जिन्न साधना अनुभव और माता का दिखना
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम को जो अनुभव प्राप्त हुआ है, यह एक तांत्रिक जिन साधना से संबंधित है और इसमें किस प्रकार से उन्हें देवी स्वरूपों के भी दर्शन हुए हैं। आज के इस ईमेल पत्र के माध्यम से हम लोग जानेंगे तो चलिए पढ़ते हैं। इनके पत्र को और जानते हैं क्या है यह अनुभव ॥
ईमेल पत्र-प्रणाम गुरुजी मेरा नाम है। गुरु जी नाम और ईमेल आईडी कृपया गुप्त ही रखें। गुरु जी पहले तो मैं यह कहना चाहता हूं कि आप जो भी साधना प्रकाशित करते हैं, वह सारी की सारी साधनाएं पूरी तरह से प्रमाणित होती हैं। ऐसा ही प्रमाण में आज सभी दर्शकों को देना चाहता हूं जो मेरा खुद का अनुभव है। साधक दर्शकों को मैं एक बात बताना चाहता हूं कि कोई भी साधना आसान नहीं होती है। छोटी और सरल दिखने वाली साधना बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा सकती हैं जिसके भी पास गुरु नहीं है। वह ऐसी साधना है ना करें तो ही बेहतर होगा क्योंकि गुरु ही एकमात्र ऐसा साधन है जो आपकी हर परेशानी का हल तुरंत निकाल देता है। बात कुछ 2 वर्ष पहले की है। मेरी परेशानी खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही थी। गुरुजी आज भी बहुत बड़ी समस्या में घिरा हुआ हूं।
मैं आपके चैनल से पिछले चार-पांच साल से जुड़ा हुआ हूं। मेरी परेशानी के कारण मैं आपसे दीक्षा नहीं ले पा रहा हूं। अब मैं जल्दी ही आपसे दीक्षित होने वाला हूं तो बात कुछ ऐसी थी। गुरुजी कि मैं आपकी वीडियो देख रहा था। बहुत साधना देखते देखते मुझे एक साधना अच्छी लगी और वह साधना काफी आसान होने के कारण मैंने यह साधना शुरू कर दी थी। साधना में कुछ भी सामग्री ना होने के कारण मुझे बहुत ही एक बात अच्छी लगी साधना में करना क्या था? सिर्फ 505 बार ही मंत्र पढ़कर बिना किसी से बात किए सो जाना था ना उसमें आसन था ना दिशा और ना ही कोई माला का बंधन था। यह साधना 7 दिन तक लगातार करने पर सातवें दिन जिन आपके सपने में आकर आपकी परेशानी का हल बताता था, यह एक जिन्न का अमल था जिसे सिर्फ सपने के माध्यम से ही हमें बात करनी होती है। गुरु जी यह साधना मैंने रात के 12:00 बजे से शुरू कर दी। 15 मिनट के मंत्र जाप। मुझे लगता था क्योंकि मंत्र भी काफी छोटा सा ही था। गुरु जी यह साधना में 3 दिन ही कर पाया। हमारे पड़ोस में एक आदमी की मौत हो गई। इस वजह से साधना बीच में ही रोक नहीं पड़ी थी। तब मैंने जिनसे इसका कारण बताते हुए मैंने माफी मांगी थी। दूसरे दिन। मुझे एक सपना आया उस सपने में। मेरे पीछे एक लड़की पड़ी हुई दिखाई दी और वह लड़की कह रही थी। मैं तुम्हें छोडूंगी नहीं, वह लड़की कोई और नहीं थी। मेरी ही sister-in-law थी। जो मेरे पीछे लगी थी पूरे गांव में मैं जहां भी भाग रहा था, जहां भी जाता। वह मेरे नजदीक बड़ी आसानी से आ रही थी। गुरुजी और एक मैं बात बताना चाहता हूं कि? हमारे गांव की रक्षा करने दो माताएं पूरब की ओर स्थित है जिनके नाम माता भवानी और माता मरीसी है। 2 देवियां स्थित है। मां भगवती के जितने भी रूप हैं उन सब रूपों में मैं एक ही माता को पुकारता हूं यानी एक ही मां को देखता हूं। मेरी मां भगवती को ,गुरुजी सपने में मैं भागता हुआ उस स्थान पर कैसे पहुंच गया। मुझे भी पता नहीं चला। जैसे ही मैं वहां पर पहुंचा। तब सामने एक अद्भुत नजारा देखने को मिला। सामने एक औरत दिखाई पड़ी, जिसने हरे रंग की साड़ी पहन रखी थी। उसने पूरा श्रृंगार किया हुआ था। कपाल पर कुमकुम का बड़ा सा तिलक लगाया हुआ था। उसका चेहरा तेजस्वी दिखाई पड़ रहा था। तब मैंने उसकी ओर देखा तो वह मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी। उस ने कहा, तुम घर जाओ! जब मैंने पीछे की ओर देखा तो वह लड़की उस एरिया से काफी बाहर खड़ी नजर आई। मैं डर की वजह से वहां से हिल भी नहीं पा रहा था। उस शक्ति के पास जाकर बैठ गया। फिर एक बार वह शक्ति बोली, तुम घर जाओ। मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह ऐसा क्यों बोल रही थी। मैं मुसीबत में हूं और वह कह रही थी कि तुम घर जाओ।
