नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है अप्सराओं से दोस्ती का यह दूसरा भाग है चलिए पढ़ते इनके पत्र को और जानते हैं क्या अनुभव अप्सराओं का इनके साथ घटित हुआ था प्रणाम गुरु जी मैंने आपको मेरा अनुभव अप्सराओं से दोस्ती और प्रेम कथा भेजा था यह उसके बाद का पार्ट है मैं आपको भेज रहा हूं मैं आपको हमारे उस भूतिया जंगल का एक फोटो और जंगल के अंदर के उस तालाब का एक फोटो जहां पर पिंकी और पीलू रहते थे मेल के साथ भेज रहा हूं लेकिन मैं आपको इस जंगल का नाम और हमारे गांव की जगह का नाम नहीं बता सकता क्योंकि गुरु जी पिंकी और पीलू ऐसा नहीं चाहती थी कि उनके इस लोकेशन के बारे में कोई भी जाने मुझे माफ कीजिएगा गुरुजी आप इन दोनों फोटो को सब को दिखा सकते हैं प्रणाम तो उस दिन हम सब दोस्त जंगल से वापस घर आ गए वह दिन रविवार का था जब मैं पीलू से और पिंकी से पहली बार मिला था तो उसके बाद का दिन मतलब सोमवार से मेरे कॉलेज में एग्जाम शुरू हो गया और उस पूरे हफ्ते मतलब शनिवार तक चलता रहा एग्जाम की वजह से मैं पिंकी और पीलू से मिलने जाने की बात भूल ही गया शनिवार को कॉलेज से घर आकर मैं मेरे दोस्तों के साथ जंगल के पास के उस मैदान में खेलने चला गया खेलने के बाद जब हम सब घर जाने लगे तब सूरज ढलने में कुछ टाइम बाकी था तभी मेरी नजर जंगल की तरफ गई और पिंकू और पीलू की बात मुझे याद आ गई मैंने सोचा कि उस से मैं मिल लेता हूं शाम होने में तो अभी टाइम है मैं अपने दोस्तों से नजर बचाकर जंगल में घुस गया और उस तालाब की तरफ जाने लगा जहां मेरे वह दोनों दोस्त रहती थी लेकिन घने जंगल में मैं फिर से भटक गया इतने में ही सूरज ढल गया चारों तरफ इतना अंधेरा छा गया कुछ देख पाना मुश्किल था एक तो भूतिया जंगल ऊपर से अंधेरा डर से तो मेरी हालत खराब थी मैं अपने दोस्तों को जोर-जोर से पुकारने लगा पिंकी पीलू तुम दोनों कहां हो मेरी मदद करो तभी मुझे लगा कि मेरे आस-पास कोई लेकिन अंधेरे में दिखाई नहीं दे रहा था अचानक मैंने देखा मेरे सामने कुछ दूरी पर दो लाल-लाल आंखें मुझे रही है ठीक से देखने पर पता चला कि वह एक भेड़िया है जैसा साइज और वीडियो से कुछ ज्यादा ही बड़ा था यानी भेड़िए मेरी तरफ वह आने लगा मैं अपनी जान बचाने के लिए भागा और अंधेरे में गिर गया मैंने देखा कि उससे भेड़िए ने मेरे ऊपर झपट्टा मारा मुझे लगा कि आज तो मैं गया मैं जोर से चिल्लाया तभी मेरे पास उस भेड़िए के बीच में दो लड़कियां आ गई उन दोनों लड़कियों के शरीर में इतना तेज था कि मानो उन दोनों को aag se banaya गया हो उन दोनों ने अपने एक एक हाथ से ही उससे भेड़िए क्यों ऊपर मारा और हवा में ही उसे वीडियो को दूर फेंक दिया भेड़िए के शरीर के टुकड़े जमीन पर गिरे जलकर राख हो गए यह सब देख कर मैं इतना