Author: Dharam Rahasya

वाराणसी जिला अध्यक्ष, संध्या विश्वकर्मा

वाराणसी: नवरात्रि पर मां पराशक्ति धर्म रहस्य सेवा ट्रस्ट द्वारा प्रसाद वितरण का कार्यक्रम संपन्न

वाराणसी, नवरात्रि 2024: मां पराशक्ति धर्म रहस्य सेवा ट्रस्ट (MPDRST) के वाराणसी जिला अध्यक्ष, संध्या विश्वकर्मा और उनके पति, राजीव विश्वकर्मा ने इस नवरात्रि के शुभ अवसर पर अपने स्थान पर विशेष प्रसाद वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम वाराणसी के विभिन्न क्षेत्रों से आए भक्तों के बीच अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ संपन्न हुआ।

यह आर्टिकल करवा चौथ व्रत की पौराणिक कथा पर केंद्रित है। इसमें वीरवती की कथा का उल्लेख है, जिन्होंने छल से व्रत तोड़ा और फिर देवी के आशीर्वाद से अपने पति को पुनः जीवित किया। यह व्रत पतिव्रता स्त्रियों के पति की दीर्घायु और समृद्धि के लिए रखा जाता है।

करवा चौथ व्रत कथा और सावधानियां

यह आर्टिकल करवा चौथ व्रत की पौराणिक कथा पर केंद्रित है। इसमें वीरवती की कथा का उल्लेख है, जिन्होंने छल से व्रत तोड़ा और फिर देवी के आशीर्वाद से अपने पति को पुनः जीवित किया। यह व्रत पतिव्रता स्त्रियों के पति की दीर्घायु और समृद्धि के लिए रखा जाता है।इस आर्टिकल में करवा चौथ व्रत के दौरान ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण सावधानियों का उल्लेख किया गया है। जैसे व्रत के दौरान क्या नहीं करना चाहिए, चंद्र दर्शन से पहले व्रत न तोड़ना, और दिनभर सकारात्मक और शांत वातावरण बनाए रखना।

हम देवी मां पराशक्ति की अद्भुत शक्तियों और उनकी सोलह कलाओं का विस्तृत परिचय देंगे। जानिए कैसे देवी मां ब्रह्मांड की अधिष्ठात्री शक्ति के रूप में सृष्टि, पालन और संहार की शक्तियों का स्रोत हैं। देवी की सोलह कलाओं का हमारे जीवन पर क्या प्रभाव है और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से उनकी भूमिका क्या है, इस पर भी चर्चा की जाएगी। इस वीडियो में देवी दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती, काली, आदि के विभिन्न रूपों और उनके प्रतीकात्मक महत्व को भी समझाया जाएगा।

देवी मां पराशक्ति की 16 कलाएँ और उनकी अपरा शक्ति – प्रकृति का स्वरूप

हम देवी मां पराशक्ति की अद्भुत शक्तियों और उनकी सोलह कलाओं का विस्तृत परिचय देंगे। जानिए कैसे देवी मां ब्रह्मांड की अधिष्ठात्री शक्ति के रूप में सृष्टि, पालन और संहार की शक्तियों का स्रोत हैं। देवी की सोलह कलाओं का हमारे जीवन पर क्या प्रभाव है और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से उनकी भूमिका क्या है, इस पर भी चर्चा की जाएगी। इस वीडियो में देवी दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती, काली, आदि के विभिन्न रूपों और उनके प्रतीकात्मक महत्व को भी समझाया जाएगा।

ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री माहेश्वरी पराशक्ति स्वाहा।

माहेश्वरी पराशक्ति योगिनी साधना और कथा

: महेश्वरी पराशक्ति योगिनी की उत्पत्ति और साधना का रहस्य, महेश्वरी समाज का इतिहास, भगवान शिव से महेश्वरी का संबंध, 64 योगिनियों में महेश्वरी का स्थान, महेश नवमी का महत्व, दुर्लभ साधनाओं की जानकारी, और महेश्वरी पराशक्ति के मंत्र का महत्व।

पुलगांव, वर्धा जिला, महाराष्ट्र में हाल ही में एक दिव्य और भव्य आयोजन हुआ, जहां माता का जगराता बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस पावन कार्यक्रम का आयोजन मां पराशक्ति धर्म रहस्य सेवा ट्रस्ट (MPDRST) के जिलाध्यक्ष, सुप्रिया काले और कृष्णा काले द्वारा किया गया। यह जगराता पूरी तरह से भक्तिमय और आध्यात्मिक वातावरण में संपन्न हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने हिस्सा लिया।

MPDRST माता का भव्य जगराता

पुलगांव, वर्धा जिला, महाराष्ट्र में हाल ही में एक दिव्य और भव्य आयोजन हुआ, जहां माता का जगराता बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस पावन कार्यक्रम का आयोजन मां पराशक्ति धर्म रहस्य सेवा ट्रस्ट (MPDRST) के जिलाध्यक्ष, सुप्रिया काले और कृष्णा काले द्वारा किया गया। यह जगराता पूरी तरह से भक्तिमय और आध्यात्मिक वातावरण में संपन्न हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने हिस्सा लिया।

**सारांश:** मां पराशक्ति धर्म रहस्य सेवा ट्रस्ट द्वारा 6 अक्टूबर 2024 को साउथ 24 परगनास, पश्चिम बंगाल के झारखली में नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस शिविर में मुफ्त स्वास्थ्य जांच, चिकित्सा परामर्श, औषधि वितरण, और नेत्र जांच के साथ चश्मा वितरण जैसी सेवाएं प्रदान की जाएंगी। समाज के जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए दान या सहयोग की अपील की गई है, जिससे यह शिविर सफलतापूर्वक आयोजित हो सके।

