गुरु मंत्र से रोग नाश का चमत्कार
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम जो अनुभव लेने जा रहे हैं, इस अनुभव में आप देखेंगे कि गुरु मंत्र की साधना और शक्ति के कारण एक साधिका के जीवन में क्या परिवर्तन आता है और उनके भाई का एक रोग कैसे नष्ट हो जाता है? चलिए पढ़ते हैं इनके पत्र को और जानते हैं कि क्या था यह अनुभव! प्रणाम गुरु जी, मैं आपकी शिष्या रेखा गुरु जी आशा है। मां पराशक्ति की कृपा से आप और आपके पूरे परिवार ठीक होंगे। गुरु जी मैं आपको अपनी कुछ बात बता रही हूं। गुरु जी मैं गुरु मंत्र का अनुष्ठान पूरा करने के बाद आपसे दुर्गा सप्तशती पुस्तक पढ़ने की अनुमति ली थी। फिर मैं जुलाई 2021 को पुस्तक पढ़ने का संकल्प ले ली और मैं हर रोज संकल्प लेकर ही पुस्तक पढ़ती थी। फिर कुछ दिनों के बाद मेरा छोटा भाई बीमार हो गया और उसे भूत प्रेत दिखाई देने लगे। गुरु जी मैं आपसे इस बारे में बात की तो आप उपाय बताएं। लॉन्ग को गुरु मंत्र से अभिमंत्रित करके खिलाने के लिए इसको करने के बाद मेरा भाई ठीक हो गया और भूत प्रेत दिखाई देने बंद हो गए। फिर 2 से 3 दिन के बाद मेरे भाई को पथरी और फिस्टुला की बीमारी उत्पन्न हो गई तो मैं आपसे फिर इस बारे में बात की तो आप बोले खाने पीने पर ध्यान दें और खूब सारा पानी पिलाएं। फिर गुरुजी दो दिन बाद मेरा भाई एक सपना देखता है। जिसमें वह भगवान महादेव को जीवित रूप में देख रहा है। आंखें खोलते और बंद करते हुए। मेरे भाई को देखकर वह मुस्कुरा रहे थे। उसके कुछ दूर में 20 से 21 वर्ष की एक लड़की खड़ी दिखाई देती है जो बहुत सुंदर है और गहनों से लदी हुई है। मेरा भाई को एकटक देख रही है तभी ऑटो से एक व्यक्ति उतरकर उस लड़की के पास आता है जो सफेद वस्त्र पहने हुए सिर पर पगड़ी पहने हुए हैं और उस लड़की को पकड़कर जबरदस्ती खींचते हुए अपने साथ ले जा रहा है। गुरु जी यह सारे सपने मेरा भाई घर में सभी को बताता है फिर रात को बिस्तर पर लेटा हुआ था। जगा हुआ था। आंखें खुली हुई थी तभी मेरा भाई हम सब को कहता है। एक कमरे में अंधेरा है। वहां देवी मां बैठी हुई है। तभी गुरु जी मैं अपने घर के सारे कमरे चेक किया तो सभी कमरों में लाइट जल रही थी। केवल मेरे साधना कक्ष में लाइट बंद थी। तभी मैं अपने साधना कक्ष की लाइट जला कर अपने भाई के पास गई तो वह कहने लगा देवी मां आ गई है। हम सब घर वाले मेरे भाई के पास ही खड़े थे तो हम पूछे कहां है तो मेरा भाई आंखों से इशारा करते हुए बताया यहां पर है। फिर हम सब बोले, हमें तो दिखाई नहीं दे रही हैं तो वह फिर से बोला, वह यही है और रोते हुए देवी मां को प्रणाम करने लगा। फिर गुरुजी मेरा भाई हम सब के पैर छूने लगा तो हम पूछे हम लोगों के पैर क्यों छू रहे हो तो मेरा भाई बोला देवी मां बोल रही है तुम्हारी मां और बहन! सब देवी उन सबके भी पैर