लाल कोठी का खौफ़
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। हमारे एक सब्सक्राइबर है जिन्होंने एक अनुभव लाल कोठी के खौफ के नाम से भेजा है। चलिए पढ़ते इनके पत्र को और जानते हैं कि कहां का और क्या है यह अनुभव!
नमस्ते गुरुजी सूरज प्रताप जी, मैं सुशील कुमार ललितपुर से मैं आपका यूट्यूब चैनल इस साल 10 जनवरी से देखने लगा हूं। मैंने आपके चैनल पर और भी लोगों के अनुभव वीडियो के रूप में देखें तो मुझे एक सच्ची घटना साल 2009 की याद आ गई तो सोचा आपसे शेयर करूं। गुरु जी जिन लोगों से संबंधित यह घटना है, मैं उनका नाम बदलकर लिखूंगा जिससे किसी के निजी जिंदगी में कोई प्रॉब्लम ना हो। आप चाहे तो मेरा ईमेल वीडियो में शो करके शेयर भी कर सकते हैं। गुरु जी मैं एमकॉम की पढ़ाई की थी। फिर मुझे किसी दूसरे शहर में जॉब मिली। मेरे मालिक अरुण सिंघानिया साहब, मैं पहले ही बता चुका हूं कि सबके नाम में चेंज कर दिया है और बढ़िया आदमी थे। मैं उनके यहां लगातार जॉब करता था। मुझे उनके यहां जॉब करते हुए 9 साल हो चुके थे। इस दौरान मेरी भी शादी हो गई थी। अर्जुन साहब और उनकी पत्नी शालिनी सिंघानिया भी मुझे पर मेरी वाइफ पर बहुत ही भरोसा करते थे। अब आते हैं उस घटना पर जो साल 2009 में हुई अरुण साहब कोई नया बड़ा। घर खरीदना चाहते थे जो किसी शांत सी लोकेशन पर हो। वह जहां भी जाते मुझे भी साथ लेकर जाते। फिर किसी ने उनको एक बड़े मकान के बारे में बताया जो शहर से थोड़ा अब बाहर बिल्कुल एकांत जगह पर था पर शहर से अधिक दूर नहीं था।
अरुण साहब को यह बात अधिक पसंद आई कि घर शांत जगह पर और शहर से अधिक दूर पर भी नहीं है। बस बड़ी कोठी का रंग बाहर से बिल्कुल लाल था जो मैं उसे लाल कोठी बोलूंगा। जब उस कोठी की कीमत पता चली तो 4000000 बोला गया। अरुण साहब के हिसाब से वह 80 लाख की होनी चाहिए थी, लेकिन 4000000 में मिल रही थी अरुण साहब! तो फटाफट सौदा करने को तैयार हो गए। उस समय मैंने भी अधिक सोचा नहीं। बस खुश था कि साहब का काम आसानी से बन गया। फिर वह लालकोठी खरीदने के बाद अरुण सिंघानिया साहब, उनकी पत्नी शालिनी सिंघानिया और उनकी बेटी डिंपल सिंघानिया उस कोठी में शिफ्ट हो गए। सिंघानिया साहब की बेटी डिंपल सिंघानिया उस समय 28 साल की थी और उसका कुछ समय पहले ही डाइवोर्स हुआ था। इसलिए अब डिंपल अपने 1 साल के बेटे के साथ अपने मां और बाप के घर ही रहती थी। सिंघानिया साहब का बेटा रोहन हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करता था। घर में दो बेडरूम नीचे थे और दो बेडरूम ऊपर। घर के पीछे की साइड में दो स्विमिंग पूल थे। एक स्माल उन बच्चों के लिए और दूसरा बड़ा। पुल बड़ों के लिए घर आलीशान था। शुरू में शायद कुछ दिन सब कुछ ठीक रहा होगा क्योंकि मेरा आना जाना उस लाल कोठी में कम ही हो गया। बस कभी-कभार अरुण साहब कोई काम बोल देते। तब जाना होता डिंपल का रूम ऊपर था। फिर अचानक कुछ ऐसा होना शुरू हुआ जो कुछ भी हुआ।
