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देवता ने मेरे शरीर पर आकर अपनी बात कही एक सच्चा अनुभव

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल में आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज भी हमको पुण्यश्लोक मिश्रा जी ने अपना अनुभव भेजा है। जो कि पहले एक बार भी चुके हैं। और वह पूछना चाहते हैं। कि जो उनके के साथ में हुआ उसके संबंध में और बताइए कि क्या उसके पीछे क्या रहस्य है। और साथ में उन्होंने अपनी कहानी भेजी है। कि क्या घटित हुआ था। चलिए शुरू करते हैं उनके ही शब्दों में गुरु जी को चरण स्पर्श और शत कोटि नमन मैं पुण्यश्लोक मिश्रा हूं धर्म रहस्य चैनल दर्शकों को मेरा आदर मैंने पिछले वीडियो में हमारे कुल देव श्री राधा मोहन जी के बारे में बताया था। कई लोगों ने इसे झूठ कहा था लेकिन यह बिल्कुल सच्ची घटना थी। लेकिन आज जो यह कहानी भेज रहा हूं। यह मेरे साथ घटित हुआ जब मैं केवल 12 साल का था। आज मैं 20 साल का हो गया हूं। मगर पर जब भी वह बात मुझे याद आती है। मैं कांप जाता हूं। वह कोोई शक्ति का थी मै  नहीं जानता लेकिन मुझे उस टाइम बहुत डर लगता था। तो कहानी यह है कि मैं हर दिन साइकिल स्कूल जाता था।और शाम को लगभग 4:45 पर घर को आता था उन दिन होली का त्यौहार कुछ दिन बाकी था। या आने वाला था तो उस समय हमारे गांव में   धूल पुर्णिमा चल रहा था। यह एक ऐसा त्यौहार होता है कि भगवान की मूर्ति को रथ में लेकर गांव वाले घूमने निकलते हैं।

तभी अचानक एक जो व्यक्ति था मजाक में भगवान को गलत शब्द बोल दिया। जिसे हम अपशब्द के नाम से जानते हैं उसने बोल दिया वह उस घूमने वाले में ही शामिल था जो भगवान को घुमा रहे थे यह जो यात्रा होती है गांव में घुमाई जाती है तो शाम को जब प्रभु की प्रतिमा को उनके मूल स्थान पर ले जाया जाता है तो उसके बाद खबर आया कि जो वह व्यक्ति भगवान को अपशब्द बोला था उसके घर में एक आग लग गई है और बहुत जोर से चल रहा है और तभी सब लोग मिलकर उसके घर के पास गए और पानी डालने लेकिन कुछ भी नहीं हुआ सब कुछ मानव की रुक गया हो यानी कि एक प्रकार से भीषण शक्ति से लगी आग जो नहीं रुक रही थी तभी किसी ने फायर ऑफिस में फोन किया तभी वह लोग भी आ गए तब तक सब कुछ लगभग जल चुका था और कोई कुछ भी नहीं कर पा रहा था और वो फायर वाले भी कुछ नहीं कर पाए की इतना भयंकर आग हमारे गांव में कभी कोई नहीं देखा था और वह जो व्यक्ति था वह भगवान जी को ही दोष दिया कि तूने ही सब कुछ किया है और उस दिन का जो त्यौहार था वह बंद कर दिया गया और उसके 2 दिन बाद मुझे ऐसा लगा कि मेरे अंदर बहुत सारी ऊर्जा आ गई है मुझे बहुत कष्ट हुआ था मुझे मानो लगता था कि मेरा हॉट बहुत तेजी से धड़क रहा था और मुझे ऐसा लग रहा था कि वह नीचे गिर जाएगा शाम का वक्त था और मुझे इतनी पीड़ा हुई कि मैं चिल्लाने लगा और नीचे गिर कर बेहोश हो गया और आगे जो हुआ

