साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 153
प्रश्न १. गुरुदेव गुरु शक्ति का निर्माण कैसे होता हैं कैसे बनती हैं गुरु शक्ति?
उत्तर:- जब गुरु किसी शिष्य को विशेष मंत्र प्रदान करता है तो उस मंत्र के जाप से जो शक्ति का निर्माण होता है तो वह शक्ति गुरु शक्ति कहलाती है क्युकी उस मंत्र का सीधा संबंध गुरु से होता है | गुरु मंत्र ही साधक को सिद्धि की ओर लेकर जाता है, शक्तियाँ प्रदान करता है और गुरु से सानिध्य प्रदान कराता है| उस परंपरा में जितने भी गुरु हुए है उन सभी गुरुओं का आशीर्वाद स्वतः गुरु मंत्र के जाप से प्राप्त होने लगता है |
प्रश्न २. गुरुदेव गुरु शक्ति का रूप स्वरूप कैसा होता हैं। और गुरु शक्ति के दर्शन और गुरुदेव आपके दर्शन सपने के माध्यम से कैसे संभव किया जा सकता हैं?
उत्तर:- जब सपने के माध्यम से आपको गुरु के दर्शन होने लगता है और उससे पूर्व अपने उन्हें देखा भी नहीं है तो आप समझ सकते है की आप बिलकुल सही दिशा में आगे बढ़ रहे है क्युकी गुरु शक्ति आपसे जुड़ चुकी है |
आप स्वप्न में स्वयं यह अनुभव करेंगे की यही आपके गुरु है, आप स्वयं अनुभव करेंगे की आप गुरूजी के साथ रह रहे है, बात चित कर रहे है और विभिन्न प्रकार की क्रियाए कर रहे है सपने के माध्यम से और जब यह सारी चीज़े होने लगती है तो उसे हम गुरु शक्ति का स्वरुप कहते है|
गुरु शक्ति कोई पुरुष या स्त्री नहीं है| शक्ति ऊर्जा का रूप होती है और ऊर्जा आपका स्वयं का स्वरुप है, खुद को और गुरु को स्वप्न में देखने का यह स्पष्ट संकेत है की आप गुरु शक्ति से जुड़ चुके है |
प्रश्न ३. गुरुदेव साधना के विधान के अनुसार हमे कोई भी साधना के पूर्व गुरु मंत्र का कुछ निश्चित संख्या में जाप करना होता हैं तो इसके जरिए से गुरु शक्ति का आवाहन करते हैं और गुरु से अनुमति मांगते हैं |
उत्तर:- गुरु मंत्र का ९ लाख मंत्र जाप करना अनिवार्य है और एक वर्ष के भीतर भीतर कर लेना चाहिए लेकिन अगर नहीं कर पा रहे है तो आपको तांत्रिक साधनाओं के पीछे नहीं जाना चाहिए जब तक की आप एक वर्ष के अंदर अंदर ९ लाख मंत्र जाप पूर्ण न कर ले |
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