वह शब्द में डिंपल की मदद शालिनी जी ने मेरी वाइफ को बताया और मेरी वाइफ ने। कुछ मुझे बताया था वह मैं आपको सब बताता हूं। डिटेल में फिर अचानक कुछ ऐसा होना शुरू हुआ कि डिंपल को सपने आने लगे। शुरुआत में डिंपल को ऐसे सपने आए जैसे कोठी के गार्डन में कोई चल रहा है। इसी के चलने की आवाज जैसे आ रही है, लेकिन सपने में कोई दिखाई नहीं दिया। सिर्फ आवाज आई डिंपल की नींद टूटी तो उसने खिड़की से बाहर देखा तो कोई नजर नहीं आया। यहां डिंपल के बारे में सिर्फ इतना बता दूं कि डिंपल एक बहादुर लड़की थी। स्कूल कॉलेज टाइम में स्पोर्ट्स गर्ल रहने के कारण फिजिकली बहुत ही फिट एल सी थी। लंबी हाइट की साथ साथ में मानसिक रूप से भी मजबूत थी। divorce होने के बाद भी वह जिंदगी से उदास नहीं हुई बल्कि उसने अपने 1 साल के बेटे की जिम्मेदारी खुद अकेले उठाने की सोची और अपने ही पापा की कंपनी बिजनेस में एडजस्ट होने की सूची। फिर किसी रात दोबारा डिंपल को सपना आया कि कोठी की वेबसाइट पर उनके पास कोई बिल्कुल काला मजदूर टाइप यंग आदमी खड़ा है, लेकिन उसका फेस नजर नहीं आ रहा था। क्योंकि उसका फेस दूसरी तरफ था। सिर्फ उस आदमी की बैक नजर आ रही थी और वह आदमी बिल्कुल नग्न हालात में था। अचानक डिंपल का सपना टूटा और उसने खिड़की से बैक साइड की ओर देखा। वहां पुल के पास कोई नहीं था। डिंपल ने इस सपने को उस टाइम सीरियसली नहीं लिया। इसे साइकोलॉजिकल टाइप प्रॉब्लम समझकर इग्नोर कर दिया। फिर एक दिन डिंपल को सपना आया कि कोई काला और यंग आदमी उसके बेडरूम में खड़ा है।
बिल्कुल नग्न हालात में, लेकिन सपने में उसका फेस नजर नहीं आ रहा था। वह आदमी सिर्फ गर्दन तक ही नजर आ रहा था। डिंपल का सपना टूटा उसने फौरन रूम की लाइट को ऑन किया तो वहां कोई नहीं था। अब डिंपल कंफ्यूज शौकीन करने लगे। उसे लगा कि कहीं यह किसी मानसिक? रोक वाली समस्या तो नहीं इस तरह के सपने कुछ टाइम आए तो डिंपल अपने पेरेंट्स को बताए बिना किसी साइकोलॉजिस्ट की औरतें भी कोई यह मिलकर आई। उसके बाद फिर डिंपल को कुछ अश्लील किस्म के सपने आने शुरू हो गए। जैसे कोई काला और यंग मजदूर टाइप आदमी उसके साथ सपने में जबरदस्ती फिजिकल रिलेशन बनाने की कोशिश कर रहा है और डिंपल सपने में खुद को उस से बचाने की कोशिश कर रही है। लेकिन इन सपनों में भी डिंपल को उस आदमी का फेस नजर नहीं आया क्योंकि सपने में डिंपल पेट के बल बेड पर नग्न हालत में पड़ी होती और उस आदमी ने उसे पीछे से धर दबोचा होता था। अब डिंपल सच में परेशान रहने लगी, लेकिन उस समय भी न जाने क्यों? उसने अपनी मदर को कुछ नहीं बताया।
