है। आपको आपके मन में उनके लिए यह भावना होनी चाहिए ना कि आपको उनसे कुछ पाने की इच्छा होनी चाहिए। आप झूठे प्यार के वादे किए जाते हैं ऐसा यहां नहीं चलता। आपके अंदर की नियत पहले ही पढ़ ली जाती है। यह आखरी बात तभी सिद्ध नहीं मिलती या अधूरी रह जाती है। चलिए मैं आपको कुछ उदाहरण देता हूं। कुछ कड़वी मगर सच्ची बातें। मैं आपको यह बातें अपने धर्म रहस्य के परिवार का सदस्य होने के नाते कह रहा हूं। कृपया आपको बुरा ना लगे जो समझाने जा रहा हूं उसे समझ के। आप धर्म रहस्य के 15 अगस्त 2021 का वीडियो देखिए। जिसका टाइटल था अप्सरा सिद्धि और हरबुश जिन। जिसमें साधक के सामने सिद्धि आकर भी। उनकी ऊर्जा के कारण वह प्रत्यक्षीकरण ना करके चली जाती है। वह साधक के शब्द थे- मैंने अगर गुरु मंत्र लिया होता तो वह प्रत्यक्ष हो जाती। इस बात से सीखो दोस्तों आज मैंने खुद जितनी मेहनत की है, वह आपको मैं बता नहीं सकता। मगर परिवार के सदस्य के तौर पर समझा रहा हूं। आज गुरु जी सब को गुरु मंत्र की सलाह आप के फायदे के लिए ही दे रहे हैं। इसे समझियेगा। सभी को सुगंधा के सच्चे अनुभव वाली वीडियो पसंद आई थी, लेकिन बहुत कम लोगों को प्रतीक जी की यह बात याद होगी कि जब सुगंधा कोई मुसीबत में होती थी तब वह सबसे पहले अपने गुरु को ही याद करती थी। आज आप यह चैनल को मनोरंजन के तौर पर ना बना लो इसलिए मैं आप के भले के लिए यह बातें कह रहा हूं। चलिए! अब आपके नजदीक वाले एक अनुभव को बताता हूं। 23 सितंबर 2021 का वीडियो जिसका टाइटल है अनुरागिनी यक्षिणी जिसमें साधक डेढ़ से 2 किलो की मूर्ति तो प्राप्त कर लेता है मगर कुबेर समान खजाना गवा देता है। हम इंसान है गलती से सीखते हैं, मगर कभी-कभी दूसरों की गलती से भी सीखना जरूरी है। जब भी साधना का वक्त चलता है तब सब तरीके से ध्यान रखना पड़ता है और किसी को पाने के लिए कोई क्रोध मंत्र या कोई और मंत्र कुछ ऐसा नहीं करना चाहिए। जिससे आप जिसको पाना चाहो उसको कष्ट दो। आज हमें गुरु जी सूरज प्रताप ऐसे कलयुग में भी सभी चीजें पहले से समझाते हैं। लेकिन हम कुछ दिन में या फिर 1 सप्ताह में सब सिद्धियां पाना चाहते हैं जो कि संभव नहीं है। आज यह समझ लीजिए कि आप आज की दुनिया मतलब की पृथ्वीलोक की कोई अभिनेत्री को आप अपनी मर्जी से मिलना चाहो या फिर उनके साथ घूमना फिरना चाहो या एक डिनर पर ही जाने की सोचो और वह मिल जाए। ऐसा तो हो ही नहीं सकता। यह बात तो सच है ना तो आप यह कैसे सोच सकते हो कि आप सिर्फ 21 या 41 दिन में बिना कोई उच्च ऊर्जा प्राप्त किए या बिना किसी अच्छी नियत के एक ऐसी सुंदरी या एक उच्चतर शक्ति को सिद्ध कर सकते हैं। एक आखरी उदाहरण! 30 may 2021 का एक वीडियो है जिसमें खूबसूरत अप्सराओं से दोस्ती तीसरा और अंतिम भाग था। यह सबसे बड़ा उदाहरण देखें। अप्सरा खुद सिद्ध होना चाहती है। एक नहीं बल्कि दो-दो अप्सरा और वह अप्सरा अपनी सिद्धि का मंत्र भी खुद ही बता देती है। फिर भी साधना भंग हो गई। कारण एक ही ऊर्जा ना होने के कारण सिर्फ ऊर्जा की प्राप्ति के लिए साधक को पूरा जीवन ब्रम्हचर्य में रहना पड़ेगा। उस दिन यह वीडियो पर जब साधक ने कहा कि वह आखरी बार उन अब!