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नवरात्री में चुड़ैल का घर आना सच्ची घटना भाग 7

नवरात्री में चुड़ैल का घर आना सच्ची घटना भाग 7

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पे आप सभी का एक बार फिर से स्वागत है नवरात्रि में चुड़ैल का घर आना सच्ची घटना का यह अगला सातवां भाग है पिछले भाग को आगे बढ़ाते हुए अब पढ़ते हैं इनके ईमेल पत्र को

गुरु जी जब मेरे वह पर दादा बहुत ज़ोर से तड़पने लगे तब उन्होंने गुरु द्वारा दिए गए मंत्र को पढ़ना शुरू कर दिया और फिर उन्हें जो सामने दिखाइ दिया वह सच में विचित्र था उन्हें एक बहुत ही शक्तिशाली चुड़ैल दिखाई दी जो उन्हें दबा रही थी अभी तक वह यह नहीं देख पा रहे थे कि कौन उन्हें दबा रहा है लेकिन इस वक्त उन्हें स्पष्ट रुप से नजर आया तो वह अपने मन्त्र का जोर- ज़ोर से उच्चारण करते हैं और वह शक्ति घबराकर गायब हो जाती है यह बात उन्होंने अपने गुरु को बताया उस साधु तांत्रिक ने कहा ऐसा होता है साधना के दौरान ऐसी शक्तियां आ जाती है लेकिन उनके गुरु को भी क्या पता था कि यह कौन है इस प्रकार अगले दिन भी उन्होंने जब साधना संपन्न की फिर से एक विचित्र अनुभव उन्हें प्राप्त हुआ इस बार

उन्होंने देखा कि वह एक जंगल में है जहाँ चारों तरफ बहुत ही घना वातावरण बना हुआ है तभी एक लड़की भागते हुए उन्हें नजर आयी जो कि काफी सुंदर थी और किसी चीज़ से डर कर भाग रही थी यह बात उन्हें समझ में नहीं आयी कि तभी वह भागते हुए उनके पास आ गई और घबराकर कहने लगी मेरी जान बचा लीजिए कोई मेरा पीछा कर रहा है तब मेरे परदादा ने कहा आप चिंता मत कीजिए मैं उसे देख लूँगा तब उन्होंने कहा आप नहीं जानते वह अकेला नहीं है आपको और मुझे यहाँ से भागना होगा चलिए जितनी जल्दी हो सके हम लोग यहाँ से निकलते हैं तब मेरे परदादा और वह लड़की भागते हुए एक जगह पहुंचे थे की तभी वहाँ पर जोरदार बारिश शुरू हो गई बारिश में दोनों भीगने लगे लेकिन तभी दूर से चिल्लाने की आवाजें आने लगी तो लड़की कहने लगी आप समझ रहे हैं लोग आ गए हैं ये वही लोग हैं जो मुझे पकड़ने के लिए आ रहे हैं इनका तो यही काम है कुवारी लड़कियों उठाकर ले जाना,पूरी तरह बारिश में भीग चूके मेरे परदादा और वह लड़की एक छोटी सी झोपड़ी के अंदर भागकर घुस गए ओर उन लोगों से बचने के लिये एक पलंग के नीचे जाकर छिप गये

वह लोग वहाँ चारों तरफ से ढूँढने के बाद झोपड़ी के पास आ गए और उन्होंने इधर उधर देखा क्योंकि जोरदार बारिश हो रही है इसलिए उन्होंने कहा कि चलो कुटी के अंदर ही चलते हैं और वह कुटी के अंदर आ गए ये दोनों बहुत ज्यादा डरे हुए और उस पलंग के नीचे थे जब तक वह सब उन्हें पलंग के नीचे नहीं ढूँढते उन्हें यह दिखाई नहीं पड़ते तब वह वही इंतज़ार करने लगे उन्होंने आपस में कहा अगर वह लड़की मिल जाये तो हमारी मेहनत सफल हो जाएगी ऐसी कुंवारी लड़की का अच्छा दाम मिलेंगे यह हमारा तो मनोरंजन करेंगी ही हमारे ग्राहकों का भी करेंगी गांव से उसे इतनी दूर लेकर आ गए हैं यह तो मेरे परदादा सारी बात सुन रहे थे लेकिन उन शास्त्रधारी 12-13  लोगों के सामने उनकी कोई क्षमता नहीं थी कि वह उनसे लड़ सकें और वह सारे उसी कमरे में आकर विश्राम कर रहे थे इसलिए वह ना तो पलंग के नीचे से बाहर निकल सकते हैं और ना ही कुछ और कर पाते उस पलंग के नीचे भी जगह थोड़ी सी थी इसीलिए वह लड़की और परदादा एक दूसरे की बाहों में चिपके हुए डर कर भय से कांप रहे थे दोनों शरीर एक दूसरे से सटे हुए थे बारिश से भीगने की वजह से दोनों को कपड़े पूरी तरह गीले थे धीरे धीरे दोनों के कपड़े सूखने लगे