अधिक डर गया था कि मेरे मुंह से आवाज भी नहीं निकल रही थी तभी मेरी नजर उन लड़कियों पर पड़ी देख तो पता चला कि वह दोनों कोई और नहीं बल्कि मेरी दोस्त पिंकी और पीलू थी दोस्तों को देख मेरा डर कुछ कम हुआ मैं उन्हें बोला आखिर तुम दोनों मुझे मिल ही गई कितनी देर से तुम लोगों को ढूंढ रहा था इतने में ही चांद की चांदनी खिल उठी थी और जंगल में थोड़ी रोशनी हो गई मेरा डर थोड़ा कम हुआ था लेकिन मेरे हाथ पाव भी कांप रहे थे पिंकी और पीलू ने मुझे उठाया और बहुत जोर से डांटना शुरू कर दिया उन्होंने बोला तुम्हारे पास दिमाग है कि नहीं यह जानते हुए भी कि यह जंगल भूतिया है तुम शाम के समय यहां अकेले कैसे घुस आए अगर हम सही समय पर यहां नहीं आते तो तुम्हारे साथ क्या होता जानते भी हो मैं पहले से ही डरा हुआ था और अब इतनी सारी डांट पड़ने की वजह से मेरा दिल बहुत भारी हो गया और मैं जोर जोर से रोने laga मेरा रोना बंद ही नहीं हो रहा था मैं रोते हुए बोला मैं तो बस तुम दोनों से मिलने आया था लेकिन उस दिन की तरह आज भी मैं भटक गया ठीक है आगे से मैं यहां कभी नहीं आऊंगा कभी नहीं आऊंगा मुझे इस तरह रोता देख गुस्सा थोड़ा उनका कम हो गया शायद उन्हें थोड़ा बुरा लगा होगा इसलिए वह दोनों मुझे चुप कराने लगी मेरे सिर पर पीठ पर और अपने हाथों से चलाते हुए उन्होंने बोला अरे रे रो मत रे शायद कुछ ज्यादा ही डांट खा लिए हैं हमें माफ करो चलो अब चुप हो जाओ फिर मेरे दोनों दोस्तों ने मुझे गले लगाया और माफी मांगती रही वह बोली ऐसा मत बोलो कि तुम यहां कभी नहीं आओगी इतने दिनों बाद हमें एक दोस्त मिला है और हम अपना दोस्त खोना नहीं जब तक मेरा दिल तोड़ा हल्का होने लगा मैं बोला नहीं नहीं दोस्तों मैं जरूर आऊंगा तुम दोनों से मिलने वह दोनों मुस्कुराई और बोली तुम यहां कभी भी आ सकते हो रीको सिर्फ रात में थोड़ा ध्यान रखना अगर हम तुम्हारे साथ ना हो तो कभी ऐसी रात को अकेले जंगल में मत aana देखा ना आज क्या हो गया मैंने बोला ठीक है आगे से ऐसा नहीं होगा लेकिन तुम दोनों यह सब कैसे करती हो क्या तुम्हारे पास जादुई शक्तियां हैं वह दोनों जोर जोर से हंस और बोली कि फिर कभी बताएंगे अभी घर चलो हम तुम्हें ले जाते हैं फिर वह मेरा हाथ पकड़ी और 1 सेकंड में ही मुझे गांव की सीमा पर पहुंचा दिया वह बोली रिंकू अब घर जाओ लेकिन हमसे जल्दी ही मिलने आना ठीक है दोस्त मैंने उन्हें अलविदा कहा और घर चला गया घर में सब ने पूछा इतनी देर तक तू कहां था मैंने बोला कि अपने दोस्तों के साथ है आज थोड़ा देर हो गया आगे से ऐसा नहीं होगा सब ने कहा ठीक है आप बैठ खाना खा ले जल्दी फिर खाना खाकर मैं रात को सो गया अगले दिन सुबह रविवार था कॉलेज की भी छुट्टी थी तो मैं 9:00 बजे खाना खाकर पीलू पिंक मिलने निकल पड़ा घर में बोल