फिर वह लड़की मेरे पास आकर खड़ी रही। तब मैंने दोनों की और अपनी नजर घुमाई। तब भी वह शक्ति मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी और वह लड़की मुझे घूर रही थी। तब वह लड़की बोलने लगी। मुझे माफ कर दो। मुझे कुछ समझ नहीं आया। फिर उसने कहा कि मैं वहां इसलिए रुकी थी कि तुमसे माफी मांग सकूं। माता ने मुझे मेरे सपने में आकर खुद को ही। फांसी लगाया हुआ सपना मुझे दिखाया। इस वजह से मैं तुम्हें माफ करती हूं। और तुम हम से माफी मांगते हैं तब मैं उस शक्ति के पास ही बैठा था। वह लड़की उस इलाके के बाहर जा चुकी थी। फिर एक बार शक्ति बोली, अब तुम घर जाओ। उस शक्ति का हाथ मेरे पीठ पर था और वहां से घर जाने के लिए कह रही थी। मैंने जैसे ही घर की ओर कदम बढ़ाए तब मेरी नींद खुली। मैं मन में बहुत ही अच्छा महसूस कर रहा था। मैं मां को याद कर उन्हें बार-बार प्रणाम कर रहा था। वह स्त्री कोई और नहीं बल्कि आप ही हो उन्हें धन्यवाद दे रहा था। दो-तीन दिन बाद शुक्रवार पड़ रहा था। तब मैं जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर मैं कुछ गुलाब के फूल, कपूर, अगरबत्ती आदि सामग्री लेकर मां के दर्शन करने चला गया। मां को धन्यवाद दिया। माता के पास जाकर उनके दर्शन के पुण्य में कहा मां तुम्हारे पुत्र की हमेशा रक्षा करते रहना। फिर वहां से मैं अपने घर निकल पड़ा। गुरु जी मेरे कुछ सवाल है। वह लड़की कौन थी। गुरु जी क्या हुआ स्त्री माता ही थी। उस लड़की को माता ने उस तरह का सपना क्यों दिखाया? गुरुजी मेरा दोबारा अनुभव भी मैं जल्दी ही भेज दूंगा। धन्यवाद गुरु जी!
संदेश-देखे यहां पर जो आपका अनुभव है यह जिन साधना का है असल में जब हम कोई साधना अधूरी छोड़ देते हैं तो उस से आकर्षित होकर आसपास की कई तरह की आत्माएं जिन्हें हम प्रेतात्मा या इसी तरह की अन्य। निम्न श्रेणी की शक्तियां कहते हैं, वह आकर्षित हो जाती हैं और वह चाहती है कि पूजा का फल उन्हें मिल जाए और वह किसी भी प्रकार से आप से जुड़ कर के आप की शक्ति और सामर्थ्य को प्राप्त करें और अपना आपको बनाएं। ऐसे ही कोई शक्ति जिसने कभी फांसी लगाकर के आत्महत्या की होगी। वह शक्ति आप पर आकर्षित होकर के जिन साधना की वजह से आ गई थी। क्योंकि आपने जिन की साधना की थी इसलिए? माता का स्वरूप भी उसी तरह का देखने में आया। हालांकि माता स्वयं नहीं आती है। उनकी योगिनी शक्तियां ही मां के रूप में आकर मदद करती हैं किंतु हमें वह माता ही समझनी चाहिए। माता इसीलिए हरे कपड़ों में। क्योंकि जिन हरे कपड़ों को विशेष पसंद करते हैं इसीलिए उनके ही रूप स्वरूप और प्रभाव के साथ में वहां पर उपस्थित हुई थी। और उन्होंने उस स्त्री से रक्षा भी की क्योंकि वह स्त्री किसी भी रूप में आपको प्राप्त करना चाहती थी। और ज्यादातर ऐसी शक्तियां जो होती हैं वह आपके रिश्तेदारों का ही रूप और स्वरूप ले करके आती है ताकि सपने में आप उन्हें दूर ना कर सकें। अधिकतर अपने सगे संबंधियों के रूप में जब ऐसी बुरी शक्तियों को हम देखते हैं तो हम कोई प्रतिकार नहीं कर पाते। इसी कारण से अधिकतर शक्तियां आपके नजदीकी रिश्ते के रूप में आपको दिखाई पड़ती है। उस शक्ति से आपकी रक्षा मां के इस स्वरूप ने की। उसके लिए माता को सदैव धन्यवाद कहे और मां की पूजा पाठ करते रहे। नवरात्रि में विशेष रूप से मां के मंत्रों का जाप करें। निश्चित रूप से माता आपको बड़ी परेशानियों से बचा कर रखेंगी। जिस स्त्री ने फांसी लगाई हो वह जब आपके जीवन में प्रवेश करेगी तो आपको भी आत्महत्या करने के ही मार्ग दिखाएगी। और आपका जीवन नष्ट करने की कोशिश करेगी। यही वह अपनी प्रेरणा के माध्यम से करेगी। इसलिए ऐसी बुरी शक्तियों से आपको बचने की आवश्यकता है और केवल सात्विक शक्तियां ही ऐसी साधना में रक्षा करती है। यह था एक अनुभव जिन साधना का अगर आपको यह पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद। |
|