सुंदरवन की आदमखोर सुंदरियाँ भाग 2
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल में आप सभी का एक बार फिर से स्वागत है। सुंदरबन की आदमखोर, सुंदरिया दूसरे भाग में हम आगे की कहानी को जानते हैं। अब क्योंकि उन लड़कियों को? चारों तरफ से बाघों ने घेर लिया था इसलिए उन्हें कुछ समझ में नहीं आया।
उन्होंने वहां से भागने की कोशिश की लेकिन बाघों ने उन पर हमला कर दिया। और दोनों! बाघों के हमलों से तुरंत ही बेहोश हो गई।
उन्हें पता नहीं था कि उनके साथ क्या होने वाला है? इधर!
उस व्यक्ति को बड़ी चिंता हो रही थी कि आखिर वह! कैसे उनकी मदद करें इसलिए उसने अपनी सिद्ध मंत्र से आवाहन किया और श्वेत भैरव जी से प्रार्थना भी की। इधर चमत्कार घटित होता है। एक व्यक्ति। जिसके पास एक कुत्ता था।
जो कि वास्तव में श्वेत भैरव ही। प्रकट हुए थे मानव के रूप में। वहां पर आ जाते हैं। उन्होंने अपने दंड का प्रयोग कर सभी बाघों को वहां से हटा दिया। दोनों कन्याओं पर पानी छिड़क कर उन्हें उठाया। लड़कियां बहुत घबरा चुकी थी।
लेकिन यह किसी चमत्कार से कम नहीं था। दोनों लड़कियों ने बड़े अचानक से उस व्यक्ति को देखा और कहा, हमें तो बाघों ने पंजे मारकर खाना शुरु कर दिया था। पर हमारे शरीरों पर तो कोई भी निशान है ही नहीं। और ऐसा लगता है जैसे हम अभी सो कर उठे हैं। यह क्या है? आप कौन हैं और आपने हमारी रक्षा कैसे की है? तब वह व्यक्ति कहने लगा। अगर पहचान सको तो उद्देश्य सामने ही मौजूद होता है। लेकिन? मेरे दंड से कोई नहीं बच सकता।
और देखो मैंने सभी बाघों को यहां से दूर भगा दिया है। अब तुम दोनों सुरक्षित हो। तब दोनों कन्या बड़ी जोर से रोने लगी और कहने लगी हमारा जीवन तो समाप्त ही हो चुका है। एक व्यक्ति खाना लाकर यहां रखता है। और? हम उसी के सहारे जीवन यहां पर जीते हैं।
हमें साधना भी बताई गई, लेकिन हम उसमें भी असफल रहे हैं।
क्या करें हमारा तो संसार में कोई नहीं है? क्या कोई हमारी मदद के लिए नहीं आगे आएगा उस राजा के दुष्कर्म की सजा उसे नहीं मिलेगी। क्या हम कभी अपने घर वापस नहीं जा पाएंगे? तब वह व्यक्ति। जो कि स्वयं श्वेत भैरव था। हंसते हुए कहने लगा। तुम कन्याएं अपने आप को इतना कमजोर क्यों समझती हो? तुम्हें तो पता होना चाहिए। हर नारी स्वयं शक्ति का ही अंश होती है।
अरे मुझ से जुड़ी हुई खुद एक बहुत शक्तिशाली शक्ति है। जो कि स्वयं माता महागौरी की कृपा से मुझसे जुड़ी थी।
मैं तुम्हारी मदद कर देता पर मेरा बंधन किया गया है। इस क्षेत्र में बहुत सारे तांत्रिक आ चुके हैं। और उन्होंने बंधन क्रिया की है दुहाई मंत्रों के माध्यम से। मैं इस जंगल में प्रत्यक्ष रूप से तुम्हें सिद्धि प्रदान नहीं कर सकता हूं। तुम जिसकी सुबह शाम आराधना कर रही हो, मैं वही श्वेत भैरव ही हूं।
तब दोनों उस व्यक्ति के चरणों में गिर जाती हैं।
श्वेत भैरव कहते हैं। तुम्हें? साधना करने के लिए हिमालय पर जाना होगा। क्योंकि वही स्थान तुम्हारे लिए उपयुक्त रहेगा। इस जंगल में तुम साधना नहीं कर पाओगी।
ऐसा करता हूँ कि तुम्हारी कुछ मदद तो मैं कर ही सकता हूं।
24 घंटे में सिर्फ!
