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गुरु मंत्र और चमत्कारी धात्री अप्सरा साधना 2 अंतिम भाग

गुरु मंत्र का अनुष्ठान पूरा होने के बाद में जब ध्यान करता था तो मुझे उसमें एक यंत्र दिखा दिया था और फिर मैंने उसे अपने कंप्यूटर में बनाकर उस पर ध्यान करने लगा था फिर मैंने माता बगलामुखी के दो रूप देखें जो गुप्ता थे मैंने उन बगलामुखी साधक से कहा कि मुझे ऐसा ऐसा दिखाई दिया है उन्होंने कहा कि आप सही हैं माता की यह रुप भी है तब से वह भी मुझे मान गया कि नहीं जिनके लिए मैं हवन कर रहा हूं उनके छोटे भाई भी कुछ कम नहीं है उनमें भी ध्यान के माध्यम से देखने की शक्ति है फिर जब यह बात हुई तो मेरे भाई ने मुझे कहा कि तुम क्यों ना जो साधक मेरे लिए हवन कर रहा है तुम उसके बारे में भी कुछ जानो मैंने सोचा ठीक है भाई कर लेता हूं फिर मैंने उस साधक का ध्यान लगाया तो मैंने बगलामुखी माता को खड़ा पाया

और जाने मुझे कह रही थी कि तुम क्यों इस पर अपनी देख विद्या का उपयोग कर रहे हो बिना किसी कार्य के तुम्हें रोकने की क्षमता तो मेरे बस की नहीं है अर्थात कोई तुम्हारा इसी प्रकार से उर्जा में व्यक्ति तुम्हारा शत्रु होगा तो अब क्योंकि तुम्हारे अंदर आप बहुत ही उर्जा आ चुकी है मगर मेरी भी कोई मर्यादा होती है मेरे साथ अब तक कोई इस तरह जासूसी करें तो मुझे उस चीज से उसे रक्षा करना यह मेरी जवाबदेही है मैंने कहा ठीक है मैंने गुरु जी ध्यान में जो मां बगलामुखी का जो रूप स्वरूप देखा वह बहुत ही सुंदर था इतना सुंदर था कि मैंने उस रुप को देख कर बहुत ही आनंदित हो गए मैंने कहा माता अपने पूरे दर्शन तो कर रही है तो माता ने इतना बड़ा रूप धारण किया

न्यूयॉर्क के अंपायर स्टेट बिल्डिंग जो की बहुत ही प्रसिद्ध है इंटरनेट पर आप लोग सर्च कर सकते हैं उसके बारे में माता ने उसके सामान बहुत ही दिव्य बड़ा आकार ले लिया था मेरे होश का तो ठिकाना ही नहीं था माता 1000000000 ( 1 अरब) सूर्य के समान तीज वाली थी और उनकी केस उनके कंधों से जब लग रहे थे तो इस तरह मुड़े हुए थे कि क्या बताउ वह उनके सौंदर्य में चार चांद लगा रहे थे फिर माता ने कहां कि मेरे मुड़े हुए केशव पर नजर डालो मैंने जब देखा तो मैंने देखा कि माता के केस जो कंधे से लग कर मूड रहे हैं उन केशो के बीच जो अवकाश है वहां पर माता ने न जाने कितने ही ब्रह्माड धारण कर रखे हैं उनका स्वरूप बहुत ही दिव्य था माता ने कहा कि यह मेरा महा स्वरूप है मैंने जिन रुपो में ऋषि मुनियों को और देवता को दर्शन दिए हैं

वह मेरे 10 सूर्य के समान वाले तेज वाले स्वरूप थे मगर तुम जो देख रहे हो यहां मेरा महा स्वरूप है मैंने कहा आपकी यह माया स्वरूप भव्य रूप देखकर मेरा तो जीवन ही धन्य हो गया माता ने मुझे इस प्रकार अपना रूप स्वरूप ध्यान में दिखाकर माता बगलामुखी ने कहा अब तुम मुझे वचन दो कि तुम इस तरह किसी भी व्यक्ति की जानकारी निकालने के लिए गुरु मंत्रों की शक्ति से ध्यान लगाकर इस तरह अपनी शक्ति का दुरुपयोग नहीं करोगे मगर मैंने वचन नहीं दिया उनको मैंने कहा अगर यह वचन दूंगा