उन अप्सरा को चॉकलेट न दे सके यह प्यार में अफसोस यह वह शक्ति के लिए तड़प होनी चाहिए, दोस्तो प्रेमिका-प्रेमी बोलना आसान है मगर खुदको भूलकर सिर्फ उसके भले के लिए सोचना यह समर्पण से आता है आप जिसकी साधना करते हो आप उनको पूर्ण समर्पण देदीजिए बिना समर्पण के रास्ता नहीं खुलेगा अंत में आप सभी को कहूंगा गुरु मंत्र ले लीजिए। यह चैनल को सिर्फ एक मनोरंजन के तौर पर मत लीजिए और अपनी ऊर्जा के साथ जब पूर्ण ज्ञान विकसित हो जाता है तब छोटी मोटी सिद्धियां तो स्वता ही मिल जाती हैं। धन्यवाद! संदेश-देखिए यहां पर इन्होंने बहुत ही सरल और स्पष्ट शब्दों में वास्तविकता को बताने की चेष्टा की है। उन्होंने यहां पर गुरु मंत्र के माध्यम से। कुछ ऊर्जा को प्राप्त करना और उसी ऊर्जा के माध्यम से सभी तंत्र शक्तियों को अधीन करने की बात कही है। ठीक वैसे ही जैसे भगवान शिव श्मशान में बैठकर। संसार की प्रत्येक अच्छी और बुरी आत्मा को अपने वश में रखते हैं। क्योंकि वह! मूल मंत्र की शक्ति से अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा के माध्यम से उन सब को अपने नियंत्रण में रख सकते हैं क्योंकि उनकी ऊर्जा का स्तर सबसे ऊंचा है वह साधक की तरह। और एक भक्त की तरह। ऐसे बैठ जाते हैं श्मशान में। जैसे उन्हें संसार से कोई मोह ही नहीं है और अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा से वह नकारात्मक सकारात्मक सभी शक्तियों को अधीन रखते हैं। ऐसा ही आपको बनना है जब आप शिव बनेंगे। साधना करके गुरु मंत्र की तभी आपके अंदर ऐसी ऊर्जा बनेगी कि आप कोई भी तांत्रिक साधना करेंगे तो शक्ति सिर्फ आपके सामने झुकेगी ही आप के अधीन होना उसकी नियति बन जाएगी। तो यह था आज का वीडियो अगर आपको पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद। |
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सिद्धि खोकर गुरु मंत्र की पहचान पाई और कड़वे सत्य
Dharam Rahasya
MPDRST( मां पराशक्ति धर्म रहस्य सेवा ट्रस्ट) -छुपे रहस्यों को उजागर करता है लेकिन इन्हें विज्ञान की कसौटी पर कसना भी जरूरी है हमारा देश विविध धर्मो की जन्म और कर्म स्थली है वैबसाइट का प्रयास होगा रहस्यों का उद्घाटन करना और उसमे सत्य के अंश को प्रगट करना l इसमें हम तंत्र ,विज्ञान, खोजें,मानव की क्षमता,गोपनीय शक्तियों इत्यादि का पता लगायेंगे l मै स्वयं भी प्राचीन इतिहास विषय में PH.D (J.R.F रिसर्च स्कॉलर) हूँ इसलिए प्राचीन रहस्यों का उद्घाटन करना मेरी हॉबी भी है l आप लोग भी अपने अनुभव जो दूसरी दुनिया से सम्बन्ध दिखाते हो भेजें और यहाँ पर साझा करें अपने अनुभवों को प्रकाशित करवाने के लिए धर्म रहस्य को संबोधित और कहीं भी अन्य इसे प्रकाशित नही करवाया गया है date के साथ अवश्य लिखकर ईमेल - [email protected] पर भेजे आशा है ये पोस्ट आपको पसंद आयेंगे l पसंद आने पर ,शेयर और सब्सक्राइब जरूर करें l धन्यवाद