जिन्न साधना बिगड़ने का दुष्परिणाम भाग 1
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम एक ऐसा अनुभव लेने जा रहे हैं जो कि साधना के बिगड़ने पर होने वाले दुष्परिणामों को दिखाता है और ऐसा अनुभव उन लोगों के लिए भी खास तौर से अनिवार्य है। जो लोग बिना गुरु मंत्र दीक्षा लिए किसी शक्तिशाली साधना को कर लेते हैं। ऐसी ही एक साधना जिन की साधना है और इसकी साधना बिगड़ने पर क्या होता है। आज के इस अनुभव के माध्यम से हम लोग जान पाएंगे तो चलिए शुरू करते हैं।
नमस्कार गुरु जी, कृपया, मेरा नाम, पता, ईमेल इत्यादि को यहां प्रदर्शित ना करें। क्योंकि मैं यह नहीं चाहता हूं। मैं अपने ही परिवार में घटित हुई। इस घटना को आपको बता रहा हूं। आप इस बात के लिए निश्चिंत रहें कि मैंने इसे कहीं और प्रकाशित करवाया है अथवा करवा लूंगा। गुरु जी मैं आज से 17 साल पहले इस घटना को बताना चाहता हूं क्योंकि यह घटना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि मेरे खुद के पिता ने इसे किया था। गुरु जी यह बताने से पहले मुझे वह दिन याद आते हैं। जब मुझे मेरे पिता का पूरा वात्सल्य मिलता था। लेकिन सब खो गया। असल में गुरु जी इस घटना को हुए अब तो काफी समय बीत चुका है। लेकिन क्योंकि मेरे ही पिता के द्वारा यह कार्य किया गया था। इसलिए मुझे अब इस बात को बताने में हिचक नहीं हो रही। लेकिन मैं नहीं चाहता कि समाज में इस तरह की बातें फैले आप समझ सकते हैं। गुरुजी एक अघोरी तांत्रिक से मेरे पिताजी की मुलाकात होती रहती थी। उस तांत्रिक की वजह से कई बार मेरे पिताजी को कई सारे फायदे भी हुए थे। और इन्हीं कारणों के वजह से उनका आकर्षण तंत्र मंत्र साधनाओं की ओर बढ़ गया था। तब उन्होंने उस अघोरी को अपना गुरु बना कर कहा। मुझे कोई शक्तिशाली तंत्र विद्या सिखा दीजिए तो अघोरी ने कहा कि पहले तुम्हें गुरु मंत्र धारण करना होगा और उसका एक निश्चित संख्या में जप करना होगा तो वह कहने लगा। इतना समय मेरे पास नहीं है। आप तो जानते ही हैं। मैं कामकाजी व्यक्ति हूं। आप मुझे सिर्फ तंत्र साधना विधि सिखाइए।
तब अघोरी ने कहा, क्या तुम शक्तिशाली शक्ति से लड़ने के लिए तैयार हो और सिद्ध करने की क्षमता रखते हो तो? कहने लगे हां अब मेरे पिता का इस प्रकार कहने की वजह से। मेरे उस पूर्वज गुरु यानी अघोरी गुरु ने कहा ठीक है। मैं तुम्हें 1 जिन्न की साधना सिखाता हूं और इस साधना में तुम्हें पूरे 41 दिन तक शक्तिशाली तरीके से साधना करनी है और शुरू हो गया। उनका अनुष्ठान कुछ दिनों बाद उन्हें एक पेड़ पर बैठी हुई एक प्रेतात्मा दिखाई दी। उन्होंने यह बात अपने गुरु को जाकर बताई तो गुरु ने कहा, यह तो शुरुआत है। अभी बहुत कुछ होना बाकी है। एक दिन। साधना करने के दौरान एक सफेद कपड़े पहने काफी ऊंचाई वाला इंसान उनके सामने आकर खड़ा हो गया और पानी और भोजन मांगने लगा। मेरे पिताजी उस साधना में