MPDRST द्वारा आयोजित नि:शुल्क चिकित्सा शिविर

**सारांश:**
मां पराशक्ति धर्म रहस्य सेवा ट्रस्ट द्वारा 6 अक्टूबर 2024 को साउथ 24 परगनास, पश्चिम बंगाल के झारखली में नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस शिविर में मुफ्त स्वास्थ्य जांच, चिकित्सा परामर्श, औषधि वितरण, और नेत्र जांच के साथ चश्मा वितरण जैसी सेवाएं प्रदान की जाएंगी। समाज के जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए दान या सहयोग की अपील की गई है, जिससे यह शिविर सफलतापूर्वक आयोजित हो सके।

गाय से भौतिक और आध्यात्मिक दोनों प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को पोषण प्रदान करती है, बल्कि मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति, और धार्मिक कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। गाय की सेवा और उसकी पूजा से व्यक्ति को आध्यात्मिक शांति, पवित्रता और पुण्य की प्राप्ति होती है।

गाय का महत्व और उसकी शक्तियाँ | धर्म रहस्य,

गाय से भौतिक और आध्यात्मिक दोनों प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को पोषण प्रदान करती है, बल्कि मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति, और धार्मिक कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। गाय की सेवा और उसकी पूजा से व्यक्ति को आध्यात्मिक शांति, पवित्रता और पुण्य की प्राप्ति होती है।

नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो माँ दुर्गा की पूजा और उपासना के लिए समर्पित है। यह पर्व 9 दिनों तक चलता है, और इस दौरान माँ दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि का सीधा संबंध संख्या 9 से है, जिसे आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम नवरात्रि और 9 अंक के गहरे संबंध और इसके आध्यात्मिक एवं ज्योतिषीय महत्व पर चर्चा करेंगे।

नवरात्री 9 का अंक और दुर्गासप्तशती का हवन

नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो माँ दुर्गा की पूजा और उपासना के लिए समर्पित है। यह पर्व 9 दिनों तक चलता है, और इस दौरान माँ दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि का सीधा संबंध संख्या 9 से है, जिसे आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम नवरात्रि और 9 अंक के गहरे संबंध और इसके आध्यात्मिक एवं ज्योतिषीय महत्व पर चर्चा करेंगे।

**Excerpt:** नवरात्रि के दौरान साधकों और गृहस्थ व्यक्तियों को शारीरिक और मानसिक शुद्धता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। माता का आगमन पालकी पर होने से धन हानि की संभावना होती है, इसलिए इन दिनों तामसिक आहार और अनुचित आचरण से बचना आवश्यक है। ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए, सात्विक भोजन और साधना के लिए उचित नियमों का पालन करना अनिवार्य है। नवरात्रि के नौ दिनों में माता के नौ रूपों की पूजा, विभिन्न रंगों के वस्त्र धारण करना, और मौन रहकर साधना करना देवी की कृपा प्राप्त करने के महत्वपूर्ण साधन हैं।

नवरात्रि में भूलकर भी ना करें यह गलतियां

**Excerpt:**

नवरात्रि के दौरान साधकों और गृहस्थ व्यक्तियों को शारीरिक और मानसिक शुद्धता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। माता का आगमन पालकी पर होने से धन हानि की संभावना होती है, इसलिए इन दिनों तामसिक आहार और अनुचित आचरण से बचना आवश्यक है। ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए, सात्विक भोजन और साधना के लिए उचित नियमों का पालन करना अनिवार्य है। नवरात्रि के नौ दिनों में माता के नौ रूपों की पूजा, विभिन्न रंगों के वस्त्र धारण करना, और मौन रहकर साधना करना देवी की कृपा प्राप्त करने के महत्वपूर्ण साधन हैं।

श्मशान सुंदरी यक्षिणी साधना तंत्र साधना की एक अत्यंत दुर्लभ और शक्तिशाली विधा है, जिसे अघोरी और तांत्रिक साधक ही करते हैं। यह साधना विशेष रूप से श्मशान भूमि में की जाती है, जहाँ साधक यक्षिणी को प्रसन्न कर धन, सौंदर्य, समृद्धि, और अन्य इच्छाओं की पूर्ति करता है। साधना के लिए शारीरिक और मानसिक शुद्धता, संयम, ब्रह्मचर्य, और गुरु के निर्देशन की आवश्यकता होती है। मंत्र जाप और अनुष्ठान के दौरान साधक को भूत-प्रेत आत्माओं का सामना करना पड़ता है। साधना सफल होने पर यक्षिणी साधक को आशीर्वाद देती हैं और उसकी इच्छाओं की पूर्ति करती हैं।

श्मशान सुंदरी यक्षिणी साधना

श्मशान सुंदरी यक्षिणी साधना तंत्र साधना की एक अत्यंत दुर्लभ और शक्तिशाली विधा है, जिसे अघोरी और तांत्रिक साधक ही करते हैं। यह साधना विशेष रूप से श्मशान भूमि में की जाती है, जहाँ साधक यक्षिणी को प्रसन्न कर धन, सौंदर्य, समृद्धि, और अन्य इच्छाओं की पूर्ति करता है। साधना के लिए शारीरिक और मानसिक शुद्धता, संयम, ब्रह्मचर्य, और गुरु के निर्देशन की आवश्यकता होती है। मंत्र जाप और अनुष्ठान के दौरान साधक को भूत-प्रेत आत्माओं का सामना करना पड़ता है। साधना सफल होने पर यक्षिणी साधक को आशीर्वाद देती हैं और उसकी इच्छाओं की पूर्ति करती हैं।

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