साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 162
१. कोई व्यक्ति जिसने पूर्व में अप्सरा साधना संपन्न कर रखी हो और वर्तमान में भी वह अप्सरा के प्रत्यक्ष दर्शन के उद्देश्य से उसका मंत्र जप कर रहा हो तो क्या वह व्यक्ति यक्षिणी की साधना संपन्न कर सकता है?
उत्तर:- निश्चित रूप से आप कोई भी साधना कर सकते है लेकिन दो प्रकार की साधना एक साथ नहीं की जा सकती है | अगर दोनों साधना तंत्रोक्त साधना है और अप्सरा और यक्षिणी दोनों अलग-अलग साधना है इसलिए दोनों साधना एक साथ नहीं किया जा सकता इसलिए आप पहले अप्सरा साधना पूर्ण रूप से संपन्न कर लीजिए फिर यक्षिणी साधना की ओर जाए |
२. अगर यक्षिणी साधना को घर पर किया जाए तो घर वालो पर इसका कोई गलत प्रभाव तो नहीं होता ?
उत्तर:- यह सत्य है की साधना काल में जो अनुभव होता है वह अनुभव कई बार परिवार वालो को भी होने लगता है क्युकी जब ऊर्जा आती है तो उसका प्रभाव चारो तरफ होता है इसलिए जो भी साधना की जाती है उसका प्रभाव आस पास के लोगो पर भी पड़ता है, यह प्रभाव सकारात्मक भी हो सकता है और नकारात्मक भी हो सकता है | इसलिए कई बार कहा जाता है की जब भी साधना करे तो एकांत और गोपनीय स्थान में करे जिससे उसका प्रभाव अन्य व्यक्तियों पर नहीं पड़े और साधना की गोपनीयता भी भंग न हो|
३. यक्षिणी का प्रत्यक्ष दर्शन कितने दिनों में हो जाता है? अगर यक्षिणी साधना गुप्त नवरात्रि में करे तो क्या यक्षिणी दर्शन दे सकती है ?
उत्तर:- यक्षिणी का प्रत्यक्ष दर्शन कितने समय में हो जाएगा इसका कुछ कहा नहीं जा सकता | यह केवल साधक की साधना पर, उसकी एकाग्रता पर, उसकी संकल्प शक्ति और उसके परिश्रम पर निर्भर करता है की वह कितने समय में यक्षिणी को प्रत्यक्ष कर पाएगा क्युकी जब तक साधना में उतनी ऊर्जा उत्पन नहीं होगी जितना उसको प्रत्यक्ष करने के लिए चाहिए तब तक उसका प्रत्यक्ष अनुभव नहीं होगा |
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