लीन थे। जब इस प्रकार व जोर-जोर से पानी और खाना मांगने लगा तो मेरे पिता की आंखें खुल गई और उन्होंने कहा, मेरे पास ना तो पानी है और ना ही खाना तो वह कहने लगा। तू कहीं से भी ला कर मुझे तुरंत दे वरना मैं तुझे उठाकर दूर फेंक दूंगा। तब मेरे पिता को कुछ समझ में नहीं आया, लेकिन उन्होंने सोचा कि शायद उनके पास पानी की बोतल हो सकती है और उन्होंने अपने एक पुराने बर्तन को निकाला, जिसमें पानी था। उसे वह दे दिया तो कुछ देर बाद वह बोला, मुझे भोजन दे और यहां से तू उठकर कहीं नहीं जाएगा। अगर तूने मुझे भोजन नहीं दिया तो आज मैं तुझे जान से मार दूंगा।
तब मेरे पिता ने सोचा कि आज तो बड़ी मुसीबत हो गई है। लेकिन मेरे पिता ने एक चतुराई दिखाई। उन्होंने कहा, इस मिट्टी को तू खा ले। और उनहोने मिट्टी उठाकर जिनको दे दी और जिन्हें वह मिट्टी खा ली और कहा ठीक है, मेरा पेट भर गया। बता तूने मुझे क्यों बुलाया था यह साधना का 35 वा दिन था, लेकिन जिन साक्षात उन्हें सिद्ध हो गया था तब मेरे पिता ने कहा, मुझे तुझसे कई सारे काम करवाने हैं। तब जिन ने कहा ठीक है तू जब भी मुझसे कोई काम करवाएगा तो मैं तेरे शरीर के अंदर आ जाऊंगा और याद रखना कि मैं तेरे शरीर के अंदर रहूंगा। तब कोई भी कार्य कर सकता हैं तो मुझे अपने शरीर में स्थान दे। मेरे पिता ने कहा, ठीक है तू मेरे शरीर के अंदर आ जा और केवल 1 घंटे ही मेरी शरीर के अंदर रहा कर उस दौरान मैं अपने सारे काम कर लिया करूंगा जिन ने और मेरे पिता ने एक दूसरे से इस प्रकार वचनबद्धता प्राप्त कर ली और यह एक विशेष घटना बन चुकी थी। अब शाम के 5:00 बजे के बाद वह जिन मेरे पिता के शरीर में आ जाता था, उन्होंने अपने कई सारे कार्य उससे करवाएं। कई कई बार तो वहां ट्रैक्टर को खींचकर खुद ही पूरा खेत जोत लेते थे। इससे आप अनुमान लगा सकते हो, कोई जिन्न में कितनी अधिक शक्ति है। एक बार उन्होंने गन्ने के खेत में जब आधा कट चुका था तो सभी नौकरों से कहा, तुम सब चले जाओ। शाम के 5:00 बज चुके हैं। मैं देख लूंगा और उन्होंने कहते हैं 10 मिनट के अंदर बचा आधा खेत जो कि लगभग 11 बीघा होगा काट डाला था। ऐसी सामर्थ्य को देखकर आसपास के लोग भौचक्के रह गए तो एक स्त्री उनके पास आई और कहने लगी कि उसके पति को बीमारी है। कृपया ठीक कर दे। वहां स्त्री अपने पति को लेकर आ गई क्योंकि यह वही समय था। जब मेरे पिता के अंदर जिन रहता तो फिर मेरे पिता वहां से उस स्त्री के घर पर पहुंच गए। और उन्होंने उसके पति को तुरंत ही जिन की सहायता से ठीक कर दिया। लेकिन अभी जिनके 40 मिनट बचे हुए थे तभी वहां अंदर नहा रही उस औरत की लड़की एक छेद से मेरे पिता को देखने लगी। उसका गोरा रंग और सुंदरता मेरे पिता को तो दिखाई नहीं दिए क्योंकि बीच में दरवाजा था लेकिन जिन को अच्छी तरह देख चुका था जिन्न ने तुरंत मेरे पिता के मन में भावना डाली कि मुझे इसके साथ शारीरिक संबंध