खजाने की खोज सच्चा आप बीता अनुभव भाग 4
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। खजाने की खोज सच्चा आप बीटा सच्चा अनुभव भाग 4 के इस पत्र को आज हम पढ़ते हैं और जानते हैं कि आगे क्या घटित हुआ था।
नमस्कार गुरु जी सबसे पहले पत्र को देरी से भेजने के लिए माफी चाहता हूं। किसी काम में लगा था। अब मैं उस घटना के विषय में आगे बताता हूं। हम उस वृद्ध आदमी के पास गए और उसने उस किले के रहस्य को कहानी के रूप में हमको सुनाया। उसने कहा, यह किला और इसका खजाना ऐसे ही श्रापित नहीं हो गया इसके पीछे एक राज है। मैंने पूछा, आप बताइए कि क्या घटना यहां पर घटित हुई थी। कहते हैं। राजा एक स्त्री से प्रेम करता था और रातों-रात वह स्त्री कहीं गायब हो गई और कुछ कुछ वर्षों बाद स्त्री एक नाचने वाली औरत के यहां मिली। उसे उसने अपने लिए। नृत्य संगीत और पुरुषों को खुश करने के लिए रखा हुआ था। इस बात से राजा को बहुत क्रोध हुआ। उसने कहा कि तूने यह बहुत गलत काम किया है और राजा ने यह जब पता किया कि इस वैश्य स्त्री के पास बहुत अधिक धन है तो उसने इस बात का बदला उसके खजाने को चुराकर लेने में ही अपना बदला पूरा करने की बात सोची थी और रातों-रात उसने उसके महल पर हमला कर दिया और कहते हैं। उसके पास कई संदूक सोना चांदी और जवाहरात थे जो उस। क्षेत्र के कई बड़े बड़े लोगों के माध्यम से उसे प्राप्त हुए थे। जिस स्त्री को कोई पुरुष पसंद कर लेता अथवा उसकी पसंद के लिए वैसे ही स्त्री कुंवारी कन्या भेजी जाती और बदले में मुंह मांगी रकम वसूली जाती थी। इसी कारण से उस स्त्री के पास बहुत अधिक मात्रा में सोना चांदी जवाहरात इकट्ठा हो गए थे। राजा की प्रेमिका स्त्री के साथ भी उसने ऐसा ही किया जिस राजा का हृदय उस स्त्री पर आ जाए उस स्त्री को। अपने बाजार में प्रस्तुत करने से लाखों करोड़ों कमाए जा सकते हैं। यही विचार उस स्त्री के मन में रहा होगा। इसीलिए उसने रातों-रात वह स्त्री उठवा ली थी और उस के माध्यम से उसने कई सोने चांदी के जवाहरात कई बड़े-बड़े लोगों के माध्यम से प्राप्त भी किए। अब जब यह बात राजा को पता चली तो उसने रात के समय उसके महल पर हमला कर दिया। राजा ने आदेश दिया। सभी को जान से मार दो और पूरा खजाना उठा लो। सभी को मार दिया गया। आखिर में वह स्त्री अपने संदूक के उपर पर जाकर बैठ गई और चिल्ला कर कहने लगी। यह मेरा धन है, कोई इसे मुझसे नहीं छीन सकता। राजा ने आदेश दिया और उस लड़की और वहां मौजूद अन्य स्त्रियों की तरह ही उस स्त्री की भी गर्दन काट दी गई। कहते हैं तभी से वह उस खजाने में आत्मा के रूप में वास कर रही है। राजा उस खजाने को तो ले आया लेकिन वह उसे फलित नहीं हुआ। एक असाध्य बीमारी से आखिरकार राजा की भी मृत्यु हो गई और उसने अपना वह खजाना इसी किले में जमीन के अंदर गड़वा दिया था, जिसे प्राप्त करने के लिए आज सारे लोग लगे रहते