गुरु मंत्र जाप तांत्रिका प्रयोग और भगवान शिव का अनुभव
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम दो अनुभव को लेने जा रहे हैं। एक अनुभव में जहां तांत्रिक प्रयोगों से परेशान एक साधक ने अपने विचार रखे हैं और परेशानी का हल पूछा है वही दूसरे अनुभव में हम विशेष प्रकार के कुछ अनुभव को देखते हैं तो चलिए शुरू करते हैं आज के इन अनुभवों को पढ़ना। और उनका?
विशिष्ट रूप से क्या महत्व है आज के इस वीडियो के माध्यम से जानेंगे? चलिए पढ़ते हैं पहले पत्र को। ईमेल पत्र-गुरु मंत्र का 900000 जाप, अनुभव और कुछ प्रश्न गुरु जी मैंने घर में सभी को गुरु मंत्र धारण करवा दिया है। अब सब पहले से ठीक है लेकिन वह तांत्रिका और तारापीठ का तांत्रिक अभी भी तंत्र प्रयोग कर रहा है। गुरु जी कोई ऐसी शक्ति की साधना बताएं जो इस घर में प्रवेश कर सके और उस अघोरी की सभी शक्तियों तथा तांत्रिक क्रियाओं को नष्ट कर सकें। अगर लिखने में कुछ गलती हो गई हो तो माफ कर दीजिएगा। अब इनके पत्र को पढ़ते हैं। प्रणाम गुरुजी धर्म रहस्य के सभी सदस्यों को मेरा नमस्कार मेरा नाम गोविंद कुमार है और मैं झारखंड का रहने वाला हूं। गुरु जी आपका शिष्य बन चुका हूं। मैं अपना अनुभव बताना चाहता हूं। कॉपीराइट- मैं अपना अनुभव अपने गुरु सूरज प्रताप जी को भेज रहा हूं। गुरु जी इस अनुभव पर वीडियो बनाना चाहे तो बना सकते हैं और अपने चैनल धर्म रहस्य पर प्रकाशित कर सकते हैं। मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि जो अनुभव मै आपको भेज रहा हूं, वह किसी और को नहीं भेजा जाएगा। गुरु जी मैं 900000 जाप 90000 हवन 9000 अर्पण 900, 90 मार्जन और नौ कन्या भोज पूरा कर चुका हूं। गुरुजी शुरुआत काफी ज्यादा दिक्कत का सामना मुझे करना पड़ा। साधना के पहले दिन से 10 दिन तक तो मुझे काफी जोर का टॉयलेट लगता था। बड़ी मुश्किल से मैंने जॉप को पूर्ण किया। फिर 1 महीने तक मुझे कुछ अनुभव नहीं हुआ। फिर उसके बाद मुझे पायल के बजने का आवाज सुनाई देने लगी। लेकिन मैं उस पर ध्यान नहीं देता था और जाप करता रहता। कुछ दिन बाद मुझे किसी के दरवाजे पर। हाथ मारने की आवाज सुनाई पड़ी। मैं समझ गया। मेरे घर के बगल में जो तांत्रिका थी उसी ने किसी शक्ति को भेजा है। ऐसा वो हमेशा करती रहती थी। उसके बाद जब शारदीय नवरात्र आया तब मैं माता का पूरे शास्त्रीय विधि-विधान द्वारा पूजन किया। फिर दो या तीन दिन बाद मुझे काफी बुखार आ गया। मुझे साधना करने में कठिनाई हो रही थी। तभी रात्रि को सोते समय मेरे छोटे भाई के स्वप्न में बजरंगबली आए और उन्होंने कहा कि अपने भाई को कहो कि हिम्मत नहीं हारना माता तुम्हारी परीक्षा ले रही हैं। मुझे इस दौरान सपने में बजरंगबली का भगवान राम और लक्ष्मण की रक्षा के लिए आगे खड़े होना दिखाई दिया। इसका क्या मतलब हो सकता है, यह भी बताइएगा। इसके बाद मेरे रूम के बाहर बड़े से प्रकाश को आते हुए मुझे दिखाई दिया। लेकिन गुरु जी माता मुझे दर्शन नहीं दे रही थी। इस बात से मैं दुखी था। अगले! मैं माता से प्रार्थना किया कि माता मेरे घर आपने सबको दर्शन दिया, लेकिन मुझे क्यों नहीं दिया। आपने मेरा जीवन तो व्यर्थ ही कर दिया तो आप मुझे मार दीजिए या अपने दर्शन करवाइए। तब मुझे कुछ सेकंड के लिए माता का चेहरा दिखाई दिया। ऐसा केवल दो बार ही हुआ। एक बार तांत्रिका ने ईंटों पर किसी शक्ति को अभिमंत्रित कर भेजा था। तब मैं माता