अभी बनाना है। क्योंकि मेरे पिता उस जिन के वश में थे इसलिए वह कुछ भी नहीं कर पाए। जिन्न ने तुरंत ही बाथरूम का दरवाजा खोल दिया और लड़की को पकड़कर बिस्तर पर पटक दिया। वह स्त्री और उसका पति दोनों ने डंडे लेकर मेरे पिता को मारने की कोशिश की, लेकिन उस वक्त उनके अंदर जिन बहुत ही अधिक शक्तिशाली रूप में मौजूद था। केवल दो तमाचों में दोनों बेहोश हो गए और फिर उस 19-20 वर्ष की लड़की के साथ मेरे पिता ने बलात्कार किया। लगभग जब तक जिन्न का समय था तब तक वह इस प्रकार करता रहा लेकिन जब उसका समय हो गया तो वह शरीर को छोड़कर बाहर निकल गया। उस वक्त मेरे पिता नंगे और उस लड़की के ऊपर पड़े हुए थे। इस प्रकार अपने आप को देखकर मेरे पिता। आश्चर्य में आ गए और वह घबराकर वहां से भागे। यह बात तब तक गांव के कई लोगों को पता लग चुकी थी। सब के सब घर पर आ गए और उन सब ने मेरे पिता को मारने के लिए अपनी अपनी तलवारे निकाल ली थी। मेरे पिता सबके सामने गिड़गिड़ाने लगे और कहने लगे। मैंने कुछ भी नहीं किया है, पर वह लड़की वहां थोड़ी देर बाद आ गई और उसने कहा, इन्होंने ही मेरे साथ जबरदस्ती बलात्कार किया है। इस प्रकार पूरे गांव के सामने जब उन्हें ऐसा कहा गया। तो पहले के कुछ कर्मों के कारण उन्हें जान से मारने का विचार लोगों ने त्याग दिया, लेकिन उन्हें एक पेड़ से बांधकर उन पर चाबुक से वार किया गया। पूरे गांव के सामने उनका मुंह काला किया गया। उनके शरीर के सारे कपड़े फाड़ दिए गए। उन्हें नंगा रहकर उस पेड़ से बंधे रहना पड़ा। इस प्रकार एक दिन पूरा बीत गया तो अब लोगों को दया आई और पुलिस को देने की बात सामने आने लगी। लेकिन तभी शाम का समय हो चुका था और अचानक से ही मेरे पिता के अंदर फिर से जिन्न आ गया और जिनके आते ही मेरे पिता ने तुरंत ही उनके सारे बंधन तोड़ दिए और वहां से उन्होंने उस लड़की की ओर देखा और कहा कि तूने मुझे रोका है, अब तुझे मरना होगा। और? मेरे पिताजी तेजी से उस लड़की की ओर दौड़े जो अब दुबारा कई गांव वालों के साथ मेरे पिता को देखने के लिए आई थी। गांव वालों ने मेरे पिता को रोकने की कोशिश की लेकिन अब किसी की भी सामर्थ्य नहीं थी जो उन्हें रोक पाता। मेरे पिता ने उस लड़की की गर्दन पकड़ ली। इसके बाद क्या हुआ, मैं आपको अगले भाग में बताऊंगा। आप समझ ही सकते हैं। गुरुजी कि क्यों मैं अपना नाम पता और गांव के विषय में नहीं बता रहा हूं। आप मेरे इस वीडियो को अवश्य प्रकाशित करें। ताकि लोगों को साधना के विषय में गुप्त और खतरनाक ज्ञान प्राप्त हो सके। नमस्ते गुरुजी यहां पर देखिए कि जिन साधना को नियंत्रित ना करने के कारण इनके पिता पर किस प्रकार का बुरा असर आ गया है। आगे के भाग में जानेंगे। आगे क्या घटित हुआ था तो अगर आज का वीडियो आपको पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।
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