10 मिनट के लिए। मैं? तुम्हें बाघों के? मुख की ताकत और शक्ति प्रदान करता हूं। जिन बाघों ने तुम्हें खाने की कोशिश की उनकी शक्ति तुम्हारे गर्दन से लेकर चेहरे में। जब तुम्हारी इच्छा होगी। एक पूरे 24 घंटे में
10 मिनट के लिए व्याप्त हो जाएगी।
अगर मेरा बंधन और दुहाई मंत्रों के माध्यम से यहां नहीं किया जाता तो मैं पूर्ण सिद्धि तुम्हें प्रदान करता। तुम्हारे लिए स्वयं एक व्यक्ति ने मेरा आवाहन किया था तुम्हारी भी तपस्या? कई दिनों से चल रही है। इसी कारण से मैं तुम्हें यह सिद्धि प्रदान करता हूं। अब तुम्हें डरने या घबराने की आवश्यकता नहीं रहेगी। बस इतना ध्यान रखना कि इस शक्ति का प्रयोग जब खतरा बहुत बढ़ जाए तभी करना क्योंकि अगले 24 घंटे तक तुम सिद्धि का प्रयोग नहीं कर पाओगी।
तब उन लड़कियों ने? श्वेत भैरव की उपासना कर। उन्हें? फूल मालाएं पहनाई और अपने गुरु के रूप में स्वीकार करते हुए उनकी चरण वंदना की श्वेत भैरव आशीर्वाद देकर वहां से गायब हो गए।
इसके बाद कन्याये फिर से पेड़ों के ऊपर चली गई।
इधर!
तांत्रिकों ने राजा को बताया कि कन्याए एक विशेष स्थान पर है। उन्हें पकड़ने के लिए आपको! सुबह के समय जब वह सो रही हो चुपचाप लाना पड़ेगा।
तब तांत्रिकों के कहने पर राजा ने सेना की एक टुकड़ी रात्रि के समय उस जंगल में भेज दी। वह पेड़ों के ऊपर बैठकर उन कन्याओं को देखने लगी। क्योंकि तांत्रिकों के कहने के मुताबिक जब उन्हें पूरी निद्रा हो और सुबह 3:00 या 4:00 बजे का समय हो तभी उन पर हमला करके उन्हें पकड़ कर लाना है।
इधर एक और विशेष बात!
श्वेत भैरव की सिद्धि से उन कन्याओं को सिद्धि प्राप्त हो गई थी। वह यह थी कि श्वेत भैरव ने उन्हें अपना रंग भी प्रदान किया था। इस कारण से वह कन्याए बहुत गोरी चिट्टी और सुंदर हो गई थी। इसीलिए जब सैनिकों ने जंगल में उन्हें देखा तो सभी कहने लगे। ऐसी सुंदर कन्या की प्राप्ति के लिए राजा ने हमें भेजा है।
सच में राजा बहुत भाग्यशाली है जो इतनी खूबसूरत लड़कियों के पीछे हमें लगाया है। इनका तो रूप ही दूर से चमक रहा है।
तब?
उन सब ने? सुबह के वक्त धीरे-धीरे उन लड़कियों के पास जाकर उन पर जाल फेंका।
हड़बड़ाहट में और आधी नींद में होने के कारण लड़कियां कुछ समझ नहीं पाई और जाल में बंध गई।
जाल में बंद हो जाने के कारण वह अपनी सिद्धि का भी प्रयोग नहीं कर सकती थी क्योंकि! अगर वह?
शेर की शक्ति बाघों की ताकत चेहरे पर लाती। तब भी जाल से बाहर नहीं निकल सकती थी। इसलिए दोनों बहनों ने एक दूसरे की तरफ इशारा किया। कहा? कुछ समय रुको।
हमें उचित समय का इंतजार करना होगा इस प्रकार से।
वह दोनों लड़कियां उन के बंधन में राजा के पास सैनिकों के द्वारा पहुंचाई गई। राजा ने कहा इनके ऊपर से जाल हटाओ! और राजा जब उन दोनों को देखता है तो देखता ही रह जाता है। कहता है पिछली बार जब मैंने इन्हें देखा था तो काफी सुंदर थी, पर अब तो यह किसी? राजकुमारी से भी ज्यादा सुंदर नजर आ रही हैं। अब से यह मेरे साथ ही रहेंगी। मैं इन्हें अपनी पत्नियां बना करके रखूंगा। ऐसी सुंदर कन्याओं को प्राप्त करना सौभाग्य की बात है। तब उन कन्याओं ने कहा तुमने हमारे पूरे परिवार को। नष्ट कर दिया है मेरे माता पिता और भाई का वध करवा दिया है। ऐसे में मैं या हम सब तुम्हारे साथ क्यों आएंगे तब राजा ने कहा, राजा की आज्ञा का पालन करना प्रजा के लिए अनिवार्य होता है इसीलिए! तुमको हमारी बात माननी ही पड़ेगी। तब? दोनों कन्याओं को। वहां की कुछ दासी स्त्रियों के साथ छोड़ दिया गया। राजा ने कहा उत्सव मनाओ मेरे लिए सुंदर सेज सजाओ मैं आज इनसे मिलन करूंगा। यह बात आसपास के क्षेत्र में पूरी तरह फैल चुकी थी कि राजा ने इन कन्याओं को बलपूर्वक अपने अधिकार में ले लिया है। गांव वाले इस बात से बहुत चिंतित थे। उस व्यक्ति तक यह बात पहुंची तो वह भी बहुत परेशान हो गया। उसने श्वेत भैरव से दोबारा प्रार्थना की। श्वेत भैरव यह सारी बातें देख रहे थे और मंद मंद मुस्कुरा रहे थे। वह इस बात को समझ चुके थे।
इसलिए उन्होंने!
