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रतिप्रिया यक्षिणी गुप्त तांत्रिक साधना अनुभव भाग 1

रतिप्रिया यक्षिणी गुप्त तांत्रिक साधना अनुभव भाग 1

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम एक बार फिर से साधक महोदय के पत्र को शामिल करेंगे जिन्होंने इससे पहले यति भैरव रहस्य कथा और साधना हमें प्रदान की थी तो चलिए पढ़ते हैं उनके पत्र को और रतिप्रिया यक्षिणी साधना का यह अनुभव और उसकी गोपनीय साधना विधि आज वह इस पत्र के माध्यम से हमको बताएंगे तो चलिए शुरू करते हैं।

ईमेल पत्र-नमस्कार मित्र पिछले पत्र में मैंने आपको अपने यति भैरव रहस्य कथा के विषय में बताया था। तब आपने कहा था कि रतिप्रिया यक्षिणी के विषय में पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं है।

आप अगर इस शक्ति के विषय में जानते हो तो इसकी साधना और कोई सच्चा अनुभव अवश्य ही भेजें। तो मैं आपकी बात को यथार्थ करते हुए आपके साधक शिष्यों के कल्याण हेतु। रतिप्रिया यक्षिणी की साधना और उसका एक सच्चा अनुभव भेज रहा हूं जो कि एक गुप्त यक्षिणी प्रयोग है। सबसे पहले इस के अनुभव पर मैं आता हूं। यह कोई आज से 10 वर्ष पूर्व की बात है जब मैं एक साधक मित्र से मिला था। उन्होंने! मुझसे यक्षिणी के विषय में वार्तालाप किया था। तब उन्होंने जो मुझे बताया था वह। आपके दर्शकों के लिए एक महान आश्चर्य से कम नहीं होगा।

उन्होंने रतिप्रिया यक्षिणी को सिद्ध कर स्वयं अपनी पत्नी के रूप में अपने पास रखा हुआ था। यह बात मुझे तब पता चली जब उन्होंने भोजन की थाल मंगाई।

मैंने उनके द्वारा प्रदान किए गए भोजन को जब ग्रहण किया तो मुझे उसका स्वाद! इतना अधिक अच्छा लगा जैसे यह स्वर्ग में निर्मित हो। मैंने उनसे कहा भाभी जी बहुत अच्छा भोजन बनाई है। क्या है इसका रहस्य? यह भोजन तो इस दुनिया का ही नहीं लग रहा। तब उन्होंने कहा कि बहुत शर्माती हैं और किसी के सामने उपस्थित नहीं होती।

क्योंकि मुझे सिद्धि प्राप्त थी, इसलिए मुझे शक हुआ और तुरंत ही मैंने सिद्धि का आवाहन किया। और उसने स्पष्ट संकेत दिया कि अंदर कमरे में कोई इंसान मौजूद नहीं है। वहां एक बहुत ही शुद्ध यक्षिणी निवास कर रही है। मैंने उनसे कहा आपने! मुझसे झूठ बोला है, मैं जान गया हूं। अंदर कोई यक्षिणी है और आप मुझे कह रहे हैं कि अंदर भाभी जी हैं।

तब उस व्यक्ति ने गंभीर चेहरा बनाकर मुझसे कहा। आपने सत्य कहा अब आप यह सत्य जान ही गए हैं तो मैं इस सत्य का उद्घाटन आपके सामने कर ही देता हूं। अंदर मेरी पत्नी! जो कि रतिप्रिया यक्षिणी है। मौजूद है वह! मुझसे पहले ही यह शर्त रख चुकी है कि मैं। किसी को उसका वास्तविक स्वरूप नहीं दिखाऊंगा। इसलिए मुझे क्षमा करना मैं इस दुनिया के किसी भी व्यक्ति को उसे नहीं दिखा सकता और बिना मेरी मर्जी के कोई उसे देख भी नहीं सकता है। किंतु वह न सिर्फ मैं उसे देख सकता हूं बल्कि पत्नी की तरह पूरी तरह से। उसके साथ जीवन यापन कर रहा हूं।