तो आपके इस प्रकार से दर्शन बार-बार नहीं कर पाऊंगा मैंने फिर कहा उनसे कि अगर भक्त को परेशान किया जाए तो भगवान अपने आप ही आ जाएंगे इस प्रकार दर्शन करना मुझे अच्छा लगेगा माता ने कहा कि यह असुरों ने भी अपनाया था मगर उनके साथ क्या हुआ वह तुम भली-भांति जानते हो मैंने कहा आप का वरदान तो हर कोई ले सकता है मगर आप का दंड का भागी कितने लोग बने हैं आपका दंड भी मेरे लिए प्रसाद के समान होगा फिर माता ने अपना मुख इस प्रकार बनाया की तुम बातें तो जान चुके हो मगर मुझे यह पसंद नहीं आया इस प्रकार से माता बगलामुखी से बात करते-करते मेरा ध्यान समाप्त हो गया

फिर मैंने फिर से उन बगलामुखी साधक का ध्यान लगाकर उनके बारे में और जानने की चेष्टा की मगर मगर बार-बार मुझे गलत ही ध्यान में दिखाई दिया था फिर मैंने बगलामुखी माता को कहा कि माता इस प्रकार से आप भ्रमित कर रही है मुझे पता है उन्होंने कहा तुम मेरी बात नहीं मानोगे तो मैं तो अपनी शक्ति का प्रयोग तो करूंगी की फिर मैंने कहा ठीक है

मैं किसी के बारे में भी यूं ही ऐसे ध्यान लगाकर उसकी जासूसी नहीं करूंगा फिर जाकर माता ने मुझे भ्रमित करना बंद किया फिर उन्होंने मेरे भाई के लिए जिन बगलामुखी साधक की में बात कर रहा हूं जिन को हमने मेरे बड़े भाई के स्वास्थ्य अच्छा हो जाए उसके हवन के लिए रखा था फिर उनका अचानक से फोन आया कि मुझे हवन में कुछ खतरनाक आकृतियां दिखाई दे रही है फिर उन्होंने ध्यान से देखा तो और उन्होंने उस चीज का फोटो भी खींचा और हमें दिखाया उन्होंने कहा कि इसमें एक औरत और बच्चे की आत्मा दिख रही है जो बहुत ही खतरनाक है उन्होंने मेरे पिताजी से कहा कि मुझे आप के पुत्र के लिए अनुष्ठान की अवधि बढ़ानी होगी उसके लिए मुझे सामग्री के लिए पैसे चाहिए होंगे फिर उन्होंने मेरे पिताजी से ₹14000 मांगे फिर पिताजी ने उनके बैंक अकाउंट में डलवा दिए उसके बाद 4 दिन के बाद मेरे भाई ने उनको मैसेज किया होगा कि आप हवन की फोटो व्हाट्सएप पर नहीं भेज रहे हैं फिर उनका रिप्लाई आया कि आपके ऊपर जो नकारात्मक ऊर्जा है वह मुझे इतना परेशान कर रही है कि मुझे 104 फेरन हाइट का बुखार है वह पूरी कोशिश कर रही है कि अनुष्ठान भंग हो जाए मगर मैं ऐसा होने नहीं दूंगाजब उन्होंने मुझे यह बात बताई कि भाई के ऊपर भयंकर तांत्रिक प्रयोग हुआ है तो मैंने सोचा कि अब मुझे इसकी सिद्धि साधना करनी पड़ेगी यहां से अब शिवा धात्री अप्सरा साधना का किस्सा शुरू होता है

मैंने इससे पहले एक प्रयोग किया था अपने गुरु मंत्र का 5 पर उच्चारण करके और शिवा ध थे अप्सरा का मंत्र जितने अक्षरों का है उतनी बार वह मंत्र बोला और अगर आप हैं तो मेरे सपनों में मुझे दर्शन या अपना पर्चा जरूर दीजिए आपको मेरी गुरुजी की कसम

बस यह कह कर मैं सो गया था और मुझे सपना आया कि मेरे घर की रसोई जहां पर इलेक्ट्रिकल स्विच है वहां से तारे निकल रही है और पूरे घर में जहां-जहां बिजली की स्विच है वहां पर भयंकर शॉर्ट सर्किट हो रहा है फिर मैंने हॉल में बैठी मेरी मां से कहा कि मम्मी आग लग रही है मम्मी ने जैसे ही कहां-कहां आग लग रही है तो देखते ही देखते वह आग जाने थी ही नहीं वैसे गायब हो गए

