Author: Dharam Rahasya

जाह्नवी अप्सरा की कहानी भाग 3

अग्निदेव, जो कि एक तांत्रिक साधक थे, अचानक एक वैद्य से मिलते हैं। लेकिन रात के अंधेरे में वैद्य का स्वरूप बदल जाता है और वह एक स्त्री के रूप में प्रकट होता है। उसकी हंसी भयावह और कानों को चीर देने वाली थी।

क्या यह माया थी?
क्यों अग्निदेव इस मायाजाल को समझ नहीं पाए?

इस रहस्य का खुलासा जल्द ही होता है जब वह स्त्री कहती है: “अरे मूर्ख, मैं वही हूं जो वैद्य और कन्या दोनों बनी।”

जाह्नवी अप्सरा की कहानी भाग 2

we continue the enchanting story of Apsara Jhanvi and the tantric Agnidev. Drawn by her celestial beauty, Agnidev attempts to bind Jhanvi using his tantric powers. However, Jhanvi warns him of dire consequences if his intentions remain impure. The story unfolds amidst moonlit rivers, enchanted forests, and a chilling underwater trial where Agnidev faces his ultimate test. A tale of love, ambition, and divine retribution, this episode explores the boundaries of devotion and desire, leaving viewers spellbound with its mystical allure.

भूत विद्या तंत्र और आयुर्वेद का रहस्यमय विज्ञान Bhut Vidya Explained

भूत विद्या: आयुर्वेद और तंत्र विद्या का रहस्यमय विज्ञान Bhut Vidya Explained

क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेद और तंत्र में भूत विद्या का क्या महत्व है? इस वीडियो में जानिए आत्मा, भूत, और तंत्र विद्या का गूढ़ रहस्य। भूत बनने के कारण, भगवान शिव के भूतगण और सामान्य भूतों में अंतर, और तंत्र में भूत सिद्धि की प्रक्रिया व खतरे को विस्तार से समझें। इसके अलावा, 24 तत्वों की गहराई और मृत्यु के बाद आत्मा के स्वरूप को भी जानें।

माता त्रिपुर भैरवी का रहस्य

माता त्रिपुर भैरवी जयंती: एक दिव्य तांत्रिक पर्व

माता त्रिपुर भैरवी जयंती हर वर्ष मार्गशीर्ष पूर्णिमा को मनाई जाएगी, जो दस महाविद्याओं में छठी मानी जाती हैं। देवी का स्वरूप तंत्र साधना और अध्यात्म में अद्वितीय है। उनकी उपासना भय, शत्रु और नकारात्मक शक्तियों का नाश करती है। त्रिपुरासुर वध कथा में उनकी भूमिका सृष्टि के संतुलन को बनाए रखने की शक्ति को दर्शाती है। उनके उग्र और सौम्य रूप साधकों को भक्ति और मुक्ति प्रदान करते हैं। रात्रिकालीन साधना में लाल वस्त्र, चंदन, और दीपक का उपयोग अत्यंत शुभ माना गया है।

अमरावती में खंडित मूर्तियों का विसर्जन

माँ पराशक्ति धर्म रहस्य सेवा ट्रस्ट द्वारा अमरावती में खंडित मूर्तियों का विसर्जन

माँ पराशक्ति धर्म रहस्य सेवा ट्रस्ट द्वारा अमरावती में खंडित मूर्तियों का विसर्जन: अध्यक्ष सचिन खर्रे की सराहनीय पहल माँ

MPDRST-छठ पूजा जिलाध्यक्ष नितीश कुमार द्वारा आयोजन

छठ पूजा पर मां पराशक्ति धर्म सेवा ट्रस्ट द्वारा भंडारा एवं सेवा का आयोजन

छठ पूजा पर मां पराशक्ति धर्म सेवा ट्रस्ट, पटना द्वारा जिला अध्यक्ष नीतीश कुमार के नेतृत्व में भंडारा और जनसेवा का आयोजन किया गया। इस भंडारे में छठ व्रतधारियों और भक्तों के लिए प्रसाद, फल, और जल की व्यवस्था की गई। ट्रस्ट ने इस सेवा कार्यक्रम में स्वच्छता और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखते हुए श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं को सुनिश्चित किया, जिससे पर्व को सुगम और सुव्यवस्थित बनाया जा सके।

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दीपावली मां कालिका सिद्ध तंत्र प्रयोग

इस वीडियो-पोस्ट में दीपावली की रात में माता कालिका की तांत्रिक साधना और शाबर रक्षा मंत्र के अनुष्ठान की गहन जानकारी दी गई है। जानिए कैसे इस साधना से साधक एक वर्ष तक बुरी शक्तियों से सुरक्षित रह सकता है और एक ही रात में मंत्र को जागृत कर सकता है।

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दीपावली सिद्ध लक्ष्मी योगिनी साधना

सिद्ध लक्ष्मी योगिनी, जो माता लक्ष्मी का ही एक रूप हैं, तंत्र साधना में एक विशेष स्थान रखती हैं। दीपावली की रात्रि में उनकी साधना अत्यंत फलदायी मानी जाती है, जिससे साधक को धन, वैभव, और सिद्धियों की प्राप्ति होती है। यह साधना विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो भौतिक और आध्यात्मिक उन्नति चाहते हैं। साधना के दौरान पीले वस्त्र और स्वर्ण आभूषणों से सजी देवी का चित्र या मूर्ति स्थापित करना चाहिए। मंत्र जाप और लक्ष्मी कवच का पाठ आवश्यक है। यह साधना शत्रुओं का नाश करती है और जीवन में आने वाली बाधाओं को समाप्त करती है।

यह स्तोत्र देवी दुर्गा की महिमा का गुणगान करता है और इसे करने से व्यक्ति को ज्ञान, शक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। जो भी इस स्तोत्र का एकांत में नियमित पाठ करता है, वह देवी की कृपा से हर प्रकार के संकटों से मुक्त हो जाता है।

भगवान श्री राम और भगवान श्री कृष्ण की देवी भगवती पराशक्ति दुर्गा की आराधना का रहस्य

आज के धर्म रहस्य वीडियो में, मैं आपको बताने जा रहा हूँ कि भगवान श्री राम और भगवान श्री कृष्ण, जो कि भगवान विष्णु के ही अवतार हैं, उन्होंने कैसे मां भगवती आदि पराशक्ति दुर्गा की आराधना की थी। और आप भी किस प्रकार से उसी स्रोत के माध्यम से लाभ प्राप्त कर सकते हैं, जैसा कि इन दोनों अवतारों ने किया।यह स्तोत्र देवी दुर्गा की महिमा का गुणगान करता है और इसे करने से व्यक्ति को ज्ञान, शक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। जो भी इस स्तोत्र का एकांत में नियमित पाठ करता है, वह देवी की कृपा से हर प्रकार के संकटों से मुक्त हो जाता है।

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