तब मैंने उनसे पूछा और कहा, इसमें आश्चर्य वाली कोई बात नहीं है। साधना के क्षेत्र में जो लोग होते हैं, वह इस रहस्य को अच्छी तरह जानते हैं। इसलिए मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता। बल्कि मैं तो इस बात से बहुत अधिक खुश हूं कि एक सांसारिक व्यक्ति ने एक यक्ष लोक की एक स्त्री को अपनी पत्नी बना रखा है।

तब मैंने उनसे कहा, आप भाभी जी को मुझे नहीं दिखा सकते हैं। यह बात मैं समझ सकता हूं। किंतु? मुझे उनके रहस्य के विषय में बताइए क्योंकि मैंने बहुत पहले ही उन्हें साधनाओं के बहुत सारे ज्ञान दिए थे। इसलिए उन्होंने कहा ठीक है। मैं इनकी साधना के विषय में अवश्य ही आपको बताऊंगा। और कैसे मैंने इनकी सिद्धि प्राप्त की यह भी बताऊंगा और उसकी पूरी विधि भी आपको दूंगा। अगर भविष्य में कोई सच्चा? गुरु या साधक मिले तो उसे इस रहस्य को बताकर उसके माध्यम से जन कल्याण हो। यही मेरी इच्छा है और यही मेरी पत्नी की भी इच्छा है। क्योंकि?

उसके जैसी हजारों यक्षिणी शक्तियां।

अभी भी यक्ष लोक में निवास कर रही हैं और वह चाहती हैं कि कोई उन्हें सिद्ध करके। उनका और स्वयं का भला करे तब मैंने उनसे पूछा, रतिप्रिया यक्षिणी तो आपकी पत्नी है फिर आप? रतिप्रिया के ही विषय में बात करेंगे तब दूसरी यक्षिणी! क्यों सिद्ध होंगी? तब उन्होंने हंसते हुए कहा। मित्र आप समझे नहीं।

एक यक्ष लोक में बहुत सारी रतिप्रिया नाम की यक्षणियाँ रहती हैं। यह बात एक रहस्य है क्योंकि अलग-अलग नाम रखना तो हमारे इस पृथ्वी लोक में होता है, लेकिन यक्ष लोक में एक ही नाम वाली बहुत सारी। स्त्रियां निवास करती हैं, उनमें जो कुंवारी स्त्री होती है, उसकी ही पूजा शास्त्र सम्मत मानी जाती है। वैसे भी जो वैवाहिक है, उसकी साधना करना गलत है क्योंकि किसी के पति से किसी को छीनना बहुत ही बुरा है इसलिए आप! इस रहस्य को जल्दी से समझ जाएं। मैं इस रहस्य का उद्घाटन आज आप के विषय में कर रहा हूं कि मेरी यह पत्नी!

रतिप्रिया नाम वाली एक यक्षिणी है और यह यक्षिणी अन्य रतिप्रिया यक्षिणी शक्तियों के तरह ही उनके ही रूप और स्वरूप वाली है। इसलिए अगर कोई व्यक्ति रतिप्रिया यक्षिणी की साधना करता है तो वह मेरी पत्नी की साधना नहीं कर रहा बल्कि यक्ष लोक में निवास करने वाली और सबसे पहले उसके मंत्र स्वर को सुनने वाली यक्षिणी की साधना कर रहा है। जब मैंने यह बात उन साधक महोदय से सुनी तो मुझे बहुत अच्छा लगा और एक प्रश्न सदैव के लिए हल हो गया कि 1 नाम वाली। कई सारी स्त्री शक्तियां मौजूद है, लेकिन हम सभी को एक मान लेते हैं और यही हम से गलती हो जाती है। इसी से मैंने यह भी जाना कि न सिर्फ यक्ष लोग बल्कि स्वर्ग में भी एक नाम वाली बहुत सारी अप्सरा निवास करती होंगी। जब कोई व्यक्ति साधना करता है तो एक अप्सरा नहीं बल्कि एक नाम वाली बहुत सारी अप्सराएं। अलग-अलग साधकों के पास पहुंचती होंगी। और उनको? सिद्धियां प्रदान करती होंगी। अब एक प्रश्न था कि उन्होंने इस रतिप्रिया यक्षिणी को किस प्रकार सिद्ध किया होगा और इसकी सिद्धि कैसे हासिल की होगी? मैंने उनसे कहा, अगर जन के हितार्थ आप इस साधना को मुझे प्रदान करेंगे।तो मेरा और जनसामान्य का अवश्य ही भला होगा। तब उन्होंने कहा कि ठीक है। मैं आपको अपने इस अनुभव को अवश्य ही बताऊंगा कि आखिर मैंने यह साधना कैसे सिद्ध की और किस प्रकार मैंने इसकी पूर्ण सिद्धि प्राप्त की है। यह बात आज से 2 वर्ष पूर्व की है जब मैं विभिन्न साधनाएं करते हुए बार-बार असफल हो रहा था। तब एक? योग्य गुरु मुझे मिले थे और तब मैंने उनके पास जाकर साधना करने के सोची