इस सपने का अर्थ भी जाना चाहूंगा

यह साधना मैंने गुरु नानक जयंती यानी देव दिवाली नवंबर माह की 30 तारीख से शुरू की थी इसके लिए आपने जिस पेड़ की डाली का उपयोग होना था उसके लिए मैं वनस्पति की नर्सरी होती है वहां से वह पूरा पौधा ही खरीद के लाया था मैंने डाली काट के वह पौधा किसी और जगह लगा दिया और फिर उसका जो तना था बहुत पतला उसको मैंने गमले में स्थापित करके साधना करने लगा मैंने यह संकल्प लेकर साधना की थी कि हे माता मेरे पिताजी के शत्रु के कारण हमारा दिन बहुत ही तेजी से नष्ट हो रहा है कृपया मैं आपकी साधना धन के लिए और अन्य सुखों के लिए कर रहा हूं

यहां से अब अनुभव शुरू होता है

साधना 21 दिन की थी मगर इसमें हवन भी करना था मगर हवन करने के लिए पैसे चाहिए होते हैं और वह मैं लिए जुटाना असंभव था तो मैंने उनसे संकल्प मे कहा कि मैं हवन की जगह आप का दुगना मंत्र जाप करूंगा मैंने दो समय चुने इसके लिए दोपहर को और रात के 9:30 बजे के बाद

पहले दिन जब मैं जाप करने बेढा तो दोपहर को तब भी कोई अनुभव नहीं हुआ फिर रात के समय मंत्र जाप किया और अपने बिस्तर पर सोने चला गया मुझे लेटे सिर्फ 15 मिनट से ज्यादा नही अचानक से मेरी बोलने की सुनने की कुछ करने की हिलने डूलने की आंखें हिलाने की यह सारी क्षमताये अचानक से बंद हो गई और मानो चारों

और अंधकार छा गया और उसमें से एक खूबसूरत स्त्री मुझे दिखाई दी वह मुझे सिर्फ आधे सेकंड के लिए ही दिखाई दी मैंने सोचा शायद कि यक्षिणी और अप्सरा साधना जो साधक करते हैं उन्हें भी ऐसा ही अनुभव पहले पहले होता होगा यह मैंने अब जाना

पहले ही दिन से तीसरे दिन तक मुझे सिर के बीच जहां आज्ञा चक्र होता है शिर के बीचो बीचवहां मुझे बहुत खींचाव महसूस हो रहा था 

    गुरु जी इसका भी अर्थ बताइए

बीच-बीच में गुरुजी मैं जिस रूम में साधना कर रहा था वहां पर चावल की बोरीयों के खाली कवर हमने एक विशेष स्थान बनाया है वह बहुत ही अंदर की और है एक गुफा की तरह वहां पर मैंने रखे हुए थे खाली कवर चावल की बोरी के वह न जाने कैसे कोई गिरा देता था जब मुझे साधना करते करते तीसरा दिन हुआ तो यह रात का समय था 7:00 बजे के आसपास बैंक से फोन आया कि आपके बैंक अकाउंट में 4050 जमा हुए हैं गलती से इसी लिए आप कृपया बैंक पर कुछ कागजात पर दस्तखत करके उन पैसों को वापस लौटाने में हमारी सहायता करें फिर मैंने अपनी जिस बैंक में मेरा खाता है वह बैंक मेरे घर के नजदीक ही है मैंने वहां जाकर देखा कि बैंक तो चालू थी यानी लाइट चालू थी फिर पिताजी ने कहा कि बैंक बंद होने के पहले बैंक के स्टाफ को बैंक की रखरखाव भी करना होता है इसलिए वह लोग थोड़े लेट जाते हैं घर और इसीलिए बैंक देर में बंद होता है

पिताजी ने कहा वैसे तुम इन पैसों को रख सकते हो तुम्हारी मर्जी के बिना यह बैंक वाले कुछ भी नहीं कर पाएंगे मैंने कहा पिताजी से की यह किसी के मेहनत के पैसे हुए तो पिताजी ने कहा मुझे तुमसे यही आशा थी 