दिया मुझे आने में देर होगी दोस्त के घर जा रहा हूं आप सब खाना खा लेना रास्ते में मैंने पिंकी पीलू के लिए चॉकलेट खरीद ली और जंगल की तरफ चल पड़ा जंगल के अंदर उस तालाब के पास जब मैं पहुंचा तो देखा कि पीलू और पिंकी तालाब के किनारे एक बड़े पेड़ के नीचे बैठी है बहुत से तोते और राजहंस उनके चारों और बैठे थे कुछ तोते उनके सिर के ऊपर कंधों के ऊपर हाथों के ऊपर बैठे थे और कुछ राजहंस उनकी गोद में अपना सर रख के सो रहे थे पिंकी और पीलू उस समय बहुत सुंदर गाना गा रहे थे तालाब के किनारे ऐसा एक सुंदर दृश्य देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा मैं जहां खड़ा था वहीं जमीन पर बैठकर दूसरे उन्हें देखने और सुनने लगे जब उनका गाना इस प्रकार से खत्म हुआ तो एक-एक कर पंछी वहां से जाने लगे पिंकी पीलू की नजर मुझ पर पड़ी उन्होंने कहा अरे riku तुम कब आए हमने तो तुम्हें देखा ही नहीं और इतनी दूर क्यों बैठे हो यहां आओ हमारे पास आकर बैठो मैं उनके पास गया तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे उन दोनों के बीच में बिठा दिया मैं बोला तुम दोनों कितना अच्छा गाना गाती हो मुझे तो बहुत पसंद आया वह दोनों बोली हमें बहुत अच्छा लगा कि तुम हमारा गाना पसंद आया मैं बोला मैं तुम दोनों के लिए कुछ लाया हूं और वह सारी चॉकलेट उनके हाथों में दे दी उन्होंने पूछा यह क्या है riku मैं बोला यह चॉकलेट है तुम दोनों ने कभी खाया नहीं है क्या दोनों ने बोला नहीं मैं बोला क्या कभी नहीं खाया ठीक है तो अब खा लो कह कर बताओ और खा कर बताओ यह कैसा लगा चॉकलेट खाने को वह बोला वाह कितना अच्छा स्वाद है इसका मन करता है कि खाती ही जाऊं यह तो रिकू तुम भी थोड़ा सा खा लो यह बोलकर पीलू और पिंकी ने अपने हाथों से थोड़ी चॉकलेट मुझे भी खिला दी फिर वह बोले आज तुम्हें क्या हुआ रिकू रोज तो तुम जंगल में घुसते ही रास्ता भटक जाते हो आज तो सीधे हमारे पास पहुंच गए कैसे किया यह सब तब मैं मजाक में बोला मेरे दिमाग खराब है क्या कल रात को तो मुझे तुम लोगों ने इतनी देर तक डांटा था अब रास्ता भटकने से कोई जोखिम मैं इस समय नहीं ले सकता था मेरा यह बात सुनकर पिंकी और पी लो हंसने और जमीन पर वह लोटने लगी उनकी हंसी रुक ही नहीं रही थी मैं बोला मेरे ऊपर इतना हंसने की जरूरत नहीं है चलो उठो अब तुम दोनों मेरे सवालों का सच सच जवाब दो तुम दोनों कौन हो और कहां से आई हो तुम्हारे माता-पिता को और भला तुम दोनों के पास जादुई शक्तियां कैसे आई सच-सच बताओ उन दोनों की हंसी रुक गई और कुछ देर के लिए वह बिल्कुल शांत हो गई फिर उन्होंने बोला ठीक है हम सब कुछ बताएंगे पर वादा करो कि तुम यह सब किसी को नहीं बताओगे तुम हम से डरो कि नहीं और हमेशा हमारे दोस्त रहोगे मैं बोला ठीक है तब वह