Site icon Dharam Rahasya

सुंदरवन की आदमखोर सुंदरियाँ भाग 1

सुंदरवन की आदमखोर सुंदरियाँ भाग 1

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल में आप सभी का एक बार फिर से स्वागत है। आज हम मठ और मंदिरों की कहानियों में एक ऐसी गोपनीय कहानी लेकर उपस्थित हुए हैं जो कि आज के श्वेत भैरव जिनको भगवान शिव का अवतार भी माना जाता है और उनके साथ जुड़ी हुई एक गोपनीय और अद्भुत प्रकार की भैरवी जिसका विवरण हमको आज प्राप्त नहीं होता है। हालांकि इसकी साधना के विषय में धर्म रहस्य लाइव मेंबर शिप वीडियो में भी साधना का विवरण उपलब्ध करवाया है। इसे हम श्वेतारति भैरवी के नाम से भी जाना जाता है तो श्वेत भैरव कौन है? श्वेता रति भैरवी कौन है और यह? बंगाल के सुंदरबन से जुड़ी हुई कहानी क्या है? यह सारी बातें हम इस पूरी सीरीज के माध्यम से जानेंगे तो जैसे कि मैंने बताया कि सबसे पहले हमें श्वेत भैरव को जानना पड़ेगा।

तो यह स्थान आज की स्थिति में श्वेत भैरव जी का जो माना जाता है यह मंदिर के रूप में केवल भारत के बाहर नेपाल में काठमांडू में स्थित है। यह भगवान शिव के अवतार माने जाते हैं और इनकी एकमात्र प्रतिमा काठमांडू में ही स्थित है और वहां पर स्थानीय लोग इन्हें भयानक मुखड़े वाले देवता के रूप में जानते हैं।

यह बहुत ही दुर्लभ माने जाते हैं और भक्त लोग इन्हें प्रसाद के रूप में चावल का रस और शराब का भोग भी चढ़ाते हैं।

श्वेत भैरव! कि इस मूर्ति को? राणा बहादुर शाह के शासन के दौरान 1795 में बनाया और स्थापित किया गया था।लेकिन यह भैरव मूलतः आपके। हिमालय पर्वत में निवास करते थे। और इसी के कारण से।

उस वक्त की जो कथा हम देखते हैं, वह घटित होती है लेकिन इन तक पहुंचने से पहले हमें उस कथा को समझना पड़ेगा जो कि कहीं दूर एक सुंदरबन में घटित हो रही थी। सुंदरबन डेल्टा बंगाल में स्थित है और गंगा नदी के समुद्र में मिलने से पहले विशालकाय रूप में माता गंगा यहां एक ऐसा डेल्टा का निर्माण करती है जहां पर बहुत सारा विस्तृत वन है। और सुंदरबन है। इसे सुंदर इसीलिए कहा जाता है क्योंकि यह अत्यधिक दुर्लभ है और। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना जिलों के 19 विकास खंडों में फैला हुआ सुंदरबन यूनेस्को की विश्व धरोहर में सम्मिलित हैं। लगभग 9630 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में निवास करता है। आज की स्थिति से कई वर्ष पहले जब हमारे देश का।

शुरुआती दौर चल रहा था। इसीलिए यह! बहुत पुरानी घटना है। उस दौरान यहां पर एक राजा का राज्य था राजा का स्वभाव बहुत ही ज्यादा गंदा था। वह बहुत ही ज्यादा दूषित मानसिकता का राजा था। वह अपने सैनिकों के साथ सुदूर के गांव क्षेत्रों में आता रहता था और सुंदरवन उसके अधिकार क्षेत्र में सम्मिलित था और राजधानी से जब वह यहां आता था तो। वह जिस भी गांव में रुकता था उस गांव की।

जो छोटी से छोटी कन्याये जिनकी उम्र 16 वर्ष से कम होती थी, उनको पूजा करने के लिए बुलाता था जबकि उसका उद्देश्य अपनी हवस को मिटाना होता था। इसके लिए वह यहां के लोगों को धनराशि और पैसे भी देता था। और इसी कारण से। लोग उसे अच्छा समझते थे जबकि वह राजा बहुत ही कुप्रवित्ति का था और कुंवारी कन्याओं के प्रति बहुत ज्यादा आकर्षित रहता था। वह अधिकतर सबसे छोटी उम्र की कन्याओं को चुनता था।

पूजा करने के नाम पर उन्हें झोपड़ी के अंदर ले जाकर लोगों को बताता कि मैं विशेष तरह की तांत्रिक साधना कर रहा हूं। पर वह उनके शरीर का पूरा उपभोग करता। कई बार कन्याओं की मृत्यु हो जाती थी।

इसकी वजह से वह बाद में यह कहता कि तांत्रिक शक्ति का। ऊर्जा जो मैंने इस कन्या में डाली, वह सहन नहीं कर पाई। इसके लिए उसकी मां बाप को बहुत धनराशि दे देता था।

