जो मुख्य 8 योगिनीया है इनके नाम सभी लोग जानते हैं। जैसे सुरसुंदरी योगिनी, मनोहरा योगिनी, कनकवती योगिनी, कामेश्वरी योगिनी, रतिसुन्दरी योगिनी, पद्मिनी योगिनी, मधुमती योगिनी।इस प्रकार से यह मुख्य मुख्य मानी जाती है। इनमें कनकवती योगिनी। अत्यंत ही शक्तिशाली है क्योंकि यह मुख्य योगिनी शक्तियों में शामिल हैं।इनके विषय में वर्णन इस प्रकार से मिलता है कनक वती योगिनी रक्त वस्त्र अलंकार से विभूषित अपनी परिचारिकाओं के साथ आकर मनोवांछित कामनाएं पूर्ण करती हैं।अर्थात लाल रंग के गहरे वस्त्रों आभूषण! से यह पूरी तरह लदी होती हैं। और इनके साथ इनकी परिचारिका है यानी सेविका ने भी साथ में चलती है और काफी संख्या में यह सारी शक्तियां एक साथ इकट्ठा होकर साधक को दर्शन देती हैं।इनकी सिद्धि को प्राप्त करने पर व्यक्ति के जीवन से धन संबंधी परेशानियां नष्ट होती हैं। व्यापार व्यवसाय में सफलता के लिए योगिनी शक्ति की उपासना उत्तम मानी जाती है। लेकिन? योगिनी शक्ति की उपासना सदैव सावधान होकर करनी चाहिए। क्योंकि यह शक्तियां जल्दी नाराज भी हो जाती हैं।
इन शक्तियों के विषय में हमें पौराणिक ग्रंथों से जानकारी प्राप्त होती है। आप? इन शक्तियों को सिद्ध करके अपने जीवन में परिवर्तन ला सकते हैं।योगिनी शक्ति को सिद्ध करने के लिए आपका महादेव भक्त या? मां शक्ति का भक्त होना अनिवार्य होता है। अगर आप इन शक्तियों की उपासना पहले से नहीं करते आ रहे हैं तो योगिनी आपके लिए जानलेवा हो सकती हैं। सदैव इस बात का मन में ख्याल रखते हुए ही इनकी साधना। और? आगे के कार्य के विषय में संकल्प लेना चाहिए।सावन महीने में अगर कनक वती की साधना गुप्त! महादेव मंदिर में की जाए तो यह अवश्य ही सिद्ध होती हैं। इनकी 21 दिन की जाने वाली साधना में। रोज 51 माला का जाप करना चाहिए। यंत्र स्थापित करके। स्फटिक या शंख की माला से इनकी मंत्र का जाप किया जाता है। इस प्रकार 21 दिन में सिद्ध हो जाती हैं। इनकी सामर्थ्य और शक्ति अत्यधिक है, लेकिन पहले यह अपने साधक की परीक्षा लेते हैं।
परीक्षा में सफलता मिलने पर ही यह आपको प्रत्यक्ष दर्शन देती हैं। अन्यथा नहीं किंतु अगर महादेव मंदिर में रात्रि के समय एकांत अवस्था में इनका मंत्र जाप रोज किया जाए तो अवश्य ही इनकी साधना का फल मिलता है। इसलिए यह आवश्यक है कि साधक! गुप्त स्थान में किसी महादेव मंदिर का चयन करें। और रात्रि 11:00 बजे से। और सुबह होने से पहले तक अपनी 51 माला जाप को समाप्त करने।इस प्रकार करने पर अवश्य ही भोलेनाथ की कृपा से इस योगिनी की सिद्धि होती है। साधक नहा धोकर शुद्ध साफ लाल रंग के रक्त वर्णी। वस्त्रों को धारण करें।अब लाल ऊन के आसन पर बैठकर। शिवलिंग के समक्ष।घी का दीपक जलाकर। सर्वप्रथम गुरु मंत्र का उच्चारण कर। गणेश और भगवान शिव के मंत्रों का उच्चारण करें। उसके बाद माता काली के मंत्रों का जाप करें।फिर भैरव के मंत्र का जाप करके अब वहां संकल्प लेकर। अपना उस रात्रि का जाप शुरू करें। जब प्रक्रिया रोज आपको करनी है।
साधना के समय आपको विभिन्न प्रकार के भयंकर अनुभव हो सकते हैं।इसलिए सावधान रहने की आवश्यकता होती है।देवी के साथ। तीनों ही प्रकार के संबंध स्थापित किए जा सकते हैं, लेकिन अगर आप! शारीरिक संबंधों के विषय में सोचते हैं तो आपकी परीक्षा बहुत कठिन होगी। इसलिए सावधानी पूर्वक ही। अपने संकल्प और संबंध के विषय में सोचें मा रूप में। इनकी साधना! करने पर आपको इनकी कृपा सबसे जल्दी मिलती है। बहन रूप में करने पर आपको सुंदर पत्नी और प्रेमिका की प्राप्ति के साथ धन और वैभव प्राप्त होता है। और पत्नी रूप में प्राप्त करने के लिए आपको कठिन परीक्षा देनी पड़ती है किंतु ऐसा साधक बहुत अधिक शक्तिशाली हो जाता है। उसके अधीन कई सारी योगिनी परिचारिका आएं होती हैं। अपनी इच्छा मात्र से वह धन प्राप्त कर सकता है।
वह कोई भी कर्म करता है, उसमें उसे सफलता अवश्य मिलती है।इसकी सिद्धि हो जाने पर गुप्त गड़े हुए धन। व्यापार में होने वाले लाभ। और किसी भी कार्य में पूर्ण सफलता अवश्य मिलती है। किंतु ऐसा साधक अपने आपको समाज से गोपनीय कर दे। और सदैव देवी के साथ ही विहार करें। तभी उसकी सिद्धि कायम रहेगी। अन्यथा उसके सिद्धि नष्ट हो जाएगी।इस प्रकार से अपनी इच्छा अनुसार आप इनके मंत्रों का उच्चारण करते हुए इनकी सिद्धि प्राप्त कर सकते हैं। अब मैं इनके मंत्र को सुनाता हूं।
मंत्र- ‘ॐ ह्रीं हूं रक्ष कर्मणि आगच्छ कनकावति स्वाहा।
इस मंत्र का उच्चारण आपको रोजाना रात्रि में 11:00 बजे के बाद। 51 माला स्फटिक या शंख की माला से करना होता है तभी आपको सिद्धि की प्राप्ति होती है। तो यह था कनकवती योगिनी साधना का विवरण। अगर आपको आज का वीडियो पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।