से प्रार्थना किया। मां जो भी अभी तंत्र क्रिया हुई है, उसे नष्ट करें। फिर मेरे भाई को स्वप्न में दिखाया कि जो शक्ति भेजी गई थी, वह नष्ट हो गई है। लेकिन उस तांत्रिका ने दोबारा अभिमंत्रित ईट को मेरे छत पर फेंका मैं समझ गया कि फिर से उसने क्रिया की है। इस बार मैंने माता से उस शक्ति को मारकर भगाने के लिए कहा और ऐसा हुआ भी इस बार मेरे भाई और बहन दोनों को स्वप्न में किसी शक्ति को चिल्ला कर भागते हुए देखा इसके बाद। और कोई अनुभव तो नहीं हुआ। गुरु जी अब मैं आपको अपनी परेशानी के बारे में बताना चाहता हूं। आपको मेरे भाई ने पहले ही बताया होगा कि कैसे मृत व्यक्ति का घर में जल छिड़का गया। और कैसे मेरी मां को धोखे से पान में शमशान की राख को खिलाया गया था और एक अघोरी ने मेरे घर के चारों कोनों में शक्ति को बैठा दिया था। इसके बाद इस अघोरी की एक्सीडेंट में मृत्यु हो गई थी। लेकिन गुरु जी मेरे घर के बगल में जो तांत्रिका है उसके साथ एक तारापीठ का कोई तांत्रिक है जो उसका साथ दे रहा है। उसने मेरे घर की कुल देवी देवताओं को बांध दिया है। गुरु जी मैं माता जी से प्रार्थना किया था कि मेरी मां को ठीक कर दीजिए और मेरी देवी देवता को बंधन मुक्त कर दीजिए, लेकिन कुछ भी नहीं हो सका। तांत्रिका से यही पता चला कि घर पर एक कवच है और क्षेत्र पर भी ऐसे में कैसी साधनाएं करनी चाहिए। बताइए। संदेश- इनका अनुभव है और प्रश्न भी तो सबसे पहली बात आपने पूछी है कि लक्ष्मण और राम के आगे हनुमान जी का खड़ा होना इस बात का प्रतीक है कि जैसे माताजी के आगे हनुमान जी चलते हैं। पीछे भैरव जी चलते हैं तो सदैव साधक के साथ भी हनुमान जी और भैरव जी रक्षा करने के लिए माता के सबसे प्रमुख दूतों के रूप में उपस्थित रहते हैं। रही बात उस तांत्रिक स्त्री की तो अगर आपका घर बांध दिया गया है तो आप पहले घर के बाहर किसी ऐसे स्थान पर। साधना कीजिए ताकि वहां पर आप। शक्तियों को बुला सके। अब घर के बाहर आप अपने कुल देवी देवता का पूजन करेंगे और फिर जाकर उन्हें घर में स्थापित करेंगे। इससे पहले घर के कवच यानी चीज बुरी शक्ति से बांधा गया है। उसको तोड़ना होगा। इसके लिए किसी भी प्रकार के तांत्रिक प्रयोग को नष्ट करने वाला एक प्रयोग मेरे इंस्टामोजो में उपलब्ध है। उस प्रयोग को आप कर लीजिए और जैसे गुरु मंत्र की शक्ति से अघोरी तांत्रिक का एक्सीडेंट हो गया और उसकी मृत्यु हो गई। सारे लोगों! को सबक समय के साथ मिलता चला जाएगा। आप केवल पूरे परिवार सहित गुरु मंत्र का जाप और हवन इत्यादि करते रहें और घर के इस प्रयोग को धीरे धीरे कीजिए और फिर कुल देवी देवताओं का विशिष्ट पूजन कर घर में वापस उन्हें स्थापित कीजिए तो सब कुछ धीरे धीरे ठीक हो जाएगा। अब हम लोग लेंगे अगले अनुभव को अभी तक आपने इस अनुभव में जाना कि कैसे तांत्रिक प्रयोगों से बचने के लिए और कुल देवी देवता बंधन को समाप्त करने के लिए क्या किया जा सकता है। अब अगला अनुभव पढ़ते हैं।