बोली हम दोनों बहन इंसान नहीं है हम अप्सरा हैं जिनको स्वर्ग लोक से इस पृथ्वी लोक पर निवास करने का अभिशाप मिला है उनकी यह बात सुनकर मैं पहले यकीन नहीं किया तो उन्होंने कहा कि हम पर यकीन करो रिकू सच में हम इंसान नहीं हैं और अगर हम इंसान होते तो क्या इस भूतिया जंगल में रह पाते तब जाकर मुझे सब समझ आया मैं बोला ठीक है दोस्तों मैं तुम्हारी बात मानता हूं लेकिन तुम दोनों को भला अभिशाप क्यों लगा पिंकू और पीलू बोलना शुरू किया हमारे पिता का नाम उत्तरायण है जो कि स्वर्ग लोक के एक गंधर्व है पिताजी महाकालेश्वर शिव और माता दक्षिण काली के बहुत बड़े भक्त भी हैं वह अक्सर हमें एक तांत्रिक लोग बोला करते थे कालिका बंग देशाचे मतलब कि माता कालिका इस बांग्लादेश में यानी कि भारत देश के बंगाल छेत्र में सदा निवास करती हैं इसलिए भारत देश की यह मंगल सूत्र पिताजी को बहुत पसंद है हर एक अमावस्या की तिथि में पिताजी बंगाल के कालीघाट तीर्थ में दर्शन के लिए आते हैं तुम्हारी किस्मत बहुत अच्छी है कि तुम्हारा जन्म काली क्षेत्र में हुआ है बंगाल के लोग सच में किस्मत वाले होते हैं पिताजी कहा करते थे तो 1 दिन कालीघाट तीर्थ के दर्शन करते समय पिताजी की मुलाकात एक सिद्ध काली साधक से हुई जिनका नाम था बामदेव जी, सिद्धियों को देख पिताजी उनकी तरफ बहुत आकर्षित हुए और बामदेव जी को अपना गुरु बना लिया गुरु जी ने उनको साधना के लिए काली मंत्र की दीक्षा दी और पिताजी कालीघाट तीर्थ में ही साधना करने लगे साधना से उनका माता काली और महाकालेश्वर शिव के आशीर्वाद मिलने लगा और साथ ही मिला एक मंत्र जिसके जाप से वह अपनी कोई भी इच्छा पूरी कर सकते हैं फिर वह स्वर्ग लोग को वापस आए और सोचने लगे कि अपने कौन सी इच्छा को वह पूरी करें पिताजी विवाहित नहीं थे और शादी करना भी नहीं चाहते थे तो उन्होंने सोचा कि उस मंत्र जाप से वह अपने लिए संतानों को जन्म देंगे फिर उन्होंने जब शुरू किया उनके शरीर के दाहिने और बाएं हिस्से से हम दोनों बहनों का जन्म हुआ उन्होंने ही हमारे नामकरण किए और हमें अपनी बेटी बना लिया पर एक दिन हम दोनों बहनों में बहुत बड़ी गलती कर दी थी पिताजी से हमने उनके गुरु के बारे में पूछा कि वह कौन है और कहां रहते हैं जरूर वो कोई शक्तिमान देवता ही होंगे जिन्होंने आप जैसे महा भक्तों को दीक्षा दिया होगा लेकिन जब हमने जाना कि उनके गुरु बामदेव एक मामूली इंसान हैं तो हमें बहुत अजीब लगा हम दोनों ने पिता जी से कहा आपने भला एक इंसान को क्यों गुरु बनाया इंसानों की जगह हमेशा हमारे चरणों के नीचे होती है वह हमेशा काम जाल में फंसे होते हैं और स्वर्ग वासियों के चरणों की धूल जैसे होते हैं इस मामूली वामदेव की हिम्मत कैसे हुई कि एक स्वर्गवासी को दीक्षा देने की उस पाखंडी को हम