नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य आयुर्वेद चैनल में आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज बात करेंगे सिर दर्द नाम के एक रोग के बारे में और यह सिर दर्द माइग्रेन से किस प्रकार भिन्न है, इसके बारे में सबसे पहले जान लेते हैं। सिर दर्द और माइग्रेन दोनों थोड़ी थोड़ी अलग स्थितियों को दर्शाता है। सिरदर्द हल्की संवेदनशीलता है जैसे कि इसमें जी का मिचलाना उल्टी जैसी शुरुआत होना लंबे समय तक बना रहना। इसी सिर दर्द को हम क्लस्टर सिरदर्द के नाम से भी जानते हैं। इसके लक्षण जो है माइग्रेन जैसे ही होते हैं, लेकिन माइग्रेन और क्लस्टर सिरदर्द में बड़ा। अंतर होता है क्लस्टर सिरदर्द एक आवर्ती प्रक्रिया के जैसा होता है और दिन भर में कई बार हो सकता है। बड़े अंतर के बावजूद बहुत सारे लोग क्लस्टर सिरदर्द को माइग्रेन ही समझ लेते हैं।
लेकिन क्लस्टर से जो सिर दर्द है, इसके पहचान हो जाती है। वह अलग से जानने पर पता चलती है। माइग्रेन की वजह से अगर कोई सिर दर्द होता है टेंशन या तनाव की वजह से होने वाला सिरदर्द समझ लिया जाता है? टेंशन की वजह से होने वाला सिरदर्द सबसे कॉमन प्रकार का सिरदर्द माना जाता है और इस दुनिया में लगभग 40% इसी दर्द में आता है। अब तक दुनिया में हो चुकी इस बारे में जो भी खोजें हैं उसमें क्लस्टर सिरदर्द जो है। बेहद दुर्लभ स्थिति को दर्शाता है। दुनिया भर की आबादी के सिर्फ 0.1% लोग ही इससे प्रभावित है। भिन्न भिन्न प्रकार की स्थिति आपके सिर दर्द में हो सकती हैं।
सिर दर्द की अगर विभिन्न प्रकारों की बात की जाए तो प्राथमिक सिरदर्द एक ऐसी बीमारी है जो रक्त वाहिनी, मांस, पेशी, सिर और गर्दन की नस में शामिल होती हैं, जहां पर दर्द के विभिन्न परिणाम आते हैं। प्राथमिक सिरदर्द में शामिल है सबसे पहले माइग्रेन दूसरा है क्लस्टर सिरदर्द और तीसरा होता है। तनाव से जुड़ा हुआ सिर दर्द। प्राथमिक में माइग्रेन। दुनिया को अक्षम बनाने के कारण सबसे बड़ा कारण माना जाता है। माइग्रेन कुछ घंटों से लेकर 2 से 3 दिन तक भी रहता है। अगर क्लस्टर सिरदर्द की बात की जाए तो यह 15 मिनट से 3 घंटे तक रहता है। अचानक से लेकर 8 बार प्रतिदिन कुछ सप्ताह या महीनों के लिए यह हो सकता है। क्लस्टर सिरदर्द के बीच में कोई लक्षण दिखाई ना दे। यह सिरदर्द मुक्त अवधि महीने से लेकर कई साल तक की भी हो सकती है।
अब तीसरे सिरदर्द टेंशन या तनाव से जुड़े हुए सिर दर्द की अगर बात की जाए। सामान्य रूप से दिन के मध्य में धीरे-धीरे शुरू होते हैं और तनाव संबंधित सिर दर्द किसी एक अवधि का हो सकता है। एपीसोडिक सिरदर्द आमतौर से कुछ घंटों के लिए रहते हैं लेकिन कई दिनों तक चल सकते हैं। गंभीर सिरदर्द महीने के 15 दिन अधिक दिनों या कम से कम 3 महीने की अवधि के लिए भी होते हैं। माध्यमिक सिर दर्द होता है। अलग-अलग तरीके का होता है इसमें रिबाउंड से दर्द। थंडरक्लैप सिद्धार्थ साइनस का सिरदर्द, कैफ़ीन सिर दर्द। सेबी को गणित सिद्धार्थ स्थित संबंधी सिद्धांत रीढ़ संबंधी सिद्धांत। इंजेक्शन संबंधी सिर दर्द, एलर्जी संबंधित सिर दर्द होते हैं। तो बहुत सारे कारण बताए जाते हैं। लेकिन जो मुख्य मुख्य कारण है, वह है। शराब के सेवन से होने वाला सिरदर्द, यह अत्यधिक नशे के कारण होता है। ब्रेन ट्यूमर की वजह से भी माध्यमिक सिर दर्द हो जाता है।