उस दिन?

जब मैं गुरु से वार्तालाप कर रहा था। तब गुरु ने मुझसे कहा कि तुम्हें अब विवाह कर लेना चाहिए और सांसारिक जीवन व्यतीत करना चाहिए। तब मैंने उन्हें स्पष्ट कहा, मुझे पवित्र और मनोवांछित सुंदर स्वरूप वाली स्त्री चाहिए। ऐसा होना मेरे लिए संभव नहीं, क्योंकि मैं एक कुरूप दिखने वाला प्राणी हूं। भला कोई सुंदर स्त्री मुझ कुरूप दिखने वाले पुरुष के साथ विवाह क्यों करेगी? तब उन्होंने कहा, तुम्हें यक्षिणी साधना करनी चाहिए। तब तुम्हें महान सुंदरी की प्राप्ति होगी। तब मैंने कहा गुरुदेव मैंने कई अप्सराएं!

साधना के लिए करने की कोशिश की लेकिन मैं किसी में भी आज तक सफल नहीं हुआ हूं मुझे कोई गुप्त और केवल 100% सफलता देने वाली ही साधना के विषय में बताइए तब उन्होंने कहा, सबसे पहले तुम! नर्वाण मंत्र की साधना करो। इसका जाप कर लेने के बाद में मैं तुम्हें 1 महाविद्या की साधना करवा लूंगा। इसके बाद तुम निश्चित रूप से अगर यक्षिणी साधना करते हो तो सफल रहोगे। उनके कहे अनुसार मैं पूरे 1 वर्ष तक उनके बताए गए तरीके से सारी साधनाएं पूरी कर ली। तब उन्होंने मुझे इस।

यक्षिणी के विषय में बताया कि यह एक सौम्य यक्षिणी है और निश्चित रूप से तुमसे सिद्ध हो जाएगी क्योंकि तुमने मां दुर्गा और महाविद्या साधना संपूर्ण कर ली है। इसके बाद फिर उन्होंने मुझे उस विधि को बताया जो मुझे आगे करनी थी।मित्र इसके आगे की घटना में आपको आगे लिख कर भेज दूंगा नमस्कार मित्र!

संदेश-तो देखिए यहां पर साधक महोदय ने अपने मित्र के द्वारा की गई साधना को बताया है और इस साधना की पूरी जानकारी उन्होंने मुझे प्रदान की है जिसे मैंने वीडियो बनाकर इंस्टामोजो पर डाल दिया है ताकि प्रत्येक व्यक्ति इस यक्षिणी की गुप्त तांत्रिक साधना को जान सके और आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके वहां से इंस्टामोजो पर पहुंचकर इस साधना को जान सकते हैं और अगर इसे करना चाहे तो अवश्य ही कर सकते हैं। आगे इन के साधक मित्र के साथ क्या घटित हुआ जानेंगे अगले भाग में? तो अगर आज का वीडियो आपको पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।

रतिप्रिया यक्षिणी गुप्त तांत्रिक साधना अनुभव भाग 2

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