ईमेल पत्र -गुरुजी! मैं आपके चरण स्पर्श करता हूं। गुरु जी मेरा नाम ललित मिश्रा है और मैं उत्तर प्रदेश के बदायूं क्षेत्र का रहने वाला हूं। गुरु जी मैं आपके यूट्यूब चैनल से बहुत प्रभावित हुआ हूं। जब हम आपकी बातें सुनते हैं तो हमे ऐसा लगता है जैसा भगवान हमारा मार्गदर्शन कर रहे हो। आप की हमें आवाज बहुत ही अच्छी लगती है। ऐसा लगता है, सुनते ही रहे। गुरु जी मैंने साधना कई की है। ज्ञान ना होने की वजह से कभी पूरी ही नहीं हो पाई। लेकिन अनुभव सभी साधनाओं में हुए हैं। मैंने साधना माता गायत्री महादेव बाबा महालक्ष्मी जी की भी की है। केवल यह साधना मैंने 10-15दिन पर ऐसे ही की, गुरु जी आज हम शिव साधना हमारे महादेव बाबा की साधना का अनुभव आपके लिए भेज रहे हैं। कृपया हमारा मार्गदर्शन कीजिए। गुरु जी यह बात उन दिनों की है जब मैं 2016 में एक किराए के मकान में रहता था। बरेली और मेरा बिजनेस दिल्ली में जॉब का था। दिल्ली से वापस आना घर बरेली आया और बात उन दिनों की है जब सावन का महीना चल रहा था। सड़कों पर लोग कावड़ लेकर जा रहे थे तो मुझे याद आया कि एक दिन जब हम बचपन में गांव में रहते थे और कावड़ लेकर गए थे। अब आज हम इस शहर में अकेले हैं। हमें कोई नहीं जानता है। हमारे कोई साथ नहीं था। गुरु जी मैंने सोचा कि अब कावड़ को ले जा नहीं सकता। घर पर ही पूजा-पाठ कर लेते हैं। मेरे पास कोई सामग्री नहीं थी ना देसी घी मैंने एक सरसों के तेल का दीपक जलाया और एक माला रुद्राक्ष की। जब सब लोग सो जाते तो मैं रात के 10:00 बजे से 11:00 बजे तक जाप करता था 11 माला का, गुरुजी मेरा ध्यान भी लग जाता था बचपन से मैंने।
ध्यान लगाने की जो मुझे जॉप विधि जो है वह करता था, 3 दिन हुए थे। गुरुजी जब करते हुए बाद उसके में ध्यान लगाता था। मैंने देखा कि दो महात्मा सफेद धोती कुर्ते में नमदी बैल होती है साथ में लेकर। सड़क पर चले जा रहे थे। नंदी बैल काफी सजा हुआ था और बाबा शरीर से नौजवान लड़के की तरह दिखने में थी। मैंने सोचा बाबा महात्मा तो बूढ़े होते हैं। यह तो एकदम नई उम्र के हैं। मेरे पास केवल ₹5 थे मैंने बचाकर निकालें और। नंदी! मैंने मेरे हाथ अपने मुंह में से पकड़ लिया तो बाबा कहने लगे। अब आ भी जाओ। दोनों बाबा नीचे बैठ गए। नंदी बैल पीछे मुंह करके खड़ा हो गया। मैंने बाबा को ₹5 दिए और उनसे कहा, यह नंदीबैल आपके कुछ बता देता तो बाबा बोले, क्यों नहीं बताएगा। पूछो क्या पूछना चाहते हो। उन दिनों मैंने सरकारी नौकरी का फॉर्म डाला था और मेरे पास पैसे की भी समस्या थी। मैंने बाबा से पूछा, क्या हमारी नौकरी लग जाएगी? ऐसी बात पर दूसरे भी गुरु जी यह बात बाबा मुस्कुरा कर बोले नौकरी क्या यह तो तुम्हें सट्टे का नंबर भी बता देंगे तो मैंने सोचा कौन सी बात पहले पूछू, इतना देखने के बाद हमारे ध्यान हट गया क्योंकि मेरी छोटी सी लड़की जो सो रही थी। वह जग गई। रोने लग गई। इस वजह से मेरा ध्यान ही हट गया। गुरुजी। मैंने दूसरे दिन फिर ध्यान लगाया। फिर मैंने सोचा। आज मैं क्या देखूं? गुरु जी मैंने सोचा। आज हम देखेंगे अल्लाह कैसे होता है फिर ध्यान लगाया? लगाते लगाते ध्यान लग गया और मैंने देखा कि एक पीले कलर की रोशनी गोल बहुत ही ज्यादा जैसे की ट्रेन आगे बल्ब जलता है। ठीक उसी प्रकार की रोशनी है। उसमें उर्दू में कुछ लिख कर आया और घूमने लगा। मैंने उर्दू पढ़ने की कोशिश की, लेकिन मुझे उर्दू पढ़ने में नहीं आई। फिर एक शक्ति बराबर से आई दोनों का आपस में तकलीफ हुआ और टकराव हुआ। उसके बाद दोनों शक्तियां वापस चली गई। फिर दूसरे दिन मैंने ध्यान लगाया और ध्यान में मैंने एक मस्जिद को देखा। उसका ऊपर एक गुंबद था जो हरे कलर का था। गुरु जी मैंने सोचा अल्लाह का कोई रूप नहीं है। केवल शक्ति होती है। गुरु जी 6 दिन हो गए थे। साधना करते मैंने सोचा आज सट्टे का नंबर देख लेते हैं सितारों के चमकने। कलर