छुओ। फिर गुरु जी मैं अपने भाई से बोली कैसी दिख रही है तो वह बोला, लाल रंग की साड़ी पहने हुए हैं। गहनों से लदी हुई है। हाथ में अस्त्र-शस्त्र पकड़ी हुई है। एक हाथ में हरे रंग का सांप पकड़ी हुई है और एक पैर ऊपर उठा कर बैठी है। जैसे माता दुर्गा अपने शेर पर बैठती है। फिर मैं अपने भाई से बोली। पूछो तुम्हारी बीमारी कब ठीक होगी? तो मेरा भाई देवी मां से पूछा तो देवी मां बोली तुम अपना सपना अपने पूरे परिवार को बता दिए हो वरना 2 दिन में ही ठीक हो जाते। अब ठीक नहीं हो सकते हो। अभी समय लगेगा तो मेरा भाई बोला, आपके पास तो बहुत शक्ति है। फिर क्यों ठीक नहीं कर देती है? देवी मां बोली मुझसे जो चाहे मांग लो, सारी इच्छा पूरी कर दूंगी पर तुम्हारी बीमारी ठीक नहीं कर सकती हूं क्योंकि अभी इसके लिए समय लगेगा। गुरुजी मेरा भाई देवी मां से बोला, आप अपना चेहरा क्यों नहीं दिखा रहे हैं तो देवी मां बोली, तुम्हारे में ऊर्जा नहीं है। तुम महादेव के पास जाओ। इतना कहकर देवी मां गायब हो गई। फिर गुरुजी मेरा भाई आपसे गुरु दीक्षा ले लिया। गुरु जी मेरे भाई की तबीयत बहुत ज्यादा खराब होने के कारण वह बिस्तर पर लेट कर ही गुरु मंत्र का जाप करता था। आप बोले कि अगर बहुत बीमार है तो बिस्तर में लेट कर भी जॉप कर सकता है। गुरुजी मेरा भाई जमीन में सोता था क्योंकि देवी मां मेरे भाई को पलंग पर सोने के लिए मना की थी और जमीन में ही सोने के लिए बोली थी चटाई बिछाकर, गुरु जी मेरे भाई की तबीयत और ज्यादा खराब होने लगी और ठीक से वह ना तो खा पाता था और दिन भर और रात भर दर्द से रोता रहता था। फिर हम डॉक्टर के पास लेकर गए डॉक्टर दवाई देते तो दवाई भी काम नहीं करती। ऐसे ही करते मार्च का महीना आ गया। गुरु जी मेरे भाई की तबीयत और ज्यादा खराब होने लगी और भूत प्रेत दिखाई देने लगे। भूत प्रेत की बातें करने लग गया। उसे आवाज सुनाई देने लगी। मेरे भाई को भूत प्रेत कहते हम तुम्हें मार कर अपने साथ ले जाएंगे। गुरु जी मैं बहुत ज्यादा परेशान हो गई। फिर आपसे इस बारे में मैंने बात की तो आप बोले, लेजर ट्रीटमेंट करवाइए और महामृत्युंजय मंत्र जाप करने के लिए बोले गुरु जी आप मेरे भाई के ऊपर तंत्र प्रयोग किया गया था बोले, मैं आपको बोली तो आप बोले, होली के दिन इसके लिए मैं कुछ करता हूं। इसके बाद गुरु जी हम भी मेरे भाई का लेजर ट्रीटमेंट कराएं और महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी कराए। मार्च के महीने के कुछ दिनों तक उसकी दवाई भी चल रही थी और इस महीने मेरा भाई पूरी तरह से ठीक हो गया है और आपके गुरु मंत्र का जाप और हवन भी अच्छे से कर रहा है। गुरु जी आपको बहुत-बहुत धन्यवाद गुरु जी आपकी कृपा से मेरा भाई आज जिंदा है और पूरी तरह से स्वस्थ है। गुरु जी मेरे कुछ प्रश्न है। गुरु जी मैं दुर्गा सप्तशती का पाठ कर रही थी तो