खून के थक्के की वजह से भी होता है। मस्तिष्क में उसके चारों और अगर रक्त स्राव हो रहा है तो इससे भी माध्यमिक सिरदर्द बन जाता है। कार्बन मोनोऑक्साइड अगर शरीर में ज्यादा हो जाती है तो भी सिरदर्द बन जाता है। मस्तिष्क घात का जो रोग है वह भी माध्यमिक सिरदर्द में आता है। निर्जलीकरण या शरीर में पानी की कमी हो जाना भी माध्यमिक सिर दर्द को पैदा कर देता है। बुखार भी इसका एक कारण है। रात को सोते समय जो लोग दांत पीसते हैं, यह भी माध्यमिक सिर दर्द का एक कारण होता है। इन्फ्लूएंजा भी इसका एक कारण है। दर्द की दवा का अगर आप अत्यधिक मात्रा में सेवन करते हैं तो भी आपको माध्यमिक से दर्द हो जाता है। अगर आपको घबराहट रहती है? और बार-बार घबराहट आती है तो भी आपको माध्यमिक सिरदर्द बन जाएगा। अगर आपको दौरे पड़ते हैं या दौरे आते हैं? तो भी आपको? माध्यमिक दर्द हो जाता है। इसके अलावा तनाव से भी माध्यमिक से दर्द पैदा होता है।
स्त्रियों में मासिक धर्म के पहले उसके दौरान और उसके बाद हार्मोन का उतार-चढ़ाव के कारण भी आपको यह पैदा हो सकता है। पीठ और गर्दन की मांसपेशियों में तनाव होने पर भी इसको पैदा होते देखा गया है। भूख लगने पर भी ऐसा हो सकता है। अधिक भूख लगती है तो भी ? विभिन्न प्रकार की जो सिर दर्द की और टेंशन दूर करने की दवाएं हैं, इनका लंबे समय तक उपयोग नहीं करना चाहिए। इससे भी ऐसी समस्या आपके शरीर पर आ सकती है। शराब कैफीन और शुगर की मात्रा में वृद्धि होने पर भी आपके इस प्रकार के लक्षण बन सकते और आपको माध्यमिक सिर दर्द हो जाता है।
कैसे करें इन सब से बचाव? कुछ एक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से आप अपने सिर दर्द को बचा सकते हैं। सबसे पहले दवाई! अधिक मात्रा में या दर्द से छुटकारा लेने वाली दवाओं को बिल्कुल भी नहीं लेना चाहिए। इससे आपका शरीर खोखला हो जाता है और सिरदर्द जैसी समस्याएं पैदा होती हैं। शराब का भी अधिक मात्रा में सेवन सिर, दर्द और निर्जलीकरण का एक कारण बना लेता है। निकोटीन जो कि तंबाकू उत्पादों में होता है। और कई ऐसी चीजें हैं जिनको हम डेली बेसिस में पीते हैं, उनमें भी पाया जाता है, उससे बचना चाहिए। अपने खाने पीने की चीजों पर अगर गौर करेंगे तो व्यवस्थित तरीके से अगर भोजन करते हैं तो यह नहीं होगा। नियमित रूप से खाना खाना होता है और समय अनुसार भी भोजन करना होता है।
कैफीन का कम से कम सेवन करना चाहिए। क्योंकि यह अधिक मात्रा में लेने पर माइग्रेन को बढ़ा सकता है, लेकिन अचानक खाना पीना बंद कर देना भी इसका कारण पैदा कर देता है। अगर कैफीन लेते हैं तो कैफीन के सेवन को कम से कम करते हुए खत्म करना चाहिए। नियमित और पर्याप्त नींद लेना आपके लिए अत्यंत आवश्यक है। अगर आपके सोने का कोई नियम नहीं है। यह आप थक जाते हैं तो इससे माइग्रेन बढ़ने की संभावनाएं बहुत ज्यादा हो जाती हैं। इसलिए अपनी नियमित नींद का जो भी समय है, उसको निर्धारित करें और पर्याप्त मात्रा में नींद ले। अपने तनाव को आपको अवश्य ही कम कर लेना चाहिए। इसके लिए आप व्यायाम कीजिए, चिंतन कीजिए, प्रार्थना कीजिए। पूजा-पाठ कीजिए और जीवन में जिन भी चीजों से आपको खुशी मिलती है, वह कार्य अवश्य करना चाहिए।