आप लोग कहेंगे कि पैसे आऐ थे तो क्यों नहीं रखें मैं उन्हें कहना चाहूंगा कि जो अपने हक का नहीं है उसे स्वीकार ना भी नहीं चाहिए नहीं तो आगे जाकर हमें उसका फल जरूर मिलता है

फिर मैंने शिवा धात्री अप्सरा को प्रार्थना की ” हे माँ शिवा धात्री मुझे आपसे से ऐसे धन नहीं चाहिये मुझे इस प्रकार चाहिये कि जब में कोई कार्य करू तो मुझे उस कार्य की सफलता से घन चाहिये जो में आगे भविष्य मैं करूंगा”

फिर मैं ने वो पैसे वापस लौटा दिये

इसका बकायदा प्रमाण भी मेरे पास है जो मैं आपको इस ई-मेल में भेज दूंगा यह जो प्रमाण है यह आप पब्लिक ना करें गुरु जी सिर्फ अगर कोई शिष्य गुरु मंत्र का है और वहां देखना चाहे सिर्फ उन्हें ही दिखाइएगा आलतू फालतू लोगों को जो यह साधना करेंगे भी नहीं उन्हें मत दिखाइएगा

यह था दूसरा चमत्कार शिवा धात्री अप्सरा का 

फिर पांचवे दिन मुझे सपना आया कि एक हनुमान जी का मंदिर है जो अंडरग्राउंड बना है वहां पर एक दुष्ट जिसका चेहरा कुछ राक्षस टाइप करा था काला और सफेद आंखें बड़ी बड़ी सफेद और वहां साधु के भेष में है मेरी जाप माला छीनने की कोशिश कर रहा है मैंने उसे धक्का देकर भागा और मैंने बोला हे माँ पराशक्ति बजाओ यह कह कर मेरा सपना टूट गया और देखा कि मुझे पिशाब लगी है पिशाब करके मैं सो गया

कृपया गुरुजी सपने का अर्थ बताइए 

फिर 8 तारीख को मुझे एक सपना आया कि बिहार में जो लोग रहते हैं उन्हें पता होगा कि देहाती इलाकों में एक तमाशे वाली होती है जिन्हें हम आधुनिक शहर के लोग बार डान्सर या नचनिया के नाम से भी जानते है वह मेरे यहां के एक बहुत ही मशहूर पान पार्लर है उस दुकान के अंदर बहुत सब बैठी हुई है और मैं अपने लेदर जैकेट पहन के उस दुकान में बैठा और उसने मुझे बीयर जो एक शरबत की तरह दिखाई दे रहा था मैने उसे पिया 

गुरु जी मेरे घर में कोई शराब को हाथ भी नहीं लगाता है और हमारा परिवार शराब पीने के सख्त खिलाफ है

इस सपने का अर्थ बताइए

फिर कुछ दिनों के बाद हमारे पड़ोसी के कुछ बच्चे दोपहर को हमारी छत पर उत्पात मचा रहे थे जो मेरी साधना में बाधा बन रहे थे क्योंकि वह लोग बहुत ही शोर कर रहे थे मैंने फिर उन्हें डांट कर भगा दिया

 मेरी छत चाईना मोजेक से बनी हुई है चाईना मोजेक यानी सफेद बाथरूम टाइल्स के टुकड़े से बना फ्लोर जो मेरे छत की टूटी हुई है एक जगह से और अगर उस पर चला जाए तो वह बहुत ही आवाज करती है 11 तारीख की दोपहर को मैं बकायदा मंत्र जाप कर रहा हूं और बच्चे खेल रहे हैं और शोर मचा रहे हैं मुझे सुनाई दे रहा है और जब मैं मंत्र जाप निपटा के अचानक से दरवाजा खुला तो वह एक दम से वह आवाज आना बंद हो गई जाने वहां पर कोई था नहीं यह मेरा सबसे भयंकर और यानी मेरे लिए भयंकर और आश्चर्यजनक अनुभव था

