खजाने की खोज सच्चा आप बीता अनुभव भाग 1
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम एक नवीन और अचरज भरा वास्तविक अनुभव लेने जा रहे हैं और इस थबनेल को देखकर आप समझ ही गए होंगे कि यह अनुभव किस विषय में होने वाला है। आखिर जब एक व्यक्ति किसी खजाने को प्राप्त करने के लिए प्रयास करता है तो उसके जीवन में क्या क्या घटित होता है। आज का अनुभव इसी के विषय में है क्योंकि आपको इस क्षेत्र से जुड़ी हुई सारी जानकारियां और गोपनीय रहस्य अवश्य ही बताएगा। चलिए शुरू करते हैं। इनके पत्र को पढ़ना और जानते हैं। क्या है इनका यह अनुभव
नमस्ते गुरुजी सबसे पहले आपको साक्षात दंडवत प्रणाम क्योंकि मैंने आपसे गुरु दीक्षा ले ली है और अब मैं पहले से कहीं ज्यादा बेहतर महसूस कर रहा हूं। आपकी कृपा से मेरे जीवन में सुधार भी हो रहा है। अब तो पूरी जिंदगी मां भगवती के चरणों में रहकर साधना करने की इच्छा है। कृपया मेरा नाम पता इत्यादि सारी गोपनीय बातें अपने तक ही सीमित रखें क्योंकि मुझे ऐसा लगता है कि मेरे विषय में जानकर लोग मुझसे संपर्क अवश्य करने की कोशिश करेंगे। जो कि मैं नहीं चाहता हूं। गुरु जी यह अनुभव अभी तक कहीं और प्रकाशित नहीं हुआ है और आपका शिष्य होने के नाते इस बात का वचन मैं देता हूं। गुरु जी इस बात को शुरू हुए लगभग 8 वर्ष बीत चुके हैं। और तब से लेकर अभी तक बहुत कुछ ऐसा हुआ है जिसके विषय में मैं आप सभी को गुरुजी के माध्यम से बता रहा हूं। गुरु जी आप मेरे इस रहस्यमई कथानक पर अवश्य ही वीडियो बनाइये क्योंकि यह सब के लिए प्रेरणादायक भी सिद्ध होगा और मनोरंजन अवश्य ही इसमें आप सभी को प्राप्त होगा। अब अपनी बात पर आते हुए मैं स्पष्ट रूप से बताता हूं। आज से लगभग 8 वर्ष पूर्व। 2013-14 के समय में? मैं एक व्यक्ति से मिला क्योंकि वह दौर ऐसा था जब हम लोग नौकरी की तलाश में इधर-उधर भटक रहे थे। कोई भी नौकरी ज्यादा दिन तक नहीं टिक पाती थी। इसी कारण परिवार वाले दबाव बना रहे थे। अगर जल्दी ही स्थाई नौकरी और पैसा नहीं प्राप्त हुआ तो फिर जिंदगी में आगे कैसे बढ़ेंगे? रोजगार समस्या हमारे देश की नौजवान पीढ़ी की सबसे बड़ी समस्या है और इसके बिना तो अच्छे रिश्ते भी नहीं मिल पाते। मैंने एक होटल में। नौकरी शुरू कर दी थी। वहां वेटर का काम करता था। वही मेरी एक व्यक्ति से मुलाकात हुई थी। कुछ दिन की छुट्टी लेकर जब मैं और वह मेरा दोस्त घर आए तो मैंने उससे कहा कि दिवाली की छुट्टी में तुम घर मत जाओ। उससे अच्छा मेरे साथ टाइम बिताओ, क्योंकि मेरी और उसकी दोस्ती बहुत गहरी हो चुकी थी। इसलिए उसने कहा, ठीक है भाई! मैं अपने घर नहीं जाता। वैसे भी वहां कोई है ही नहीं। चल तेरे साथ ही रहता हूं और वह मेरा सबसे प्यारा दोस्त मेरे घर में दिवाली मनाने के लिए रुक गया। अब मुझे तो यह बात पता ही नहीं थी कि घर वालों ने मेरे लिए कोई और ही प्रबंध कर रखा है। उन्होंने लड़की देखने की व्यवस्था कर दी थी। यह