होली की रात 2 घंटे की अप्सरा साधना
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल में आप सभी का एक बार फिर से स्वागत है। होली पर केवल मात्र कुछ घंटों में होने वाली तांत्रिक अप्सरा साधना के विषय में आज एक अनुभव प्राप्त हुआ है। यह साधना होलिका अप्सरा साधना के नाम से जानी जाती है और साधक ने इसके बारे में बताया है कि जब उन्होंने इस साधना को स्वयं किया था तो उन्हें इस दौरान क्या अनुभव हुए थे तो चलिए पढ़ते है इनके इमेल पत्र को और जानते हैं इस घटना के विषय में।
नमस्कार गुरु जी, सबसे पहले तो आपको आने वाली होली अवसर की शुभकामनाएं। मैं सभी दर्शकों को भी होली की शुभकामनाएं देता हूं। 1 वर्ष पहले जब आपने यह साधना दी थी तब मैंने तुरंत ही इस साधना को आपके इंस्टामोजो स्टोर से खरीद लिया था क्योंकि बहुत कम ऐसे अवसर मिलते हैं जब हमें कुछ कम समय वाली साधनाये प्राप्त होती हैं। इन्हीं में यह साधना मुझे अच्छी लगी क्योंकि यह मात्र होली की रात्रि में संपन्न हो जाती है और केवल 2 घंटे में ही इसकी सिद्धि हो सकती है। इसीलिए मैंने तुरंत ही इस साधना को आपकी इंस्टामोजो स्टोर से खरीद लिया था। उसके बाद व्यवस्था करके मैं तैयार हो गया। मुझे नहीं पता था कि क्या होगा लेकिन मैंने इसके लिए अपने आप को मानसिक रूप से तैयार किया हुआ था कि चाहे कुछ भी हो। मुझे यह साधना अवश्य ही संपन्न करनी है। होली की रात बहुत प्रसिद्ध रात होती है। इस दिन किसी भी प्रकार की सिद्धियां सहजता से प्राप्त की जा सकती है। इसीलिए मैंने इस साधना को करने के विषय में सोचा तो गुरु जी सबसे पहले जिस जगह पर यह साधना करनी थी, वह जगह थोड़ा दूर और एकांत में ढूंढना आवश्यक था तो मैंने खुद ही होली की व्यवस्था की।
और ऐसी व्यवस्था की ताकि मुझे कोई डिस्टर्ब उस दौरान ना करें। मैंने इसीलिए इसके लिए अलग से ही लकड़ियों की व्यवस्था कर ली थी और एक गोपनीय और हमारे गांव के बाहर एक जगह है। वहां पर स्वयं ही इसे जलाने के लिए घर से निकल गया। मैंने घर में माता-पिता को बताया कि मैं होली जलाने के लिए जा रहा हूं। उसके बाद हम लोग थोड़ी देर मौज मस्ती भी करेंगे। इसलिए समय लग सकता है। आप लोग परेशान मत होइए गा। मैं यह बात घर में नहीं बता सकता था कि मैं एक तांत्रिक साधना के लिए जा रहा हूं लेकिन। मुझे तो यह करना ही था। तो गुरु जी जैसा कि आपने कहा है कि इसकी जानकारी ना दूं। इसीलिए मैं विधि नहीं बता रहा हूं। अलग तरीका बहुत सरल है पर जितना सरल यह दिखने में है उतना ही ज्यादा यह कठिन भी है तो उस बात को छुपाते हुए मैं अब अनुभव पर आता हूं तो गुरुजी जब मैंने मंत्र का जाप करना शुरू कर दिया और। हठयोग के माध्यम से उस साधना को करने लगा कि तभी मुझे अपनी चारों तरफ एक अलग प्रकार की खुशबू महसूस होने लगी। क्यों? होली पर जैसा गुलाल और गुलाल में भी जो गुलाब मिला हुआ गुलाल की सुगंध होती है। लगभग उसी तरह की सुगंध आ रही थी, लेकिन वह एकदम से तेज होने लगी। मुझे बैलेंस बनाना आवश्यक था। तुम्हें कोशिश लगातार करता रहा और थोड़ी ही देर बाद!