फिर एक दिन एक घटना हुई डिंपल पहले स्पोर्ट्स गर्ल्स रह चुकी थी तो उसे पूल में स्विमिंग का शौक था और उस कोठी की बैक साइड में दो पूल थे। डिंपल कभी शाम को या संसद के टाइम पूल में ही बात लेते हुए रिलैक्स फील करती थी। 1 दिन अरुण साहब और शालिनी जी कहीं गए हुए थे। डिंपल और उसका बेबी घर पर ही थे। डिंपल का बेबी सो रहा था तो डिंबल पूल में आकर बैठ गई। अचानक घर का नौकर कुछ टाइम बाद किसी काम से वहां से गुजरा तो उसने देखा कि उसका गला सूख गया। उसने देखा पूल में डिंपल बेहोशी की हालत में पड़ी है। वह पूल की तरफ और उसने डिंपल को बाहर निकाला। उसका पेट दबा दबा कर जो थोड़ा बहुत पानी बॉडी के अंदर चला गया था, उसे बाहर निकाला। फिर डिंपल को थोड़ा-थोड़ा होता आना लगा। डिंपल की तबीयत ठीक नहीं लग रही थी। नौकर उसे उठाकर कोठी के अंदर लेकर गया तो तुरंत शालिनी जी को फोन किया। अरुण साहब और साली जी वापस आए और डिंपल को देखा तब तक डिंपल बिल्कुल होश में आ चुकी थी। साली जी ने डिंपल से पूछा पर डिंपल ने ऐसा रियेक्ट उसे कुछ याद ही ना हो। बात आई गई हो गई। फिर डिंपल को कुछ डरावने सपने आने लगे। जैसे सपने में उसकी बॉडी को वह काला आदमी उनके पास लेकर खड़ा है, लेकिन उस आदमी का फेस दूसरी तरफ है, इसलिए उसका फेस नजर ही नहीं आ रहा था। फिर एक दिन ऐसा सपना आया कि उस आदमी ने डिंपल के बेटे को पूल में डूबा के मार दिया। अब डिंपल की हिम्मत टूट गई। उसने अगले दिन अपनी मदर को सब बताया। डिंपल की मां का भी माथा ठनका। शालिनी जी ने डिंपल को कहा कि यह सब उसने उसने पहले क्यों नहीं बोला? सर उस दिन तो डिंपल की शालिनी जी मंदिर लेकर ली गई और वहां प्रार्थना की तृतीय भाग से मेरी पत्नी चांदनी जी के घर उस दिन शाम को गई तो शालिनी जी ने सब कुछ जो डिंपल ने उन्हें बताया था, मेरी वाइफ को डिटेल में बता दिया। मेरी वाइफ भी बहुत हैरान हुई उसने आकर सब कुछ। जो कहते हो मुझे बता दिया, मुझे सारी बात सुनते ही शक हुआ कि अब पक्का भूतिया मामला है।
मैं अगले दिन शालिनी जी से मिला और कहा कि मैं पता करके किसी को बुला लेता हूं मेरी एक। दूर के चाचा के दोस्त हैं मनी लाल जी, मैं भी उन्हें मणिलाल चाचा ही कहता हूं। मनमिलन चाचा ने शादी नहीं की और अकेले ही रहते हैं। मणिलाल चाचा एक मीडियम लेवल के तांत्रिक हैं। वह कानपुर में रहते हैं। मैं उनको संपर्क किया, लेकिन वह उस समय कानपुर से बाहर थे और एक हफ्ते बाद मिल सकते थे। मैंने एक हफ्ता इंतजार करना सही समझा और साहनी जी को बता दिया। फिर मैंने उस लाल कोठी के बारे में पता लगाना शुरू किया। मुझे उस एरिया के एक बूढ़े आदमी ने बताया कि जिस जगह यह लाल कोठी साल 1995 में बनी है, उस समय आस पास कोई घर नहीं था। बिल्कुल सुनसान इलाका था। मुझे एक बात और उसने बताया कि जिस जगह