मुझे होश तो था लेकिन अपने पास में नहीं ले रखा था मतलब अपने पास मुझे कोई नहीं बैठा रहा था और मैं क्या कर रहा था मैं कुछ भी नहीं जान पा रहा था कि मैं क्या कर रहा हूं घर की सारी चीजें फेंक रहा था इधर उधर भागकर चलाता हुआ बागरा था सभी लोग मेरे घर के इस तांडव को देखकर चकित रह गए और तुरंत ही मेरे काका जी को बुलाया गया जो कि कुछ तांत्रिक क्रियाओं को जानते थे जब वह है तो मैं उनके पास गया और जोर से एक थप्पड़ लगाया और बोला कि मेरे मेरा मजाक उड़ाते हो और दंड के बाद मुझे दोष देते हो तो काका ने बोला हमसे गलती हो गई है और मुझे माफ करें उन्होंने पूछा कि आप कौन हैं बस और उस वक्त कुछ नहीं कहा और गिर गया जब मुझे होश आया तो मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था क्या हो रहा है और काका ने मुझे कुछ पिलाया और धीरे-धीरे सब ठीक हुआ लेकिन शरीर की भारत थकावट के कारण मैं रात भर सो नहीं पाया और सर दर्द जो है जो हो रहा था ना कम हुआ और रात भर बाहर से अजीब अजीब आवाजें उनके कान में आते रही और मैं बहुत डर गया था मानो कोई संदेह या सूअर का गर्जन हो यानी कि सूअर की आवाज जैसे इनकी कानो में आवाज आ रहा था करीब 2 दिन तक यह चला और उसके बाद मैं थोड़ा थोड़ा ठीक हुआ और आज भी मुझे वह हादसा किसी को बताने में बड़ा डर लगता है तो गुरु जी कृपा करके बताइए की क्या चीज थी जो मुझ में आई और मुझे डरा रही थी जय श्री महाकाल जय गुरुजी तो आपने बताया कि आपके यहां जो कोई देवता थे यानी उनका भगवान की मूर्ति होगी

वह मूर्ति मानी जाती थी और जो व्यक्ति प्रश्न को गाली दिया थ उस वक्त आप भी वहां मौजूद थे उमर आपने 12 साल बताई है तो निश्चित रूप से जितनी भी छोटे बच्चे होते हैं या 16 साल से कम होते हैं इनके शरीर में देवी शक्तियां प्रवेश कर सकती हैं अब मैं यह नहीं कहूंगा कि यह बड़े देवता थे या छोटे देवता थे या दूत था मैं बता रहा हूं आपको कि ज्यादातर उम्मीद इसमें छोटे देवता की होती है कि जो छोटे देवता होते हैं जो उस बड़े देवता की सेवक होते हैं वो क्रोधित हो जाते हैं और वो क्रोधित होकर के अपनी बात को स्पष्टता करते क्योंकि उस व्यक्ति के घर को जो जलाया गया उसके बावजूद भी वह देवता था जो कि अपने बात को पूरी तरह कुछ कहा नहीं पाया तो उनके जो उनके देवता के दूत या उनके साथ रहने वाली शक्तियां होती हैं उन्हीं में से कोई शक्ति अपको माध्यम बना लिया और आप के माध्यम से यह कहांलवाने की कोशिश यह बताने की कोशिश की आखिर क्यों गाली दी गई क्यों मुझे दोष दिया गया गलती की और उसके बावजूद भी गलती मानी नहीं और उस पर आज भी अमन कर रहे हैं क्योंकि हमारी परंपरा है देवताओं की घुमाने की या उनकी पूजन की परंपरा चली आ रही कई पीढ़ियों से लेकिन उस देवता का बहुत बुरा लग गया कि आज आपने माना कि सिर्फ अपमान किया है

बल्कि उस को दंड दिया गया तो उसका दोष मेरे को ही दे दिया गया इस तरह की क्योंकि मनुष्य तो अपनी सोच से ही बना है वह गलत है तो कुछ नहीं देखता है वह तो अपने सिर्फ स्वार्थ देखता है दोषारोपण के लिए बस उसे कोई माध्यम चाहिए होता है वह किसी न किसी दोष ही देगा जैसे हिंदू धर्म में सबसे बड़ी कमी है कि आप कोई भी गड़बड़ी हो जाए गलत हो जाए तो भगवान ने किया कोई भगवान कोई थोड़ी ना गलत करता है गलत तो आप करते हैं और अपने कर्मों का कर्म बंधन का फल पाते हैं और दोस्ओ को दे देते हैं और आप किसी और धर्म में चले जाइए की और भगवान दोष देने वाले नहीं मिलेंगे और कई धर्म है इसलिए हमारे हिंदू धर्म का मां खोल भी बहुत ज्यादा उड़ाया जाता है कि हम हर चीज के लिए भगवान को दोष देना शुरू कर देते हैं यह नहीं करना चाहिए और वह आपके माध्यम से देवता कहने की कोशिश कर रहा क्योंकि बच्चे के रूप में आपको ही उसमें नजर आया मैं इसका शरीर धारण कर सकता हूं और उसने आपका शरीर धारण किया और इसमें कोई बड़ी बात नहीं अगर यह अनुभव पुण्यश्लोक मिश्रा आपको पसंद आयाा हो हो तो लाइक करें शेयर करें और सब्सक्राइब करें आपका दिन मंगलमय हो धन्यवाद

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