में नंबर 50 लिख कर आया। उस समय रात के 12:00 बज रहे थे। मैंने सोचा अब देखना तो बेकार है। कोई फायदा नहीं। गुरु जी सावन की आखिरी दिन था। मैंने सोचा हम भोलेनाथ के दर्शन ही कर लेते हैं। मैंने ध्यान लगाया तो मैंने क्या देखा कि एक पीपल के पेड़ के बराबर ऊंचाई में महादेव अपने त्रिशूल को हाथ में ली है जैसे कि हम फोटो में देखते हैं, बिल्कुल वैसे ही हम उनके पीछे हैं। वह सामने नीचे बिल्डिंग की तरफ देख रहे हैं। मैंने सोचा कि शायद देख रहे हैं। दुनिया में क्या हो रहा है तब मैंने सोचा यह सही है कि हमें नहीं देखना पड़ता। लेकिन क्या हो जाता? गुरुजी बराबर में तेज आंधी चली और पीपल के पत्ते हिलने लगे। मैंने देखा तो विशालकाय शिवलिंग 5 से 7 फीट की ऊंचाई का था और अपना मुंह उसने मेरी तरफ घुमाया। मैं डर गया। फिर उस पर ओम नमः शिवाय सफेद कलर में लिख गया। मैंने सोचा हम ओम नमः शिवाय का जप करते हैं तो इस पर ओम नमः शिवाय क्यों लिखा है। वास्तव में भोले नाथ भोले हैं। इतनी जल्दी दर्शन किसी और शक्ति के नहीं हो सकते हैं। गुरु जी मैंने अपना अनुभव शार्ट में लिखकर बताने की कोशिश की है। आप इस पर वीडियो बनाकर डाले। गुरु जी आपसे कुछ प्रश्न पूछना चाहते हैं। आप गुरुजी अपने ओम नमः शिवाय 108 नाम के तत्व धारण साधना बताइए और बार-बार हम ओम नमः शिवाय 108 नाम को जप किए तो हमें सांप दिखाई देने शुरू हो गए। गुरु जी इस साधना में क्या खतरा है। गुरु जी इस साधना का क्या दशांश हवन करना पड़ता है। गुरु जी इसके बारे में या जॉप से और सांप ज्यादा दिखाई देते हैं तो गुरु जी मुझे डर लगता है। इस साधना को शुरू करने के दो दिन बाद ही सपना आ गया। गुरुजी मार्ग दर्शन कीजिए। अगला अनुभव महालक्ष्मी साधना का भेज दूंगा। गुरु जी नमस्कार! यहां पर जो अनुभव हुआ है वह हमारे जो मन पर्याय है यानी मन का जो आंतरिक स्तर है और ध्यान करना उससे मिलकर बना गया। एक अनुभव है और जब हम साधना में गहरे उतरते हैं तो पहले मानसिक शक्ति से देव के दर्शन शुरू होते हैं। लेकिन जब इसके अंदर हम प्रवेश कर जाते हैं तो फिर वही चीजें साक्षात भी होने लग जाती हैं तो यहां पर जो अनुभव हुआ है वह महादेव की साधना की कृपा की वजह से हुआ है। जब भी भगवान शिव की साधना कीजिए तो साथ में। शिवलिंग की विधिवत पूजा अवश्य कीजिए और! उन्हें दूध अर्पित भी अवश्य ही करना चाहिए। इसके अलावा दशांश हवन करना से भगवान शिव की। न सिर्फ कृपा प्राप्त होती है बल्कि उनकी सिद्धियां भी हस्तगत होने लगते हैं और खासकर धन संबंधी परेशानियों के हवन करना जरूरी भी होता है। धीरे-धीरे ही सिद्धि प्राप्त होती है क्योंकि बड़े देवी-देवताओं को सिद्ध करना आसान नहीं है। वह सिद्ध नहीं होते बल्कि उनकी कृपा ही प्राप्त होती है, लेकिन उनकी कृपा हजारों सिद्धियों से बड़ी मानी जाती है। नंदी बैल के रूप में भी उनके ही स्वरूप के दर्शन हुए। और भगवान शिव की साधना के लिए विधिवत तरीके से। आप जब जाप करें? और उसके लिए भी पहले एक गुरु मंत्र! धारण कर लीजिए और फिर ईस्ट मंत्र के रूप में भगवान शिव के मंत्रों का जाप शुरू कीजिए। हवन कीजिए अर्पण मार्जन ब्राह्मण, भोज इत्यादि समस्त क्रियाओं को कीजिए। तब इस मंत्र का पूरा लाभ आपको मिलेगा तो यह थे आज के दो अनुभव अगर आपको पसंद आए हैं तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद। |
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