यह लाल कोठी बनी है वहां पहले पुरानी कब्र की लाल कोठी शुरू होने से पहले ही वह काल खंड इन हालात में ध्वस्त हो चुकी थी और जो कुछ उसने मुझे बताया इस साल 1994 में जब उस कोठी का कंस्ट्रक्शन चल रहा था तब एक मजदूर की भी वहां मौत हो गई थी। उस आदमी ने यह भी बताया कि उस लाल कोठी में कोई अधिक देर तक बस नहीं पाया। जिस परिवार ने यह कोठी पहली बार बनाई थी, वह 1 साल के अंदर ही कंगाल होकर उस कोठी को बेच कर पता नहीं कहां चले गए। जिस जिस ने भी यह कोठी खरीदी वह बर्बाद ही हुआ और 1 साल से अधिक इस कोठी में कोई टिक नहीं पाया। इतनी जानकारी मेरे सब को यकीन में बदलने के लिए काफी थी। मैं गया अगले दिन और शालिनी को सब बताया। वह बहुत घबरा गई कि गलती से पता नहीं कैसे यह भूतिया घर खरीद लिया है। मैंने शालिनी जी को दिलासा दिया कि बस अब थोड़ा सब्र रखना मणिलाल चाचा जी के आने तक मणिलाल चाचा के कानपुर पहुंचने पर मैंने उनसे फिर संपर्क साधा और उन्हें इमरजेंसी बताकर अपने यहां बुला लिया। उनके आते ही उन्हें सब बताया और अगले दिन उनको लेकर लालकोठी पहुंचा।
वहां शालिनी जी से नमस्ते हुई और सारी बात सुनकर समझ कर उन्होंने 1 दिन का वक्त मांगा और कहा कि आज रात में इस लाल कोठी में ही रहूंगा और कुछ सामान जो चाहिए था वह उन्होंने मेरे को बता दिया। मनी! चाचा ने सबको बता दिया कि रात को मुझे कोई डिस्टर्ब ना करें और आप सब लोग अपने अपने कमरों में रहना रात को कोई भी बाहर ना निकले। अगर किसी को ऐसा भी लगे कि मैं आवाज लगा रहा हूं तो भी कोई बाहर ना निकले। फिर अगले दिन मणिलाल चाचा ने बताया कि वह जो काला यंग मजदूर टाइप आदमी नजर आता है, उसकी डेट इस कोठी के कंस्ट्रक्शन टाइम में हुई थी और तब से वह यही भटक रहा है और बहुत परेशान था। अब उसे मैं साथ ले जाऊंगा। लेकिन बड़ी समस्या यह है कि यह कोटि किसी पुरानी न जाने कितनी पुरानी कब्र वाली जगह पर बनाई गई है और जो यहां बहुत पहले से रह रहे हैं वह कब्र वाली रूहे उनसे फिर ना मेरे बस की बात नहीं है और उसके लिए खास फिल्म की जरूरत है और वह मेरे पास नहीं है, लेकिन वह कब्र वाली रूट किसी को जानबूझकर नुकसान नहीं करना चाहते। वह यहां बहुत समय से रह रही है और उन्हें नहीं पसंद की कोई यहां इस जगह पर आ कर रहे उनकी शांति में कोई खलल पड़े। इसलिए आप यह प्रोपर्टी जिस दाम में मिली है उसी दाम में किसी को बेच कर यहां से चले जाओ। सब ने मणिलाल चाचा की बात मान ली और तब सबको यह बात क्लियर हो गई कि कम से कम 80 लाख वाली कोठी 40 लाख में कैसे मिल गई थी। इसलिए कहते हैं कि घर लौट इत्यादि खरीदने से पहले पूरी जानकारी ले लेनी चाहिए। अगर यह जानकारी कोठी खरीदने से पहले पता चल जाती तो यह को ठीक कभी नहीं खरीदते। गुरु जी मेरे कुछ प्रश्न है। उस मजदूर का फेस