क्योंकि मैंने इसके लिए अच्छी प्रैक्टिस घर में की थी। मुझे एक बहुत ही सुंदर! कन्या के मेरे चारों ओर घूमने का आभास हुआ था। उसके जो स्वरूप है, मैं उसके बारे में आपको बताना चाहूंगा। सच में वह दिखने में बहुत सुंदर थी। शरीर एकदम सुडौल था। गुलाबी रंग के उसके होंठ थे जो स्पष्ट मुंह से दिखाई पड़ रहे थे और महसूस हो रहे थे। उसके लाल रंग के गाल जो कि बहुत ही ज्यादा चमक रहे थे। आंखें बड़ी-बड़ी थी और उसकी आंखों में एक प्रकार की प्रेम और वासना दोनों दिखाई पड़ती थी। वह मेरे चारों तरफ ऐसा लग रहा था जैसे मंडरा रही हो यानी कि जैसे कि आप के चारों ओर कोई घूमता है। तेजी से वैसा ही अनुभव मुझे हो रहा था। क्योंकि साधना में आपने बताया था, किसी भी प्रकार से आंखें नहीं खोलनी है। इसकी वजह से मैं बहुत ज्यादा डिस्टर्ब होने लगा कि मुझे स्पष्ट रूप से उसके मुझे पीछे से पकड़ने का आभास हुआ। ऐसा लगा जैसे कि किसी ने प्रेम से पीछे से मुझे पकड़ लिया हो। मैंने बस इतना कहा, मुझसे अब सहन नहीं हो रहा है और उसके बाद मेरी साधना टूट गई।
गुरुजी हालांकि यह बात कहना आसान है और जो लोग भी इस अनुभव को सुन पा रहे होंगे। उनको ऐसा लगेगा कि कितना कमजोर व्यक्ति है लेकिन जब यह विधि आप करेंगे तभी आप जान सकते हैं कि मैं क्या और किस प्रकार कह रहा हूं और गुरु जी के निर्देश पर पूरी बात नहीं बता रहा हूं तो गुरुजी फिर उसके बाद जब मैंने अप्सरा कि मेरी साधना बंद हो गई है तो अब क्या करूं तो फिर मैंने कहा अच्छा है चलो इस होलिका को प्रणाम करके वापस घर चला आता हूं और मैं वहां से रात्रि के लगभग 2:30 बजे अपने घर वापस आ गया। ऐसी चीजों के बाद इतना अवश्य है कि व्यक्ति को परिवार के किसी सदस्य को छूना नहीं चाहिए। और मैंने खुद अपना उस दिन बिस्तर! साफ सुथरा छोड़ कर गया था इसलिए मैं जाकर! अपने कमरे में लेट गया अंदर से दरवाजा बंद कर दिया। लगभग रात्रि के 4:00 बजे का समय होगा। मैं यह बता दूं कि मैं थोड़ा आलसी किस्म का हूं तो 7-8 बजे से पहले मैं नहीं उठता हूं, इसलिए 4:00 बजे का समय मेरी सबसे गहरी नींद की अवस्था होती है और इस दौरान मुझे कोई उठा भी नहीं सकता। मैं अगर सो रहा हूं। तुम मुझे उठाने की हिम्मत कोई नहीं करता, वरना वह मेरे कोप का भाजन बनता है। यह बात परिवार वाले जानते हैं इसलिए उस दौरान मुझे कोई डिस्टर्ब नहीं कर सकता था। लेकिन जब मैं सो रहा था। मुझे स्पष्ट आभास हुआ कि कोई दरवाजा बार-बार बजा रहा है। यानी दरवाजे को खटखटा रहा है। मुझे सोते हुए बड़ा गुस्सा आ रहा था तो मैंने सोते में ही कहा कि कोई भी हो यहां से चला जाए। वरना मेरे हाथ में जो भी चीज आएगी, मैं खींच कर फेंक कर मारूंगा और चाहे कोई भी हो।
मैं बिल्कुल भी नहीं रुकूंगा। लेकिन मेरी यह सब कहने के बावजूद भी मुझे ऐसा लगा कि कोई मेरी बात सुनने को तैयार नहीं है तो फिर मैंने गुस्से से एकदम अपने पास रखे हुए एक गिलास को उठाया और तेजी से फेंका। सामने एक बहुत ही खूबसूरत लड़की खड़ी थी। वह गिलास जाकर उसके सीधा सर पर लगा और उसके सिर से खून आने लगा। मैं इस बात से अचंभित रह गया। मैंने यह नहीं सोचा था कि मेरे घर में कोई सुबह के वक्त आ सकता है। तब मैं बहुत ज्यादा घबरा गया और मैंने अचानक से अपनी आंखें खोल दी