लेकिन दोनों को अंदर कामवासना जागने लगी मेरे परदादा उसके चेहरे को देखने लगे और वह लड़की भी इन्हें घूर घूरकर देखने लगी आपसी नजदीकियों की वजह से दोनों अंदर कामवासना आ चुकी थी ऐसे में दोनों प्रेम सुरु हो गया वह यह बात भूल ही गए की वह यहाँ पर छिप कर बैठे हुए हैं और एक दूसरे से प्रेम करने लगे कि तभी भी मेरे परदादा को ऐसा अहसास हुआ कि शायद वह सो रहे हैं और उनका ब्रह्मचर्य नष्ट होने वाला है यह एकदम से उन्हें याद आया और उन्होंने अपनी आंखें खोलीं तो देखा उनकी वहीं पत्नी उनके साथ रतिक्रिया करने की कोशिश कर रही है इस रतिक्रिया के माध्यम से उनकी साधना भंग हो जाती तब उन्होंने एकदम से अपनी आंखें खोलीं घबराकर उसे अपने से दूर करने की कोशिश की तो वह चिल्लाकर गुस्से से कहने लगी तुम मुझे छोड़ कर यहा किसी और की साधना कर रहे हो मैं तुम्हें नहीं छोड़ूंगी भले ही मैं यहाँ तक नहीं आ सकती लेकिन मेरा पूरा हक है तुम पर इसलिए अभी के अभी यह साधना छोड़ दो नहीं तो मैं तुम्हारा वह बुरा हश्र करूँगी की तुम सोच भी नहीं सकते यह कहते हुए उसका स्वरूप बहुत भयानक हो गया था

उसने परदादा के गले को दबाना शुरू कर दिया और दादा इस बार पूरी तरह से तैयार थे उन्होंने फिर से रक्षा मंत्र पढ़ना शुरू कर दिया जो कि इस तांत्रिक साधु ने उन्हें सिखाया था इस बार भी चिल्लाते हुए गुस्से से वह वहाँ से चली गयी  उन्होंने तुरंत जाकर यह बात अपने गुरु उस तांत्रिक साधु को बताएं तो वह कहने लगे मैंने कल जो अनुमान लगाया था वह सही नहीं है जरूर यह तुम्हारी पत्नी ही है जो चुड़ैल बनकर तुम्हारे घर में रह रही है अब एक ही रास्ता है तुम्हे इस सिद्धि को प्राप्त करना ही होगा केवल यही शक्ति तुम्हें बचा सकती है इसने तुम्हारी साधना भंग करने के लिए ही इतना बड़ा मायाजाल रखकर तुम्हारे सपने में आयी तुम्हे जो सपना दिखा रही थी उधर तुम्हारे साथ ऐसा ही कर रही थी ताकि तुम्हें पता भी न चले और ब्रह्मचर्य नष्ट होते ही तुम्हारी है साधना भी असफल हो जाती इसीलिए तुम्हें बहुत सावधानी बरतने की आवश्यकता है