इसी प्रकार गांव की एक अत्यंत ही दो सुंदर कन्याएं उसे दिखाई देती है। और यह कन्या! बहुत ही ज्यादा सुंदर थी। इनके विषय में उसे जब जानकारी मिलती है तो वह उन दोनों को प्राप्त करने की इच्छा रखते हुए। वहां पर पहुंच जाता है।

तो उनकी मां बाप से कहता है कि मुझे तांत्रिक साधना करने के लिए ऐसी ही सुंदर कन्याओं की आवश्यकता है। उसके मां-बाप अपनी कन्याओं को देने से मना कर देते हैं। राजा इस बात से क्रोधित होता है और अपने सैनिकों को कहता है कि रात्रि के समय! इन पर हमला करके इनकी दोनों कन्याओं को उठा लो।

और?

फिर?

इनकी पूरे परिवार को समाप्त कर हमेशा के लिए इन कन्याओं को मुझे लाकर दे दो, क्योंकि ऐसी सुंदर कन्याये मैंने अभी तक नहीं देखी है। रात्रि के समय राजा के सैनिक गांव में। उस मुखिया के घर में प्रवेश करते हैं।

और सोते समय! मां और! उसके भाइयों समेत उसके पिता का सर काट देते हैं।

लेकिन इस हलचल के दौरान अचानक से उन कन्याओं को इस बात का आभास हो जाता है। और वह बहुत से घोर जंगल की ओर दौड़ पड़ती है।

जंगल बहुत खतरनाक है, क्योंकि यहां पर हमेशा से। सुंदरवन के बाघ।

जोकि। जंगल का राजा भी माना जाता है, उस बाध और हमेशा के लिए उनकी ही सत्ता चलती है। जंगल की ओर जाना हमेशा खतरनाक होता है और यह बाघ बड़ी आसानी से किसी भी मनुष्य को मारकर खा जाते थे।

बाघों का बड़ा वर्चस्व था। इसीलिए सैनिकों ने रात्रि में।

फैली हुई नदी के पार लड़कियों को ढूंढना उचित नहीं समझा।

इधर राजा ने। एक बार फिर से। उन सब को पूछा कि क्या वह लड़कियां तुम्हें मिली? तो उन्होंने बताया कि वह जंगल की ओर चली गई है। हमारी खोजबीन जारी है। और जल्दी ही हम उन्हें ढूंढ लेंगे।

अगले दिन सुबह होते ही सारे सैनिक जंगल में। उन दोनों कन्याओं को ढूंढने लगे।

लेकिन कन्याएं उन्हें कहीं दिखाई नहीं दी।

राजा! अब बहुत ज्यादा बेचैन होने लगा था। उसने कहा, मैं ज्यादा समय तक इंतजार नहीं कर सकता। किसी भी कीमत पर मुझे कन्याये ला कर दो।

अगर तुम कन्याओं को लेकर नहीं आते हो तो मैं तुम सबको मृत्युदंड दे दूंगा।

उनमें से राजा का एक प्रसिद्ध मंत्री था। उसने कहा, आप इसकी चिंता क्यों करते हैं? मैं आपके लिए किसी दूसरे गांव की इससे भी ज्यादा खूबसूरत लड़कियां ढूंढता हूं।

राजा कहता है। अगर तुम इतनी ज्यादा सुंदर लड़कियां नहीं आते हो तो मैं इन सैनिकों को मार दूंगा नहीं तो इन सबको!

सुंदरबन की किस नदी के अंदर डुबोकर मरवा दूंगा?

राजा का मंत्री जोकि राजा का रिश्तेदार भी था। बड़ी तल्लीनता के साथ वहां के आसपास के सभी गांव में लड़कियों को ढूंढता है। पर? उन दोनों कन्याओं के जैसी सुंदर! लड़कियां बिल्कुल भी उसे दिखाई नहीं देती।

अब समस्या और भी ज्यादा बढ़ गई क्योंकि राजा को संतुष्ट करने के लिए उसने 2-4 पास के गांव की खूबसूरत लड़कियों को बुलाया था, लेकिन राजा उन्हें देखकर ही मना कर देता है क्योंकि उसके मन में तो वही दोनों कन्याएं बस चुकी थी। उसने कहा किसी भी कीमत पर मुझे वह चाहिए।

अब! राजा की मंत्री ने।

तांत्रिकों की मदद लेना ही सबसे उपयुक्त समझा। उस वक्त भी कामाख्या क्षेत्र में बहुत ही तीव्र उच्च कोटि के तांत्रिक रहा करते थे।

वह तुरंत गया और वहां से तांत्रिकों की। एक पूरी फौज को लेकर आ गया। और कहा गया कि आप सभी को? सोने के सिक्कों से लाभ दिया जाएगा। लेकिन आपको दो कन्या किसी भी प्रकार से ढूंढनी है।