गुरुजी। मुझे तब एहसास हुआ कि मेरा यह तो स्वप्न था। इस सपने के माध्यम से वह शक्ति मुझे यह दर्शा रही थी कि मैंने खुद की अपनी गलती की वजह से ही। उसकी साधना को भंग कर दिया है अन्यथा वह मेरे पास वापस क्यों आती और अगर मैंने साधना में गड़बड़ी न की होती तो यह अप्सरा आज मुझ से सिद्ध हो चुकी होती। पर उसके विपरीत मैंने तो उसे ही कष्ट दिया, उसके सिर से खून निकला था। और यह हालांकि केवल 3- 4 सेकंड का ही अद्भुत स्वप्न था। यह सच्चाई मैं नहीं जानता लेकिन बिल्कुल स्पष्ट सपना आया था जैसे कि आप हमेशा अपने वीडियो में बताते रहते हैं कि जब भी आपको कोई स्वप्न इतना ज्यादा स्पष्ट दिखाई दे जैसे कि कोई खुली आंखों से दुनिया देखता है और पूरा अनुभव हो। शरीर को भी तो उसे सत्य स्वप्न समझना चाहिए और यह। आपकी सूक्ष्म शरीर के माध्यम से होने वाला एक वास्तविक अनुभव होता है। इसीलिए इन सब बातों को तुरंत मैंने याद किया। मैंने यह समझ लिया कि मैंने गड़बड़ी कर दी। अगर मैं साधना बंद नहीं करता तो आज इसे। इस प्रकार से गिलास फेंक कर नहीं मारता। जिसकी वजह से इसे चोट लगी, लेकिन गुरु जी उस दिन के बाद मेरे कई सारे काम बने, यह भी सत्य बात है। कई जगह मुझे जीवन में सफलता की प्राप्ति हुई तकरीबन 6 महीने तक अच्छा काम की क्योंकि जो साधना हम करते हैं, उसका कुछ दिनों तक असर अवश्य देखने को मिलता है तो मुझे लगता है कि लगभग 6 महीने तक मुझे हर प्रकार से इस शक्ति में। अप्रत्यक्ष रूप से लाभ दिलाया था।
लेकिन उसके बाद!
वैसी ही सामान्य स्थिति हो गई जैसे कि पहले थी तो गुरु जी आपसे एक और बात के लिए आप क्या मानूंगा?
गुरु जी मैं इस वर्ष भी इस साधना को करना चाहता हूं। आपका आशीर्वाद चाहिए और आपसे यह भी प्रार्थना है कि मेरे बारे में किसी को ना बताएं या अनुभव और से प्रकाशित करें ताकि लोगों को इस अनुभव पर इसकी सत्यता पर विश्वास रहे। लेकिन मेरा उद्देश्य अपने आप को पूरी तरह छिपाकर इस साधना के माध्यम से सच्चाई को बताना है कि होली का अक्षरा।
बहुत ज्यादा सुंदर 20, 21 वर्ष की लड़की के रूप में दिखाई पड़ती है जिसके शरीर की सुंदरता और शक्ति बहुत ज्यादा होती है। अगर यहां पर प्रसन्न हो जाए तो फिर आपको जीवन में सब कुछ प्रदान करने की क्षमता इसके अंदर है। इस अनुभव को स्वयं मैंने खुद देखा है। इसीलिए गुरु जी इस अनुभव को आपको लिखकर मैंने भेजा था कि मेरे साथ सभी लोग दीपावली, होली, शिवरात्रि और जन्माष्टमी जैसे शुभ अवसरों पर होने वाली छोटी साधना में। इस प्रकार की साधना करके लाभ प्राप्त कर सकें जिसमें होली की रात बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जाती है। गुरु जी आपका धन्यवाद और धर्म रहस्य चैनल के सभी दर्शकों को भी मेरा प्रणाम!
सन्देश- तो देखिए यहां पर इन्होंने होली का अप्सरा साधना के विषय में बताया है। अगर कोई इस साधना को होली के अवसर पर करना चाहता है तो मात्र 2 घंटे में सिद्ध की जा सकने वाली इस साधना को हठयोग के माध्यम से कर सकता है और इस साधना को खरीदने का लिंक वीडियो के डिस्क्रिप्शन बॉक्स में दे रखा है। वहां से क्लिक करके आप इंस्टामोजो स्टोर पर जाकर साधना को खरीद सकते हैं और लाभ प्राप्त कर सकते हैं। आप सभी का दिन मंगलमय हो जय मां पराशक्ति।