हैं। लेकिन मैं बता दूं। यह श्रापित खजाना है। इसी कारण से इसका बहुत ही बुरा असर इसे प्राप्त करने वाले को मिलता है। तब मेरी बात कुछ समझ में आई। मैंने समझ लिया कि यह खजाना कोई शुद्ध खजाना नहीं है। इसे जब तक पवित्र नहीं कर लिया जाएगा, इसका लाभ नहीं उठाया जा सकता। तब मैंने उन्हीं वृद्ध पुरुष से बात की और कहा कि अगर इस तरह के धन किसी को मिल जाए तो उसे क्या करना चाहिए। उन्होंने बताया कि ऐसे धन को किसी विशेष तांत्रिक से शुद्ध करवा देना चाहिए। तभी आप उसका उपयोग कर पाओगे तब मैंने पूछा, क्या कोई ऐसा व्यक्ति है जो ऐसे कार्य करता हो तो वह कहने लगे। पास के ही गांव में एक तांत्रिक है। उसके पास जाओ उसे डेढ़ फुटिया नाम के एक तांत्रिक शक्ति की सिद्धि है। उसके पास जाकर अपनी बात बताओ। वह तुम्हारी मदद अवश्य करेगा। इस प्रकार उस वृद्ध व्यक्ति के कहने पर मैं उस स्थान पर पहुंचा जहां पर वह तांत्रिक रहता था। मैंने उसे बात बताई तो वह कहने लगा कि पहले तुम्हारे पास कुछ माल होना भी तो चाहिए। तो मैंने कहा ठीक है, मैं आपको उस माल से कुछ सामग्री अवश्य दूंगा। तो वह कहने लगा, ठीक है पर एक बात जान लो सबसे पहले। मुझे उस स्थान की मिट्टी लाकर दो आगे का कार्य मैं खुद कर लूंगा। मैं वापस अपने घर आ गया और मैंने जिस स्थान पर वह खजाना गाड़ा था, उस स्थान की मिट्टी एक पॉलिथीन में लपेट कर रख दी और फिर पहुंच गया। उस व्यक्ति के पास उसे मैंने पॉलीथिन पकड़ा दी और कहा कि यही वह जगह है जहां पर मैंने अपना धन रखा हुआ है। इसे शुद्ध करना है। वह हंसकर कहने लगा देखते हैं और मैं अपने घर वापस आ गया। उस रात को अचानक से मेरी आंख खुलती है। मैंने एक काली परछाई देखी जो मेरे घर में चारों तरफ दौड़ रही थी। जैसे कोई छोटा बच्चा हो। वह चारों ओर इस प्रकार दौड़ती नजर आ रही थी जैसे कि वह खेल रहा हो, मुझे कुछ समझ में नहीं आया। फिर मैंने! अपनी आंखें मली और सोचा रात का कोई बहम होगा और इस प्रकार जागना भी ठीक नहीं है। मेरे मन में खजाने को प्राप्त करने की इच्छा थी। जल्दी से जल्दी मैं उसे बेचना चाहता था और यह तभी हो सकता था जब वह धन शुद्ध हो जाए। लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा था। मैं कुछ देर उसे देखा और सोचा कि मेरे मन में न जाने क्या क्या विचार आते हैं, इसीलिए ऐसी परछाई मुझे दिखाई दे रही है और फिर मैं सो गया। वह रात्रि मुझे आज भी याद है क्योंकि अगर उस रात मैंने उस परछाई के रहस्य को जानने की कोशिश की होती तो इतना बुरा मेरे साथ कभी नहीं होता जो उस रात घटित हो गया सुबह के समय में। अचानक से मेरे परिवार के अन्य सदस्य मुझे आकर जगाने लग गए और कहने लगे। देखो तो क्या हो गया है, सभी लोग चिल्ला रहे हैं? तब मैंने कहा, क्या हुआ तो मेरी बड़ी मां बोली, अरे देखो अपने बरामदे में देखो जाकर आंगन में जिस स्थान पर तुमने खजाना गाड़ा था, उस जगह पर