मुझे कुछ भी अनुभव नहीं हुए और मेरे भाई को खुली आंखों से देवी मां कैसे दिखाई दे रही थी जबकि मेरा भाई गुरु दीक्षित उस वक्त नहीं था और देवी मां मेरी ही साधना कक्ष से निकलकर मेरे भाई के पास गई थी। गुरुजी मेरे भाई को शेर के छोटे-छोटे बच्चे उसके आसपास खेलते हुए नजर आते हैं। खुली आंखों से ऐसा क्यों? संदेश-देखिए यहां पर इन्होंने। अपने भाई को गुरु मंत्र की कृपा से पूरी तरह रोग मुक्त करवा लिया। इनके भाई ने माता के दर्शन इसलिए किए क्योंकि? जब मन मासूम होता है या कष्ट में होता है तो माता अधिक ध्यान देती हैं जिसे ज्यादा जरूरत होती है। माता भी उसी और ज्यादा ध्यान देती हैं। क्योंकि आपका सारा प्रयास आपके इस भाई के लिए ही था क्योंकि आप पहले ईमेल के माध्यम से मुझसे बात करके कहा करती थी। इसलिए माता उसी के लिए आ गई और उन्होंने इसके प्राणों की रक्षा की क्योंकि भूत-प्रेतों का दिखना और अपने साथ मार कर ले कर जाना। इस प्रकार कहने का मतलब यही है कि मृत्यु निकट आ चुकी है। लेकिन इन्होंने अपने अनुभव को सभी को बता दिया इसलिए माता नियम बंधन के कारण सीधे मदद नहीं कर सकती थी। इसलिए उन्होंने महादेव का मार्ग बताया। महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया गया तो उसका प्रभाव स्पष्ट हुआ और होली के दिन किया गया तांत्रिक प्रयोग का भी असर! आपके भाई को पूरी तरह से सुखद और शक्ति के रूप में प्राप्त हुआ जिसकी वजह से आज वह पूरी तरह से ठीक है और गुरु मंत्र का जाप अनुष्ठान पूरा कर पा रहे हैं। माता स्वयं अपने भक्तों को जल्दी दर्शन नहीं देती हैं। उनके आसपास के लोगों को अनुभव पहले हो जाता है। यह इस बात का सूचक होता है कि माता आपको बोध कराना चाहती हैं कि आपके साथ में हैं, लेकिन अगर वह सिद्धि पहले ही दे देंगे तो आपकी परीक्षा जीवन संघर्ष और विभिन्न प्रकार की सिद्धियों का मार्ग कैसे खुलेगा। इसीलिए अधिकतर साधकों को पूरे अनुभव नहीं होते बल्कि उनके घर में रह रहे उनके जो भी सगे संबंधी होते हैं, रिश्तेदार होते हैं, उनको अनुभव ज्यादातर होते हैं। इसी तरह एक कॉमन बहुत बड़ा अनुभव है जो ज्यादातर देखने में आता है जो भी देवी मां की भक्ति करते हैं। उन्हें शेर और उनके बच्चे अवश्य ही नजर आते हैं क्योंकि यह सारे माता के गण है। और इन शेरों को देखना बहुत ही शुभ माना जाता है। इसके अलावा शेरनी का बच्चों को दूध पिलाते देखना भी बहुत ज्यादा शुभ माना जाता है और ऐसा समझा जाता है कि माता के जितने भी गण हैं, वह सब आपकी सेवा में है और वह सभी खुश हैं। आप, आपका परिवार और आपका भाई सभी लोग गुरु मंत्र का जाप लगातार करते रहे। माता की कृपा इसी प्रकार बनी रहेगी। तो यह था आज का इनका अनुभव अगर आपको पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद। |
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