नहीं छोड़ेंगे पिताजी को यह सब सुनकर बहुत दुख हुआ और अपने गुरुदेव को या उनका अपमान उनसे सहन नहीं हुआ और गुस्से में आकर उन्होंने हमें 100 साल के लिए स्वर्ग से पृथ्वी पर निवास करने का अभिशाप दे दिया यह सब होने पर हम दोनों बहुत रोए और पिता जी से माफी मांगी तब उनका गुस्सा थोड़ा शांत हो गया उन्होंने बोला गुरु एक शिष्य के लिए वह शिव के समान ही होता है मेरे बच्चों आगे से कभी भी गुरु का अपमान मत करना हां इस पाप की सजा को तुम दोनों को जरूर मिलेगी लेकिन मैं वादा करता हूं कि इस समय को खत्म होने पर मैं खुद जाऊंगा तुम दोनों को वापस लाने के लिए तब तक के लिए भारत भूमि के काली क्षेत्र बांग्लादेश में जाकर रहो और देवी की भक्ति करो निर्वासन के पहले 20 साल हमने कालीघाट तीर्थ में देवी की भक्ति की जिससे प्रसन्न होकर माता ने हमें आशीर्वाद के साथ साथ बहुत सी शक्तियां भी दिए उसके बाद के 60 साल हमने बंगाल में बहुत से प्रांतों में घूमते हुए बताएं फिर हम तुम्हारे गांव के इस जंगल में आए जंगल की खूबसूरती देखकर हमने सोचा कि अब यही रहेंगे तो पिछले 16 साल से हम यहां रहते हैं और हमारे निर्वासन के अब केवल 4 वर्ष बाकी रह गए हैं पृथ्वी पर बिताए इन 96 सालों में पक्षी और जानवरों को छोड़कर और ऐसा कोई नहीं है जो कि हमें अपनी आंखों से देख पाए या फिर कानों से सुन सके हमारा कोई दोस्त नहीं था और ना ही हमने अपने दिल की बातें किसी को बोल बोली इन 96 सालों में तुम ही पहले इंसान हो जो हमें दिखे और सुन सकते हो इसलिए तुम हमें इतना पसंद हो हमेशा ऐसे ही हमारे दोस्त बने रहना सब कुछ सुन कर मैं बोला अच्छा मतलब 4 साल बाद तुम लोग चले जाओगे फिर हम हमेशा दोस्त कैसे बने रहेंगे पीलू और पिंकी बोले अरे नहीं नहीं पिता अमावस्या के दिन कालीघाट आते रहते हैं हम दोनों भी उसी तरह हर हफ्ते रविवार के दिन पर तुमसे मिलने आया करेंगे बस हमसे दोस्ती मत तोड़ना रिकू, मैं बोला नहीं नहीं कभी नहीं तो उन दोनों ने मुस्कुराते मुझे अपने गले लगा लिया फिर हम तीनों ने मिलकर बहुत सारे स्वादिष्ट भोजन किए जो कि पीलू और पिंकी ने अपनी जादुई शक्ति से बनाए थे इतने में ही दोपहर से शाम होने को आई तो मैंने अपने दोनों दोस्तों को अलविदा कहा और घर की तरफ चल दिया गुरु जी इसके बाद का अनुभव मैं आपको जल्द ही भेज दूंगा तब तक के लिए प्रणाम गुरुजी
संदेश -इस प्रकार से उन्होंने अपने इस अनुभव को आज भेजा है और साथ ही साथ दोनों जगहों के फोटो भेजे हैं जिनको मैं आप लोगों को दिखा रहा हूं यह सारे फोटो उसी स्थान के हैं जहां पर घटना घटी थी बैकग्राउंड में और सामने से तो अगर आज का वीडियो आपको पसंद आया है तो लाइक करें शेयर करें सब्सक्राइब करें चैनल को आपका दिन मंगलमय हो धन्यवाद
खूबसूरत अप्सराओं से दोस्ती भाग 3