पूरा गड्ढा खुदा हुआ है। मुझे अजीब सा झटका लगा। मुझे यकीन नहीं आ रहा था कि यह लोग क्या बातें कर रहे हैं। घर के अंदर कोई कैसे आ सकता है? मैं तेजी से दौड़ कर उसी स्थान पर पहुंचा तो अपनी आंखें खोल कर देखा और तब मेरी आंखें फटी की फटी रह गई। सामने सच में एक बहुत बड़ा गड्ढा हो चुका था और स्पष्ट रूप से यह बात सत्य थी कि उस स्थान से रातों-रात हम लोगों का खजाना गायब हो चुका है। मुझे यह बात समझ में नहीं आई। सभी ने अपने सर पकड़ लिए। मेरी बड़ी मां का तो बुरा हाल था। वह तो इस बात से परेशान हो गई और बेहोश होते-होते बची! अब मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था। यह सब क्या घटित हुआ है? यह समस्या बहुत बड़ी हो चुकी थी। मुझे तुरंत विचार आया। मुझे उस तांत्रिक के पास तुरंत जाना चाहिए। और उसे यह बात बतानी चाहिए। मैं जितनी जल्दी हो सके उतनी तेजी से उस और बढ़ा और उसके गांव पहुंच गया। उसके घर पर जो देखा वह और भी बड़ा आश्चर्य था। उसके घर पर तो ताला पड़ा था। मैंने आसपास के लोगों से पूछा तो सभी ने कहा कि कल रात वह अपने सारे सामान के साथ कहीं चला गया है। अब मेरा माथा ठनका मैं समझ गया। इसी तांत्रिक ने कुछ किया है। मेरी समझ से उसी ने कोई तंत्र शक्ति का प्रयोग किया। तब मैंने एक अन्य तांत्रिक से इस बारे में बात की तो जो उसने बताया, वह और भी आश्चर्य में डालने वाला था। उसने कहा कि जिस डेढ़ फुटये की शक्ति के कारण तांत्रिक तुम्हारे माल को शुद्ध करना चाहता था। उसी ने खजाना निकाल लिया है। उसी डेढ़ फुटिया की शक्ति के कारण तुम्हें कुछ भी पता नहीं चला क्योंकि चोरी करने में यह तांत्रिक आत्मा बहुत अधिक प्रबल होती है और कहीं का भी माल उठाकर कहीं और ले जा सकती है। इसी कारण से तुम्हारे घर में तुम्हें काले रंग की परछाई भी दिखाई दे रही थी। मैं अब पूरी तरह से समस्या से घिरा हुआ खुद को महसूस कर रहा था। मुझसे कितनी बड़ी गलती हो चुकी थी, किसी ऐसे तांत्रिक पर भरोसा किया जिसने मेरा घर ही लूट लिया। अब मैं उस तांत्रिक से कहने लगा। क्या इसका कोई विकल्प नहीं है तो वह कहने लगा। अब कुछ नहीं हो सकता या तो तुम उसे ढूंढो तो ही तुम उस से वापस अपना धन प्राप्त कर सकते हो। मेरे हाथ से सारा धन चला गया था और इतनी समस्याएं भी। तब मैंने तांत्रिक से कहा, क्या अगर खजाना श्रापित हो तो उस तांत्रिक के साथ बुरा हो सकता है तब उस तांत्रिक ने कहा, मैं बताता हूं। इसके बाद आगे क्या घटित हुआ? इस की घटना में आपको अगले पत्र के माध्यम से बताऊंगा। गुरु जी नमस्कार॥ संदेश-तो देखिए यहां पर इनके जीवन में कैसे खजाना आया और कैसे उनके हाथ से निकल गया। आगे की घटना को हम जानेंगे। अगले पत्र के माध्यम से तो अगर आपको आज का वीडियो पसंद आया है। लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।
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