खुद को परेशान करने वाली सभी चीजों से दूर रहना चाहिए और उन चीजों में बदलाव लाते रहना चाहिए। इसके लिए आप एक योजना बना सकते हैं ताकि आपका तनाव निश्चित रूप से कम हो। अपने शरीर के अंदर ऊर्जा पर्याप्त मात्रा में बनाए रखें। नियमित रूप से भोजन करें और नियमित रूप से शरीर में पानी की कमी भी ना होने दें।
अब बात करते हैं कि आखिर सिरदर्द का परीक्षण कैसे करते हैं? अगर आप रक्त का परीक्षण करते हैं तो यह सामान्य होता है। इसमें यह लक्षण पता नहीं चलते। खोपड़ी या गर्दन मांसपेशियों में होने वाले दर्द को छोड़कर मामूली सिरदर्द में किया जाने वाला शारीरिक परीक्षण आमतौर पर सामान्य ही रहता है। आपका सिर दर्द गंभीर है और आपका डॉक्टर आप के लक्षणों और चिकित्सा का मूल्यांकन करके यह कहता है कि इसकी शारीरिक जांच आवश्यक है तो फिर यह कराना आवश्यक हो जाता है। परीक्षा में आप रक्त परीक्षण, एक्स-रे और सबसे उत्तम जो है मस्तिष्क स्कैन जिसे सीटी स्कैन और एमआरआई कहते हैं आवश्यक रूप से करना चाहिए। ताकि निश्चित रूप से पता चल सके कि आखिर रोग का कारण क्या है? बहुत सारी इसमें दवाइयां आती हैं, लेकिन हम उनके बारे में हमें बात नहीं करेंगे क्योंकि यह एक मस्तिष्क से जुड़ी हुई प्रक्रिया है।
ऐसी स्थितियों से बचने के लिए प्रारंभिक रूप से अपने आप अपना ख्याल रखते हुए तनाव से दूर रहने की कोशिश करनी चाहिए। अपने सिर या गर्दन को बर्फ की थैली गर्म थैली से सेकना चाहिए और अत्यधिक तापमान से बचना चाहिए। जहां तक संभव हो, तनाव से बचना चाहिए और तनाव को दूर करने के लिए नई नई योजनाएं बनाते रहना चाहिए। मन, मस्तिष्क का स्वभाव होता है कि वह नई प्रक्रिया को अधिक आनंद पूर्वक लेता है। इसलिए जीवन में बदलाव लाते रहे ताकि आपका मन मनोरंजन प्राप्त करता रहे। नियमित रूप से भोजन करना चाहिए। रक्त में शुगर की मात्रा को स्थिर बनाए रखने की सदैव कोशिश करनी चाहिए।
सिर दर्द में एक गर्म पानी का शावर मदद कर सकता है। हालांकि यह भी कहा जाता है कि गर्म पानी का अत्यधिक प्रयोग सिर दर्द को बढ़ा भी सकता है। नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए और पर्याप्त मात्रा में आराम नियमित नींद और मनोरंजन के कोई साधन का उपयोग अवश्य करना चाहिए। इसके कारण व्यक्ति सदैव स्वस्थ बना रहता है। वैकल्पिक दृष्टिकोण से बहुत सारे सिर दर्द के वैकल्पिक उपचार मौजूद हैं। इसमें एक्यूपंक्चर बिधि है। यह एक वैकल्पिक चिकित्सा है जो सिर दर्द को दूर करने में मदद करती है। संज्ञानात्मक व्यवहार चिकित्सा भी इस में काम आती है। हर्बल और पौष्टिक स्वास्थ्य उत्पाद इसे दूर करने में सहायक हैं। इसके अलावा सम्मोहन! की विधि भी इसमें अच्छा कार्य करती है। ध्यान चिंतन या? मेडिटेशन करने से भी। सिर दर्द में और इस तरह के रोगों में अवश्य ही फायदा होता है।
पूजा पाठ करने से और मंत्रों का जाप करने से भी सिर दर्द जैसी समस्याओं का हल मिलता है। लेकिन आप अपने ध्यान को शून्य बनाने की आवश्यकता जरूरी है तभी आप इस समस्या से निजात पाएंगे ।