डिंपल को क्यों नजर नहीं आता था। सपनों में वह सपने सिर्फ डिंपल को ही क्यों आते थे और किसी को क्यों नहीं डिंपल के साथ पूल में क्या हुआ था। क्या उस प्रेत ने डिंपल को दबाकर मारने की कोशिश की। क्या वह प्रेत डिंपल के बेबी को भी मारना चाहता था, लेकिन इस पर प्रेत को क्या फायदा कृपया इस भूतिया कोठी पर जो आप वीडियो बनाएंगे। उसमें मेरी इन 4 प्रश्नों के उत्तर देकर मेरी जिज्ञासा शांत कीजिएगा। धन्यवाद।
संदेश-तो देखिए आपने इस कहानी को समझा और इससे जो पहला प्रश्न आपने पूछा है यहां पर डिंपल को उसका फेस क्यों नहीं नजर आता? भूत जितने होते हैं उनका जब तक सिद्धि करण नहीं हो जाता तब तक उनका चेहरा स्पष्ट रूप से नहीं दिखाई पड़ता है और ज्यादातर जब शक्तियां।
पूरी तरह से आपके नियंत्रण में नहीं होती है। अपना चेहरा स्पष्ट रूप से नहीं दिखाती है दूसरी बात सपने डिंपल को इसलिए आते थे क्योंकि वह जवान थी और जितनी भी जवानी की उम्र में आत्माएं भटकती हैं, उनके अंदर कामवासना अवश्य होती है। इसीलिए वह नवीन स्त्री के प्रति आकर्षित हो रहा था जिसका पति भी नहीं है। और दूसरा सवाल आपने पूछा है कि डिंपल के साथ पूल में क्या हुआ तो उस वक्त आत्मा कोशिश कर रही होगी कि अगर यह भी किसी प्रकार से मृत्यु को प्राप्त हो जाए तो फिर यह मेरे साथ रह सकती है और अधिकतर जितनी बुरी आत्माएं होती हैं, वह किसी व्यक्ति को मारकर अपने साथ जोड़ने की कोशिश करती हैं। पुरुष आत्मा स्त्रियों को ज्यादा पसंद करती है। स्त्री आत्मा पुरुषों को ज्यादा पसंद करती है। और चौथा प्रश्न की बेबी को मारने का मतलब यही था कि बच्चा के माध्यम से उसका मातृत्व है। मातृत्व एक शक्ति होती है। इसकी वजह से अन्य पुरुषों के प्रति स्त्रियां आकर्षित नहीं होती है। इसीलिए अगर बच्चा ही नहीं रहेगा तो फिर मैं इसे अपने वशीकरण मे ले पाऊंगा और जो भी शारीरिक संबंध बनाने की बातें हैं, वह सब कर पाऊंगा। इसीलिए प्रेत ने यहां पर यह सब करने की कोशिश की और ऐसी जगहों पर या तो विधिवत तरीके से उन आत्माओं को निकाल कर मुक्त कर दिया जाए तभी उन स्थानों पर रहा जा सकता है। वरना कई 100 सालों से वहां पर जो आत्माएं विद्यमान है, वह अपनी जगह बिल्कुल नहीं छोड़ने वाली और जो उनके बाद मरे हैं, वह भी उनके सेवक की हैं क्योंकि वह पहले से वहां पर रह रहे हैं। जो भी आत्माएं नयी होती हैं। वह पुरानी आत्माओं की सेविका सेविका शक्ति के रूप में विद्यमान हो जाते हैं और नयी आत्मा को अधिकतर सब अपने बंधन में ले लेती हैं। पुरानी आत्मा इसीलिए डिंपल के प्रति वह मजदूर की आत्मा आकर्षित थी और अपने नियंत्रण में लेना चाहती थी। यह थे एक लाल कोठी से संबंधित वास्तविक अनुभव अगर आपको यह अनुभव पसंद आए हैं तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।