Site icon Dharam Rahasya

होलिका गृह रक्षा तंत्र साधना

होलिका गृह रक्षा तंत्र साधना

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम बात करेंगे एक ऐसे विषय पर जो कि होली से संबंधित है। होली का शुभ अवसर आ चुका है और यह रात तांत्रिक साधनाओं के लिए भी उतनी ही ज्यादा अच्छी मानी जाती है। जितनी की शिवरात्रि और जन्माष्टमी और इसी के साथ दीपावली इन्हीं चार रातों में शामिल है। जब तंत्र पूरी तरह जागृत हो जाता है। होली के इस रात में बहुत सारे तांत्रिक प्रयोग किए जा सकते हैं और उनका विशेष लाभ हमें देखने को मिलता है। इस दौरान जो महत्वपूर्ण बात है, वह यह है कि हमें आसानी से एक ही रात्रि में किसी भी मंत्र की सिद्धि हो जाती है और यह सिद्धि हमेशा काम करती रहती है और अगर शाबर मंत्रों की बात ली जाए तो इस दौरान निश्चित रूप से शाबर मंत्र काम करते हैं और उनका फायदा देखने को मिलता है। इस दौरान की गई सिद्धि का विशेष प्रभाव होता है और त्वरित तरीके से काम करता है। दूसरों के लिए तो बहुत सारे तांत्रिक प्रयोग किए जा सकते हैं जिस के फायदे और नुकसान दोनों अलग-अलग बातें हैं, लेकिन अगर हम बात करें। स्वयं की रक्षा के विषय में तो इस दौरान केवल एक रात्रि में एक गुप्त तांत्रिक साधना को करके हम विशेष प्रकार की सिद्धि प्राप्त कर सकते हैं। इस दौरान आप अपने पूरे परिवार और अपनों की रक्षा सदैव के लिए अपने घर को सुरक्षित बनाकर कर सकते हैं। इससे आपका जो घर है वह हर प्रकार की अभिचारिक कर्मों से सदैव के लिए सुरक्षित हो जाता है। बहुत छोटा सा प्रयोग है और आसानी से हो सकता है। इसलिए यह होली की जो रात्रि है उस दौरान आपको अवश्य ही इस प्रयोग को करना चाहिए यह एक महत्वपूर्ण प्रयोग है और हर व्यक्ति कर सकता है और जिसको भी यही यह दुविधा है कि उसके घर पर तांत्रिक प्रयोग किए जा सकते हैं या कोई करेगा जैसे कि मूठ भेजना या फिरमारण प्रयोग करना या वशीकरण के लिए कुछ चीजें वहां घर में गिरा कर चले जाना।

घर की चारदीवारी पर कुछ ऐसी चीजें डाल जाना जैसे हड्डी वगैरा होती है, मांस है, बाल है इत्यादि के माध्यम से जो निम्क्रिया या यूं कहिए कि निम्न कोटि का तांत्रिक प्रयोग होता है। इसमें बुरी आत्माओं को केवल आपके घर परिवार इत्यादि पर भेज दिया जाता है। उससे सदैव के लिए रक्षा हो जाती है। इसलिए अगर आप इस दौरान ध्यान पूर्वक केवल एक रात में कुछ देर की साधना करेंगे तो अवश्य ही इसमें लाभ आपको मिलेगा। अब आपको करना क्या है, मैंने यह साधना इंस्टामोजो पर उपलब्ध करवा दी है। आप इसे खरीद कर अवश्य ही होली पर कीजिए। अगर आपको ऐसा लगता है कि आपके घर पर तांत्रिक प्रयोग किया जा रहा है या फिर तांत्रिक प्रयोग होने की संभावना है। भविष्य में या फिर आपके घर पर किसी भी तरह पहले कभी तांत्रिक प्रयोग किया गया था जो आप निकाल नहीं सकते हैं और समझ नहीं पा रहे। कि आखिर कैसे और किस प्रकार से यह चीज आपके घर में आ गई है। यह तीनों ही कार्यों को अच्छी तरह करता है। यह एक शाबर मंत्र है जो कि माता काली का है और स्वयं माता जो है। इस दौरान आपकी रक्षा करती है और बहुत ही अच्छी तरह से आप का कल्याण कर देती है। माता का यह सरल सा शाबर मंत्र और इसकी सिद्धि  है। वह आप करके अपने घर को अपने परिवार को सदैव के लिए सुरक्षित बना सकते हैं। इस संबंध में जो एक पुरानी कहानी आती है पंडित दीनानाथ कि उसको भी मैं आपको संक्षेप में सुना देता हूं।