तो मुझे तब पता चला जब मैं अपने घर में पहुंच गया। पता चला कि लड़की वाले आ रहे हैं। अब मैं क्या कहता आखिरकार लड़की वाले आ गए, चाय, समोसा, पकौड़ी इत्यादि से उनका खूब आवभगत किया गया। लड़की की मां बोली बेटा क्या करते हो, बस वही से अंदर से आग लग गई क्योंकि यह सवाल सबसे ज्यादा चुभता है। क्या बताऊं कि मैं वेटर का काम करता हूं? और इनकी लड़की को भी काम पर लगवा दूंगा। क्या करूं मैं कुछ सोचा ही नहीं था कि आखिर अब जवाब क्या दूं तब तक मेरे पिताजी कहने लगे। मेरा लड़का शहर में होटल में कार्य करता है। मैनेजर है। यह सुनकर परिवार वाले बड़े ही खुश हुए। अब दूसरा सवाल दागा गया जो कि हमेशा ही खतरनाक होता है, कितना कमा लेते हो? अब मैं कुछ बोलूं। इससे पहले ही मेरी मम्मी बोल पड़ी। अरे आजकल जितना लड़के कमाते हैं, उससे ज्यादा ही कमाता है। तभी मेरे पिता ने मेरी मां को चुप करने का इशारा करते हुए कहा, अरे किसी से उसकी आय थोड़ी पूछी जाती है। लेकिन फिर भी मैं बता दूं कि घर गृहस्ती के लिए अच्छा खासा कमा लेता है। ₹50000 महीने इसे आराम से मिल जाता है। मैंने भी अपने पिता की ओर देखना शुरू कर दिया। यह लोग शादी करवाने के लिए कितनी बड़ी-बड़ी डींगे हांक रहे हैं। मुझे तो ₹20000 मात्र महीने का मिलता है। उसी में मैं रहता भी हूं। खाता भी हूं और परिवार वालों को भेजने की भी कोशिश करता हूं। ताकि उनकी भी कुछ मदद हो जाए, लेकिन यह लोग तो शादी करवाने के लिए बड़ी-बड़ी बातें कर रहे तब लड़की वालों ने कहा, आप लोगों की क्या मांग है। वैसे इतने कम पैसे में तो कोई गाड़ी वाड़ी नहीं बनती है। मैं समझ गया ना मेरे परिवार वाले कम है और ना जहां से मेरी शादी हो रही है वहाँ कोई कम है तो वह कहने लगा। कि आपको हम सब कुछ देंगे। सिवाय गाड़ी के घर के किसी बड़े सामान के मेरी मां ने तुरंत ही लपक कर बोला। आपने बड़ा सामान तो छोड़ ही दिया है। अब देंगे ही क्या इससे अच्छा तो आर्य समाज में शादी कर दीजिए। मैंने कहा मम्मी चुप रहिए मम्मी को चुप रहने का इशारा किया लेकिन मम्मी कहां चुप रहने वाली वह तो उनके लड़के की बात थी तो कहने लगी हम मोटरसाइकिल से कम में नहीं मानने वाले। और उन्होंने अपना फैसला सुना दिया। लड़की वाले भी इधर-उधर की बातें करते रहे और आखिरकार उन्होंने भी बाइक देने के लिए मान लिया। मैं अपने दोस्त के पास जिसका नाम विवेक है गया और कहने लगा देखा तुमने आज कितना ड्रामा हुआ? मोलतोल तो ऐसे हो रहा था जैसे अगर कोई मात्रा कम पड़ गई तो व्यापार ही बंद हो जाएगा। लेकिन कम से कम मेरे मन में भी खुशी थी। लड़की तो मिलेगी। तब मैंने उससे कहा यार, ₹20000 में जिंदगी कैसे चलेगी तो वह हंसकर कहने लगा। मुझे तो लगता है कि कोई खजाना मिल जाए तभी कुछ अच्छा हो सकता है। तो मैंने उससे कहा खजाना यह कहां है तो वह कहने लगा। अरे हमारे पास ही, देखो वह किला है। और उस किले का रहस्य ऐसा है कि कई लोगों ने वहां कोशिश की है और इसी प्रकार