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साधको के प्रश्न उत्तर श्रृंखला भाग -२

कलयुग या आज के समय में किस किस देवता के प्रत्यक्ष दर्शन संभव है ?

इस समय ,कुछ ही देवता बताए गए है जो  प्रत्यक्ष दर्शन देते है |  उनमे हनुमान जी ,माता काली और भैरव नाथ ये तीन देवताओ का प्रत्यक्ष दर्शन संभव  है | यक्षिणी  भी इस श्रेणी में आती है, वो भी दर्शन दे सकती है और बाकी जो भी देवी देवता है उनका प्रत्यक्ष दर्शन बहुत मुश्किल से होता है | उसके लिए आपको अत्यधिक तप करने की आवश्यकता पड़ जाती है | लेकिन ये तीनो देवता है इनका आप सहज रूप में दर्शन कर सकते है और एक बार अगर आपको सिद्धि मिल जाएगी तो ये आपको प्रत्यक्ष दर्शन देने लगते है l

क्या यक्षिणी पत्नी बन सकती है साक्षात् रूप में ?

हाँ ,बिलकुल बन सकती है और ये साक्षात् रूप में भी आपके साथ रह भी सकती है, इनकी सिद्धि  उच्चतम अवस्था प्राप्त करने पर प्रत्यक्ष हो जाया करती है और आप यह समझ लीजिये यह   इस तरह रहेंगी की दुनिया को कुछ पता नहीं चलेगा की ये स्त्री वास्तव में कौन है इनको कोई पहचान नहीं पाएगा | 

मेरी पत्नी है तो  मै किस रूप में साधना करू?

अगर आप अप्सरा या यक्षिणी की साधना करने की सोच रहे है ,और आपकी पत्नी है तो आप इनको किस रूप में सिद्ध करेंगे | तो इस अवस्था में आपको उसको पत्नी या प्रेमिका के रूप में सिद्ध नहीं करना चाहिए | आपको उसकी साधना माँ के रूप में, बहन  के रूप में करनी चाहिए l किसी और रूप में नहीं  करनी चाहिए | या  तो आपने अपनी पत्नी को  त्याग दिया  हो या फिर पत्नी अगर मर गयी है तब आप उसके साथ संबंध बनाएँगे तभी आप इनको  पत्नी अथवा प्रेमिका के रूप में सिद्ध करने की  सोच सकते  है  | 

माँ दुर्गा के प्रत्यक्ष दर्शन कैसे होंगे ?

माता के  प्रत्यक्ष दर्शन होना संभव नहीं है लेकिन हाँ उनके आंशिक रूपों के दर्शन हो सकते है और आंशिक रूपों के दर्शन भी छोटी कन्या के रूप में ज़्यादातर दर्शन होते हैं| उनकी योगिनियाँ  ,उनकी शक्तिया जो है वो अधिकतर छोटी कन्या के रूप में ज़्यादातर दर्शन देती है या आपको स्वप्न के माध्यम से भी २ भुजा रूप या ४ भुजा रूप दिखा सकती है लेकिन ब्रम्हांड स्वरुप में माता जगदम्बा के दर्शन होना अत्यंत ही मुश्किल है और लोगो के जन्म बीत जाते है उनकी साधना करते हुए तब कहीं जाकर के इनके दर्शन होते है | 

क्या मै अपना गुरु बदल सकता हूँ?

हाँ बिलकुल बदल सकते है गुरु की कोई लिमिट नहीं होती है | गुरु का मतलब होता है रास्ता दिखाने वाला | अगर आपका गुरु किसी साधना के योग्य नहीं है वो एक तरह से सिमित है तो आप  उस साधना के लिए नया गुरु बना सकते हैं और गुरु एक नहीं बहुत सारे हो सकते हैं और गुरु की  योग्यता मे आप एक छोटे बच्चे को भी गुरु बना सकते  हैं और एक महान साधु को भी अपना गुरु बना सकते है | 

गुरु बनाना इसलिए अनिवार्य होता है क्युकी भगवान शिव ने सभी साधनाओ को  कीलित कर  रखा हैं, वो चाहते थे की गुरु परंपरा से ही कोई भी साधना या सिद्धि आगे बढे l इसलिए गुरु बनाना  बहुत जरुरी हो जाता है  | इसलिए आप कोई भी गुरु बना सकते है, कभी भी बना सकते है और अपना गुरु बदल भी सकते है, लेकिन आपके जो पूर्व गुरु है उनको छोड़ना नहीं चाहिए और अपने जीवन में एक पूर्ण गुरु भी जरूर बनाना चाहिए|  पूर्ण  इसलिए आवश्यक होता है ताकि वो आपको हर प्रकार से सहायता कर सके  गुरु शब्द का अर्थ ही होता है आगे चलने वाला जो आगे चल सके जो आपको आगे का रास्ता  दिखा सके, आगे की बाते बता सके इसलिए भगवन शिव  सबसे बड़े  गुरु माने जाते है | 

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