शिवा धात्री अप्सरा कि जब मैं साधना कर रहा था तो मेरे देखा कि जो नकारात्मक ऊर्जा मेरे भाई के पीछे पड़ी है वह मुझ पर भी अपना प्रभाव डालने की कोशिश कर रही है क्योंकि मैंने अपने भाई को आप की धर्म रहस्य मेंम्बर वाली वीडियो में जो आपने शिव रक्षा कवच बताया था वह बनाकर मैंने अपने भाई को पहना दिया था गुरुजी मैने देखा की हमारे जो हड्डियां होती है उनके बीच एक जगह बनती है साधारण भाषा में बताओ तो आप चार गोलो को स्क्वायर आकार यानी .जैसे एक डब्बे का आकार चौरस होता है वैसे अगर रख दे तो उन गोलो के बीच एक अवकाश होगा ठीक है वैसे ही हमारी हड्डियों के बीच में ऐसा अवकाश होता है वहां पर वहां नकारात्मक शक्ति दर्द पैदा कर रही थी और दर्द भी ऐसा गुरु जी की जाने हमारे शरीर में अगर हम इंजेक्शन के माध्यम से कोई दवा डालें तो वह दवा हमारे शरीर में रक्त के माध्यम से जिस प्रकार भ्रमण करती है वैसे दर्द उत्पन्न करती है जो डॉक्टरों की पकड़ में नहीं आ रही थी मैंने जब अपने भाई से पूछा कि तुम इस प्रकार दर्द होता है क्या तो उसने कहा हां भाई तुमने सही पकड़ा है भाई ने कहा कि अच्छा है कि तुम मेरी पीडा समझ गऐ 

जब भी मुझे दर्द होता था ऐसा मैं शिवा धात्री अप्सरा को याद करता था और उनके मंत्र का स्मरण करते हैं जाने वह मेरे शरीर में सूक्ष्म रूप से चल रही है और जहां दर्द है उस जगह नकारात्मक शक्ति आने की चेष्टा कर रही है तो वह उसे लात मार के भगा दे रही हैं जो एक बहुत ही सुखद अनुभव था और घर में कभी कभी किसी सदस्य को कोई पीड़ा हो रही थी शारीरिक रूप से तो मैं जब उनका मंत्र का स्मरण कर उस हिस्से पर अपने उंगली फिर आता था तो वह दर्द गायब हो जाता था और जब भी मुझे भी मेरे शरीर की कुछ गतिविधि अलग सी नजर आती थी जैसे कि पेट में गुड गुड होना तो वहां ऐसा ही करता था और वह अंग स्वस्थ हो जाता था और सुचारू रूप से कार्य करने लगता था

और 17 तारीख को जब मैं रात के समय मंत्र जाप करके सोया तो मुझे सपना आया कि एक दारू बनाने की फैक्ट्री है और वहां फैक्ट्री के आसपास एक ऑफिस है और ऑफिस के डेस्क के बाजू में एक पलंग है और मैं वहां पर लेटा हुआ था और मैं उठा और सामने देखा कि पिताजी ऑफिस वाले कुर्सी पर बैठे हुए हैं और मम्मी उनके बगल में खड़ी है और सामने दो खुशी में दो आदमी बैठे हुए हैं और वहां मेरे पिताजी से बात कर रहे हो और पिताजी ने उनको दारू ऑफर की और मेरे पिताजी ने भी मुझे दारू ऑफर कि ऐसा मुझे सपना आया

कृपया गुरुजी इस सपने का भी अर्थ मुझे कहने का कष्ट करें

और 18 तारीख को फिर से चावल की बोरियां गिरने की घटना हुई

फिर साधना करने के बाद अब जिंदगी गुरुजी बदल सी गई है जो चाहिए वह काम हो जा रहे है मैरे किसी भी प्रकार की रुकावट नहीं आ रही है और जिंदगी सुचारू रूप से चल रही है

मैं नहीं जानता कि मुझे इनकी सिद्धि मिली है या नहीं मगर इनकी कृपा अवश्य ही प्राप्त हुई है जब मेरे लिए पर्याप्त है

गुरु जी मैंने आपकी दुर्गा सप्तशती मैं शिवा धात्री शब्द का अर्थ देखा तो वह था शिवा यानी शिव की शक्ति और दात्री यानी सभी परपंचो को धारण करने वाली शिव ज्योति अफसाने सभी षड्यंत्र सफल कर दिया है और यह सभी षड्यंत्र ना कामयाबी कर देती है जिस बगलामुखी साधक को कोरोना वायरस के कारण पूरे 1 महीने उसके पूरे अपार्टमेंट को क्वॉरेंटाइन होना पड़ा मैने उसको फोन किया था उन्हो ने कहा वायरस क्या होता है यह भी लोग भूल चुके हैं और मुंबई जैसे महानगर में लोग छोटी छोटी बात वर्षों तक जा सकते हैं तो इस महामारी की बात वहां पर कोई कर ही नहीं रहा है यह चमत्कार है और मैंने उन बगलामुखी साधक को भी पूछा था कि उस घटना के बाद यहां पर फिर उसकी चर्चा हुई नहीं