कोशिश करते रहते हैं। उस किले का खजाना अगर किसी को मिल जाए तो फिर पीढ़ियां राज करेंगी। मैंने उससे कहा, जो चीज जमीन के अंदर है, वह कैसे दिख सकती है? और उसको प्राप्त करने के लिए कितना ज्यादा फावड़ा मारना पड़ेगा, वह हंसने लगा और कहने लगा। इसकी कई सारी विद्या होती हैं। अगर कोशिश की जाए तो जमीन के गड़े धन को प्राप्त किया जा सकता है और इसको अगर कोई प्राप्त कर ले तो फिर उसे कुछ और करने की आवश्यकता ही नहीं है। अरे तू खुद सोच! सोना 4000000 रुपए किलो है यानी 1 किलो- 4000000 रुपए के बराबर है। यानी अगर हमें 20-25 किलो ही सोना मिल जाए तो हमारे पास कितने ज्यादा पैसे हो जाएंगे तब मैंने उसकी बात को बड़े ध्यान से सुना और लगा जैसे जिंदगी बदल सकती है। और पैदा हो गया लालच! इस लालच के चक्कर में मैंने बहुत ऐसे काम किए जिसके विषय में अब आगे मैं आप लोगों को बताता हूं। मैंने उससे कहा यार, क्या तुम्हें यकीन है कि यह सामने जो किला बना हुआ है। इसमें वास्तव में धन गड़ा होगा तो वह कहने लगा। एक बात तुमको बताऊं। पुराने समय में बैंक नहीं होते थे। इसलिए सभी लोग अपना जितना भी रुपया पैसा और सोने चांदी के सिक्के होते थे, उन्हें जमीन के अंदर गाड़ देते थे। जिंदगी भर उसे खर्च करते थे लेकिन जब अंतिम समय इसी कारण उनकी मृत्यु हो जाती थी तो उनके खुद के परिवार वाले भी यह नहीं जान पाते थे। उनका सारा धन कहां पर गड़ा हुआ रखा है। इसीलिए धरती के अंदर बहुत अधिक मात्रा में सोना चांदी जवाहरात गड़े हुए हैं। बात को तुम बिल्कुल सत्य समझो बैंकिंग व्यवस्था आज के समाज की देन है, लेकिन आजादी से पहले केवल जमीन के अंदर ही धन को गाड़ा जाता था। इसमें राजा का खुद का कोष, छोटे छोटे लोगों का अपने घर के अंदर जमीन में धन को गाड़ देना, इत्यादि परंपराएं शामिल थी। मैंने कहा, तुम्हारी बात में दम है या नहीं। धरती के अंदर बहुत बड़ी मात्रा में आज भी सोना और चांदी गड़ा हुआ है। उसने कहा हां भाई, यही तो समझाने की कोशिश कर रहा हूं। चल आज रात को सामने वाले किले पर चलते हैं। मैं अपने गांव के पास बने उस राजा के किले के लिए रात को निकल गया। एक जगह मुझे जो समझ में आई जहां पहले भी कई लोगों ने खुदाई की थी। वह भी एक पीपल के पेड़ के पास की जगह हम वहीं पहुंच गए और हमने पीपल के पास खोदना शुरू किया। अंदाजा लगाकर और उस दिन जो हुआ वह आज तक मैं भूल नहीं सकता। मेरा हावड़ा किसी जोरदार चीज से टकराया और आवाज हुई टन! उस टन-टन की आवाज को सुनकर दिल को बहुत सुकून पहुंचा। आगे क्या हुआ मैं बताऊंगा। अगले भाग में गुरु जी को प्रणाम और दर्शकों को सहृदय धन्यवाद। तो देखिए यहां पर इन्होंने खजाने की खोज का अपना पहला भाग भेजा है। आगे के भाग में हम इनकी आगे की वास्तविक कथा को जानेंगे तो अगर आज का वीडियो आपको पसंद आया है। लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद। |
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