पंडित दीनानाथ जो थे, वह एक भागवत कार्य करने वाले पंडित माने जाते थे और भगवान विष्णु के संबंधित जो भी कार्य होता था, वह अवश्य किया करते थे। धीरे-धीरे उनकी प्रसिद्धि बढ़ने लगी और दीनानाथ जी काफी प्रसिद्ध होते चले गए। अब लगभग जिसके भी घर में धार्मिक अनुष्ठान का कार्य होता था। पंडित दीनानाथ को ही बुलाया जाता था। इस बात से वहां के दूसरे पंडित चढ़ने लगे और फिर धीरे-धीरे इनकी प्रसिद्धि को देखकर उनके मन में जलन की भावना आ गई। इसी वजह से उन्होंने उनका बदनामी वाला कार्य करना शुरू कर दिया। लेकिन जनता मूर्ख तो होती नहीं है। इसलिए उनके संबंध में की गई सारी बदनामी की बातें जनता ने नकार दी और वह इस बात को अच्छी तरह से समझने लगे। बदनाम किया जा रहा है और उनकी प्रसिद्धि और ज्यादा बढ़ चुकी थी। उनके अलावा किसी अन्य पंडित को कभी भी कोई कार्य नहीं दिया जाता था क्योंकि एक तो इनके बोलने बात करने का तरीका कथा वाचन का जो शैली होती थी। वह बहुत ही उत्तम कोटि की थी। इसलिए पंडित दीनानाथ को ही प्रत्येक व्यक्ति अपने समारोह प्रोग्राम या फिर इसी तरह की चीजों के लिए बुलाया करता था और वह भी प्रसन्न होकर उन्हें खूब सारी दान और दक्षिणा दिया करता था। उनके पास दान दक्षिणा बहुत ही ज्यादा उपस्थित होने लग गई। इसलिए उनके साथ जुड़कर कई पंडितों ने अब उनके ही पीछे चलना स्वीकार कर लिया, क्योंकि एक सबसे बड़ी महत्वपूर्ण बात यह थी कि पंडित दीनानाथ जी शादीशुदा नहीं थे। वह एक ब्रह्मचारी व्यक्ति थे और उनको इतना समय ही नहीं मिलता था कि वह गृहस्थ जीवन में प्रवेश कर पाए। इस बात की भी संभावना को देखते हुए कई सारे लालची पंडित लोगों ने इस बात को देखा और बात को समझा कि हम अगर इस व्यक्ति से जुड़ते हैं तो इसके पास जो अकूत संपत्ति आ गई है जो कि सोना चांदी विभिन्न प्रकार के गहने और सबकुछ उन्हें प्रदान जनता ने किया था। उनके पास काफी मात्रा में इकट्ठा हो गया था। इसी वजह से सारे पंडित उनके साथ ही रहा करते थे। अब धीरे-धीरे वही है, बात समझने लगे कि अब ऐसा किया जाए कि इनकी सारी संपत्ति धन वगैरह सब हमें मिल जाए, लेकिन पंडित दीनानाथ की एक चाची थी। वह रिश्ते में एकमात्र बड़ी और उनका संरक्षण करने वाली स्त्री थी क्योंकि परिवार के बाकी सदस्य असामयिक मृत्यु को प्राप्त हो चुके थे और दूर-दूर तक इनका कोई रिश्तेदार नहीं था।

इसी वजह से कई पंडितों ने उनका साथ दिया था ताकि इनकी मृत्यु के बाद सारी संपत्ति और शक्तियां उन्हें प्राप्त हो जाए। होता यह है कि उनकी चाची यह सब देखकर उन्हें कहती है कि सुनो मैं तुम्हारी शादी के लिए रिश्ता लेकर आई हूं और मना मत करना। मैंने एक लड़की पसंद की है जो की बहुत ही अच्छी सात्विक और अच्छे सेवा भाव वाली है। इसलिए अब तुम्हें विवाह करना ही होगा। अपनी चाची की बात को उनके लिए नकारना काफी मुश्किल था। इसीलिए उन्होंने कहा, जैसी आपकी इच्छा जैसी प्रभु की इच्छा। इसलिए चाची अब इस बात के लिए तैयार हो गई और उन्होंने एक कन्या दिखा दी कन्या वास्तव में बहुत ही सुंदर! और गुणवान थी इस वजह से अब पंडित जी भी मान गए और विवाह की तारीख तय हो गई। यह बात जब पंडितों को पता चली तो उनके तो जैसे पैरों के नीचे से जमीन ही खिसक गई हो। वह तो इनका पूरा धन और संपत्ति इत्यादि प्राप्त करना चाहते थे। इसलिए ऐसी अवस्था में अब उनकी समझ में कुछ नहीं आया तो उन्होंने एक तरकीब निकाली। उन्हें यह पता था कि शादी रुकवा नहीं सकते हैं। लेकिन कुछ तो ऐसा किया जा सकता है जिससे इनका वंश आगे ना बढ़ पाए। तब उन्होंने एक मकान जो कि एक साहूकार का था और श्रापित था क्योंकि उसे बहुत ही ज्यादा तंत्र प्रयोग उस घर पर किए गए थे। वह घर पंडित दीनानाथ को दिलवाया और कहा कि हमारी तरफ से नव दंपत्ति को यह घर दिया जा रहा है। तब पंडित दीनानाथ ने कहा ठीक है। अगर आप लोग चाहते हैं कि मैं उस घर में अपनी पत्नी के साथ रहूं तो यह मैं स्वीकार करता हूं और वह विवाह के बाद उसी घर में रहने लग गए।