यह बात! सोची की कन्याओं को याद दिलाना आवश्यक है।
तो उन्होंने!
वहां पर सिंह के रूप में उन्हें दर्शन दिए। और कन्याये समझ गई याद आया उन्हें कि उनके पास एक सिद्धि है।
सुहागरात मनाने के लिए राजा ने।
वहां!
पर पूरी व्यवस्था कर ली थी।
राजा का एक और मित्र था। जो कि राजा के साथ शिकार पर आया हुआ था, उसने भी कन्याओं को देखा और उसके मन में तीव्र इच्छा हुई कि वह भी इन कन्याओं को प्राप्त करें।
यह तो राजा के अधिकार में थी इसलिए वह सोचने लगा, चलो ऐसा करता हूं। की? इन कन्याओं को बलपूर्वक उठा ले जाता हूं।
और इनके साथ?
शारीरिक रूप से संबंध बना लेता हूं।
इसलिए उसने गुपचुप तरीके से!
उन कन्याओं को वहां से ले जाने की योजना बना डाली।
इधर सुहागरात मनाने के लिए राजा ने अपने बिस्तर पर। दोनों कन्याओं को बुलाया और कहा कि अब? अपने शरीर को मुझे दिखाओ तुम्हारा शरीर तो दूर से ही चमकता नजर आता है।
आज मैं!
इतनी महीनों की अपनी इच्छा को पूर्ण करूंगा वादा करता हूं। तुम्हें अपनी रानियां बनाकर रखूंगा। दोनों कन्याओं को याद आ चुका था।
इसलिए कन्याओं ने तुरंत ही अपनी शक्ति का आवाहन किया। उन दोनों ने राजा के ऊपर हमला कर दिया। राजा के गले की नस को अपने मुंह से काटकर बाहर निकाल दिया जिससे उसी क्षण राजा की मृत्यु हो गई। राजा की रक्षा के लिए राजा की चित्कार सुनकर!
बहुत सारे सैनिक अंदर आए, लेकिन उन सब को भी अपने मुंह से काट काट कर इन कन्याओं ने मृत्युदंड दिया। कन्याये वहां से भागने ही वाली थी। कि अचानक से दोनों बेहोश होकर गिर पडी।
वह! दूसरा राजा! जोकि हिमालय क्षेत्र का राजा था और इस राजा का रिश्तेदार और मित्र भी था।
उसने इन कन्याओं को बेहोश गिरे हुए देखा। अपने सैनिकों से कहा कि इसे? जल्दी-जल्दी!
लेकर चलो! मैंने इनके भोजन में।
विषैली औषधि मिला दी थी। इसी कारण से यह दोनों बेहोश हो गई हैं।
यह मेरे ही राज्य में मेरी। सेविकाये बनकर मुझे आनंदित करेंगे।
और? तभी राजा देखता है कि कन्याओं की सहायता के लिए पूरा गांव वहां पर आ गया है। राजा ने पूरे गांव को मृत्युदंड देने की आज्ञा दे दी। और सभी सैनिकों ने वहां के गांव वालों को मृत्युदंड दे दिया। कन्याये!
ऐसी अवस्था में थी कि उन्हें दिखाई तो दे रहा था पर नशा और बेहोशी के कारण। वह कुछ कर नहीं सकती थी ना ही हिल और बोल सकती थी पर आपने ही सामने पहले अपने परिवार और अब पूरे गांव के सगे संबंधियों को मृत्यु।
की गोद में जाते हुए उन्होंने देखा। आगे क्या हुआ जानेंगे हम लोग अगले भाग में अगर आपको यह जानकारी और कहानी पसंद आ रही है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। चेहरे को आप सभी का दिन मंगलमय हो जय मां पराशक्ति।