गुरु जी में पहले अप्सरा जैसी शक्तिती यो को हलके में ले रहा था कि क्या कार्य करेंगे मैरा मगर इस साधना को करने के बाद मैरा नजरीया ही बदल गया कि कोई शक्तिती बडी या छोटी समझने की भूल ना करे 

एक अप्सरा इतनी शक्तिशाली होती है तो भैरवी कितनी खतरनाक और शक्तिशाली होगी इसलिए मैंने सोचा कि भैरवी साधना में कुछ समय लेकर ही करूंगा जब मैं इसके लिए पूरी तरह से तैयार हूं और मेरे पास उपयुक्त समय साधन हो तभी ही

और मैं यहां पर एक बात बताना चाहता हूं कि गुरु जी आप ढूंढ रहे थे ना कि किसी गुरु मंत्र साधक को कुछ सिद्धि वगैरा का ज्ञान हो या सिद्धि की हो तो उसके माध्यम से अन्य शिष्य को सिखाया जाएगा तो यह काम करने को तैयार हूं मगर मेरी भी कुछ शर्ते हैं

गुरु जी पहले मुझे आप का फोन नंबर चाहिए होगा आप चिंता ना करें वह मैं किसी को नहीं दूंगा और मैं आपसे एक विशेष वार और समय ले लूंगा जब भी मुझे आपसे बात करना होगा तब उसके सिवाय मैं आपको फोन नहीं करूंगा

क्योंकि कभी-कभी परिस्थिति कंट्रोल में ना हुई तो मुझे आपसे बात करने में कोई कठिनाई ना हो रही बात ईमेल में बात करने की तो ईमेल में रिप्लाई आने में देर बहुत लगती है और ई-मेल को आने जाने के लिए भी समय चाहिए होता है और कुछ बातें लिखकर भी नहीं बताई जा सकती हैं इसलिए और कुछ विशेष वार्तालाप होना आवश्यक हो जाता है कृपया आप मुझे अपना फोन नंबर जरूर दीजिए अगर आप शिष्यों को मेरे द्वारा सिखाना चाहते हैं तो और उसके लिए मैं कुछ शुल्क भी जरूर लूंगा जिसका 10% आपको भी जाएगा या जितना आप चाहे 

और जिन साधकों को यह साधना मुझसे सीखनी है तो मैं उन्हें पहले से ही बता देना चाहता हूं कि डर या भय की बत्ती बनाकर उसे सुलगा ही दीजिए क्योंकि तंत्र में डर / भय और दर्द की कोई जगह ही नहीं है 

इस साधना की तीव्रता को देखकर मुझे भी डर लगने लगा था और भयजनक परिस्थिति उत्पन्न हो गई थी मगर मैंने अपने गुरुदेव और इष्ट महादेव और माता परा शक्ति पर विश्वास और श्रद्धा की वजह से मैं यह कार्य संपन्न कर पाया बिना किसी नुकसान के

गुरुजी साधना हंसी मजाक का खेल नहीं है शक्तियां बाद में परीक्षा लेंगे पहले आपकी इंद्रियां और आप की परिस्थितियां आप की पहली परीक्षा लेंगे एक बार इंसान साधना तो कर ले मगर असली बात तो सिद्धि करने के बाद पता चलती है क्योंकि सिद्धि के करने के बाद उस शक्तियां और सिद्धि का भार आपके सिर पर रहता है जो संभालना बहुत मुश्किल है जब मैंने 21 दिन की साधना संपन्न की तो मेरे सिर में अलग से एक मुझे वजन और नशा होने लगा अलग से बेचैनी होने लगी

माँ शिवा धात्री अप्सरा अपके लगभग सभी रोगो को नष्ट कर सकती है और अपको निरोगी जीवन दे सकती है।

नमस्कार गुरुजी

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