अब क्योंकि उस घर पर पुराने समय में कई तांत्रिकों ने साहूकार से दुश्मनी के कारण उनके नाश के लिए विभिन्न प्रकार के भयानक तंत्र प्रयोग किए हुए थे। यह बात सारे लोग जानते थे लेकिन पंडित दीनानाथ को यह बात पता नहीं थी और पंडितों का भी मूल्य उद्देश्य यही था कि या तो इस मकान में अगर ज्यादा दिन तक पंडित जी निवास करेंगे तो उनकी मृत्यु अथवा उनकी पत्नी की मृत्यु अथवा संतान भी नहीं रहेंगे। इसीलिए उन्हें वह घर दिया गया था। हालांकि घर बहुत ही अच्छा और हवेली के जैसा था। लगभग 3 साल बीत जाने के बाद भी पंडित जी के कोई संतान नहीं हुई। पत्नी आए दिन बीमार रहती। उनकी भी तबीयत बार-बार खराब होती थी तो इस बात को समझ नहीं पा रहे थे। एक दिन उनकी चाची उनके घर पर आई। और उन्होंने कहा, कब पोते का मुंह दिखाओगे कब तक पूजा-पाठ में ही पड़े रहोगे तब स्पष्ट वादी पंडित दीनानाथ ने कहा, चाची मैं कोशिश कर रहा हूं। लेकिन जब से हम लोग इस घर पर आए हैं तब से मैंने देखा है कि ना तो मेरी कथा सही से हो पाती है। मैं अक्सर बीमार पड़ जाता हूं। पत्नी आए दिन बीमार रहती है और बच्चा भी नहीं हो रहा है। अब आप बताइए कि यह सब क्या है। इसलिए आप मुझे कोई मार्ग बताइए तब उनकी चाची जो कि उनकी पूरी तरह संरक्षिका कि उन्होंने एक तांत्रिक के पास जाना उचित समझा जो कि माता काली का भक्त था।

तांत्रिक ने बहुत जल्दी ही पता लगा लिया कि जिस घर में वह रहते हैं, वह पूरी तरह से श्रापित है और उस पर कई तांत्रिकों ने साहूकार से दुश्मनी निकालने के लिए भयंकर तांत्रिक प्रयोग किए हुए हैं। अब ग्रह की रक्षा यानी घर की रक्षा का केवल एक उपाय है कि अगर होली के दिन माता काली की सिद्धि प्राप्त कर ली जाए तो निश्चित रूप से यह स्थान उस श्राप से मुक्त हो जाएगा और पंडित दीनानाथ भी सफल हो जाएंगे तो फिर पंडित जी को उस तांत्रिक के पास लेकर जाया गया। तांत्रिक ने उन्हें सारी विधि बताई कि कैसे माता काली की साधना उन्हें करनी है। इस प्रकार पंडित दीनानाथ ने गुप्त तरीके से महा साधना की और उसका प्रभाव देखने को मिला माता काली ने शक्तियों का नाश कर दिया और दीनानाथ को माता काली की सिद्धि प्राप्त हो गई। केवल होली की रात्रि में 1 दिन की साधना से उन्हें यह सिद्धि प्राप्त हो गई थी। इस प्रकार पंडितों के मुंह पर तमाचा लगा और पंडित दीनानाथ की पहली संतान लड़के के रूप में हुई। यह सत्य घटना उत्तराखंड की है। इस प्रकार इस सिद्धि से उन्होंने उस घर में निवास करने वाली बुरी आत्माओं का नाश किया और सिद्धि को प्राप्त किया था। वही तांत्रिक साधना मैं आज आप लोगों के लिए लेकर के आया हूं। इसे आप इंस्टामोजो से खरीद सकते हैं और होली की रात में कर सकते हैं और इसकी सिद्धि जागृत करके अपने घर को सदैव के लिए सुरक्षित बना सकते हैं तो यह की कहानी और साधना के विषय में जानकारी अगर आज का वीडियो आपको पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।

होलिका गृह रक्षा तंत्र साधना खरीदने के लिए यहाँ क्लिक करे 

Exit mobile version