अगर आप नहीं ढूंढ पाते हैं तो राजा आपको भी मरवा देगा। तांत्रिकों ने अपने तंत्र का प्रयोग किया और पता लगाया तो पता चला कि जहां पर काफी मात्रा में बाघ निवास करते हैं, वहीं कहीं पर उपस्थित हैं।

और उनको किसी प्रकार से। अगर प्राप्त करना है तो चुपचाप! वहां तक पहुंचना होगा। इधर कन्याये बहुत परेशान थी, क्योंकि भोजन के लिए कुछ भी उपलब्ध नहीं था। पेड़ों के ऊपर कब तक वह बैठी रहती और नीचे उतरती तो नीचे शेर? यानी कि सुंदरवन के बाघ उन्हें खा जाते।

उन बाघों से भी बचना था और अपने गांव भी लौटना उनके लिए उपयुक्त नहीं था क्योंकि वह यह बात जानती थी कि राजा वहीं मौजूद है।

कि तभी गांव में। एक व्यक्ति वहां से इधर की ओर आ रहा था। लड़कियों ने उसे इशारा किया। वह सारी बात जानता था। उसने कहा, तुम लोग यहीं रहो। अगर वापस गई तो ना तो इज्जत बचेगी और ना ही जिंदगी। मैं किसी को कुछ नहीं बताऊंगा।

तब दोनों लड़कियों ने कहा, बाबा हम कब तक यहां ऐसे जिंदा रह पाएंगे, यहां खाने को भी कुछ नहीं है?

वह व्यक्ति भी एक तांत्रिक था। और तब उसने कहा कि एक ही चीज अब तुम्हारी रक्षा कर सकती है या तो तुम वनदेवी को प्रसन्न करो। या फिर? मैंने! कई वर्ष पहले श्वेत भैरव की सिद्धि की थी। उनको सिद्ध करो। दोनों में से जो काम आसान पड़े।

वन देवी को प्रसन्न करने के लिए। नीचे उतर कर साधना करना था। लेकिन श्वेत भैरव की साधना के लिए पेड़ पर ऊपर बैठकर भी साधना की जा सकती थी। इसीलिए लड़कियों ने श्वेत भैरव साधना को ही चुना।

लड़कियों ने बताई गई विधि और मंत्र से। वहां पर पूजा करना शुरू कर दिया। पेड़ पर बैठे बैठे ही, इसी प्रकार मंत्र का जाप करती रहीं। वह बाबा रोजाना आता था और पेड़ के नीचे भोजन रखकर चला जाता। इसी प्रकार वह उन लड़कियों की रक्षा कर रहा था। कि किसी ने यह खबर राजा तक पहुंचा दी कि गांव का एक व्यक्ति जंगल में जाता है और रोजाना खाना लेकर जाता है जबकि वह स्वयं सुबह खाना खाकर यहां से निकलता है यह बात राजा को। पता चली तो राजा ने कहा, उसका पीछा करो।

यह बात किसी गांव वाले ने सुन ली और उस व्यक्ति को जाकर बता दी। तब व्यक्ति ने सोचा कि आज मेरा जंगल जाना उपयुक्त नहीं है। इसलिए वह जंगल नहीं जाता है।

यह बात राजा को पता चल गई। तब राजा ने सोचा कि इस व्यक्ति को अब डरा धमकाकर पूछना ही पड़ेगा।

उसने उस व्यक्ति को अपने पास बुला लिया और कहा जंगल में तुम क्यों जाते हो? व्यक्ति ने कहा, मैं जंगल में वन देवी की पूजा के लिए जाता हूं। वहां पर भोजन रख कर आ जाता हूं। तब राजा ने कहा, ठीक है कल जब तुम वनदेवी की पूजा के लिए जाओगे तब तुम्हारे साथ सैनिक भी जाएंगे। इस बात से व्यक्ति अब घबरा जाता है। तो अगले दिन वह! मजबूरी में उस स्थान की ओर जाता है लेकिन?

जिस स्थान पर कन्याए थी उससे काफी दूर पर वह नीचे खाना रख देता है।

और वही से वापस सैनिकों के साथ लौट जाता है।

खाना बहुत दूर था, कि तभी लड़कियां पेड़ से नीचे उतरती है। और खाने के पास पहुंची ही थी कि उन्हें चारों तरफ से।

बहुत सारे बाघ उन्हें घेर लेते हैं। आगे क्या घटित हुआ जानेंगे हम लोग अगले भाग में।

अगर यह जानकारी और कथा आपको पसंद आ रही है तो लाइक करें। शेयर करें सब्सक्राइब करें। आप सभी का दिन मंगलमय हो जय मां पराशक्ति।

सुंदरवन की आदमखोर सुंदरियाँ भाग 2

Exit mobile version