सुनो माँ दुर्गा का यह सिन्दूर और जिस बिस्तर पर तुम सोए हो जमीन में उसके चारों तरफ यह सिंदूर मंत्र पढ़ते ही डाल दें इसके अलावा अपने मन में शुद्ध विचारों को रखो किसी भी प्रकार से ऐसी कोई भावना मत रखना जिसके कारण तुम्हे फिर पछताना पड़े तो मेरे परदादा अब इस बात के लिए पुरी तरह तैयार हो चूके थे वह यह बात समझ चूके थे क्योंकि उनकी साधना भंग करने की कोशिश उन्हीं की पत्नी के द्वारा की जा रही है जो कि वास्तव में एक चुड़ैल है इसलिए अब साधना को बहुत ही तीव्रता गंभीरता और ध्यानपूर्वक करने की आवश्यकता है जब मैं इतनी दूर उससे हूँ तब भी वह मेरे जीवन में इस प्रकार उथल पुथल मचा रही है तो अगर मैं उसके साथ रहूंगा तो उसका गुलाम बनकर ही जीवन काटना पड़ेगा मुझे बहुत सावधानीपूर्वक किसी भी सूरत में इस साधना को प्राप्त करना ही होगा इस सिद्धि को प्राप्त किए बिना मेरा कल्याण बिल्कुल भी नहीं हो सकता है इसीलिए अगले दिन से उन्होंने बड़ी भीषण तपस्या शुरू कर दी दिन रात लगातार वो उन मंत्रों का जाप करते उस देवी योगिनी की साधना बहुत भीषण तरीके से करना उन्होंने शुरू कर दिया

इस पर भी कई दिन बीतने पर उन्हें कोई अनुभव नहीं प्राप्त हुआ तब उन्होंने गुरु से कहा अब मैं बहुत ज्यादा भीषण तपस्या करना शुरू कर रहा हूँ उन्होंने अपने आगे एक हवन कुंड का निर्माण किया और मंत्रों के आगे स्वाहा लगाकर हवन करना भी शुरू कर दिया केवल सोने के समय में छोड़कर बाकी सब समय वह बहुत ही तीव्र साधना करते रहे उन्होंने अपने शरीर में चीरे लगा दिये इन चीरो की वजह से उनके शरीर के जो भी रक्त निकाला उससे वह मंत्र का स्वाहा करते इस भीषण तपस्या को समझकर देवी मधुमती योगिनी जिनका विवरण मैंने आपसे पूछा था साक्षात् प्रकट हो गयी उन्होंने कहा आपने मेरी तपस्या में कोई कमी नहीं रखी स्वयं अपने रक्त से आहूति देने लगे पूरा शरीर सूख चुका है आपके पूरे शरीर पर दो हज़ार ज्यादा जगह पर चीरे के निशान आपने बनाए हैं ताकि रक्त से आप आहुति दें ऐसी भीषण तपस्या की आवश्यकता आपको क्यों पड़ी तब उन्होंने सारी बात देवी को बताई

देवी मधुमति कहने लगी अब आपको कुछ भी कहने की या बताने की आवश्यकता नहीं है मैं सहज रूप से आपको अपने स्वामी और पति स्वीकार करती हूँ इसलिए आज से साक्षात मैं आपके साथ रहूंगी जब तक कि आप स्वयं मुझे विदा नहीं करते हैं और देवी अपने दिव्य रूप से एक सुन्दर स्त्री में बदल गयी और उन्होंने कहा है मेरे स्वामी आपने इतना कष्ट सहा है मुझसे रहा नहीं जाता और उनकी आँखों से आंसू आने लगे उन्होंने अपने हाथ में तुरंत ही एक दिव्य शहद का पात्र उत्पन्न किया और उस शहद को उनके पूरे शरीर पर लगाना शुरू कर दिया और इसके बाद फिर तुरंत वह ठीक हो गए अब सबसे मुख्य काम था गुरु से आज्ञा लेकर वह जल्द ही अपने घर की ओर जाना,घर के दरवाजे पर भाभी ने उनका स्वागत किया इधर चुड़ैल ने जब देखा तो गुस्से से कहने लगी यह कौन औरत आई है तब तक उन्होंने कहा मैंने इस से शादी कर ली है मैं इसी से प्रेम करता हूँ आपको इस घर से जाना होगा यह बात सुनते ही उस चुडैल ने एक भयानक खड़ग उठाया ओर मारने के लिए बहुत ज़ोर से उनकी ओर दौड़ें इसके आगे क्या घटित हुआ जानेगे हम लोग अगले भाग में तो अगर आज का वीडियो आपको पसंद आया है तो लाइक करे शेयर करें सब्सक्राइब करे चैनल को आपका दिन मंगलमय हो जय माँ पराशक्ति

नवरात्री में चुड़ैल का घर आना सच्ची घटना भाग 8

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